"स्टेम कोशिका": अवतरणों में अंतर

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==रोगों का उपचार==
==रोगों का उपचार==
[[File:Stem cell treatments.svg|thumb|330px|रोग और स्थितियां जहां स्टेम कोशिका उपचार प्रभावी होता है:<ref>
[[Image:Human embryonic stem cell colony phase.jpg|right|thumb|200px|मूषक भ्रूणीय फाइब्रोब्लास्ट फीडर पर्त पर मानव भ्रूणीय स्टेम कोशिका कौलोनी]]
'''Diabetes, rheumatoid arthritis, Parkinson's, Alzheimer's disease, osteoarthritis:'''
*[http://stemcells.nih.gov/info/basics/basics6Stem Cell Basics: What are the potential uses of human stem cells and the obstacles that must be overcome before these potential uses will be realized?]. In Stem Cell Information World Wide Web site. Bethesda, MD: National Institutes of Health, U.S. Department of Health and Human Services, 2009. cited Sunday, April 26, 2009

'''Stroke and traumatic brain injury repair:'''
*[http://www.mult-sclerosis.org/news/Dec2000/StemCellDebatePartII.html Stem Cells Tapped to Replenish Organs] thescientist.com, Nov 2000. By Douglas Steinberg

'''Learning defects:'''
*[http://web.israel21c.net/bin/en.jsp?enDispWho=Articles^l2394&enPage=BlankPage&enDisplay=view&enDispWhat=object&enVersion=0&enZone=Health& ISRAEL21c > Israeli scientists reverse brain birth defects using stem cells] December 25, 2008. (Researchers from the Hebrew University of Jerusalem-Hadassah Medical led by Prof. Joseph Yanai)

'''Spinal cord injury repair:'''
*{{cite journal |author=Kang KS, Kim SW, Oh YH, ''et al.'' |title=A 37-year-old spinal cord-injured female patient, transplanted of multipotent stem cells from human UC blood, with improved sensory perception and mobility, both functionally and morphologically: a case study |journal=Cytotherapy |volume=7 |issue=4 |pages=368–73 |year=2005 |pmid=16162459 |doi=10.1080/14653240500238160 |url=}}

'''Heart infarction:'''
*{{cite journal |author=Strauer BE, Schannwell CM, Brehm M |title=Therapeutic potentials of stem cells in cardiac diseases |journal=Minerva Cardioangiol |volume=57 |issue=2 |pages=249–67 |year=2009 |month=April |pmid=19274033 |doi= |url=}}

'''Anti-cancer:'''
*[http://www.mult-sclerosis.org/news/Dec2000/StemCellDebatePartII.html Stem Cells Tapped to Replenish Organs] thescientist.com, Nov 2000. By Douglas Steinberg

'''Baldness:'''
*[http://my.webmd.com/content/article/96/103836.htm?z=3734_00000_1000_qd_01 ''Hair Cloning Nears Reality as Baldness Cure''] [[WebMD]] November 2004

'''Replace missing teeth:'''
*{{cite journal |author=Yen AH, Sharpe PT |title=Stem cells and tooth tissue engineering |journal=Cell Tissue Res. |volume=331 |issue=1 |pages=359–72 |year=2008 |month=January |pmid=17938970 |doi=10.1007/s00441-007-0467-6 |url=}}

'''Repair hearing:'''
*[http://www.newscientist.com/article.ns?id=dn7003 Gene therapy is first deafness 'cure' - health - 14 February 2005 - New Scientist]

'''Restore vision:'''
*[http://news.bbc.co.uk/1/hi/england/southern_counties/4495419.stm BBC NEWS | England | Southern Counties | Stem cells used to restore vision]

'''Amyotrophic lateral sclerosis:'''
*Drs. Gearhart and Kerr of Johns Hopkins University. April 4, 2001 edition of JAMA (Vol. 285, 1691-1693)

