"एण्ड्रोमेडा गैलेक्सी": अवतरणों में अंतर

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Andromeda Galaxy
चित्र:M31 Lanoue.png
A visible light image of the Andromeda Galaxy.
अवलोकन डाटा (J2000 युग)
उच्चारण आईपीए: /ænˈdrɒmədə/
तारामंडल Andromeda
दायाँ आरोहण 00h 42m 44.3s[1]
दिक्पात +41° 16′ 9″[1]
लाल खिसकाव −301 ± 1 km/s[2]
दूरी 2.54 ± 0.06 Mly
(778 ± 17 kpc)[3][2][4][5][6][a]
प्रकार SA(s)b[1]
कुल सितारें 1 trillion (1012) [7]
कोणीय व्यास (V) 190′ × 60′[1]
सापेक्ष कांतिमान (V) 3.44[8][9]
अन्य नाम
M31, NGC 224, UGC 454, PGC 2557, 2C 56 (Core)[1], LEDA 2557

एंड्रोमेडा तारामंडल उच्चारित/ænˈdrɒmədə/ निहारिका के समान तारामंडल2,500,000 प्रकाश वर्ष (1.6×1011 खगोलीय इकाई) है जो सुदूर[4] नक्षत्र-मंड़ल एंड्रोमेडा में स्थित है. यह मैसीयर 31, एम31 या एनजीसी 224 कहलाता है और अक्सर ग्रंथों में इसका संदर्भ महान एंड्रोमेडा निहारिका के रूप में दिया जाता है. एंड्रोमेडा सर्पिलाकार तारा पुंज, हमारी सबसे निकटतम आकाशगंगा है लेकिन कुल मिलाकर यह सबसे निकटतम तारामंडल नहीं है. इसे अमावस की रात को धब्बे के रूप में देखा जा सकता है, इसे नग्न आंखों से दूर तक के पिंडों को देखा जा सकता है और दूरबीन से शहरी क्षेत्रों में भी देखा जा सकता है. इसके नाम को उस आकाश क्षेत्र से लिया गया है जहां यह प्रकट होता है, एंड्रोमेडा नक्षत्रमंडल जिसका नाम पौराणिक राजकुमारी एंड्रोमेडा के नाम पर रखा गया है. एंड्रोमेडा स्थानीय समूह का सबसे बड़ा तारापुंज है जिसमें एंड्रोमेंडा तारापुंज, आकाशगंगा तारापुंज, ट्रियांगुलम तारापुंज और 30 अन्य छोटे तारापुंज शामिल हैं. हालांकि, सबसे बड़ा एंड्रोमेडा बहुत विशालकाय नहीं है, क्योंकि हाल ही खोजों से पता चला है कि आकाशगंगा में बहुत से छुपे मामले हैं और जिनके उससे भी विशालकाय स्वरूप हो सकते हैं.[10] स्पिट्जर स्पेस टेलीस्कोप द्वारा 2006 में देखने पर यह पता लगा है कि M31 में करोड़ों (1012) तारे शामिल हैं[7] जिनकी संख्या हमारे तारापुंज के गृहों से कई अधिक है जिनकी संख्या लगभग c. 200-400 अरब..[11]

जबकि 2006 में, एंड्रोमेडा की तुलना में आकाशगंगा के गृहों का अनुमान ~80% लगाया, जो लगभग 7.1×1011 सौर गृहों के बराबर है, 2009 के एक अध्ययन से पता लगा है कि एंड्रोमेडा और आकाश गंगा का घनत्व लगभग समान है.[12]

3.4 के एंड्रोमेडा आकाशगंगा के स्पष्ट परिमाण एक सबसे चमकीला मैसीयर ग्रह[13] है जिसे नंगी आंखों से भी बड़ी आसानी के साथ देखा जा सकता है भले उसे आधुनिक रोशनी प्रदूषण वाले क्षेत्रों से ही क्यों न देखा जाए. हालांकि यह पूर्ण चंद्रमा की तुलना में छ: गुना दिखाईं पड़ता है इसका फोटो दूरबीन द्वारा लिया जाता है तो नंगी आंखों से केवल इसके चमकीले भाग को ही देखा जा सकता है

अवलोकन इतिहास

इसाक रॉबर्ट द्वारा महान एंड्रोमेडा निहारिका.

रोमन कवि एविनस ने ईसा पूर्व[14] चौथी सदी में श्रृंखलाबद्ध नक्षत्रमंडल के बारे में अपनी आकर्षक पंक्ति में लिखा है. एंड्रोमेडा तारापुंज सबसे पहले रिकॉर्ड किए जाने वाले अवलोकनों में फारसी खगोलविद्, अबद अल-रहमान अल सूफी (अजोफ़ी)[15] द्वारा 964 ईशा पूर्व में की गई थी जिसने अपनी नियत तारों संबंधी पुस्तक में इसकी व्याख्या "स्माल क्लाउड(small cloud)" के रूप में की थी. उस समय के अन्य तारा चार्ट में इसे लिटिल क्लाउड(Little Cloud) के रूप में रखा गया.[15] दूरबीन द्वारा अवलोकन किए जाने के आधार पर इस गृह का पहला विवरण जर्मन खगोलविद् सिमोन मैरियस[15] द्वारा 1612 में किया गया. चार्ल्स मेसीयर ने इसे 1764 में M31 ग्रह के रूप में सूचीबद्ध किया और इसका स्रेह मैरियस को खोजकर्ता के रूप में दिया गया जो सूफी अल मरियस के उनसे पहले कार्य से अनभिज्ञ थे. 1785 में, खगोल विज्ञानी विलियम हर्शल ने M31 के प्रमुख क्षेत्र में धुंधली लाल रंग वर्ण का उल्लेख किया. उनका मानना था कि यह "महान नेबुला" में सबसे निकटतम है और नेबुला के रंग और आकार पर आधारित है लेकिन उसने गलत तरीके से अनुमान लगाया कि यह सिरियस की तुलना में 2,000 गुना से अधिक बड़ा नहीं है.[16]

