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'''बहुविध ऊतक दृढ़न (मल्टीपल स्कलेरोसिस)''' ('''MS'''), जिसे '''विकीर्ण स्कलेरोसिस''' या '''इंसेफ्लोमाइयेलिटिस डिस्सेमिनाटा''', जाना जाता है, जो कि एक [[inflammation|सूजन संबंधी]] रोग है जिसमें [[Human brain|मस्तिष्क]] तथा [[मेरुरज्जु]] के [[myelin sheaths|रोधक कवर]] क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। यह क्षति तंत्रिका तंत्र के संचार वाले हिस्से को बाधित करती है, जिससे परिणाम स्वरूप कई प्रकार के [[medical sign|चिह्न]] और [[लक्षण]], प्रकट होते हैं जिनमें<ref name="pmid18970977">{{cite journal |author=Compston A, Coles A |title=Multiple sclerosis |journal=Lancet |volume=372 |issue=9648 |pages=1502–17 |year=2008|month=October |pmid=18970977 |doi=10.1016/S0140-6736(08)61620-7 |url=}}</ref><ref name="pmid11955556"/> शारीरिक, [[cognitive disability|मानसिक]],<ref name="pmid11955556"/> और कभी-कभार मनोवैज्ञानिक समस्याएं पैदा होती हैं।<ref>{{cite book|title=Bradley's neurology in clinical practice.|year=2012|publisher=Elsevier/Saunders|location=Philadelphia, PA|isbn=1-4377-0434-4|edition=6th ed.|author=Murray ED, Buttner EA, Price BH|editor=Daroff R, Fenichel G, Jankovic J, Mazziotta J|chapter=Depression and Psychosis in Neurological Practice}}</ref> MS के कई रूप हो सकते हैं, जिसमें पृथक दौरे (पुनरावर्तन प्रारूप) या समय के साथ निर्मित होने वाले (प्रगामी प्रारूप) होते हैं। <ref name="pmid8780061"/> दौरों के बीच में लक्षण पूरी तरह से गायब हो सकते हैं; हालांकि, स्थायी स्नायुतंत्रीय समस्याएं अक्सर होती रहती है विशेष रूप से रोग के विकसित होने के साथ।<ref name="pmid8780061"/>


<!—कारण, पैथोफिज़ियोलॉजी (रोग के कारण पैदा हुए क्रियात्मक परिवर्तन) तथा निदान -->
'''मल्टिपल स्किलरोसिस''' (जिसे संक्षिप्त रूप से एम्एस कहा जाता है, ''प्रसृत उतक दृढ़न'' (disseminated sclerosis) या मस्तिष्क और ''सुषुम्ना प्रदाह के प्रसार'' (encephalomyelitis disseminata) के नाम से भी जाना जाता है) एक रोग है जिसमें मस्तिष्क तथा सुषुम्ना रज्जु शोथ के चारों ओर वसायुक्त [[माइलिन]] के आवरण क्षतिग्रस्त हो जाते हैं, जिससे माइलिन के [[आवरण नष्ट]] होने और घाव के निशान होने के साथ-साथ रोग के संकेत और लक्षणों के स्थूल क्रम उत्पन्न होते हैं. बीमारी की शुरुआत आम तौर पर युवा वयस्कों में पायी जाती है, और यह महिलाओं में ज्यादा आम होती है.<ref name="pmid18970977"/> इसकी [[व्यापकता]] प्रति 100,000 2 से 150 के बीच होती है.<ref name="pmid11603614">{{cite journal
जबकि कारण स्पष्ट नहीं हैं, अंतर्निहित तंत्र को या तो [[autoimmune disease|प्रतिरोधक तंत्र द्वारा बरबादी]] या [[मायेलिन]]-पैदा करने वाली कोशिकाओं की विफलता समझा जाता है। <ref>{{cite journal|last=Nakahara|first=J|coauthors=Maeda, M; Aiso, S; Suzuki, N|title=Current concepts in multiple sclerosis: autoimmunity versus oligodendrogliopathy.|journal=Clinical reviews in allergy & immunology|date=2012 Feb|volume=42|issue=1|pages=26–34|pmid=22189514}}</ref> इसके प्रस्तावित कारणों में [[आनुवंशिक]] तथा पर्यावरणीय कारक जैसे कि [[संक्रमण]] शामिल हैं।<ref name="pmid11955556"/><ref name="pmid17444504"/> MS आम तौर पर प्रस्तुत होने वाले चिह्नों तथा लक्षणों और समर्थक चिकित्सीय परीक्षणों के परिणामों द्वारा निदानित होता है।
|author=Rosati G
|title=The prevalence of multiple sclerosis in the world: an update
|journal=Neurol. Sci.
|volume=22
|issue=2
|pages=117–39
|year=2001
|month=April
|pmid=11603614
|doi=10.1007/s100720170011
}}</ref> एम्एस का वर्णन पहली बार 1868 में [[जीन मार्टिन चार्कोट]] के द्वारा किया गया.<ref name="Charcot1"/>


<!--उपचार, रोग का निदान-->
एम्एस मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी में तंत्रिका कोशिकाओं के एक दूसरे से संवाद करने की क्षमता को प्रभावित करता है. तंत्रिका कोशिकाएं लम्बे तंतुओं के नीचे कार्य क्षमता नामक विद्युत संकेत भेज कर संवाद स्थापित करते हैं जिन्हें तंत्रिकाक्ष कहा जाता है. वे माइलिन नामक एक रोधक पदार्थ में लिपटे हुए रहते हैं. एम्एस में, शरीर का अपना प्रतिरोधी तंत्र माइलिन पर हमला करता है और उसे नुकसान पहुंचाता है. जब माइलिन नष्ट हो जाता है तो तंत्रिकाक्ष प्रभावकारी ढंग से संकेतों को बिलकुल ही संचालित नहीं कर सकता है. मल्टिपल स्क्लेरोसिस (बहु उतक दृढ़न) मस्तिष्क और मेरु रज्जु (सुषुम्ना) के सफेद पदार्थ, जो मुख्य रूप से माइलिन का बना होता है, में घाव के निशानों को सूचित करता है. हालांकि बीमारी प्रक्रिया में शामिल रचना तंत्र के बारे में बहुत कुछ जाना जाता है, इसका कारण अज्ञात बना रहता है. सिद्धांत आनुवंशिकी या संक्रमणों को शामिल करते हैं. पर्यावरण संबंधी जोखिम उत्पन्न करने वाले विभिन्न कारक भी पाए गए हैं.
बहुविध ऊतक दृढ़न का कोई ज्ञात उपचार नहीं है। उपचार किसी दौरे के बाद प्रकार्य को बेहतर करने तथा नये दौरे की रोकथाम का प्रयास करते हैं।<ref name="pmid11955556"/> MS का उपचार करने वाली दवाएं जबकि हल्की प्रभावकारी होती हैं वहीं उनके विपरीत प्रभाव असहनीय हो सकते हैं। बहुत से लोगों वैकल्पिक उपचार करते हैं, जबकि उनके प्रमाण नहीं उपलब्ध हैं। दीर्घअवधि परिणामों की भविष्यवाणी कर पाना कठिन है; जबकि उन महिलाओं में बेहतर परिणाम दिखते हैं जिनमें यह रोग जीवन के शुरुआती वर्षों में विकसित होता है, जिनमें पुनरावर्तन प्रवाह होता है तथा जिनमें आरंभ में कम दौरे होते हैं।<ref name="pmid8017890"/> अप्रभावित जनसंख्या की तुलना में प्रभावित लोगों में [[जीवन संभाव्यता]] 5 से 10 वर्ष तक कम होती है।<ref name="pmid18970977"/>


<!--महामारी विज्ञान और इतिहास-->
बीमारी के साथ प्रायः कोई भी लक्षण और अक्सर शारीरिक और संज्ञानात्मक अक्षमता विकसित हो सकती है. एम्एस के विभिन्न रूप होते हैं, असतत दौरों में उत्पन्न होने वाले (बीमारी के पुनरावर्तन वाले रूप) या धीरे-धीरे संचित होने वाले (तेजी से फैलने वाले रूप). दौरों के बीच, लक्षण पूरी तरह से समाप्त हो सकते हैं, लेकिन स्थायी तंत्रिका संबंधी समस्याएं अक्सर उत्पन्न होती हैं, विशेष रूप से बीमारी का विकास.
2008 में, वैश्विक रूप से 2 से 2.5 मिलियन लोग प्रभावित थे जिनकी दर विश्व के विभिन्न क्षेत्रों और विभिन्न जनसंख्याओं के बीच भिन्न-भिन्न थी।<ref name=Atlas2008/> यह रोग आम तौर पर 20 से 50 की उम्र में शुरु होता है और पुरुषों की तुलना में महिलाओं में दुगना आम है।<ref name=Milo2010/> नाम ''मल्टीपल स्कलेरोसिस '' चकत्तों से संदर्भित है (स्केलरे—प्लाक तथा लेसियन के नाम से अधिक प्रचिलित) जो कि मस्तिष्क और मेरु रज्जु के [[सफेद द्रव्य]] में होता है।<ref name="Charcot1"/> MS को सबसे पहले 1868 में [[जीन-मार्टिन कैरकॉट]]द्वारा समझाया गया था।<ref name="Charcot1"/> कई सारे नये उपचार तथा निदान विधियां विकसित हो रही हैं।
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==चिह्न तथा लक्षण==
एम्एस का कोई ज्ञात इलाज नहीं है. उपचार दौरों के बाद क्रियाविधि को लौटाने की कोशिश करते हैं, नए दौरों को रोकते हैं, और अक्षमता की रोकथाम करते हैं. एम्एस औषधियों के प्रतिकूल प्रभाव हो सकते हैं या उन्हें सहन करना अत्यधिक कठिन होता है, और कई मरीज सहायक वैज्ञानिक अध्ययन के अभाव के बावजूद वैकल्पिक उपचारों को अपनाते हैं. रोग निदान की भविष्यवाणी करना मुश्किल होता है, यह रोग के उप स्वरूप, व्यक्तिगत रोगी के रोग की विशेषताओं, प्रारंभिक लक्षणों और समय बढ़ने के साथ व्यक्ति द्वारा अनुभव किये गए अक्षमता की मात्रा पर निर्भर करता है. रोगियों की आयु-सीमा अप्रभावित जनसंख्या के लगभग सामान होती है.
[[File:Symptoms of multiple sclerosis.svg|thumb|left|मल्टीपल स्कलेरोसिस के मुख्य लक्षण]]


MS से पीड़ित व्यक्ति में कोई भी स्नायविक लक्षण या चिह्न हो सकता है; जिसमें [[autonomic nervous system|स्वायत्त]], दृष्य, मोटर तथा संवेदी समस्याएं सबसे अधिक आम हैं। <ref name="pmid18970977"/> विशिष्ट लक्षणों का निर्धारण तंत्रिका तंत्र के भीतर स्थित क्षतियों द्वारा होता है तथा इसमें [[hypoesthesia|संवेदनशीलता की हानि]] या [[paresthesia|अनुभूति में परिवर्तन]] जैसे झुनझुनी, पिनों या सुइयों के चुभना या सुन्न होना, मांसपेशियों में कमजोरी, [[clonus|बहुत स्पष्ट प्रतिक्रिया]], [[मांसपेशियों की ऐंठन]] या हिलने में कठिनाई; समन्वय और संतुलन में कठिनाइयां ([[एटाक्सिया]]); [[dysarthria|बोलने संबंधी समस्याएं]] या [[dysphagia|निगलना]], दृष्य समस्याएं ([[अक्षिदोलन]], [[ऑप्टिक न्यूरैटिस]] या [[diplopia|दोहरा दिखना]]), [[fatigue (physical)|थका महसूस करना]], [[acute pain|गंभीर]] या [[जीर्ण दर्द]] और ब्लाडर तथा बाउल कठिनाइयां आदि शामिल हैं।<ref name="pmid18970977"/> [[clinical depression|अवसाद]] या [[labile affect|अस्थिर मनस्थिति]] जैसी सोचने व भावनात्मक समस्याएं भी आम हैं।<ref name="pmid18970977"/> [[उहथॉफ तथ्य]], सामान्य से अधिक तापमानों पर लक्षणों का और खराब होना है तथा [[लेरमित्ते चिह्न]], एक विद्युतीय सनसनी जो गर्दन को मोड़ते समय पीठ में होती हैं जो MS की विशेष पहचान है।<ref name="pmid18970977"/> अक्षमता और गंभीरता की मुख्य माप [[विस्तारित अक्षमता स्थिति स्केल]] (EDSS), तथा अन्य साधन जैसे कि [[मल्टिपल स्कलेरोसिस कार्यात्मक समग्र]] का उपयोग शोध में बढ़ रहा है। <ref>{{cite journal|author=Kurtzke JF |title=Rating neurologic impairment in multiple sclerosis: an expanded disability status scale (EDSS) |journal=Neurology |volume=33 |issue=11 |pages=1444–52 |year=1983 |pmid=6685237|doi=10.1212/WNL.33.11.1444 }}</ref><ref name="pmid10467378">{{cite journal |author=Amato MP, Ponziani G |title=Quantification of impairment in MS: discussion of the scales in use |journal=Mult. Scler.|volume=5 |issue=4 |pages=216–9 |year=1999 |month=August |pmid=10467378 |doi= |url=}}</ref><ref name="pmid12356200">{{cite journal |author=Rudick RA, Cutter G, Reingold S |title=The multiple sclerosis functional composite: a new clinical outcome measure for multiple sclerosis trials|journal=Mult. Scler. |volume=8 |issue=5 |pages=359–65 |year=2002 |month=October |pmid=12356200 |doi=|url=}}</ref>
== वर्गीकरण ==
[[चित्र:Ms progression types.svg|thumb|right|एम्एस उपस्वरुपों का तेजी से प्रसार ]]