'''Crohn's disease:'''
*{{cite news | author=Querida Anderson | title= Osiris Trumpets Its Adult Stem Cell Product | url=http://www.genengnews.com/articles/chitem.aspx?aid=2508 | work=[[Genetic Engineering & Biotechnology News]] | publisher=[[Mary Ann Liebert, Inc.]] | page=13 | date=2008-06-15 | accessdate=2008-07-06 | quote=(subtitle) Procymal is being developed in many indications, GvHD being the most advanced }}

'''Wound healing:'''
*Gurtner GC, Callaghan, MJ and Longaker MT. 2007. Progress and potential for regenerative medicine. Annu. Rev. Med 58:299-312
</ref> अस्थि-मज्जा प्रत्यारोपण ही, २००९ तक ज्ञात, स्टेम कोशिका का एकमात्र घोषित अन्मुप्रयोग होता है।]]

स्टेम सेल थेरेपी के अंतर्गत विभिन्न रोगों के निदान के लिए स्तंभ कोशिका का प्रयोग किया जाता है। भारत में भी इसका प्रयोग होने लगा है। इसकी सहायता से कॉर्निया प्रत्यारोपण में और हृदयाघात के कारण क्षतिग्रस्त मांसपेशियों के उपचार में सफलता मिली है। अधिकांशत: रोग के उपचार में प्रयुक्त स्टेम कोशिका रोगी की ही कोशिका होती है। ऐसा इसलिए किया जाता है कि बाद में चिकित्सकीय असुविधा न हो। पार्किसन रोग में भी इसका प्रयोग किया जा रहा है। न्यूरोमस्कलर रोग, [[आर्थराइटिस]], [[मस्तिष्क]] चोट, [[मधुमेह]] , डायस्ट्रोफी, एएलएस, [[पक्षाघात]], [[अल्जाइमर]] जैसे रोगों के लिए स्टेम सेल उपचार को काफी प्रभावी माना जा रहा है।
स्टेम सेल थेरेपी के अंतर्गत विभिन्न रोगों के निदान के लिए स्तंभ कोशिका का प्रयोग किया जाता है। भारत में भी इसका प्रयोग होने लगा है। इसकी सहायता से कॉर्निया प्रत्यारोपण में और हृदयाघात के कारण क्षतिग्रस्त मांसपेशियों के उपचार में सफलता मिली है। अधिकांशत: रोग के उपचार में प्रयुक्त स्टेम कोशिका रोगी की ही कोशिका होती है। ऐसा इसलिए किया जाता है कि बाद में चिकित्सकीय असुविधा न हो। पार्किसन रोग में भी इसका प्रयोग किया जा रहा है। न्यूरोमस्कलर रोग, [[आर्थराइटिस]], [[मस्तिष्क]] चोट, [[मधुमेह]] , डायस्ट्रोफी, एएलएस, [[पक्षाघात]], [[अल्जाइमर]] जैसे रोगों के लिए स्टेम सेल उपचार को काफी प्रभावी माना जा रहा है।

[[Image:Human embryonic stem cell colony phase.jpg|right|thumb|200px|मूषक भ्रूणीय फाइब्रोब्लास्ट फीडर पर्त पर मानव भ्रूणीय स्टेम कोशिका कौलोनी]]


==इन्हें भी देखें==
==इन्हें भी देखें==

03:24, 6 जनवरी 2010 का अवतरण

मानव भ्रूण कोशिकाएं
ए: अभी तक विभेदित नहीं हुई कोशिका समूह
बी: तंत्रिका कोशिका
मूषक भ्रूणिय स्टेम कोशिका, फ्ल्यूरोसेंट मार्कर सहित