1864 में विलियम हगिन्स ने M31 के वर्णक्रम का अवलोकन किया इसका उल्लेख यह गैसीय नेबुला के आकार से भिन्न के रूप में किया[17] M31 के स्पेक्ट्रा आवृत्तियों की निरंतरता के लिए प्रदर्शित गहरी अवशोषण रेखाओं का निर्माण परत के रूप में करती है जो किसी पदार्थ के रासायनिक मिश्रण की पहचान करने में मदद करते हैं. एंड्रोमेडा नेबुला बहुत अधिक अलग तारों के स्पेक्ट्रा के समान था जिससे इसकी उत्पत्ति हुई जिसमें M31 की तारकीय प्रकृति थी. 1885 में, सुपरनोवा (जिसे "एस एंड्रोमेडे के रूप में जाना जाता है) को पहली बार M31 में देखा गया, जिसे इस तारापुंज में केवल एक ही बार देखा गया. उस समय M31 को सबसे नज़दीकी ग्रह माना गया था, इसलिए वस्तु पास था एक विचार करने के लिए है, इसलिए इस कल्पना को बहुत अधिक लोकप्रियता नहीं मिल सकी और इस असंबद्ध घटना को नोवा कहा गया और इसका नाम "नोवा 1885" के अनुसार रखा गया.[18]

M31 की पहली तस्वीर 1857 में, इसाक रॉबर्ट द्वारा अपनी निजी वेधशाला, ससेक्स, इंग्लैंड में ली गई थी. लंबी अवधि के खुलासे के बाद तारापुंज की सर्पिलाकार संरचना को पहली बार देखा गया.[19] हालांकि, उस समय इसे हमारे तारापुंज में आमतौर पर नेबुला समझा जाता था और रॉबर्ट ने गलती से सोचा कि M31 और इसी तरह के सर्पिलाकार नेबुला वास्तव में सौर मंडल की संरचना का ही स्वरूप है जिसे सेटेलाइट नेसेंट प्लेनेट्स की मदद से लिए गए थे. हमारी सौर प्रणाली के संबंध में इस ग्रह के त्रिज्याकार वेग को 1912 में वेस्टो स्लिफर द्वारा लॉवेल वेधशाला में, स्पेक्ट्रोस्कोपी का उपयोग करके मापा गया था. जिसके परिणामस्वरूप उस समय सूर्य की दिशा 300 kilometres per second (190 mi/s)में इसका वेग बहुत अधिक तेज रिकॉर्ड किया गया.[20]

द्वीपीय ब्रह्मांड

एंड्रोमेडा नक्षत्रमंडल में M31 की स्थिति.

1917 में, अमेरिकी खगोल विज्ञानी हेबेर कर्टिस ने M31 में नोवा को देखा. फोटो रिकॉर्ड खोजते हुए, उन्होंने 11 और नोवों की खोज की. कर्टिस ने देखा है कि उन नोवों का औसतन आकार तारापुंज में स्थित नोवों के आकार से 10 गुना धुंधला था. जिसके परिणामस्वरूप उसे अनुमानित 500,000 प्रकाश वर्ष (3.2×1010 खगोलीय इकाई) दूरी से देखा जा सकता था. इसलिए वह तथाकथित "द्वीपीय ब्रह्मांड" परिकल्पना प्रस्तावक बन गया, जो इस सर्पिलाकार नेबुला था वास्तव में वह स्वतंत्र तारापुंज था.[21]

1920 में, हार्ले शॉर्पले और कर्टिस के बीच आकाश गंगा, सर्पिलाकार नेबुला और ब्रह्मांड के आयाम से संबंधित महान बहस आरंभ हो गई. महान एंड्रोमेडा नेबुला (M31) बाह्या तारापुंज था, दावे के समर्थन में कर्टिस ने हमारे तारापुंज में धुंधले बादलों से मिलती जुलती गहरी रेखाओं की बनावट देखी एवं विशेष डॉपलर शिफ्ट को देखा गया. 1922 में, अर्नेस्ट ओपिक ने M31 की दूरी के आकलन का एक बहुत ही सुंदर और सरल खगोलीय विधि प्रस्तुत की. उसने हमारे तारापुंज को एंड्रोमेडा से लगभग 450 केपीसी (किलो प्रति सेकंड) रखा, जो लगभग 1500 केएलवाई (किलो प्रकाश वर्ष) है.[22] एडविन हूबल ने इस बहस का आरंभ 1925 में किया जब उन्होंने पहली बार M31 के खगोल चित्र के लिए आकाश गंगा के परे विभिन्न सेफेइड तारों की पहचान की. इन्हें 2.5 मीटर (98 इंच)हूकर टेलीस्कोप का उपयोग करके लिया गया था, और उन्होंने महान एंड्रोमेडा नेबुला की दूरी का निर्धारण करने में सक्षम बनाया. जिसके परिणामस्वरूप उसकी माप का प्रदर्शन किया गया कि उसकी विशेषता हमारी आकाशगंगा में तारों और गैस का पुंज नहीं थी, लेकिन वह हमारी आकाशगंगा से पूरी तरह से अलग विशेष दूरी पर स्थित थी.[23]