85% मामलों में कई दिनो तक चिकित्सीय रूप से पृथक संलक्षण जिनमें 45% मे मोटर या संवेदन समस्याए, 20% में अक्षिदोलन तथा 10% में [[ब्रेनस्टेम]] विकार जबकि शेष 25% में पहले की कुछ परेशानियों इस से स्थिति की शुरुआत होती है।<ref name=Tsang2011/> आरंभ में लक्षणों की शुरुआत दो पैटर्न में होती है; या तो अचानक स्थितियां खराब होने से, जो कि कुछ दिनों से लेकर कुछ महीनों तक चलता है (जिसे [[पलटना]], प्रकोपन, मुकाबले, दौरे या भड़काव कहते हैं) जिसके बाद सुधार (85 प्रतिशत मामले) या फिर लक्षणों की स्थितियों का धीरे-धीरे खराब होना जो कुछ दिनों तक चलता है जिसमें सुधार नहीं होता है (10-15 प्रतिशत मामले)। <ref name=Milo2010/> इन दो पैटर्न के संयोजन भी हो सकते हैं <ref name="pmid8780061">{{cite journal|author=[[Fred D. Lublin|Lublin FD]], Reingold SC; National Multiple Sclerosis Society (USA) Advisory Committee on Clinical Trials of New Agents in Multiple Sclerosis |title=Defining the clinical course of multiple sclerosis: results of an international survey|journal=Neurology |volume=46|issue=4|pages=907–11|year=1996|month=April|pmid=8780061|doi=10.1212/WNL.46.4.907}}</ref> या लोगों में पुनरावर्तन या कमी के सिलसिले शुरु हो जाते हैं जो आगे जा कर बढ़ते जाते हैं।<ref name=Milo2010/> पुनरावर्तन को पहले से जान पाना आम तौर पर संभव नहीं होता है, ये बिना किसी चेतावनी के होता है।<ref name="pmid18970977"/> प्रकोपन बेहद कम बार होते हैं, लगभग साल में दोबार तक।<ref name="pmid18970977"/> कुछ पुनरावर्तन, हालांकि आम उत्तेजकों के बाद होते हैं और उनके होने की आवृत्ति वसंत और गर्मियों में अधिक होती है।<ref name="pmid16804331">{{cite journal|author=Tataru N, Vidal C, Decavel P, Berger E, Rumbach L|title=Limited impact of the summer heat wave in France (2003) on hospital admissions and relapses for multiple sclerosis |journal=Neuroepidemiology |volume=27 |issue=1 |pages=28–32 |year=2006|pmid=16804331|doi=10.1159/000094233}}</ref> इसी प्रकार वायरस संक्रमण जैसे कि [[आम सर्दी]], [[इन्फ्लुएंज़ा]] या [[जठरांत्रशोथ]] जोखिम बढ़ाते हैं। <ref name="pmid18970977"/> [[Stress (medicine)|तनाव]] भी दौरे को शुरु कर सकता है।<ref name="pmid17439878">{{cite journal |author=Heesen C, Mohr DC, Huitinga I,''et al.''|title=Stress regulation in multiple sclerosis: current issues and concepts |journal=Mult. Scler. |volume=13 |issue=2 |pages=143–8 |year=2007 |month=March |pmid=17439878|doi=10.1177/1352458506070772}}</ref> गर्भवती होने के कारण पुनरावर्तन का जोखिम कम हो जाता है; हालांकि प्रसूति के बाद के शुरुआती महीनों में जोखिम बढ़ जाता है।<ref name="pmid18970977"/> समग्र रूप से गर्भधारण दीर्घअवधि अक्षमता को प्रभावित करती नहीं दिखती है। <ref name="pmid18970977"/> कई चीज़ें पुनरावर्तन पर प्रभाव डालती नहीं पायी गयी हैं जैसे कि टीकाकरण, स्तनपान,<ref name="pmid18970977"/> शारीरिक आघात,<ref name="pmid11205361">{{cite journal|author=Martinelli V |title=Trauma, stress and multiple sclerosis |journal=Neurol. Sci. |volume=21|issue=4 Suppl 2 |pages=S849–52|year=2000 |pmid=11205361|doi=10.1007/s100720070024|url=http://link.springer-ny.com/link/service/journals/10072/bibs/00214%20Suppl%202/0021S849.htm}}</ref> तथा उहथाफ तथ्य।<ref name="pmid16804331"/>
क्रमानुसार वृद्धि के विभिन्न उप स्वरूपों, या प्रतिरूपों के वर्णन किये जा चुके हैं. भविष्य में होनेवाले विकास की भविष्यवाणी करने की कोशिश में उप स्वरूप रोग के पूर्व के क्रम का वर्णन करता है. वे न केवल रोग के निदान के लिए बल्कि चिकित्सा संबंधी निर्णयों के लिए महत्वपूर्ण हैं. 1996 में संयुक्त राज्य अमेरिका राष्ट्रीय मल्टीपल स्क्लेरोसिस सोसायटी ने उप स्वरूप की चार परिभाषाओं को मानकी कृत किया.
# अस्थायी पुनरावर्तन,
# गौण प्रगामी,
# प्राथमिक प्रगामी, और
# प्रगामी पुनरावर्तन


==कारण==
बीमारी के पुनरावर्तन-कमी संबंधी उप स्वरूप की विशेषता बीमारी का अप्रत्याशित पुनरावर्तन और उसके बाद महीनों से वर्षों की अवधियों की बीमारी की क्रियाविधि के संकेतों के बिना सापेक्ष शान्ति (कमी) है. आक्रमणों के दौरान हुई न्यूनताएं या तो दूर हो सकती हैं या रोगोत्तर विकार उत्पन्न कर सकती हैं, दूसरा समय की गतिविधि के रूप में अधिक आम घटना है. यह एम्एस से प्रभावित 85-90% व्यक्तियों के आरंभिक क्रम का वर्णन करता है. जब दौरों के बीच न्यूनताएं हमेशा दूर होती हैं, इसे कभी-कभी सुसाध्य एम्एस कहा जाता है. बीमारी का पुनरावर्तन-कमी संबंधी उप स्वरूप आम तौर पर एक नैदानिक पृथक सहलक्षण (CIS) के साथ शुरू होता है. CIS में, मरीज में उत्पन्न होने वाला दौरा माइलिन में कमी करने की क्रिया का सांकेतिक होता है, लेकिन यह मल्टिपल स्क्लेरोसिस (बहुसृत काठिन्य) के मानदंडों को पूरा नहीं करता है. हालांकि CIS से प्रभावित होने वाले केवल 30-70% व्यक्तियों में बाद में एम्एस दिखाई देता है.
MS का कारण अज्ञात है, ऐसा माना जाता है कि यह संक्रामक एजेंटों तथा आनुवंशिकी जैसे पर्यावरणीय कारकों के संयोजन से होता है।<ref name="pmid18970977"/> सिद्धांत आंकड़े को संभावित कारणों के जोड़ते हैं लेकिन किसी को भी निश्चित तौर पर सही नहीं पाया गया है। जबकि कई सारे पर्यावरणीय कारक हैं तथा कुछ आंशिक रूप से संशोधनीय है लेकिन इस मामले पर और शोध की जरूरत है कि क्या इनको हटाने से की MS रोकथाम संभव है।<ref name="pmid15556803"/>


===भूगोल===
तेजी से फैलने वाला गौण महत्त्व का एम्एस (जिसे कभी-कभी " तेजी से पनपने वाला एम्एस" कहा जाता है) आरंभिक बीमारी के पुनरावर्तन-कमी होने से प्रभावित लगभग 65% लोगों का वर्णन करता है, जिनमें फिर तीव्र हमलों के बीच में बीमारी की कमी के किसी निश्चित अवधियों के बिना तेजी से फैलने वाला तंत्रिका संबंधी क्षय आरंभ होने लगता है. बीमारी के सामयिक पुनरावर्तन और मामूली सुधार दिखाई दे सकते हैं. बीमारी की शुरुआत और बीमारी के पुनरावर्तन-कमी से तेजी से फैलने वाले गौण महत्त्व के एम्एस में परिवर्तन के बीच माध्यिक समय 19 वर्ष है.
MS उन लोगों में अधिक आम है जो [[विषुवत रेखा]] से दूर रहते हैं, हालांकि अपवाद मौजूद हैं।<ref name="pmid18970977"/><ref name="pmid18606967"/> इन अपवादों में वे जातीय समूह शामिल हैं जो विषुवत रेखा से दूर होने का कारण कम जोखिम वाले होते हैं जैसे [[Sami people|सामी]], [[Indigenous peoples of the Americas|अमरीकी इंडियन]], कनाडा के [[हुत्तेराइट]], न्यूज़ीलैंड के [[Māori people|माओरी]],<ref name="pmid12127652">{{cite journal |author=Pugliatti M, Sotgiu S, Rosati G |title=The worldwide prevalence of multiple sclerosis |journal=Clin Neurol Neurosurg |volume=104 |issue=3 |pages=182–91|year=2002 |month=July|pmid=12127652|doi=|url=}}</ref> और कनाडा के [[इन्युइट]],<ref name=Milo2010/> साथ ही वे समूह जो विषुवत रेखा के पास होने के कारण अधिक जोखिम वाली श्रेणी में आते हैं जैसे कि [[सार्डीनियन्स]],<ref name=Milo2010/> [[फिलीस्तीनी]] और [[पारसी]]।<ref name="pmid12127652"/> इस भौगालिक पैटर्न का कारण स्पष्ट नहीं है। <ref name=Milo2010/> जबकि उत्तर-दक्षिण ढ़लान के मामले कम हो रहे हैं, <ref name="pmid18606967"/> जो कि 2010 तथा वर्तमान की स्थिति है।<ref name=Milo2010/>


MS उत्तर यूरोपीय जनसंख्या में अधिक आम है <ref name="pmid18970977"/> और भौगोलिक विभिन्नता इस उच्च जोखिम जनसंख्या को सरलता से दर्शाती है।<ref name=Milo2010/> सूरज की रोशनी के कम अनावरण के कारण [[विटामिन डी]] का उत्पादन कम होना भी इसके कारणों में शामिल होता प्रतीत होता है। <ref name="pmid17492755"/><ref name="pmid20494325">{{cite journal|author=Ascherio A, Munger KL, Simon KC |title=Vitamin D and multiple sclerosis|journal=Lancet Neurol|volume=9 |issue=6 |pages=599–612 |year=2010 |month=June|pmid=20494325|doi=10.1016/S1474-4422(10)70086-7 }}</ref> जन्म के समय के मौसम तथा MS के बीच के संबंध भी इस विचार को बढ़ावा देते हैं, क्योंकि उत्तरी गोलार्ध में नवम्बर में पैदा हुए लोग, मई में पैदा हुए लोगों की अपेक्षा बड़ी उम्र में कम प्रभावित होते हैं।<ref name="pmid19897699">{{cite journal |author=Kulie T, Groff A, Redmer J, Hounshell J, Schrager S|title=Vitamin D: an evidence-based review |journal=J Am Board Fam Med|volume=22 |issue=6 |pages=698–706 |year=2009|pmid=19897699|doi=10.3122/jabfm.2009.06.090037|url=}}</ref> पर्यावरणीय कारक भी बचपन में एक भूमिका निभाते हो सकते हैं, कई अध्ययन दर्शाते हैं कि 15 बरस की उम्र के पहले जो लोग MS के भिन्न जोखिम के क्षेत्र में चले गये उनमें जोखिम में अंतर हुआ। यदि 15 बरस की उम्र के बाद जाना हुआ तो व्यक्ति में अपने गृह देश के जोखिम बने रहे।<ref name="pmid18970977"/><ref name="pmid15556803"/> इस बात के कुछ प्रमाण हैं कि जाने के ये प्रभाव 15 बरस से अधिक की उम्र के लोगों में भी देखे गये हैं। <ref name="pmid18970977"/>
तेजी से फैलने वाला प्राथमिक उप स्वरूप लगभग 10-15% उन व्यक्तियों का वर्णन करता है जिनमें आरंभिक एम्एस लक्षणों के बाद कभी भी सुधार नहीं हुआ. इसकी विशेषता बीमारी की शुरुआत से होने वाली विकलांगता का तेजी से फैलाव है, जिसमें बिलकुल नहीं या केवल सामयिक और मामूली कमी और सुधार होता है. तेजी से फैलने वाला प्राथमिक उप स्वरूप के लिए बीमारी के शुरुआत की अवधि बीमारी के पुनरावर्तन-कमी की अवधि की तुलना में अधिक होती है, लेकिन यह बीमारी के पुनरावर्तन-कमी और तेजी से फैलने वाले गौण महत्त्व के बीमारी के फैलने की अवधि के माध्य अवधि के समान होती है. दोनों ही मामलों में यह अवधि करीब 40 वर्ष है.
तेजी से फैलने वाला पुनरावर्तन होने वाला एम्एस उन व्यक्तियों का वर्णन करता है जिनमें, बीमारी की शुरुआत के समय से, तंत्रिका संबंधी एक-सा क्षय होता है लेकिन वे स्पष्ट अद्यारोपित दौरों के भी शिकार होते हैं. यह सभी उप स्वरूपों में सबसे कम आम प्रकार है.