स्टेम कोशिका (अंग्रेज़ी:स्टेम सेल) ऐसी कोशिकाएं होती हैं, जिनमें शरीर के किसी भी अंग को कोशिका के रूप में विकसित करने की क्षमता मिलती है। इसके साथ ही ये अन्य किसी भी प्रकार की कोशिकाओं में बदल सकती है। वैज्ञानिकों के अनुसार इन कोशिकाओं को शरीर की किसी भी कोशिका की मरम्मत के लिए प्रयोग किया जा सकता है। इस प्रकार यदि हृदय की कोशिकाएं खराब हो गईं, तो इनकी मरम्मत हृदय की कोशिका द्वारा की जा सकती है। अपने मूल सरल रूप में स्टेम कोशिका ऐसे अविकसित कोशिका हैं जिनमें विकसित कोशिका के रूप में विशिष्टता अर्जित करने की क्षमता होती है। क्लोनन के साथ जैव प्रौद्योगिकी ने एक और क्षेत्र को जन्म दिया है, जिसका नाम है कोशिका चिकित्सा। इसके अंतर्गत ऐसी कोशिकाओं का अध्ययन किया जाता है, जिसमें वृद्धि, विभाजन और विभेदन कर नए ऊतक बनाने की क्षमता हो। सर्वप्रथम रक्त बनाने वाले ऊतकों से इस चिकित्सा का विचार व प्रयोग शुरु हुआ था। अस्थि-मज्जा से प्राप्त ये कोशिकाएं, आजीवन शरीर में रक्त का उत्पादन करतीं हैं, और कैंसर आदि रोगों में इनका प्रत्यारोपण कर पूरी रक्त प्रणाली को, पुनर्संचित किया जा सकता है। ऐसी कोशिकाओं को ही स्टेम कोशिका कहते हैं।

इन कोशिकाओं का स्वस्थ कोशिकाओं को विकसित करने के लिए प्रयोग किया जाता है। १९६० में कनाडा के वैज्ञानिकों अर्नस्ट.ए.मुकलॉक और जेम्स.ई.टिल की खोज के बाद स्टेम कोशिका के प्रयोग को बढ़ावा मिला। स्टेम कोशिका को वैज्ञानिक प्रयोग के लिए स्नोत के आधार पर भ्रूणीय, वयस्क तथा कॉर्डब्लड में बांटा जाता है। वयस्क स्टेम कोशिकाओं का मनुष्य में सुरक्षित प्रयोग लगभग ३० वर्षो के लिए किया जा सकता है। अधिकांशत: स्टेम सेल कोशिकाएं भ्रूण से प्राप्त होती है। ये जन्म के समय ही सुरक्षित रखनी होती हैं। हालांकि बाद में हुए किसी छोटे भाई या बहन के जन्म के समय सुरक्षित रखीं कोशिकाएं भी सहायक सिद्ध हो सकती हैं।

प्रक्रिया

प्लूरिपोटेन्ट भ्रूणीय कोशिकाएं ब्लास्टोसिस्ट के आंतरिक पदार्थ रूप में उपजती हैं। स्टेम कोशिका प्लेसेंटा के सिवाय शरीर का कोई भी भाग बन सकती हैं। केवल मोरुला कोशिकाएं ही प्लेसेन्टा समेत कोई भी ऊतक बन पाने में सक्षम होती हैं, अतः टोटीपोटेन्ट कहलाती हैं।

भ्रूण विकास के दौरान डिम्ब वह एक कोशिका है, जो पूरे जीव को बनाने की पूर्ण क्षमता रखती है। ये कोशिकाएं कई बार विभाजित होकर ऐसी कोशिकाएं बनातीं हैं, जो पूर्ण सक्षम होतीं हैं अर्थात विभाजित होने पर प्रत्येक कोशिका पूरा जीव बना सकती है। कुछ और विभाजनों के पश्चात ये कोशिकाएं, एक विशेष गोलाकार रचना बनातीं हैं, जिसे ब्लास्टोसिस्ट कहते हैं, परंतु इस अवस्था में पृथक की गईं कोशिकाएं, पूर्ण जीव विकसित करने में सक्षम नहीं होती हैं। अतः इन्हें अंशतः सक्षम कोशिका कहा जाता है। भीतरी कोशिकाएं कई बार विभाजित और विभेदित होकर विशेष कोशिकाएं बनातीं हैं, जो प्रत्येक ऊतक को पुनर्जीवित करने की क्षमता रखतीं हैं। इन्हें बहु-सक्षम कोशिकाएं कहते हैं। ये कोशिकाएं प्रत्येक ऊतक में संरक्षित रहतीं हैं, तथा ऊतकों में कोशिका जनन तथा पुनः संरचना के लिए उपयोगी होती हैं। इनके स्थान पर आंशिक सक्षम कोशिकाएं भी प्रयोग की जा सकतीं हैं। इनका लाभ यह है कि किसी भी प्रकार के ऊतक विभेदन के लिए इन्हें प्रेरित किया जा सकता है, क्योंकि ये भ्रूण से प्राप्त की जातीं हैं, इसलिये इन्हें भ्रूणीय स्टेम कोशिका कहा जाता है। हृदय रोग तथा मधुमेह के निदान में, विभेदित कोशिकाओं का बड़ा महत्व है। न्यूरोलॉजिकल रोगों में भी विशेषतः तंत्रिकाओं का प्रत्यारोपण इनकी अवस्थाओं में सुधार लाने की क्षमता रखता है। क्षतिग्रस्त अंगों की मरम्मत भी इनसे की जा सकती है।