एंड्रोमेडा ने मंदाकनियों के अध्ययन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, क्योंकि यह सबसे निकटतम सर्पिलाकार आकाशगंगा है (हालांकि आकाशगंगा के बिल्कुल नज़दीक नहीं). 1943 में, वाल्टर बाडे एंड्रोमेडा आकाशगंगा के कंद्रीय क्षेत्र में तारों का समाधान निकालने वाला पहला व्यक्ति था. इस आकाशगंगा के अवलोकनों के आधार पर, बारे में उनकी टिप्पणियों के आधार पर, वह अपने मैटालीसिटी(metallicity) के आधार पर दो तारों की पहचान करने में सक्षम रहे जिनके नाम है यंग डिस्क प्रकार I में उच्च वेग वाले तारे और पुरानों में उभरे हुए टाइप II लाल तारे. इस नाम को आकाशगंगा में तारों या किसी अन्य स्थान से अपनाए गए. (इन तारों में से दो विशेष तारों के अस्तित्व का उल्लेख जैन ओर्ट द्वारा किया गया.)[24] डा. बाडे ने भी इस बात की खोज की कि मंदाकनियां दो प्रकार होती हैं जिनका स्वरूप M31 एवं ब्रह्मांड के अन्य तारों की तुलना में दोगुना होता है.[25]

एंड्रोमेडा आकाशगंगा रेडियो उत्सर्जन का पता रेडियो खगोल विज्ञान प्रमुखग्रोटे रेबर द्वारा 1940 में लगाया गया था. आकाशगंगा का सबसे पहला रेडियो मानचित्र 1950 में जोहन बाल्डविन ने केम्ब्रिज रेडियो खगोल विज्ञान समूह के सहयोग से बनाया था.[26] एंड्रोमेडा आकाशगंगा का मूल भाग को 2C रेडियो खगोल विज्ञान पुस्तिका-सूची में 2C 56 कहलाता है. 2009 में, पहले ग्रह को एंड्रोमेडा आकाशगंगा में खोजा जा सका. इस ग्रह का पता एक तकनीक का प्रयोग करके लगाया गया जो माइक्रोलेंसिंग(microlensing) कहलाता है, जो विशालकाय ग्रहों के प्रकाशीय प्रतिबिंब के कारण उत्पन्न होता है.[27]

सामान्य

नासा के विस्तृत क्षेत्र वाले इन्वेयर्ड सर्वेक्षण एक्सप्लोरर द्वारा देखे जाने वाली एंड्रोमेडा आकाशगंगा.

एंड्रोमेडा आकाशगंगा की मापी गई दूरी 1953 में दोगुनी थी जब इसे खोजा गया ता वह मंदाकिनी का दूसरा धीमा प्रकार है. 1990 के दशक में, दोनों मानक लाल विशालकाय एवं लाल पुंज तारे हिप्पारकॉस(Hipparcos) सेटेलाइट की माप में मंदाकनियों की दूरियां मापने के लिए उपयोग किए गए थे.[28][29]

वर्तमान दूरी का अनुमान

गेलेक्स द्वार पराबैंगनी प्रकाश में एंड्रोमेडा आकाशगंगा की खीचीं जाने वाली तस्वीर.

एंड्रोमेडा आकाशगंगा की दूरी मापने के लिए कम से कम चार अलग-अलग तकनीकों का उपयोग किया गया.

2003 में, अवरक्त सतही चमक अस्थिरता (I-SBF) और का उपयोग करके और 2001 में और फ्रीडमैन एट एल. 2001 के नए आवधिक चमक मान का समायोजन कर और मैटालीसिटी सुधार (O/H) में -0.2 मैग डेक्स−1 का उपयोग करके एक प्राक्कलन2.57 ± 0.06 मेगाप्रकाश-वर्ष (788 ± 18 किलोपारसेक) किया गया.

मंदाकिनी चर विधि का उपयोग करके, 2004 में, 2.51 ± 0.13 Mly (770 ± 40 kpc) प्राक्कलन प्राप्त किया गया.[2][3]