===अनुवांशिकता===
गैर-मानक आचरण वाले मामलों के भी वर्णन किये जा चुके हैं. कभी कभी मल्टिपल स्क्लेरोसिस (बहुसृत काठिन्य) के सीमारेखा रूप कहे जाने वाले, इनमें डेविक की बीमारी, बैलो संकेंद्रित स्क्लेरोसिस, शिलडर्स डिफ्यूज स्क्लेरोसिस और मारबर्ग मल्टिपल स्क्लेरोसिस शामिल हैं. इस बात पर बहस होता है कि क्या ये एम्एस या विभिन्न बीमारियों के असामान्य भिन्न रूप हैं. मल्टिपल स्क्लेरोसिस बच्चों में भिन्न ढ़ंग से व्यवहार करते हैं, और उनमें तेजी से फैलने वाले स्तर में पहुंचने में अधिक समय लगता है. इसके बावजूद भी वे वयस्कों की तुलना में अधिक कम माध्य उम्र में इस स्तर में पहुंचते हैं.
[[File:HLA.svg|thumb|क्रोमोसोम&nbsp;6 का HLA क्षेत्र। इस क्षेत्र में बदलाव MS के होने की संभावना को बढ़ाता है।]]
MS को एक [[वंशानुगत]] रोग नहीं माना जाता है; हालांकि कई सारी [[genetics|आनुवंशिक विविधताएं]] जोखिम को बढ़ाती प्रतीत होती हैं।<ref name="pmid14747002">{{cite journal|author=Dyment DA, Ebers GC, Sadovnick AD |title=Genetics of multiple sclerosis
|journal=Lancet Neurol|volume=3|issue=92|pages=104–10|year=2004|month=February|pmid=14747002|doi=10.1016/S1474-4422(03)00663-X}}</ref> प्रभावित व्यक्ति के संबंधियों में इसके होने की संभाव्यता अधिक है और नज़दीकी रिश्तेदारों में यह संभाव्यता और अधिक बढ़ जाती है।<ref name="pmid11955556"/> [[जुड़वां]] लोगों में यह लगभग 30% लोगों को असमान जुड़वों में 5% लोगों को तथा सहोदरों में 2.5% और आधे सहोदरों में काफी कम प्रतिशत लोगों में इसका प्रभाव दिखाई देता है।<ref name="pmid18970977"/><ref name="pmid11955556"/><ref>{{cite journal|last=Hassan-Smith|first=G|coauthors=Douglas, MR|title=Epidemiology and diagnosis of multiple sclerosis.|journal=British journal of hospital medicine (London, England : 2005)|date=2011 Oct|volume=72|issue=10|pages=M146-51|pmid=22041658}}</ref> यदि माता-पिता दोनो इससे प्रभावित हैं तो सामान्य जनसंख्या की तुलना में उनके बच्चों में इसके होने का जोखिम 10 गुना अधिक होता है।<ref name=Milo2010/> MS कुछ जातीय समूहों में दूसरों से अधिक आम होता है।<ref name="pmid11603614">{{cite journal|author=Rosati G|title=The prevalence of multiple sclerosis in the world: an update|journal=Neurol. Sci.|volume=22|issue=2|pages=117–39|year=2001|month=April|pmid=11603614|doi=10.1007/s100720170011}}</ref>


विशिष्ट [[जीन]] जिनको MS से जोड़ा गया है उनमें [[मानव ल्यूकोसाइट एंटीजन]] (HLA) प्रणाली में भिन्नताएं शामिल हैं—[[प्रमुख ऊतक अनुरूपता समष्टि]] (MHC) के रूप में काम करने वाले [[क्रोमोसोम]] [[Chromosome 6 (human)|6]] का समूह।<ref name="pmid18970977"/> जो HLA क्षेत्र में बदलता है, इन बदलावों को लगभग तीस सालों से संवेदनशीलता से जोड़ा जाता रहा है<ref name="pmid21247752">{{cite journal|author=Baranzini SE |title=Revealing the genetic basis of multiple sclerosis: are we there yet?|journal=Curr. Opin. Genet. Dev. |volume=21 |issue=3 |pages=317–24 |year=2011 |month=June|pmid=21247752|pmc=3105160 |doi=10.1016/j.gde.2010.12.006 |url=}}</ref> साथ ही इसी क्षेत्र को अन्य स्वप्रतिरक्षी रोगों जैसे [[मधुमेह टाइप I]] and [[प्रणालीगत ल्यूसप त्वग्यक्ष्मा] के विकास में शामिल किया गया है।<ref name="pmid21247752"/> मल्टीपल स्कलेरोसिस तथा MHC के [[एलील]] के बीच संबंध की सबसे अधिक संगत खोज को [[HLA-DR15|DR15]] तथा [[HLA-DQ6|DQ6]] के रूप में निर्धारित किया गया है। <ref name="pmid18970977"/> अन्य लोकि(loci) सुरक्षात्मक प्रभाव दिखाते हैं जैसे कि [[HLA-C554]] तथा [[HLA-DRB1]]*11।<ref name="pmid18970977"/> समग्र रूप से यह अनुमानित है कि HLA परिवर्तन [[आनुवंशिक गड़बड़ियों]] के 20 से 60% तक के लिये जिम्मेदार होता है। <ref name="pmid21247752"/> आधुनिक आनुवंशिक विधियों ([[Genome-wide association study|जीनोम व्यापक सहयोगी अध्ययन]]) ने HLA [[Locus (genetics)|लोकस]] के बाहर कम से कम 12 अन्य जीनों की खोज की है जो MS की संभाव्यता थोड़ा सा बढ़ाती हैं।<ref name="pmid21247752"/>
== संकेत और लक्षण ==
{{Main|Multiple sclerosis signs and symptoms}}
[[चित्र:Symptoms of multiple sclerosis.png|thumb|right|मल्टिपल स्क्लेरोसिस के मुख्य लक्षण]]
[[चित्र:Optokinetic nystagmus.gif|thumb|left|नेत्रकंप (Nystagmus), जिसकी विशेषता आंख की अनैच्छिक गतियां हैं, एम्एस के साथ दिखाई दे सकने वाले कई लक्षणों में से एक है.]]


===संक्रामक एजेंट ===
एम्एस से प्रभावित व्यक्ति तंत्रिका संबंधी किसी भी रोग लक्षण या संकेतों से पीड़ित हो सकता है, जिसमें संवेदना में परिवर्तन (अल्पसंवेदन और अपसंवेदन), मांसपेशी की कमजोरी, मांसपेशी में ऐंठन, या चलने- फिरने में कठिनाई, समन्वय और संतुलन में कठिनाई (गति विभ्रम); भाषा में कठिनाई (वाक् विकार), निगलने में कठिनाई (निगरण कष्ट), दृश्य संबंधी समस्याएं (नेत्रकंप, दृष्टी तंत्रिकाशोथ, या द्विगुणदृष्टि), थकान, तीव्र या चिरकालिक पुराना दर्द, और मूत्राशय तथा आंत संबंधी कठिनाईयां शामिल हैं. विभिन्न मात्रा में ज्ञान संबंधी दुर्बलता और अवसाद के लक्षण या अस्थिर मन भी सामान्य हैं. उटहॉफ की घटना, जिसमें सामान्य से अधिक उच्च परिवेशी तापमानों के संपर्क में रहने के कारण विद्यमान रोग लक्षणों की तीव्रता, और लर्मिट का संकेत, एक विद्युत् जन्य संवेदना जो गर्दन को मोड़ने के समय पीठ में फैल जाता है, वे ख़ास तौर पर, न कि विशिष्ट रूप से, एम्एस की विशेषताएं हैं. विकलांगता की बढ़त और रोग-लक्षण की तीव्रता का मुख्य नैदानिक माप, विस्तारित विकलांगता स्तर माप या EDSS है.
बहुत से [[जीवाणु]] को MS का प्रेरक देखा गया है, लेकिन किसी की भी पुष्टि नहीं हुई है।<ref name="pmid11955556"/> शुरुआती उम्र में किसी व्यक्ति को दुनिया के एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने से MS का अनुवर्ती जोखिम बदलता है।<ref name="pmid17444504"/> इसका एक स्पष्टीकरण यह हो सकता है कि विस्तृत रूप से फैले जीवाणुओं द्वारा किसी तरह का संक्रमण पैदा हुआ न कि किसी दुर्लभ जीवाणु द्वारा और वह इस रोग से जुड़ा है।<ref name="pmid17444504"/> प्रस्तावित प्रक्रियाओं में [[स्वच्छता परिकल्पना]] और प्रचिलित परिकल्पना शामिल है। स्वच्छता परिकल्पना प्रस्तावित करती है कि कुछ संक्रामक एजेंटों से शुरुआती जीवन में अनावरण अग्रसक्रिय है और रोग ऐसे एजेंटों से बाद में होने वाले सामने की प्रतिक्रिया है।<ref name="pmid18970977"/> प्रचिलित परिकल्पना प्रस्तावित करती है कि रोग, एक ऐसे संक्रामक एजेंट के कारण होता है जो उन स्तानों पर होता है जहां पर MS आम है और जहां पर अधिकतर लोगों में यह एक नियमित संक्रमण पैदा करता है जो लक्षण विहीन होता है। केवल कुछ मामलों में काफी सालों के बाद डीमरैलिनेशन पैदा करता है।<ref name="pmid17444504"/><ref name="pmid8269393"/> स्वच्छता परिकल्पना को प्रचिलित परिकल्पना से अधिक समर्थन प्राप्त हुआ है।<ref name="pmid17444504"/>