रोगों का उपचार

रोग और स्थितियां जहां स्टेम कोशिका उपचार प्रभावी होता है:[1] अस्थि-मज्जा प्रत्यारोपण ही, २००९ तक ज्ञात, स्टेम कोशिका का एकमात्र घोषित अन्मुप्रयोग होता है।

स्टेम सेल थेरेपी के अंतर्गत विभिन्न रोगों के निदान के लिए स्तंभ कोशिका का प्रयोग किया जाता है। भारत में भी इसका प्रयोग होने लगा है। इसकी सहायता से कॉर्निया प्रत्यारोपण में और हृदयाघात के कारण क्षतिग्रस्त मांसपेशियों के उपचार में सफलता मिली है। अधिकांशत: रोग के उपचार में प्रयुक्त स्टेम कोशिका रोगी की ही कोशिका होती है। ऐसा इसलिए किया जाता है कि बाद में चिकित्सकीय असुविधा न हो। पार्किसन रोग में भी इसका प्रयोग किया जा रहा है। न्यूरोमस्कलर रोग, आर्थराइटिस, मस्तिष्क चोट, मधुमेह , डायस्ट्रोफी, एएलएस, पक्षाघात, अल्जाइमर जैसे रोगों के लिए स्टेम सेल उपचार को काफी प्रभावी माना जा रहा है।

मूषक भ्रूणीय फाइब्रोब्लास्ट फीडर पर्त पर मानव भ्रूणीय स्टेम कोशिका कौलोनी

इन्हें भी देखें

बाहरी कड़ियां

  1. Diabetes, rheumatoid arthritis, Parkinson's, Alzheimer's disease, osteoarthritis: Stroke and traumatic brain injury repair: Learning defects: Spinal cord injury repair:
    • Kang KS, Kim SW, Oh YH; एवं अन्य (2005). "A 37-year-old spinal cord-injured female patient, transplanted of multipotent stem cells from human UC blood, with improved sensory perception and mobility, both functionally and morphologically: a case study". Cytotherapy. 7 (4): 368–73. PMID 16162459. डीओआइ:10.1080/14653240500238160. Explicit use of et al. in: |author= (मदद)सीएस1 रखरखाव: एक से अधिक नाम: authors list (link)
    Heart infarction:
    • Strauer BE, Schannwell CM, Brehm M (2009). "Therapeutic potentials of stem cells in cardiac diseases". Minerva Cardioangiol. 57 (2): 249–67. PMID 19274033. नामालूम प्राचल |month= की उपेक्षा की गयी (मदद)सीएस1 रखरखाव: एक से अधिक नाम: authors list (link)
    Anti-cancer: Baldness: Replace missing teeth: Repair hearing: Restore vision: Amyotrophic lateral sclerosis:
    • Drs. Gearhart and Kerr of Johns Hopkins University. April 4, 2001 edition of JAMA (Vol. 285, 1691-1693)
    Crohn's disease: Wound healing:
    • Gurtner GC, Callaghan, MJ and Longaker MT. 2007. Progress and potential for regenerative medicine. Annu. Rev. Med 58:299-312