2005 में, खगोलविदों के एक समूह के साथ जिसमें इगनासी रिबास (CSIC), अंतरिक्ष अध्ययन संस्थान कैटालोनिया(Institute for Space Studies of Catalonia (IEEC)) और उनके सहयोगियों ने एंड्रोमेडा आकाशगंगा में ज्योतिहीन द्विआधारी तारे की खोज की. द्विआधारी तारा जो M31VJ00443799+4129236 में स्थित था,[c] में O और B प्रकार के दो चमकीले नीले और गर्म तारे तारे थे. तारे की ज्योतिहीनता का अध्ययन करके जो हर 3.54969 दिनों में होती है, खगोलविद उनका आकार मापने में सक्षम रहे. तारों के आकार और उनके तापमान की जानकारी प्राप्त करके, वे तारों के निरपेक्ष आकार की जानकारी प्राप्त करने में सक्षम रहे. दृश्य और निरपेक्ष आकार की जानकारी होने पर, तारे की दूरी को आसानी के साथ मापा जा सकता है. तारे लगभग 2.52 ± 0.14 मेगाप्रकाश-वर्ष (773 ± 43 किलोपारसेक)दूरी पर स्थित हैं और पूरी एंड्रोमेडा आकाशगंगा की दूरी लगभग 2.5 Mly (770 किलोपारसेक)है.[4] नया मान पहले की तुलना में काफी हद तक अच्छा है जोकि एक स्वतंत्र निहारिका आधारित दूरी का मान है.

एंड्रोमेडा काफी पास है क्योंकि इसकी अनुमानित दूरी मापने के लिए लाल विशालकाय शाखा (TRGB) विधि के शीर्ष का उपयोग किया जाना संभव है इस तकनीकी का उपयोग करके M31 की अनुमानित दूरी 2005 में प्राप्त हुई2.56 ± 0.08 Mly (785 ± 25 किलोपारसेक).[5]

कुल मिलाकर इन दूरी माप की संयुक्त दूरी का अनुमान था2.54 ± 0.06 Mly (779 ± 18 किलोपारसेक).[a] ऊपरी दूरी के आधार पर, M31 के सबसे बड़ी परिधि का व्यास लगभग है141 ± 3 किलोप्रकाश-वर्ष (43,230 ± 920 पारसेक).[d] त्रिकोणमिति(arctangent) का उपयोग करके उस आंकड़े को आकाश में अवास्तविक 3.18° कोण तक बढ़ाकर प्राप्त किया जा सकता है.

द्रव्यमान और चमक आकलन

एंड्रोमेडा प्रभामंडल (गहरे पदार्थ सहित) के लिए अनुमानित द्रव्यमान आकाशगंगा 19 लाख की तुलना में लगभग 12.3×1012 लाख [30]. इस प्रकार M31 हमारी आकाशगंगा की तुलना में छोटा है, हालांकि यह सुनिश्चित करने के लिए त्रुटि की सीमा अभी भी काफी अधिक है. यद्धपि, आकाशगंगा के पिंड और M31 की तुलना की जाना संभव है और M31 के गोलाभ वास्तव में का घनत्व उच्च तारकीय घनत्व से काफी अधिक है.[31]

विशेष रूप से M31 आकाशगंगा की तुलना में खासतौर प्रकट होने वाला आम तारे हैं और M31 की अनुमानित चमक ~2.6×1010 L हमारी आकाशगंगा की चमक की तुलना में 25% अधिक है.[32] हालांकि, आकाशगंगा में तारे के गठन की दर M31 की तुलना में काफी अधिक है जिसमें आकाशगंगा की तुलना में 3-5 सौर पिंडों की तुलना में केवल एक सौर पिंड प्रति वर्ष उत्पन्न होने के बराबर है. आकाशगंगा में सुपरनोवे की दर M31 की लगभग दोगुनी है.[33] यह पता चलता है कि M31 का पिछले समय में एक महान रचना वाला फेज़ रहा होगा लेकिन यह पहले की अपेक्षा शांत है लेकिन आकाशगंगा में उसकी अपेक्षा में तारा रचना अधिक सक्रिय प्रतीत होती है.[32] क्या यह चलता रहेगा, तो आकाशगंगा की चमक भविष्य में M31 की तुलना में अधिक तेज हो सकती है.

<imagemap> छवि:Local_Group.जेपीजी|फ्रेम|केंद्र|स्थानीय समूह (क्लिक किए जाने योग्य मानचित्र)

चक्र 167 27 20 सेक्सट्रान्स B चक्र 120 36 23 एक सेक्सट्रान्स A चक्र 318 239 20 आकाशगंगा चक्र 289 197 16 लियो I (छोटी आकाशगंगा) सर्कल 334 201 15 केन ड्वार्फ (Canes ड्वार्फ) आयताकार 303 185 318 215 लियो II (ड्वार्फ आकाशगंगा(dwarf galaxy)) चक्र 357 289 28 एनजीसी 6822 चक्र 288 323 24 फीनिक्स ड्वार्फ(Phoenix Dwarf) चक्र 248 391 35 टुकाना ड्वार्फ(Tucana Dwarf) circle 363 416 20 वुल्फ-लंडमार्क-मैलोटे(Wolf-Lundmark-Melotte) चक्र 363 383 17 सेटस ड्वार्फ(Cetus Dwarf) चक्र 369 346 11 आईसी 1613 आयताकार 381 335 393 357 सैगडिग(SagDIG) आयताकार 393 335 406 356 एक्वेरियस ड्वार्फ(Aquarius Dwarf) चक्राकार 417 304 17 ट्राइंगुलम आकाशगंगा(Triangulum Galaxy) चक्राकार 417 254 15 एनजीसी 185 आयताकार 432 237 447 260 147 एनजीसी चक्राकार 461 229 17 10 आईसी पॉली 440 282 455 260 511 259 493 285 एंड्रोमेडा आकाशगंगा पॉली 450 264 434 265 431 280 442 280 110 मेसियर चक्राकार 295 110 20 लियो ए चक्राकार 84 128 20 3109 एनजीसी सर्कल 109 149 14 एंटलिया ड्वार्फ (Antlia Dwarf) चक्राकार 412 332 12 एलजीएस 3 चक्राकार 460 361 21 पेगासस (Pegasus Dwarf) चक्राकार 394 272 14 एंड्रोमेडा II आयताकार 427 279 438 294 एंड्रोमेडा III आयताकार 438 282 450 294 एंड्रोमेडा I

