इंजीनियरिंग भूविज्ञान

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भू-आकृतिक विज्ञान व इंजीनियरिंग कार्य-

       राष्ट्रीय विकास के लिए कई प्रकार की परियोजनाएं कार्यान्वित की जाती है जैसे सड़क निर्माण, बांध निर्माण, हवाई अड्डे का निर्माण आदि। इन परियोजनाओं में अन्य कार्य (आर्थिक, राजनीतिक,तकनीकी) के अलावा स्थलाकृति की विशेषताएं एवं भूमि की संरचना आदि की जानकारी अत्यावश्यक होती है और यह जानकारी निश्चय ही भू आकारकी से अधिक मिलती है।

1- सड़क निर्माण के कारक

हिमानीकृत क्षेत्र
परिहिमानी क्षेत्र
चूना प्रस्तर क्षेत्र
उच्च पहाड़ी क्षेत्र
स्तर शैल विज्ञान

2- बांध निर्माण के लिए कारक

नदी की अनुप्रस्थ घाटी का रूप
नदी की अनुदैर्ध्य घाटी की प्रकृति
नदी का प्रवणता ढाल
नदी घाटी की चट्टानों की सापेक्ष कठोरता
नदी में जल की मात्रा,आयतन तथा वेग
बांध के ऊपर जल ग्रहण का क्षेत्र तथा वाही की
मात्रा
जलाकर वाले स्थान पर चट्टान की प्रवेशता तथा
परगम्यता
नदी में तलछट की मात्रा तथा उसकी गति
जल का विसर्जन

3-हवाई अड्डे के निर्माण मे आवश्यक दशाएं

विस्तृत सपाट मैदान जिस पर चारों ओर हवाई पट्टी का निर्माण हो सके
अपवाह दशाएं
ढाल का प्रतिरूप
नदी का स्वभाव बाढ़ से मुक्तता
कोहरे का अभाव
जल की आपूर्ति