विषाणु के कारण होने के साक्ष्यों में निम्नलिखित शामिल है: MS से पीड़ित अधिकांश लोगों के मस्तिष्क तथा मस्तिष्कमेरु - द्रव्य में [[ओलिग्लोकोनल बैंड]], मानव डीमरैलिनेशन [[इन्सेफोमाइयेलिटिस]] के साथ विभिन्न विषाणुओं का संबंध तथा कुछ विषाणु संक्रमणों के कारण जानवरों में डीमरैलिनेशन का होना।<ref name="pmid15721830">{{cite journal|author=Gilden DH|title=Infectious causes of multiple sclerosis|journal=[[The Lancet Neurology]]|volume=4|issue=3|pages=195–202|year=2005|month=March|pmid=15721830|doi=10.1016/S1474-4422(05)01017-3}}</ref> [[मानव हरपीस वायरस]], वायरस के उम्मीदवार समूह हैं। वे लोग जो कभी भी [[एप्सटाइन-बार]] से ग्रसित नहीं हुए हैं उनमें MS होने का जोखिम कम होता है जबकि युवा वयस्क के रूप में संक्रमित हुए लोगों में जोखिम, कम उम्र में इससे पीड़ित हुए लोगों से अधिक होता है।<ref name="pmid18970977"/><ref name="pmid17444504"/> हालांकि कुछ लोग यह मानते हैं कि यह स्वच्छता परिकल्पना के विरुद्ध जाता है, क्योंकि गैर संक्रमित लोगों की परवरिश अधिक स्वच्छता के साथ हुई होगी, <ref name="pmid17444504"/> जबकि अन्य यह विश्वास करते हैं कि कोई भी अंतर्विरोध नहीं है क्योंकि कारक विषाणु के साथ यह सामना पहली बार तुलनात्मक रूप से बड़ी उम्र होता है जो रोग को पैदा करता है।<ref name="pmid18970977"/> अन्य रोग जो संबंधित हो सकते हैं उनमे [[खसरा]], [[गलसुआ]] और [[रूबेला]] शामिल हैं।<ref name="pmid18970977"/>
एम्एस के लक्षण आमतौर पर तंत्रिका संबंधी कार्य में क्रमश: तेजी से गिरावट, या दोनों के मिश्रण के रूप में प्रासंगिक तीव्र कमी की अवधियों (जिन्हें बीमारी का पुनरावर्तन, तीव्रता, बीमारी का दौरा, आक्रमण या पुनरावृत्ति कहा जाता है) में प्रकट होते हैं. मल्टिपल स्क्लेरोसिस (बहुसृत काठिन्य) बीमारी के पुनरावर्तन अक्सर अप्रत्याशित होते हैं, जो बिना किसी चेतावनी के और प्रेरित करने वाले बिना स्पष्ट कारकों के उत्पन्न होते हैं जिसकी दर मुश्किल से डेढ़ वर्ष से अधिक होती है. हालांकि कुछ आक्रमणों के पहले सामान्य कारण होते हैं. बीमारी का पुनरावर्तन बसंत और गर्मियों के दौरान अधिक बार होता है.
विषाणु जनित संक्रमण जैसे कि आम सर्दी, इन्फ्लूएंजा, या आंत्रशोथ से बीमारी के पुनरावर्तन का खतरा बढ़ जाता है. तनाव भी दौरा पड़ने का एक कारण बन सकता है. गर्भावस्था बीमारी के पुनरावर्तन के प्रति अतिसंवेदनशीलता को प्रभावित कराती है जिसमें गर्भावस्था के प्रत्येक त्रिमास में बीमारी के पुनरावर्तन की दर निम्न होती है. प्रसव के प्रथम कुछ महीनों के बाद, यद्यपि, बीमारी के पुनरावर्तन का जोखिम बढ़ जाता है. कुल मिलाकर, गर्भावस्था दीर्घकालीन विकलांगता को प्रभावित करता हुआ मालुम नहीं पड़ता है. कई संभावित कारणों की जांच कि जा चुकी है और यह पाया गया है कि वे एम्एस बीमारी के पुनरावर्तन की दरों को प्रभावित नहीं करती है. इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि स्तनपान कराना, शारीरिक आघात, या उहटॉफ (Uhthoff) की घटना बीमारी के पुनरावर्तन के कारण हैं.


== कारण ==
===अन्य===
[[Tobacco smoking|धूम्रपान]] को MS के लिये स्वतंत्र जोखिम कारक देखा गया है।<ref name="pmid17492755"/> [[Stress (biological)|तनाव]] एक जोखिम कारक हो सकता है लेकिन इससे संबंधित साक्ष्य कमजोर हैं।<ref name="pmid15556803"/> पेशेवर अनावरण तथा [[टॉक्सिन]]—मुख्य रूप से [[सॉल्वेंट]] का मूल्यांकन किया गया है लेकिन कोई स्पष्ट निष्कर्ष नहीं निकला है।<ref name="pmid15556803"/> [[टीका]]करणों का कारण कारकों के रूप में अध्ययन किया गया है; हालांकि अधिकांश अध्ययनों में कोई संबंध नहीं मिल है।<ref name="pmid15556803"/> अन्य कई जोखिम कारक जैसे [[Diet (nutrition)|आहार]] और [[हार्मोन]] अंतर्ग्रहण पर भी ध्यान दिया गया है; हालांकि रोग से इसका संबंध “विरल और गैर प्रेरक” पाया गया है।<ref name="pmid17492755"/> MS से प्रभावित लोगों में [[वात]] उम्मीद से कम होता है तथा [[यूरिक एसिड]] के स्तर निम्न पाये गये हैं। इसके कारण यह सिद्धांत बना है कि यूरिक एसिड अग्रसक्रिय होता है, हालांकि इसका निश्चित महत्व अज्ञात ही है।<ref name="pmid18219824">{{cite journal |author=Spitsin S, Koprowski H |title=Role of uric acid in multiple sclerosis |journal=Curr. Top. Microbiol. Immunol. |volume=318 |issue= |pages=325–42 |year=2008|pmid=18219824|doi= |url=}}</ref>
अधिक संभवतः एम्एस कुछ आनुवंशिक, पर्यावरण संबंधी और संक्रमण संबंधी कारकों के एक परिणाम के रूप में उत्पन्न होता है. एम्एस के जानपदिक रोग विज्ञान संबंधी अध्ययन ने बीमारी के संभावित कारणों के संबंध में सुझाव उपलब्ध कराया है. सिद्धांत ज्ञात आंकड़े को सत्य सदृश व्याख्याओं के साथ मिश्रित करने की कोशिश करते हैं, लेकिन कोई भी निर्णायक साबित नहीं हुआ है.


==पैथोफिज़ियोलॉजी (रोग के कारण पैदा हुए क्रियात्मक परिवर्तन)==
=== आनुवंशिकी ===
MS के तीन मुख्य गुण [[केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र]] में हानि (जिनको प्लाक भी कहा जाता है), सूजन तथा न्यूरॉन्स के [[माइलिन आवरण]] का क्षरण हैं। ये गुण आपस में जटिल तथा अभी तक अज्ञात तरीके से आपस में संबंध बनाते हैं जिससे कि तंत्रिका ऊतकों में क्षरण होता है जिससे कि रोग के लक्षण पैदा होते हैं।<ref name="pmid18970977"/> साथ ही MS को [[Immune-mediated inflammatory diseases|प्रतिरक्षा-मध्यस्थता]] विकार माना जाता है जो किसी व्यक्ति की आनुवंशिकता और अज्ञात पर्यावरणीय कारणों के आपसी संबंधों से विकसित होता है।<ref name="pmid11955556"/> यह माना जाता है कि व्यक्ति की अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा तंत्रिका तंत्र पर आक्रमण द्वारा कम से कम हिस्सों में आक्रमण करने से क्षति होती है।<ref name="pmid18970977"/>
[[चित्र:HLA.svg|thumb|right|गुणसूत्र 6 का HLA क्षेत्र. इस क्षेत्र में परिवर्तन एम्एस से प्रभावित होने की संभावना में वृद्धि करता है.]]
एम्एस को एक [[आनुवंशिक]] बीमारी नहीं माना जाता है. हालांकि, बीमारी को विकसित करने के जोखिम को बढ़ाने के लिए अनेक आनुवंशिक विभिन्नताएं दर्शाई गई हैं.


===घाव===
सामान्य आबादी की अपेक्षा इस बीमारी से प्रभावित व्यक्तियों के संबंधियों, विशेष रूप से सहोदरों, माता-पिता, और बच्चों में, एम्एस होने का जोखिम बहुत अधिक होता है. बीमारी की कुल पारिवारिक पुनरावृत्ति दर 20% है. एकांडी यमज की स्थिति में, केवल 35% मामलों में ही सामंजस्य उत्पन्न होता है, जबकि सहोदरों की स्थिति में यह घटकर 5% तक हो जाता है और अर्द्ध सहोदरों में इससे भी कम हो जाता है. यह इंगित करता है कि अतिसंवेदनशीलता आंशिक रूप से बहुजनानता द्वारा प्रेरित होता है.
[[Image:MS Demyelinisation KB 10x.jpg|thumb| MS में डीमैलिनेशन। क्लूवर बैरेरा माइलिन अभिरंजन होने पर, घाव के क्षेत्र में रंग बिगड़ना संभव हो सकता है (मूल पैमाना 1:100)।]]
''मल्टीपल स्कलेरोसिस'' नाम उन घावों (स्कलेर – जिनको प्लाक या घाव के रूप में बेहतर रूप से जाना जाता है) को बताता है जो तंत्रिका प्रणाली में निर्मित होते हैं। ये घाव सबसे आम रूप में [[नेत्र तंत्रिका]], [[मस्तिष्क स्टेम]], [[बेसल गैन्गुइया]] और [[मेरु रज्जु]] में स्थित [[सफेद द्रव्य]] को या पार्श्विक [[Ventricular system|निलयों]] प्रभावित करते हैं। <ref name="pmid18970977"/> सफेद द्रव्य कोशिकाओं का कार्य [[ग्रे द्रव्य]] क्षेत्रों के बीच संकेतों का आदान प्रदान करना है, जहां पर इनका संसाधन होता है तथा ये शेष शरीर में भी यह संकेतों को ले जाते हैं। [[परिधीय तंत्रिका तंत्र]] इसमें बेहद कम बार शामिल होता है। <ref name="pmid11955556">{{cite journal|author=Compston A, Coles A|title=Multiple sclerosis|journal=Lancet|volume=359|issue=9313|pages=1221–31|year=2002|month=April|pmid=11955556|doi=10.1016/S0140-6736(02)08220-X}}</ref>


अधिक विशिष्ट रूप से, MS में [[ओलिगोडेन्ड्रोसाइट]] की हानि होती है, वो कोशिका जो [[माइलिन]] आवरण के नाम से जानी जाने वाली एक वसा परत के निर्माण व रखरखाव के लिये उत्तरदायी होती है जो कि न्यूरॉन्स को [[Action potential|विद्युतीय संकेतों]] को ले जाने में सहायता करती हैं।<ref name="pmid18970977"/> जिसके परिणाम स्वरूप माइलिन पतली हो जाता है या इसका संपूर्ण ह्रास हो जाता है, जैसे-जैसे रोग बढ़ता है न्यूरॉन्स के [[एक्सॉन]] का ब्रेकडाउन हो जाता है। जब मेलाइन समाप्त हो जाती है तो न्यूरॉन्स विद्युतीय संकेतों का प्रभावी संवहन नहीं कर पाते हैं। <ref name="pmid11955556"/> एक मरम्मत प्रक्रिया, जिसे [[रीमाइलिनेशन]] कहा जाता है, रोग की आरंभिक अवस्था में होती है, लेकिन ओलिगोडेन्ड्रोसाइट कोशिका के माइलिन आवरण को फिर से पूरी तरह से बना पाने में असमर्थ होता है।<ref name="pmid17531860">{{cite journal |author=Chari DM |title=Remyelination in multiple sclerosis|journal=Int. Rev. Neurobiol. |volume=79 |issue= |pages=589–620 |year=2007|pmid=17531860|doi=10.1016/S0074-7742(07)79026-8 |url=}}</ref> माइलिन बार-बार दौरे पड़ने से रीमाइलिनेशन कम प्रभावी होता जाता है, जब तक कि क्षतिग्रस्त एक्स़न के चारो ओर एक खरोच जैसा प्लाक नहीं बन जाता है।<ref name="pmid17531860"/> ये खरोचें ही किसी दौरे के दौरान लक्षणों की जनक होती हैं [[चुंबकीय अनुनाद इमेजिंग]] (MRI) अक्सर दस नये प्लाक दिखाती है।<ref name="pmid18970977"/> यह इस बात को भी दर्शा सकता है कि घावों की एक ऐसी संख्या होती है जिनसे कम पर, मस्तिष्क बिना किन्ही महत्वपूर्ण परिणामों को पैदा किये मरम्मत कर सकता है।<ref name="pmid18970977"/> घावों के निर्माण में शामिल एक और प्रक्रिया असमान्य रूप से [[astrocytosis|एस्ट्रोकाइट्स की संख्या में वृद्धि]] है जिसका कारण नज़दीकी न्यूरॉन्स का क्षय है।<ref name="pmid18970977"/> कई सारे [[pathophysiology of multiple sclerosis#Demyelination patterns|घाव पैटर्न]] की व्याख्या की गयी है।<ref name="pmid17351524">{{cite journal |author=Pittock SJ, Lucchinetti CF |title=The pathology of MS: new insights and potential clinical applications |journal=Neurologist|volume=13 |issue=2 |pages=45–56 |year=2007 |month=March|pmid=17351524|doi=10.1097/01.nrl.0000253065.31662.37 }}</ref>
यह दूसरों की तुलना में कुछ जातीय समूहों में अधिक आम मालूम पड़ता है.