डिस्क नीचे-बाएं </ Imagemap>

संरचना

स्पिल्टज़र अंतरिक्ष टेलीस्कोप, नासा के चार महान अंतरिक्ष ऑबजर्बवेटरीज़ में से एक, द्वारा इनफेयर्ड में देखी जाने वाली एंड्रोमेडा आकाशगंगा.
इनफेयर्ड में स्पिल्टज़र द्वारा ली गई एंड्रोमेडा आकाशगंगा की तस्वीरें, [81] (क्रेडिट:NASA/JPL–Caltech/K. गोर्डन, यूनिवर्सिटी ऑफ अरीज़ोना)

दृश्यमान प्रकाश में इसकी बनावट के आधार पर एंड्रोमेडा आकाशगंगा को SA(s)b के रूप में और सर्पिलाकार गैलेक्सियों प्रणाली को डी वेकोलेयर्स-सैंडेज़(de Vaucouleurs-Sandage) के रूप में वर्गीकृत किया जाता है[1] हालांकि, सर्वेक्षण 2MASS के डेटा से पता चला है कि M31 के उभरे होने की संरचना एक बॉक्स के समान है जिसका मतलब है कि आकाशगंगा वास्तव में रेखीय रूप में प्रतिबिंबित होने को लगभग उसकी लंबवत धुरी के रूप में देखाई पड़ती है. [34]

2005 में, खगोलविदों ने केक टेलीस्कोप का उपयोग यह दिखाने के लिए किया कि तारों का टिमटिमाना आकाशगंगा के बाहर की ओर बढता जाता है जो वास्तव में मुख्य डिस्क का ही एक हिस्सा है.[35] इसका मतलब है कि एंड्रोमेडा में तारों की सर्पिलाकार डिस्क पिछले अनुमान की तुलना में तीन गुना अधिक बड़ी है. निरंतर साक्ष्यों से पता चलता है उसमें एक विशाल तारकीय डिस्क है जो आकाशगंगा के व्यास को 220,000 प्रकाश वर्ष (67,000 पारसेक)से अधिक बढ़ाती है. इससे पहले, एंड्रोमेडा के आकार का अनुमान लगभग 70,000 से 120,000 प्रकाश वर्ष (21,000 से 37,000 पारसेक) के आसापास था.

आकाशगंगा पृथ्वी की तुलना में एक तरफ लगभग 77 ° झुकी हुई है (जिसकी एक तरफ से केवल 90 ° के कोण से ही देखना संभव है). आकाशगंगा की तिर्यक काट के आकार का विश्लेषण उसे समतल डिस्क की तुलना में एक अति स्पष्ट, S-आकार झुकाव को दर्शाता है.[36] इस तरह के झुकाव के संभावित कारण M31 के पास उपग्रह आकाशगंगा गुरुत्वाकर्षण हो सकता है. आकाशगंगा M33 में M31 के कारण कुछ झुकाव संभव है, हालांकि यह उसकी यथावत् दूरी और त्रिज्याकार वेगों पर निर्भर करता है.

स्पेक्ट्रोस्कोपी अध्ययन के अन्तर्भाग में M31 के विभिन्न घूर्णन वेग वाली माप की व्याख्या की गई है. उसके अन्तर्भाग के नज़दीक, विभिन्न 1,300 प्रकाश वर्ष (82,000,000 खगोलीय इकाई) प्रकाश वर्ष की त्रिज्या पर 225 kilometres per second (140 mi/s) की उच्चता वाले घूर्णनकारी वेग में देखे गए हैं और तब उसमें 7,000 प्रकाश वर्ष (440,000,000 खगोलीय इकाई) की न्यूनतम गिरावट देखी गई है जिसका घूर्णनकारी वेग 50 kilometres per second (31 mi/s)तक हो सकता है. उसके बाद उसके वेग में निरंतर 33,000 प्रकाश वर्ष (2.1×109 खगोलीय इकाई) त्रिज्या तक की वृद्धि होती जाती है, जो शीर्षतम 250 kilometres per second (160 mi/s)तक पहुँच जाती है. दूरी बढ़ने के साथ-साथ इसके वेग में गिरावट आती चली जाती है, जिसमें 200 kilometres per second (120 mi/s) से 80,000 प्रकाश वर्ष (5.1×109 खगोलीय इकाई) की गिरावट संभव है. इन वेग की माप नाभि में संकेंद्रित द्रव्यमान लगभग 6×109 M तक निहित होता है. आकाशगंगा के कुल द्रव्यमान में रेखीय रूप में 45,000 प्रकाश वर्ष (2.8×109 खगोलीय इकाई)[37]वृद्धि होती है और उसके बाद इसकी त्रिज्या में कमी होती जाती है.

