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(सदस्य वार्ता:Mere Bolte Shabd से अनुप्रेषित)
शायरी(२) मैं रूठूँ गर कभी तुमसे वजह बनना मनाने की मैं रोऊँ गर कभी ग़म से वजह बनना हँसाने की न जाने कौन सा तूफाँ ख़लल डालेगा कुर्वत में सहारा लू अगर मय का वजह बनना मयखाने की
शायरी(२) मैं रूठूँ गर कभी तुमसे वजह बनना मनाने की मैं रोऊँ गर कभी ग़म से वजह बनना हँसाने की न जाने कौन सा तूफाँ ख़लल डालेगा कुर्वत में सहारा लू अगर मय का वजह बनना मयखाने की