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अमावस्या

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अमावस्या और प्रथमा तिथि

अमावस्या हिन्दू पंचांग के अनुसार माह की ३०वीं और कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि है इस दिन का भारतीय जनजीवन में अत्यधिक महत्त्व हैं। हर माह की अमावस्या को कोई न कोई पर्व अवश्य मनाया जाता हैं। सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते हैं।

अमावस्या के पर्व/व्रत

[संपादित करें]
  • भाद्रपद अमावस्या के दिन पोला मनाया जाता है।
  • कार्तिक अमावस्या के दिन दीपावली पर्व मनाया जाता हैं।
  • शनिवार के दिन आने वाली अमावस्या को #शनिचरी अमावस्या कहते हैं

हिन्दू पञ्चांग में अमावस्या का दिन वो दिन होता है जिस दिन चंद्रमा को नहीं देखा जा सकता है। चंद्रमा 28 दिनों में पृथ्वी का एक चक्कर पूर्ण करता है।15 दिनों के चंद्रमा पृथ्वी की दूसरी ओर होता है और भारतवर्ष से उसको नहीं देखा जा सकता है। वही जिस दिन, जब चंद्रमा पुर्ण रूप से भारतवर्ष नहीं देखा जा सकता है उसे अमावस्या का दिन कहा जाता है। अमावस्या को हिन्दू शास्त्रों में काफी महत्वपुर्ण स्थान प्राप्त है और इसके अनुसार अमावस्या को पित्रों अर्थार्थ गुज़र गए पूर्वजों का दिन भी मन जाता है। ऐसा कहा जाता है कि अमावस्या के दिन स्नान कर प्रभुः का ध्यान करना चाहिये, बुरे व्यसनों से दूर रहना चाहिए और हो सके तो गरीब, बेसहारा और जरूतमंद बुज़ुर्गों को भोजन करना चाहिये। जैसा की पहले बताया गया है अमावस्या को पित्रों का दिन कहा गया है तो इस दिन किसी को भोजन करने से हम एक तरह से अपने पित्रों को भोजन अर्पित कर रहे हैं। ऐसा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।