एंड्रोमेडा की सर्पिलाकार भुजा H II क्षेत्र तक फैल जाती है जिसे बाडे ने "माला के बिखरे हुए मोतियों" के रूप में व्याख्या की है. वे आपस में बहुत अधिक सटे हुए दिखाई पड़ते हैं, हालांकि वे हमारी आकाशगंगा में दूर-दूरे तक फैले हुए हैं.[38] आकाशगंगा की परिशोधित छवियां स्पष्ट रूप से दो भुजाओं वाली आकाशगंगा को घड़ी की दिशा में घूमते हुए दर्शाती हैं. इसकी दो अनुगामी पूंछ के समान भुजाएं एक दूसरे से कम से कम दूरी 13,000 प्रकाश वर्ष (820,000,000 खगोलीय इकाई)पर एक दूसरे को अलग करती हैं. उन्हें मूलभाग लगभग 1,600 प्रकाश वर्ष (100,000,000 खगोलीय इकाई) दूरी से फैली हुई दिखाई पड़ती हैं. इसके सर्पिलाकार को मुख्य रूप से M32 के संपर्क में आने को माना जाता है. इसे तारों के तटस्थ हाइड्रोजन बादलों से विस्थापित होते हुए देखा जा सकता है.[39]

1998 में, यूरोपियन अंतरिक्ष वेधशाला छवियों यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी इन्फ्रारेड स्पेस ऑब्जर्बेटरी छवियों का प्रदर्शन वलयकार आकाशगंगा में पारगमन कर सकती है. एंड्रोमेडा में गैस और धूल कई वलयकार स्वरूप बनते हैं, जो विशेष रूप से इसके मूलभाग से 32,000 प्रकाश वर्ष (2.0×109 खगोलीय इकाई) त्रिज्या के साथ वलय के रूप में बनते हैं.[40] यह वलय आकाशगंगा के दृश्यमान प्रकाश छवियों से छिपा हुआ है क्योंकि यह मुख्य रूप से ठंडी धूल से बना धूल से बना है.

एंड्रोमेडा के भीतरी क्षेत्र की परीक्षण करने पर उसके वलय में छोटे कणों के होने का पता लगा है और ऐसा समझा जाता है कि यह 20 करोड़ साल पहले M32 के संपर्क में आने के परिणामस्वरूप हुआ होगा. इसका अनुकरण करने पर पता लगता है कि छोटी आकाशगंगा उत्तरार्द्ध के ध्रुवीय धुरी के साथ एंड्रोमेडा की डिस्क गुज़री. इसकी टक्कर के कारण छोटे M32 के आधे से अधिक पिंडों को अलग कर दिया और एंड्रोमेडा में वलयकार संचरना की रचना हुई.[41]

M31 के बढ़े हुए प्रभामंडल के अध्ययन से पता लगा कि इसकी तुलना आकाशगंगा के साथ करना संभव नहीं क्योंकि तारों के प्रभामंडल में आमतौर पर "अपर्याप्त धातु" होती हैं जो दूरी बढ़ने के साथ-साथ बढ़ती चली जाती हैं.[42] इन साक्ष्यों से पता चलता है कि दोनों आकाशगंगा समान विकासवादी पथ का अनुसरण करती हैं. उन्होंने पिछले 12 अरब वर्षों के दौरान 1-200 न्यून-द्रयमान वाली आकाशगंगाओं का आत्मसात या समावेश हुआ है.[43] M31 के विस्तारित प्रभामंडल में तारों और आकाशगंगा में दो आकाशगंगाओं को अलग करने वाली लगभग एक तिहाई दूरी में वृद्धि संभव है.

केंद्रक

एंड्रोमेंडा आकाशगंगा के अंतर्भाग की HST छवि संभवित डबल संरचना को दर्शाता है.नासा/ईएसए फ़ोटो.

M31 को अपने केंद्र में घने और छोटे तारा समूह को शरण देने वाले के रूप में जाना जाता है. एक बड़ी दूरबीन में अधिक विस्तारित वृद्धि में सन्नहित तारे के दृश्यमान प्रभाव को बनाता है. केंद्रक की चमक अधिक चमकीले गोलाकार झुंड की अधिकता है.[उद्धरण चाहिए]

चंद्रा एक्स-रे टेलीस्कोप कक्ष का उपयोग करके, खगोलविदों अपने पड़ोसी दो आइलैंड ब्रह्मांड के चित्र लिए, एक विचित्र पिंड के साक्ष्य की तलाश करते हुए, 1960 के दशक में साहित्यिक विज्ञान लेखकों (और पाठकों) को बहुत प्रभावित किया.आकाशगंगा के समान ही, एंड्रोमेडा के मंदाकिनीय करोड़ों या अधिक सौर पिंडों के ब्लैक होल की एक्स-रे संसाधन विशेषताओं का आगमन प्रतीत होता है. उपरोक्त विवरण के आधार पर, मिथ्यावादी रंग एक्स-रे अनेक एक्स-रे स्रोंतों को दर्शाते हैं जैसेकि एक्स-रे युग्म तारे और एंड्रोमेंडा के केंद्रीय क्षेत्र में छोटे पीले निशानों के रूप में है.संदेहास्पद विशालकाय ब्लैक होल की स्थिति के साथ नीले साधन जो आकाशगंगा के केंद्र की दाए ओर स्थित है, एक संयोग है.जबकि एक्स-रे ब्लैक होल में सामग्री गिरने के साथ ही उत्पन्न होते हैं और गर्म हो जाते हैं, एंड्रोमेंडा के अंतर्भाग लगभग एक्स-रे डेटा आश्चर्यजनक रूप में शांत है - इनमें से करोड़ों या अरबों की तुलना एंड्रोमेंड्रा के एक्स-रे जोड़े के साथ की गई. क्रेडिट: एस. मुर्रे, एम. गार्सिया, एट एल., (सीएफए) एएओ, सीएक्सओ और नासा

