साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल
दिखावट
"दे दी हमें आज़ादी" | ||
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आशा भोसले द्वारा एकल संगीत | ||
जागृति एल्बम से | ||
रिलीज़ | 1954 | |
रिकॉर्डिंग | 1954 | |
प्रकार | फिल्म साउंडट्रैक, देशभक्ति गीत | |
गीत लेखक |
कवि प्रदीप | |
संगीत चलचित्र | ||
यू ट्यूब पर "दे दी हमें आज़ादी" देखें। |
साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल, या दे दी हमें आज़ादी हिन्दी फ़िल्म जागृति (1954) का, कवि प्रदीप द्वारा रचित एक गीत है। इसकी पहली पंक्ति इस प्रकार है: "दे दी आज़ादी बिना खड़ग बिना ढ़ाल, साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल"।[1] यह एक देशभक्ति गीत है जो महात्मा गांधी और उनके अहिंसात्मक स्वभाव को समर्पित है[2][3][4]
बोल
[संपादित करें]सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ प्रमोद कुमार शर्मा. MAHATMA A SCIENTIST OF THE INTUITIVELY OBVIOUS (अंग्रेज़ी में). पृ॰ 9. मूल से 4 नवंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 29 अक्तूबर 2016.
- ↑ Pramod Kumar Sharma. Mahatma a Scientist of the Intuitively Obvious. Partridge Publishing. पृ॰ 9. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9781482819236. मूल से 4 नवंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 29 अक्तूबर 2016.
- ↑ "Driving home a point through songs". द हिन्दू. 4 October 2008.
- ↑ Shyamhari Chakra (3 October 2007). "Tributes through songs". द हिन्दू.