पॉलीविनाइल क्लोराइड
पॉलिख्लोरोएथिलीन | |
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आईयूपीएसी नाम | पॉलि(1-ख्लोरोएथिलीन) |
आण्विक सूत्र | (C2H3Cl)n |
जहां दिया है वहां के अलावा, ये आंकड़े पदार्थ की मानक स्थिति (२५ °से, १०० कि.पा के अनुसार हैं। ज्ञानसन्दूक के संदर्भ |
पॉलिख्लोरोएथिलीन (IUPAC नाम: पॉलि(1-ख्लोरोएथिलीन), पारम्परिक नाम: पॉलि विनिल ख्लोराइड (पीवीसी)) एक अक्रिस्टलीय तापसुघट्य (अमॉर्फस प्लास्टिक) कठोर पदार्थ है। ऊष्मा तथा रासायनिक पदार्थों का इस पर प्रभाव नहीं पड़ता है। पॉलीएथिलीन और पॉलिप्रोपिलीन के बाद यह तृतीय सर्वाधिक उत्पादित प्लास्टिक है। निर्माण कार्यों में पीवीसी का उपयोग होता है। पीवीसी से पाइप, केबल इंसुलेशन, फर्श पर बिछाने की चादर, दरवाजे आदि बनाए जाते हैं। पीवीसी को एकलक ख्लोरोएथीन के बहुलीकरण द्वारा निर्मित किया जाता है।
शुद्ध पीवीसी मूलतः सफेद, कठोर और भंगुर ठोस होता है जिसमें सुघट्यकारी मिलाकर उसे नरम व लचीला बनाया जाता है। सुघट्यकारी के रूप में थैलेट्स (phthalates) का प्रयोग सर्वाधिक होता है। नरम पीवीसी का उपयोग वस्त्र तथा गद्दे आदि बनाने के लिए भी किया जाता है।
निर्माण
[संपादित करें]पॉलिख्लोरोएथिलीन को एकलक ख्लोरोएथीन के बहुलीकरण द्वारा निर्मित किया जाता है।