===सूजन===
पारिवारिक अध्ययनों के अतिरिक्त, विशिष्ट जीन एम्एस से जुड़े रहे हैं. मानव श्वेत कोशिका (ल्युकोसाईट) प्रतिजन (HLA) प्रणाली- गुणसूत्र 6 में जीनों का एक समूह जो मानव में प्रमुख ऊतकसंयोज्यता समूह (MHC) के रूप में कार्य करता है - एम्एस से पीड़ित होने कि संभावना को बढ़ाता है. सबसे संगत खोज मल्टिपल स्क्लेरोसिस (बहुसृत काठिन्य) और DR15 और ड६के रूप में परिभाषित MHC के जीनों के युग्मों के बीच सहयोग है. अन्य स्थलों ने एक सुरक्षात्मक प्रभाव दर्शाया है, जैसे कि HLA-C554 और HLA-DRB1*11loci.
डीमैलिनेशन के अतिरिक्त रोग का अन्य चिह्न [[सूजन]] है। [[प्रतिरक्षा विज्ञान]] की व्याख्या के अनुसार, सूजन एक ऐसी प्रक्रिया है जो [[टी कोशिका]] के कारण होती है, जो कि एक प्रकार का [[लिंफोसाइट]] है, जो शरीर की प्रतिरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।<ref name="pmid11955556"/> टी कोशिकाएं [[रक्त-मस्तिष्क बैरियर]] में अवरोधों के माध्यम से मस्तिष्क में प्रवेश हासिल करती हैं। टी कोशिकाएं माइलिन को बाहरी समझ कर उन पर आक्रमण कर देती हैं जो यह स्पष्ट करता है कि क्यों इन कोशिकाओं को “स्वचालित रूप से प्रतिक्रिया करने वाली लिंफोसाइट” कहा जाता है।<ref name="pmid18970977"/>


माइलिन का आक्रमण सूजन प्रक्रिया को शुरु कर देता है जो अन्य प्रतिरक्षी कोशिकाओं को उत्तेजित कर देता है और विलेय कारकों जैसे [[साइटोकाइन]] और [[एंटीबॉडी]] को जन्म देता है। रक्त-मस्तिष्क बैरियर में अवरोध कई अन्य क्षतिकारक प्रभाव पैदा करता है जैसे [[edema|सूजन]], [[मैक्रोफेग्स]] का सक्रियण और साइटोकाइन व अन्य विनाशकारी प्रोटीनों का सक्रियण।<ref name="pmid11955556"/> सूजन संभावित रूप से न्यूरॉन्स के बीच जानकारी के प्रसारण को कम से कम तीन तरह से घटा सकती है।<ref name="pmid18970977"/> मुक्त किये गये विलेय कारक, बरकरार न्यूरॉन्स द्वारा न्यूरो प्रसारण रोक सकते हैं। ये कारक माइलिन की हानि को शुरु कर सकते या बढ़ा सकते हैं या एक्सॉन को पूरी तरह से तोड़ सकते हैं।<ref name="pmid18970977"/>
=== पर्यावरण संबंधी कारक ===
एम्एस के लिए संक्रामक और गैर संक्रामक दोनों मूलों वाले विभिन्न पर्यावरण संबंधी जोखिम वाले कारकों को प्रस्तावित किया गया है. हालांकि कुछ आंशिक रूप से परिवर्तनीय हैं, सिर्फ भविष्य में होने वाले अनुसंधान - विशेष रूप से नैदानिक परीक्षण-यह बताएंगे कि उनके उन्मूलन से एम्एस में मदद मिल सकता है या नहीं.


[[रक्त-मस्तिष्क बाधा]], [[कैपिलरी]] प्रणाली का एक हिस्सा है जो टी कोशिकाओं को केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र में दाखिल होने से रोकते हैं।<!-- <ref name="pmid11955556"/> --> यह इस प्रकार की कोशिकाओं से पारगम्य हो सकते हैं जो विषाणु या बैक्टीरिया द्वारा संक्रमण से द्वितीयक हो सकते हैं।<!-- <ref name="pmid11955556"/> --> आम तौर पर संक्रमण के समाप्त होने के बाद जब यह अपनी मरम्मत कर लेते हैं तो टी कोशिकाएं मस्तिष्क के भीतर फंसी रह सकती हैं।<ref name="pmid11955556"/>
विषुवत रेखा से दूर रहने वाले लोगों में एम्एस बहुत आम बात है, हालांकि इसके कई अपवाद मौजूद हैं. धूप के संपर्क में होने वाली कमी को भी एम्एस के एक उच्च जोखिम के साथ जोड़ा गया है. विटामिन डी के उत्पादन और खपत में कमी धुप के संपर्क में कम समय रहने वाले लोगों के उच्च जोखिम की व्याख्या करने का मुख्य जैविक तंत्र रहा है.

गंभीर तनाव भी एक जोखिम संबंधी कारक है, हालांकि सबूत कमजोर है. धूम्रपान को भी एम्एस के विकास के लिए एक स्वतंत्र जोखिम संबंधी कारक के रूप में दिखाया गया है. व्यावसायिक जोखिमों और जीवविषों के संबंधों - मुख्य रूप से विलायकों - का मूल्यांकन किया गया है, लेकिन किसी स्पष्ट निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा जा सका है. टीकाओं को भी बीमारी का आकस्मिक कारण माना गया है; हालांकि, अधिकांश अध्ययन एम्एस और टीकाओं के बीच कोई संबंध नहीं दर्शाते हैं. जोखिम संबंधी कई अन्य संभावित कारकों, जैसे कि आहार और हार्मोन अंतर्ग्रहण की जांच की गई है; हालांकि, बीमारी के साथ उनके संबंध की पुष्टि या खंडन करने के लिए और अधिक सबूत की जरूरत है.

सांख्यिकीय रूप से एम्एस से प्रभावित लोगों में गठिया कम होता है, और सामान्य लोगों की तुलना में एम्एस के मरीजों में यूरिक अम्ल के निम्न स्तर पाए गए हैं. इसने इस सिद्धांत को जन्म दिया कि यूरिक एसिड एम्एस के विरुद्ध सुरक्षा प्रदान करता है, हालांकि उसका सही-सही महत्व अज्ञात बना हुआ है.

=== संक्रमण ===
आनुवंशिक अतिसंवेदनशीलता एम्एस की घटना के कुछ भौगोलिक और महामारी विज्ञान संबंधी विभिन्नताओं, जैसे कि कुछ परिवारों में बीमारी की बहुत अधिक घटना और आनुवंशिक दूरी के साथ कमी के जोखिम की व्याख्या कर सकता है, लेकिन यह एनी घटना, जैसे कि आरंभिक उम्र में प्रवास के साथ होने वाले जोखिम में परिवर्तन के लिए उत्तरदायी नहीं होता है

इस महामारी विज्ञान का निष्कर्ष यह हो सकता है कि किसी व्यापक सूक्ष्म जीव बजाय कि एक दुर्लभ रोगाणु द्वारा उत्पन्न कुछ प्रकार का संक्रमण बीमारी की उत्पत्ति का कारण होता है. विभिन्न परिकल्पनाओं ने इसकी संभावित उत्पत्ति की विभिन्न प्रक्रियाओं का विस्तृत वर्णन किया है. स्वच्छता संबंधी परिकल्पना यह सुझाव देता है कि जीवन के आरंभ में विभिन्न संक्रामक एजेंटों से संपर्क एम्एस के विरुद्ध सुरक्षात्मक है, जिसमें बीमारी ऐसे एजेंटों द्वारा बाद में होने वाले सामना के प्रति प्रतिक्रया करता है. प्रचलित परिकल्पना यह सुझाव देता है कि एम्एस कि उच्च घटना वाले प्रदेशों में यह बीमारी आम तौर पर एक रोगाणु द्वारा होता है. अधिकांश व्यक्तियों में लक्षणरहित सतत संक्रमण उत्पन्न करने वाला यह रोगाणु बहुत आम होता है. केवल कुछ मामलों में, और मूल संक्रमण के कई वर्षों के बाद, यह माइलिन आवरण को क्षतिग्रस्त कर देता है. स्वच्छता संबंधी परिकल्पना को प्रसार (प्रचलन) परिकल्पना से अधिक समर्थन प्राप्त हुआ है.

विषाणु को एक कारण के रूप में मानने के साक्ष्य के रूप में शामिल हैं मस्तिष्क ओलिगोक्लोनल बैंड और अधिकांश मरीजों की प्रमस्तिष्कमेरु द्रव पदार्थ की उपस्थिति, विभिन्न विषाणुओं का मानव के माइलिन आवरण को क्षति पहुंचाने वाला मस्तिष्क मज्जा शोथ की उपस्थिति, और विषाणुओं के संक्रमण के द्वारा पशुओं में माइलिन के आवरण को क्षति पहुंचाने वाली क्रिया का आरंभ| मानव के विसर्पिका (हर्पीज) संबंधी विषाणु एम्एस से जुड़े हुए विषाणुओं के एक अभ्यर्थी समूह हैं. जो व्यक्ति कभी भी एप्सटाइन बार विषाणु द्वारा संक्रमित नहीं हुए हैं उनमें इस बीमारी के होने का कम खतरा होता है और संक्रमित व्यक्तियों में से युवा वयस्कों के रूप में संक्रमित होने वाले व्यक्तियों में कम उम्र में इससे संक्रमित होने वाले व्यक्तियों की अपेक्षा इस बीमारी के होने का अधिक खतरा होता है. हालांकि कुछ लोगों का विचार है कि यह स्वास्थ्य संबंधी परिकल्पना के विपरीत है, क्योंकि असंक्रमित व्यक्तियों ने शायद और अधिक स्वच्छ परवरिश का अनुभव किया है, दूसरे लोगों का मानना है कि इसमें कोई विरोधाभास नहीं है क्योंकि बीमारी के कारण वाले जीवाणु के साथ यह बाद के क्षण में यह सामना होता है. एम्एस से जुडी हुई अन्य बीमारियों में खसरा, गलसुआ और रूबेला भी संबंधित हैं.

== विकारीशरीरक्रिया ==
{{Main|Pathophysiology of multiple sclerosis}}

=== रक्त-मस्तिष्क अवरोध भंग ===
[[चित्र:MS Demyelinisation KB 10x.jpg|thumb|एम्एस में माइलिन रहित करने की क्रिया. क्लुवर बैर्रेरा माइलिन अधिव्यंजन में, घाव वाले क्षेत्र में विवर्णता का मूल्यांकन किया जा सकता है (मूल पैमाना:1:100).]]
रक्त-मस्तिष्क अवरोध एक सूक्ष्म-रक्त वाहिका (केशिका) प्रणाली है जिसे T कोशिकाओं को तंत्रिका तंत्र में प्रवेश करने से रोकना चाहिए. रक्त-मस्तिष्क अवरोध सामान्य रूप से इन प्रकार की कोशिकाओं के लिए पारगम्य नहीं होता है, जब तक कि यह संक्रमण या किसी विषाणु द्वारा सक्रीय नहीं किया जाता है, जो अवरोध उत्पन्न करने वाले ठोस जोड़ों की अखंडता को कम करता है. जब रक्त-मस्तिष्क अवरोध सामान्य रूप से संक्रमण या विषाणु के समाप्त होने के बाद अपनी अखण्डता पुनः प्राप्त करता है, T कोशिकाएं मस्तिष्क के अंदर फंस जाते हैं.

=== स्व प्रतिरक्षा विज्ञान ===
वर्त्तमान में एम्एस को प्रतिरक्षी प्रक्रिया द्वारा उत्पन्न एक विकार माना जाता है जिसका एक आरंभिक कारण होता है, जिसका रोग के कार्य-कारण संबंधी एक इतिहास हो सकता है, हालांकि इस अवधारणा पर वर्षों से बहस हो चुकी है और कुछ लोग अब भी इसका विरोध करते हैं. माना जाता है की मरीज की अपनी ही प्रतिरक्षा प्रणाली के क्षति की जाती है. संभवतः अपने जैसी सामान संरचना वाले अणु के संपर्क के परिणामस्वरूप प्रतिरक्षा प्रणाली तंत्रिका तंत्र पर आक्रमण करता है.

