आयतचित्र

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आयतचित्र
प्रथम प्रस्तावक कार्ल पियर्सन
उद्देश्य किसी दिये गये चर का किसी निश्चित सीमा में मान की आवृति को प्रायिकता वितरण को आकलित करने के लिए।

सांख्यिकी में आयतचित्र (Histogram) आँकड़े वितरण का ग्राफीय निरुपण है। यह सतत चर का प्रायिकता वितरण है जिसको सर्वप्रथम कार्ल पियर्सन ने प्रस्तावित किया था।[1] आयतचित्र सारणीबद्ध आवृत्तियों का निरूपण है जिसे असतत अंतराल पर खड़े आयत द्वारा निरुपित किया जाता है। इसमें सम्बंधित अन्तराल का क्षेत्रफल प्रेक्षण की आवृत्ति के अनुक्रमानुपाति होता है। आयत की ऊँचाई भी सम्बंधित अन्तराल के आवृत्ति घनत्व अर्थात् आवृत्ति और अन्तराल चौड़ाई के अनुपात के समान होती है। आयतचित्र का कुल क्षेत्रफल आँकड़ों की कुल संख्या के समान होता है। एक आयतचित्र को सम्बंधित आवृत्ति के साथ प्रसामान्यकृत करके भी प्रदर्शित किया जा सकता है।

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. doi:10.1098/rsta.1895.0010
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