1991 में, टॉड आर लायर ने WFPC का उपयोग किया है और उसे बाद में हूबल अंतरिक्ष टेलीस्कोप को एंड्रोमेंडा के भीतरी केंद्रक की छवियां लेने के लिए स्थापित किया गया. केंद्रक में दो संयोजकताएं हैं जो 1.5 पारसेक (4.9 प्रकाश वर्ष)द्वारा अलग की जाती हैं. चमकीली संयोजकता को P1 में डिज़ाइन किया गया है, वह आकाशगंगा केंद्र के समकक्ष है. P2 की धुंधली संयोजकता आकाशगंगा के केंद्र में स्थित है और 3-5x107M ब्लैक होल स्थित है.[44]

स्कॉट ट्रामैने ने सुझाव दिया कि देखे गए डबल केंद्रक की व्याख्या संभव है कि यदि P1 केंद्रीय ब्लैक होल में तारों के आस-पास उत्केंद्रक कक्ष में तारों के बिंब का प्रक्षेपण होता है.[45] उसकी उत्केंद्रता इस प्रकार की है कि तारे कक्षीय एपोसेंटर से जुड़े रहते हैं जिनके कारण तारों की अभिमुखता में वृद्धि होती है. P2 में गर्म वर्णक्रमीय वर्ग A तारों की सघन चक्रिका है. A तारों की लालिमा वाला फ़िल्टर स्पष्ट नहीं है लेकिन नीले और पराबैंगनी प्रकाश में वे केंद्रक को प्रभावित करते हैं जिनके कारण P2, P1 की तुलना में अधिक प्रभावशाली प्रतीत होता है.[46]

जबकि, इसकी आरंभिक खोज के समय, यह परिकल्पना की गई थी कि डबल केंद्रक का चमकीला भाग एंड्रोमेंडा के पास छोटी आकाशगंगा "केनीबैलाइज्ड" का शेष भाग था, जिसके बाद उसकी कोई स्पष्ट व्याख्या नहीं की गई. इसका मूल कारण यह है कि इस प्रकार के केंद्रक का केंद्रीय ब्लैक होल द्वारा उतार-चढ़ाव वाले व्यवधान के कारण जीवनकाल अत्यधिक छोटा हो जाता है. जबकि इसका आंशिक रूप से समधान संभव है यदि P1 के पास उसका अपना स्थिर करने वाला ब्लैक होल हो P1 में उथल-पुथल का मतलब यह नहीं है कि उसके केंद्र में ब्लैक होल है.[45]

असतत स्रोत

लेखक की एंड्रोमेडा आकाशगंगा अंतर्भाग की अवधारणा यंग के बिंब, नीला तारों के ब्लैक होल को महाकाय वलय बनाते हैं. नासा/ईएसए फ़ोटो.

विशेष रूप से, 1968 के अंत तक आकाशगंगा का कोई एक्स-रे नहीं लिया गया था.[47] 20 अक्टूबर 1970 को, M31 से पता लगाए जाने योग्य मुश्किल एक्स-रे की उपरी सीमा निर्धारित की गई.[48]

उसके बाद, ईएसए के एक्सएमएम-न्यूटन कक्षीय वेधशाला से परिक्रमाओं का उपयोग करके एंड्रोमेंडा आकाशगंगा में बहुत से एक्स-रे स्रोतों का पता लगाया गया है. रॉबिन बेर्नार्ड एट ऑल. परिकल्पना की कि ये ब्लैक होल या न्यूट्रान तारों के सदस्य हैं, जो करोड़ो केल्विन गैस ऊष्मा और एक्स-रे छोड़ते हैं. न्यूट्रॉन तारों का प्रतिबिंब परिकल्पित ब्लैक होल के समान है लेकिन उनमें उनके पिंडों के आधार पर अंतर स्थापित किया जा सकता है.[49]

एंड्रोमेडा आकाशगंगा से लगभग 460 गोलाकार पुंज संबंधित है. इन पुंज में सबसे अधिक विशालकाय के रूप में मेयऑल II की पहचान की गई जिसका उपनाम ग्लोबुलर एक है, में आकाशगंगा के किसी अन्य सामान्य समूह गोलाकार पुंज से अधिक चमकदार पुंज है.[50] इसमें कई मिलियन तारे हैं और इसकी चमक ओमेगा सेंटयुरी के तुलना में दोगुनी है जो आकाशगंगा में सबसे चमकीले गोलाकार पुंज के रूप में जाना जाता है. ग्लोबुलर 1 (या G1) में कई तारकीय संख्या बहुत अधिक है और सामान्य गोलाकार के लिए इनकी संरचना बहुत अधिक सघन होती है. जिसके परिणामस्वरूप, कुछ लोग G1 को छोटी आकाशगंगा का छोटा भाग मानते हैं जिसे कुछ समय पहले M31 माना गया था.[51] ग्लोबुलर की सबसे अधिक स्पष्ट चमक G76 के समान है जो उसके पूर्वी भाग में दक्षिणी-पूर्वी भाग में स्थित है.[15]