;घाव
मल्टिपल स्क्लेरोसिस घाव के निशान ( स्क्लेरोसेस - जिसे चकतों या घावों के रूप में बेहतर जाना जाता है) को सूचित करता है जो तंत्रिका तंत्र में उत्पन्न होते हैं. एम्एस के घावों में सबसे सामान्य रूप से अनुमस्तिष्क की गुहाओं के आस-पास के सफेद पदार्थ वाले क्षेत्र, मस्तिष्क स्तंभ, आधारिक तंत्रिका-उपकेन्द्र और नेत्र-तंत्रिका शामिल होती हैं. सफेद पदार्थ वाली कोशिकाओं का कार्य धूसर पदार्थ वाले क्षेत्रों और शारीर के शेष हिस्सों में संकेतों को पहुंचाना है, जहां प्रसंस्करण किया जाता है. परिधीय तंत्रिका तंत्र शायद ही शामिल रहता है.
अधिक विशेष रूप से, एम्एस ओलिगोडेन्ड्रोसाइट्स को नष्ट करता है, जो कोशिकाएं एक वसायुक्त परत - जिन्हें माइलिन आवरण कहा जाता है- का निर्माण करने और उसे कायम रखने के लिए उत्तरदायी होती हैं - जो तंत्रिका कोशिकाओं को विद्युत् संकेत भेजने में मदद करते हैं. एम्एस के परिणामस्वरूप माइलिन का तनूकरण या पूर्ण क्षति होती है और, जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती जाती है तंत्रिका कोशिकाओं के विस्तारों या तंत्रिकाक्षों का उच्छेदन (पारपरिच्छेदन) होता है. जब माइलिन नष्ट हो जाता है, एक तंत्रिका कोशिका (न्यूरॉन) प्रभावकारी ढंग से विद्युत् संकेतों को संचालित नहीं कर सकता है. बीमारी के आरंभिक चरणों में मरम्मत की एक प्रक्रिया होती है, जिसे पुनर्माइलिनीकरण कहा जाता है, लेकिन ओलिगोडेन्ड्रोसाइट्स कोशिका के माइलिन आवरण का पूर्ण रूप से पुनर्निर्माण नहीं कर सकता है. क्षतिग्रस्त तंत्रिकाक्षों के चारों ओर एक घाव के निशान सदृश चकत्ता (प्लाक) के निर्माण होने तक बार-बार होने वाले हमले क्रमशः अल्प प्रभावकारी पुनर्माइलिनीकरण उत्पन्न करते हैं. घाव के चार अलग-अलग रूपों का वर्णन किया गया है.

;सूजन (प्रदाह)
माइलिनिकरण रहित करने की क्रिया के अतिरिक्त, बीमारी का अन्य रोगजन्य पहचान सुजन है. एम्एस की पूर्ण रूप से रोगाक्षम व्याख्या के अनुसार, सूजन (प्रदाह) संबंधी प्रक्रिया T कोशिकाओं द्वारा उत्पन्न होती है, जो एक प्रकार की लसिकाकोशिका (लिंफोसाईट) होती है. लसिकाकोशिका (लिंफोसाईट) वे कोशिकाएं होती हैं जो शरीर की सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. एम्एस में, T कोशिकाएं मस्तिष्क में पूर्व उल्लेखित रक्त-मस्तिष्क अवरोध के द्वारा प्रवेश करती हैं. हाल में पशु मॉडलों से प्राप्त साक्ष्य बीमारी के विकास में T कोशिकाओं के अतिरिक्त B कोशिकाओं की भूमिका की तरफ भी संकेत करते हैं.

T कोशिकाएं माइलिन की पहचान बाहरी पदार्थ के रूप में करते हैं और इस पर उसी प्रकार आक्रमण करते हैं मानो कि यह एक आक्रमणकारी विषाणु हो. यह अन्य प्रतिरक्षी कोशिकाओं और विलेय कारकों जैसे कि साइटोंकाइनों और प्रतिरक्षियों को प्रेरित करते हुए सूजन संबंधी प्रक्रियाओं को सक्रीय करता है. रक्त-मस्तिष्क अवरोध में रिसाव पैदा होते हैं, जो बदले में अन्य क्षति पहुंचाने वाले प्रभाव उत्पन्न करते हैं जैसे कि सूजन, वृहत भक्षक कोशिका (मैक्रोफेज) का सक्रियण, और साइटोकाइन तथा अन्य हानिकर प्रोटीनों का अधिक सक्रियण.


== निदान ==
== निदान ==
[[File:Monthly multiple sclerosis anim cropped no text.gif|thumb|साल भर तक चली मासिक एमआरआई द्वारा प्रदर्शित समय व स्थान में मस्तिष्क के घावों के प्रसार को दर्शाता एनीमेशन]]
मल्टीपल स्कलेरोसिस का निदान आम तौर पर प्रस्तुत चिह्नों तथा लक्षणों के साथ समर्थक [[चिकित्सीय इमेजिंग]] और प्रयोगशाला परीक्षण के संयोजन से किया जाता है। <ref name=Tsang2011/> विशेष रूप से शुरुआत में, यह निश्चित कर पाना कठिन हो सकता है क्योंकि इसके चिह्न व लक्षण दूसरी चिकित्सीय समस्याओं के समान हो सकती हैं।<ref name="pmid18970977"/><ref name="pmid11794488">{{cite journal|author=Trojano M, Paolicelli D|title=The differential diagnosis of multiple sclerosis: classification and clinical features of relapsing and progressive neurological syndromes |journal=Neurol. Sci. |volume=22 |issue=Suppl 2|pages=S98–102 |year=2001 |month=November |pmid=11794488 |doi=10.1007/s100720100044|url=http://link.springer-ny.com/link/service/journals/10072/bibs/122%20Suppl%202000/122%20Suppl%2020S98.htm}}</ref> [[मैक्डॉनल्ड मापदंड]], जो घावों को चिकित्सीय, प्रयोगशाला तथा रेडियोलॉजी संबंधी साक्ष्यों पर विभिन्न समयों पर विभिन्न क्षेत्रों में ध्यान केन्द्रित करता है, निदान का सबसे आम तरीका है, <ref name=Atlas2008/> जबकि [[Schumacher criteria|शूमाकर]] तथा [[पोसर मापदंड]] सबसे अधिक ऐतिहासिक महत्व के हैं।<ref name="pmid15177763">{{cite journal|author=Poser CM, Brinar VV|title=Diagnostic criteria for multiple sclerosis: an historical review |journal=Clin Neurol Neurosurg|volume=106 |issue=3 |pages=147–58 |year=2004|month=June |pmid=15177763|doi=10.1016/j.clineuro.2004.02.004}}</ref> जबकि उपरोक्त मापदंड एक गैर-आक्रामक निदान संभव करते हैं, कुछ का मानना है कि एकमात्र निश्चित साक्ष्य एक [[ऑटोप्सी]] या बायोप्सी ही है जहां पर MS के विशिष्ट घावों की पहचान होती है।<ref name="pmid18970977"/><ref name="pmid11456302">{{cite journal|author=McDonald WI, Compston A, Edan G, ''et al.'' |title=Recommended diagnostic criteria for multiple sclerosis: guidelines from the International Panel on the diagnosis of multiple sclerosis |journal=Ann. Neurol.|volume=50 |issue=1 |pages=121–7 |year=2001 |month=July |pmid=11456302|doi=10.1002/ana.1032}}</ref><ref name="pmid16283615">{{cite journal|author=Polman CH, Reingold SC, Edan G, ''et al.''|title=Diagnostic criteria for multiple sclerosis: 2005 revisions to the "McDonald Criteria"|journal=Ann. Neurol.|volume=58|issue=6 |pages=840–6 |year=2005 |month=December|pmid=16283615|doi=10.1002/ana.20703}}</ref>


यदि किसी व्यक्ति में रोग के तंत्रिका संबंधी लक्षणों के गुण के पृथक प्रकरण हों तो MS के निदान के लिये चिकित्सीय आंकड़े ही पर्याप्त हैं।<ref name="pmid11456302"/> वे लोग जिनको एक ही दौरे के बाद चिकित्सीय सहायता की जरूरत हो उनमें निदान के लिये अन्य परीक्षणों की जरूरत होती है। सबसे अधिक उपयोग किये जाने वाले निदान साधनों में [[न्यूरोइमेजिंग]], [[प्रमस्तिष्कमेरु तरल]] का विश्लेषण तथा [[उत्पन्न होने की संभावना]] शामिल हैं। मस्तिष्क तथा मेरु की [[चुंबकीय अनुनाद इमेजिंग]] डीमैलिनेशन (प्लाक के घावों) के क्षेत्रों को दर्शा सकती है। [[गैडोलिनियम]] को [[अंतःशिरीय]] रूप से एक [[विपरीत एजेंट]] के रूप में सक्रिय प्लाक को उजागर करने के लिये तथा निरसन द्वारा यह प्रदर्शित करने के लिये कि मूल्यांकन के समय ऐतिहासिक घाव लक्षणों से संबंधित नहीं है, दिया जा सकता है।<ref name="pmid11456302"/><ref name="pmid18256986">{{cite journal|author=Rashid W, Miller DH|title=Recent advances in neuroimaging of multiple sclerosis|journal=Semin Neurol|volume=28|issue=1|pages=46–55|year=2008|month=February|pmid=18256986|doi=10.1055/s-2007-1019127}}</ref> एक [[लंबर पंचर]] द्वारा प्राप्त [[प्रमस्तिष्कमेरु तरल]] का परीक्षण केंद्रीय तंत्रिका तंत्र में रुग्ण [[सूजन]] दर्शा सकता है। प्रमस्तिष्कमेरु तरल का परीक्षण [[वैद्युतकणसंचलन]] पर IgG के [[ओलिगोक्लोनल बैंड]] के लिये किया जाता है, जो सूजन की निशानदेही करते हैं और जिसे से पीड़ित लोगो में से 75–85% में पाया जाता है।<ref name="pmid11456302"/><ref name="pmid16945427">{{cite journal|author=Link H, Huang YM|title=Oligoclonal bands in multiple sclerosis cerebrospinal fluid: an update on methodology and clinical usefulness|journal=J. Neuroimmunol.|volume=180|issue=1–2|pages=17–28|year=2006|month=November|pmid=16945427|doi=10.1016/j.jneuroim.2006.07.006
}}</ref> ऐसे मार्गो में डीमैलिनेशन के कारण MS में तंत्रिका तंत्र, [[नेत्र तंत्रिका]] तथा [[sensory neuron|संवेदी तंत्रिकाओं]] की उत्तेजनाओं के प्रति कम सक्रिय रूप से प्रतिक्रिया दे सकता है। इन मस्तिष्क संबंधी प्रतिक्रियाओं को [[visual evoked potential|दृष्य]] तथा संवेदी [[उत्पन्न होने की संभावनाओं]]का उपयोग करके जांचा जा सकता है। <ref name="pmid10802774">{{cite journal |author=Gronseth GS, Ashman EJ |title=Practice parameter: the usefulness of evoked potentials in identifying clinically silent lesions in patients with suspected multiple sclerosis (an evidence-based review): Report of the Quality Standards Subcommittee of the American Academy of Neurology |journal=Neurology |volume=54 |issue=9 |pages=1720–5 |year=2000|month=May |pmid=10802774 |doi=10.1212/WNL.54.9.1720|url=}}</ref>


===चिकित्सीय प्रवाह===
मल्टिपल स्क्लेरोसिस का निदान करना कठिन हो सकता है क्योंकि इसके संकेत और लक्षण अन्य चिकित्सा समस्याओं के समान हो सकते हैं. चिकित्सा संगठनों ने पेशेवर चिकित्सकों के लिए नैदानिक प्रक्रिया को सहज और मानक के अनुसार करने के लिए, ख़ास तौर पर बीमारी के प्रथम चरणों में, एक नैदानिक मानदंड बनाया है. ऐतिहासिक रूप से, शूमाकर और पोजर मानदंड दोनों लोकप्रिय थे. वर्तमान में, मैकडॉनल्ड मानदंड नैदानिक प्रयोगशाला और एम्एस के घावों के प्रसार से संबंधित विकिरण विज्ञान संबंधी आंकड़ों के साथ प्रदर्शन का सही समय और सही स्थान पर ध्यान केंद्रित करता है.
[[Image:Ms progression types.svg|thumb|300px|MS उपप्रकारों का आरोहण]]

एम्एस के निदान के लिए अकेले नैदानिक आंकड़े पर्याप्त हो सकते हैं यदि किसी व्यक्ति के साथ तंत्रिका संबंधी रोग लक्षण विशेषताओं वाली अलग-अलग घटनाएं हुई हैं. चूंकि कुछ लोग केवल एक आक्रमण (दौरे) के बाद चिकित्सा संबंधी देखभाल चाहते हैं, अन्य परीक्षण निदान को शीघ्र और सहज कर सकते हैं. सबसे आम तौर पर इस्तेमाल किये गए नैदानिक उपकरण तंत्रिका संबंधी इमेजिंग, मस्तिष्कमेरु तरल पदार्थ का विश्लेषण और ताजा की गयी क्षमताएं हैं. मस्तिष्क और मेरुदंड का चुंबकीय प्रतिध्वनि इमेजिंग माइलिन रहित किये गए क्षेत्रों (घावों या प्लाकों) को दिखाता है. सक्रीय प्लाकों की विशिष्टता दिखाने के लिए भेद निरुपित करने के लिए और, उन्मूलन के द्वारा, मूल्यांकन के समय में लक्षण के साथ जुड़े नहीं रहने वाले ऐतिहासिक घावों के अस्तित्व को प्रदर्शित करने के लिए गैडोलिनियम का प्रयोग अंत:शिरात्मक रूप से किया जा सकता है. कटिवेध (lumbar puncture) से प्राप्त मस्तिष्कमेरु द्रव की जांच केंद्रीय तंत्रिका तंत्र के दीर्घकालिक (जीर्ण) सूजन का प्रमाण दे सकता है. मस्तिष्कमेरु द्रव की जांच ओलिगोक्लोनल बैंड (oligoclonal bands) के लिए की जाती है जो एम्एस से प्रभावित 75-85% लोगों में सूजन संबंधी चिह्नक हैं. एम्एस से प्रभावित एक व्यक्ति का तंत्रिका तंत्र नेत्र-तंत्रिका और संवेदी-तंत्रिकाओं के मार्गों के माइलिन रहित होने के कारण उनके उत्तेजन के प्रति कम सक्रिय ढंग से प्रतिक्रिया करता है. इन मस्तिष्क संबंधी प्रतिक्रियाओं की जांच दृश्य और संवेदी उपयोग क्षमताओं का प्रयोग कर की जा सकती है.

== प्रबंधन ==
{{main|Treatment of multiple sclerosis}}

यद्यपि मल्टिपल स्क्लेरोसिस का कोई ज्ञात इलाज नहीं है, विभिन्न चिकित्साएं उपयोगी साबित हुई हैं. चिकित्सा का प्राथमिक उद्देश्य दौरे (आक्रमण) के बाद प्रकार्य को सामान्य बनाना, नए दौरों (आक्रमणों) को रोकना, और विकलांगता को रोकना है. जैसा की कई चिकित्सा संबंधी उपचार के साथ होता है, एम्एस के प्रबंधन में औषधियों के प्रयोग के विभिन्न प्रतिकूल प्रभाव होते हैं. सहायक, तुलनीय, बार-बार किये जाने वाले वैज्ञानिक अध्ययन की कमी के बावजूद कुछ रोगियों द्वारा वैकल्पिक उपचार अपनाए जाते हैं.

=== तीव्र रोगाक्रमण ===
रोग लक्षण संबंधी आक्रमणों के दौरान, उच्च खुराक वाले अन्तःशिरात्मक कॉर्टीकॉस्टेरॉयड, जैसे कि मिथाइल प्रेड्निसोलोन का प्रयोग, बीमारी के तीव्र पुनरावर्तन की सामान्य चिकित्सा है. हालांकि आम तौर पर बीमारी से राहत दिलाने में अल्पावधि के लिए प्रभावी कॉर्टीकॉस्टेरॉयड उपचार का दीर्घकालिक स्वास्थ्य लाभ पर एक महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता दिखाई नहीं देता है. मौखिक और अंत:शिरात्मक प्रयोग की क्षमता समान लगाती है. गंभीर हमलों (दौरों) के परिणाम जो कॉर्टीकॉस्टेरॉयड के प्रति प्रतिक्रया करते हैं उनका प्लाविकाहरण के द्वारा इलाज किया जा सकता है.

=== रोग में सुधार करने वाले उपचार ===
[[चित्र:Injection 23.JPG|right|thumb|रोग में सुधार करने वाले उपचार महंगे होते हैं और इनमें से अधिकांश के लिए बार- बार (दैनिक स्तर तक)इंजेक्शन देने की जरुरत होती है. अन्य लोगों को 1-3 महीने के अंतराल में IV अन्तः शिरा निषेक की आवश्यकता होती है.]]


कई उपप्रकारों या आरोहण के पैटर्न को बताया गया है। उपप्रकार, रोग के पिछले पिछले प्रवाह का उपयोग करके भविष्य के प्रवाह की [[भविष्यवाणी]] करने का प्रयास करते हैं। वे न केवल रोग के निदान के लिये वरन् उपचार संबंधी निर्णयों के लिये भी आवश्यक हैं। 1996 में अमरीकी [[राष्ट्रीय मल्टीपल स्कलेरोसिस सोसाइटी]] में चार चिकित्सीय प्रवाहों की व्याख्या की है:<ref name="pmid8780061"/>
2009 तक, एम्एस के लिए रोग में सुधार करने वाले पांच उपचारों को यूरोप में विभिन्न देशों की विनियामक एजेंसियों द्वारा स्वीकृत किया गया है. इंटरफेरॉन बीटा-1a (व्यावसायिक नाम अवोनेक्स, सिन्नोवेक्स, रेसिजेन और रेबिफ और इंटरफेरॉन बीटा-1b (यूरोप में अमेरिकी व्यावसायिक नाम बीटासेरॉन और जापान में बीटाफेरॉन). एक तीसरी औषधि ग्लाटिरामेर एसीटेट (कोपैक्सोन), एक गैर इंटरफेरॉन, गैर स्टेरॉयड संबंधी प्रतिरक्षी नियंत्रक है. चौथी औषधि, माइटो़जैन्ट्रॉन, एक प्रतिरक्षी शामक है जिसका प्रयोग कैंसर रसायन-चिकित्सा (केमोथेरैपी) में भी किया जाता है. पांचवीं औषधि है नैतैलीज़ुमैब (जिसे टायसैब्री के रूप में बेचा जाता था). इंटरफेरॉन और ग्लाटिरामेर एसीटेट को अक्सर इंजेक्शन के द्वारा दिया जाता था, जो ग्लाटिरामेर एसीटेट के लिए दिन में एक बार से अवोनेक्स के लिए प्रति सप्ताह एक बार (किन्तु अन्तः पेशीय) तक भिन्न-भिन्न होता है. नैतैलीज़ुमैब और माइटो़जैन्ट्रॉन मासिक अंतराल पर IV अर्क दिए जाते हैं.
# relapsing remitting,
# secondary progressive,
# primary progressive, and
# progressive relapsing.


बार-बार होने तथा मुक्त होने वाले उपप्रकार को अनपेक्षित बार-बार होने से चिह्नित किया जाता है जिनके बाद में कुछ महीनों या सालों की कुछ शांत ([[remission (medicine)|मुक्ति]]) अवधियां होती है जिनमें रोग की गतिविधि के लक्षण नहीं होते हैं। दौरों के दौरान कमी या तो [[sequelae|समस्याओं]] को विघटित कर देती है या समाप्त कर देती है, दौरों के लगभग 40 प्रतिशत मामलो में बाद वाली स्थिति होती है और उतनी अधिक आम होती है जितना कि व्यक्ति का रोग पुराना होता है।<ref name="pmid18970977"/><ref name=Tsang2011/> यह MS से पीड़ित 80 प्रतिशत लोगों के आरंभिक प्रवाह को समझाता है।<ref name="pmid18970977"/> जब कमियां हमेशा दौरों के बीच विघटित कर देती हैं तो कभी कभार इसे ''सौम्य MS'' कहा जाता है,<ref name="pmid18219812">{{cite journal |author=Pittock SJ, Rodriguez M|title=Benign multiple sclerosis: a distinct clinical entity with therapeutic implications|journal=Curr. Top. Microbiol. Immunol. |volume=318 |issue= |pages=1–17 |year=2008 |pmid=18219812|doi=10.1007/978-3-540-73677-6_1 |url=}}</ref> हालांकि फिर भी लंबी अवधि में लोगों में कुछ असमर्थता पैदा हो जाती है। <ref name="pmid18970977"/> दूसरी ओर पद ''[[घातक मल्टीपल स्कलेरोसिस]]'' का उपयोग से पीड़ित उन लोगों के लिये किया जाता है जिनमें छोटी सी अवधि में असमर्थता एक महत्वपूर्ण स्तर तक पहुंच गयी हो। <ref>{{cite book|last=Feinstein|first=A|title=The clinical neuropsychiatry of multiple sclerosis|year=2007|publisher=Cambridge University Press|location=Cambridge|isbn=052185234X|page=20|edition=2nd ed.}}</ref> बार-बार होने तथा मुक्त होने वाला उपप्रकार आमतौर पर एक [[चिकित्सीय पृथक सिन्ड्रोम]] (CIS) से शुरु होता है। CIS में व्यक्ति को पड़ने वाला दौरा [[डिमरैलीनेशन]] का सुझाव देता है लेकिन मल्टीपल स्कलेरोसिस के मापदंड को पूरा नहीं करता है।<ref name="pmid18970977"/><ref name="pmid15847841">{{cite journal|author=Miller D, Barkhof F, Montalban X, Thompson A, Filippi M|title=Clinically isolated syndromes suggestive of multiple sclerosis, part I: natural history, pathogenesis, diagnosis, and prognosis|journal=Lancet Neurol|volume=4|issue=5|pages=281–8|year=2005|month=May|pmid=15847841|doi=10.1016/S1474-4422(05)70071-5}}</ref>30 से 70% वे लोग जिनको कि CIS का अनुभव होता है बाद में MS से पीड़ित हो जाते हैं।<ref name="pmid15847841"/>
सभी पांच प्रकार की औषधियां एम्एस (RRएम्एस) बीमारी के पुनरावर्तन-कमी में हमलों (दौरों) की संख्या को कम करने में बहुत कम प्रभावी होते हैं जबकि इंटरफेरॉन और ग्लाटिरामेर एसीटेट की क्षमता अधिक विवादास्पद है. उनके दीर्घकालिक प्रभावों के अध्ययनों का अभी भी अभाव है. प्रतिरक्षी नियंत्रकों (माइटॉक्सैनट्रोन को छोड़कर) के बीच तुलनाएं यह दिखाती हैं कि नैतैलीज़ुमैब बीमारी के पुनरावर्तन दर की कमी और विकलांगता के विकास को रोकने, दोनों दृष्टियों से सर्वाधिक प्रभावी है| माइटॉक्सैनट्रोन (Mitoxantrone) उन सब में सबसे अधिक प्रभावी हो सकती है, हालांकि, इसे आम तौर लंबी अवधि के उपचार के रूप में नहीं माना जाता है, क्योंकि इसका उपयोग गंभीर द्वितीयक प्रभावों द्वारा सीमित होता है. RRएम्एस की शीघ्रातिशीघ्र नैदानिक प्रस्तुति नैदानिक रूप से पृथक संलक्षण (CIS) है. आरंभिक हमले (दौरे) के दौरान इन्टरफेरॉन के द्वारा उपचार इस संभावना को कम कर देगा कि मरीज में नैदानिक एम्एस विकसित होगा.


[[File:Nerve.nida.jpg|thumb|left|माइलिन आवरण वाले तंत्रिका अक्षतंतु]]
तेजी से फैलने वाला एम्एस का उपचार करना बीमारी के पुनरावर्तन-कमी वाले एम्एस कि तुलना में अधिक कठिन होता है. माइटॉक्सैनट्रोन ने तेजी से फैलने वाले द्वितीयक और तेजी से फैलने वाले बीमारी के पुनरावर्तन संबंधी अवधि वाले मरीजों में अनुकूल प्रभाव दिखाया है. यह बीमारी के तेजी से फैलने को रोकने और अल्पकालिक कार्यवाही में मरीजों में बीमारी के पुनरावर्तन कि आवृत्ति में बहुत कम प्रभावी होता है. कोई भी इलाज एम्एस के प्राथमिक रूप से तेजी से फैलने की अवधि में सुधार करने योग्य सिद्ध नहीं हुआ है.
द्वितीयक क्रमिक MS उन लोगो में से 65 प्रतिशत लोगों को होता है जिनमें आरंभिक बार-बार मुक्त होने वाला MS होता है, जिनको अंततः मुक्ति की निश्चित अवधियों के बिना गंभीर दौरों के बीच क्रमिक तंत्रिका संबंधी गिरावट हो जाती है।<ref name="pmid18970977"/><ref name="pmid8780061"/> समसामयिक पुनरावर्तन या हल्का पुनरावर्तन हो सकता है।<ref name="pmid8780061"/> रोग की शुरुआत तथा बार-बार होने तथा मुक्त होने से द्वितीयक क्रमिक MS के बीच की सबसे आम समयावधि 19&nbsp; वर्ष है। <ref name="pmid16545751">{{cite journal|author=Rovaris M, Confavreux C, Furlan R, Kappos L, Comi G, Filippi M|title=Secondary progressive multiple sclerosis: current knowledge and future challenges|journal=Lancet Neurol|volume=5|issue=4|pages=343–54|year=2006|month=April|pmid=16545751|doi=10.1016/S1474-4422(06)70410-0}}</ref>
प्राथमिक क्रमिक उपप्रकार लगभग 10 से 20 प्रतिशत लोगों में होता है जिसमें आरंभिक लक्षणों के बाद कोई मुक्ति नहीं होती है।<ref name="pmid17884680">{{cite journal|author=Miller DH, Leary SM|title=Primary-progressive multiple sclerosis|journal=Lancet Neurol|volume=6|issue=10|pages=903–12|year=2007|month=October|pmid=17884680|doi=10.1016/S1474-4422(07)70243-0}}</ref><ref name=Tsang2011/> इसे शुरुआत से असमर्थता के आरोहण से पहचाना जाता है जिसमें केवल समसामयिक तथा हल्की या शून्य मुक्ति तथा सुधार होता है।<ref name="pmid8780061"/> प्राथमिक क्रमिक उपप्रकार के लिये शरुआत की सामान्य उम्र बार-बार होने तथा मुक्त होने वाले उपप्रकार के बाद होती है। यह उस उम्र के समान होती है जिसमें बार-बार होने तथा मुक्त होने वाले की शुरुआत में द्वितीयक आरोहण होता है जो कि लगभग 40 वर्ष की उम्र होती है।<ref name="pmid18970977"/>