2005 में, खगोलविदों ने M31 में तारा पुंज के एक पूरी तरह से भिन्न प्रकार की खोज की. खोजा गया नया तारा पुंज में करोड़ो तारे शामिल थीं और इन्हीं वर्तुलाकार पुंजों में इसके समान संख्या में अन्य तारे खोजे जा सकते हैं. उन्हें वर्तुलाकार समूहों से भिन्न क्या करता है जिससे कि वे अधिक - कई सौ प्रकाश वर्ष बड़े हैं - और उनसे कई गुना कम घने हैं. इसलिए, तारों के बीच दूरी हाल ही में खोजे गए विस्तारित पुंजों में काफी अधिक है.

उपग्रह

आकाशगंगा के समान, एंड्रोमेडा आकाशगंगा में उपग्रह आकाशगंगा हैं जिनकी संख्या 14 छोटी आकाशगंगा है. सबसे अच्छी जानकारी वाली और सबसे अदिक देखी जाने वाली उपग्रह आकाशगंगा M32 और M110 हैं. वर्तमान साक्ष्य के आधार पर, ऐसा लगता है कि M32 का M31 (एंड्रोमेडा) के साथ बड़ा ही नज़दीकी सामना हुआ. M32 कभी बहुत बड़ी आकाशगंगा रही होगी जिसके बाद M31 ने इसके तारकीय बिंब को हटा दिया और इसके अंतर्भाग में तारे के निर्माण में बड़ी तेजी के साथ वृद्धि हुई जिसकी समाप्ति उसके बाद हो गई.[52]

M110 भी M31 के संपर्क में आया होगा और खगोलविदों ने M31 के प्रभामंडल में धातु से भरपूर तारों के की खोज की जो इन उपग्रह आकाशगंगाओं से रेखा के रूप में दिखाईं देती हैं.[53] M110 के धूल नहीं है जो हाल की और वर्तमान तारे की बनावट की तरफ इंगित करता है.[54]

2006 में, यह खोज की गई कि इनमें से नौ आकाशगंगा समानांतर हैं जो एंड्रमेडा आकाशगंगा के अंतर्भाग विभाजित करती हैं बजाए इसके कि उनके स्वतंत्र संपर्क को बेतरतीव रूप में व्यवस्थित किया जाए. यह उपग्रहों के लिए सामान्य ज्वारीय उदगम की तरफ संकेत दे सकता है.[55]

एंड्रोमेडा से आकाशगंगा का भविष्य में टकराव

एंड्रोमेडा आकाशगंगा, आकाशगंगा की तरफ 100 से 140 kilometres per second (62 से 87 mi/s)तेजी से बढ़ रही हैं,[56] इसलिए यह स्थानांतरित होने वाली नीली आकाशगंगा में से एक है. एंड्रोमेडा आकाशगंगा और आकाशगंगा आपस में शायद 450 करोड़ वर्षों के बाद आपस में टकराने की उम्मीद है, हालांकि इसका विवरण अनिश्चित है क्योंकि एंड्रोमेडा का प्रासंगिक वेग की तुलना आकाशगंगा से केवल एक या दो घटक के आधार पर ही की जा सकती है.[57] इस टक्कर के परिणामस्वरूप ये आकाशगंगा एक विशालकाय अंडाकार आकाशगंगा रूप में परिवर्तित हो जाएंगी.[58] आकाशगंगा के समूह में आकाशगंगाओं के बीच इस तरह की घटनाएं आम बात है. पृथ्वी और सौर मंडल के बीच टक्कर की अभी तक कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है. यदि आकाशगंगा आपस में विलीन नहीं होती हैं, तो हो सकता है कि सौर मंडल आकाशगंगा से बाहर रखा जा सके या एंड्रोमेडा से जुड़ सके.[59]

इन्हें भी देखें

चित्र:DPAG 1999 2077 Andromeda-Galaxie.jpg
1999 के जर्मन पोस्टेज स्टैम्प पर एंड्रोमेडा आकाशगंगा.
  • साहित्य में आकाशगंगा
  • मेसीयर पिंडों की सूची
  • आकाशगंगाओं की सूची
  • मेएऑल II – एंड्रोमेडा आकाशगंगा और अन्य सामान्य समूह में सबसे बड़ा गोलाकार पुंज
  • नई सामान्य सूची
  • एनजीसी 206 – एंड्रोमेडा आकाशगंगा में सबसे चमकीला तारे के समान बादल

टिप्पणियां

  1. ^ ) औसत (787 ± 18, 770 ± 40, 772 ± 44, 783 ± 25 (= (787 + 770 + 772 + 783 4 /)) ± ((18 2 + 40 2 + 44 2 + 25 2) 0,5 4 /) = 778 ± 17
  2. ^ 4.36 प्रत्यक्षनिर्देशांक – 24.4 का दूरी मापांक = −20.0
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बाह्य लिंक्स

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