क्रमिक बार-बार होने वाला MS उन लोगों को होता है जिनमे शुरुआत से एक स्थिर तंत्रिका संबंधी गिरावट होती है लेकिन साथ ही स्पष्ट एक के बाद एक दौरे होते हैं। यह सभी उपप्रकारों में सबसे कम आम है।<ref name="pmid8780061"/>
किसी भी चिकित्सा उपचार के सामान, इन उपचारों के कई प्रतिकूल प्रभाव हैं. इनमें से सबसे आम प्रभावों में से एक है ग्लाटिरामेर एसीटेट के इंजेक्शन वाली जगह और इंटरफेरॉन उपचारों में होने वाला जलन है. समय के साथ, इंजेक्शन वाली जगह पर वसा ऊतक के स्थानीय क्षति, जिसे लिपोट्रोफी कहा जाता है, के कारण एक दिखाई पड़ने वाला खरोंच विकसित हो सकता है. इंटरफेरॉन इन्फ्लूएंजा के समान लक्षण पैदा करते हैं; ग्लाटिरामेर का प्रयोग करने वाले कुछ मरीज इंजेक्शन के बाद होने वाली प्रतिक्रया का अनुभव करते हैं जिसकी अभिव्यक्ति तमतमाहट, सीने में जकड़न, दिल की धड़कनों, श्वासहिनता, और चिंता के रूप में होती है, जो आम तौर पर तिस मिनटों से कम समय तक रहती हैं. अधिक खतरनाक है, लेकिन बहुत कम आम हैं इंटरफेरॉन से होने वाली गुर्दे की क्षति; ह्रदय संबंधी गंभीर विषाक्तता, बांझपन, और माइटॉक्सैनट्रोन kaa गंभीर मज्जाभ (myeloid) ल्यूकेमिया, <ref name="pmid18970977"/> <ref name="pmid19882365"/> और नैतैलीज़ुमैब (natalizumab) एवं तेजी से फैलने वाले बहुकेंद्रीय मस्तिष्क संबंधी ल्यूकेमिया के बीच विख्यात संबंध.


[[Idiopathic inflammatory demyelinating diseases|MS के असमान्य प्रकारों]] की व्याख्या की गयी है। इनमें [[डेविक का रोग]], [[बालो संकेन्द्रित स्कलेरोसिस]], [[Diffuse myelinoclastic sclerosis|शिल्डर्स विस्तृत स्कलेरोसिस]] तथा [[मारबर्ग मल्टीपल स्कलेरोसिस]] शामिल हैं। यह बहस का विषय है कि ये के भिन्न-रूप हैं या भिन्न रोग। <ref name="pmid15727225">{{cite journal|author=Stadelmann C, Brück W |title=Lessons from the neuropathology of atypical forms of multiple sclerosis |journal=Neurol. Sci. |issue=Suppl 4 |pages=S319–22 |volume=25 |year=2004 |month=November|pmid=15727225|doi=10.1007/s10072-004-0333-1 }}</ref> मल्टीपल स्कलेरोसिस बच्चों में भिन्न रूप में व्यवहार करता है, इसको इनमें क्रमिक चरण में पहुंचने पर अधिक समय लगता है।<ref name="pmid18970977"/> फिर भी आम तौर पर ये वयस्कों से कम औसत उम्र पर इस अवस्था में पहुंच जाता है।<ref name="pmid18970977"/>
=== एम्एस के प्रभाव का प्रबंधन ===
रोग में सुधार करने वाले उपचार बीमारी के तेजी से फैलने की दर को कम करते हैं, लेकिन उसे रोकते नहीं हैं. जैसे-जैसे मल्टिपल स्क्लेरोसिस का तेजी से प्रसार होता है, लाक्षणिकता बढ़ती जाती है. रोग विभिन्न प्रकार के लक्षणों और कार्यात्मक कमियों से जुड़ा होता है जिसकी परिणति तेजी से फैलने वाली दुर्बलताओं और विकलांगता के रूप में होती है. इसलिए इन कमियों का प्रबंधन बहुत महत्वपूर्ण है. औषधि चिकित्सा और तंत्रिका संबंधी पुनर्वास (neurorehabilitation) दोनों ने कुछ लास्क्षणों के बोझ में कमी दर्शायी है, हालांकि दोनों में से कोई भी बीमारी के तेजी से प्रसार को प्रभावित नहीं करता है. कुछ लक्षणों, जैसे कि अस्थिर मूत्राशय और संस्तम्भता (spasticity), में औषधि के साथ एक अच्छी प्रतिक्रिया होती है, जबकि कई दूसरों का प्रबंधन और अधिक जटिल होता है. तंत्रिका संबंधी कमियों वाले किसी मरीज के लिए, एक बहु-विषयक दृष्टिकोण जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए महत्वपूर्ण है, हालांकि, वहाँ एक 'केन्द्रीय दल ' को निर्दिष्ट करने में विशेष कठिनाइयां हैं क्योंकि एम्एस से प्रभावित लोगों को कुछ बिंदु पर प्रायः किसी स्वास्थ्य संबंधी पेशा या सेवा कि जरुरत हो सकती है. बहु-विषयक पुनर्वास कार्यक्रम मरीजों की गतिविधि और भागीदारी में वृद्धि कर सकता है लेकिन दुर्बलता के स्टार को प्रभावित नहीं करता है.


==प्रबंधन==
=== वैकल्पिक उपचार ===
हालांकि मल्टीपल स्कलेरोसिस के लिये कोई ज्ञात उपचार नहीं है , फिर भी कई तरह के उपचार सहायक सिद्ध हुए हैं। उपचार के प्राथमिक लक्ष्य, दौरे के बाद सामान्य प्रकार्य हासिल करना, नये दौरे से बचाव तथा अक्षमता से बचाव करना है। किसी भी अन्य चिकित्सीय उपचार की तरह के प्रबंधन में उपयोग की गयी दवाओं के बहुत सारे [[adverse effect (medicine)|विपरीत प्रभाव]] होते हैं। समर्थक साक्ष्यों के अभाव के बावजूद, कुछ लोग [[Alternative medicine|वैकल्पिक उपचार]] करते हैं।


===गंभीर दौरे ===
सहायक, तुलनीय, बार-बार दुहराए जाने वाले वैज्ञानिक अध्ययन की कमी के बावजूद अधिकांश जीर्ण रोगों के सामान ही, कुछ मरीजों द्वारा वैकल्पिक उपचार अपनाए जाते हैं. इसके उदाहरण हैं आहारविधान, जड़ी-बूटी संबंधी (हर्बल) चिकित्सा, जिसमें शामिल हैं चिकित्सात्मक भांग, और अतिघनीय ऑक्सीकरण.
लाक्षणिक दौरों के दौरान, [[मेथिलप्रीनिसोलोन]] जैसे [[intravenous therapy|अंतःशिरीय]][[कार्टिकॉस्टरॉएड]] की बड़ी खुराकें एक सामान्य उपचार है,<ref name="pmid18970977"/>जिसमें से मौखिक कार्टिकॉस्टरॉएड की समान प्रभावकारिता और सुरक्षा प्रोफाइल दिखती है।<ref>{{cite cochrane|last=Burton|first=JM|coauthors=O'Connor, PW; Hohol, M; Beyene, J|title=Oral versus intravenous steroids for treatment of relapses in multiple sclerosis.|journal=Cochrane database of systematic reviews (Online)|date=2012 Dec 12|issue=12|review=CD006921|pmid=23235634}}</ref> हालांकि लक्षणों को आराम देने के लिये ये सामान्यतया प्रभावी रहती है लेकिन कार्टिकॉस्टरॉएड उपचार का दीर्घ अवधि में सुधार पर कोई महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं दिखता है।<ref name="RCOP_acute">{{cite book|first=The National Collaborating Centre for Chronic Conditions|title=Multiple sclerosis : national clinical guideline for diagnosis and management in primary and secondary care|year=2004|publisher=Royal College of Physicians|location=London|isbn=1-86016-182-0|pages=54–57|url=http://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK48919/pdf/TOC.pdf|accessdate=6 February 2013|format=pdf|pmid=21290636}}</ref> कार्टिकॉस्टरॉएड से उपचार के बावजूद होने वाले बहुत सारे दौरों के परिणामों का उपचार [[प्लास्माफेरेसिस]] से किया जा सकता है।<ref name="pmid18970977"/>


===रोग-सुधार उपचार ===
== पूर्वानुमान ==
====बार-बार होने तथा मुक्त होने वाला मल्टीपल स्कलेरोसिस ====
[[चित्र:Multiple sclerosis world map - DALY - WHO2002.svg|thumb|2002 में मल्टिपल स्क्लेरोसिस के लिए प्रति 100,000 निवासी विकलांगता-समायोजित जीवन वर्ष [184] [185] [186] [187] [188] 189 [190] [191] [192] [193] [194] [195] [196]]]
बार-बार होने तथा मुक्त होने वाले मल्टीपल स्कलेरोसिस के लिये विनियामक एजेंसियों द्वारा आठ रोग-सुधार उपचारों का अनुमोदन किया गया है जिनमें [[इंटरफेरॉन बीटा -1ए]], [[इंटरफेरॉन बीटा -1बी]], [[ग्लेटिरामेर एसीटेट]], [[मिटोक्सेन्ट्रोन]], [[नेटलाइज़मब]], [[फिंगोलिमोड]], <ref name=He2012/> [[टेरिफ्लूनोमाइड]]<ref name=Aubagio>{{cite press release|url=http://www.fda.gov/NewsEvents/Newsroom/PressAnnouncements/ucm319277.htm |title=FDA approves new multiple sclerosis treatment Aubagio |publisher=US FDA|date=2012-09-12|accessdate=2013-01-21}}</ref> तथा [[डाईमेथिल फ्यूमरेट]] शामिल हैं। <ref name=fumarate>{{cite press release|url=http://www.biogenidec.com/press_release_details.aspx?ID=5981&ReqId=1801165|title=Biogen Idec’s TECFIDERA™ (Dimethyl Fumarate) Approved in US as a First-Line Oral Treatment for Multiple Sclerosis|publisher=Biogen Idec |date=2013-03-27|accessdate=2013-06-04}}</ref> 2012 तक इनकी लागत प्रभावकारिता अस्पष्ट है।<ref>{{cite journal|last=Manouchehrinia|first=A|coauthors=Constantinescu, CS|title=Cost-effectiveness of disease-modifying therapies in multiple sclerosis.|journal=Current neurology and neuroscience reports|date=2012 Oct|volume=12|issue=5|pages=592–600|pmid=22782520}}</ref>


RRMS में ये दौरों की संख्या घटाने में औसत रूप से प्रभावी है।<ref name=He2012>{{cite journal|last=He|first=D|coauthors=Xu, Z; Dong, S; Zhang, H; Zhou, H; Wang, L; Zhang, S|title=Teriflunomide for multiple sclerosis|journal=Cochrane database of systematic reviews (Online)|date=2012 Dec 12|volume=12|pages=CD009882|pmid=23235682|doi=10.1002/14651858.CD009882.pub2|editor1-last=Zhou|editor1-first=Hongyu}}</ref> इंटरफेरॉन तथा ग्लाटिरामेर प्रथम पंक्ति उपचार हैं <ref name=Tsang2011>{{cite journal|last=Tsang|first=BK|coauthors=Macdonell, R|title=Multiple sclerosis- diagnosis, management and prognosis.|journal=Australian family physician|date=2011 Dec|volume=40|issue=12|pages=948–55|pmid=22146321}}</ref> और मोटे तौर पर बराबर ही हैं, इनसे पुनरावर्तन में लगभग 30 प्रतिशत तक कमी देखी गयी है।<ref name=Hassan2011>{{cite journal|last=Hassan-Smith|first=G|coauthors=Douglas, MR|title=Management and prognosis of multiple sclerosis.|journal=British journal of hospital medicine (London, England : 2005)|date=2011 Nov|volume=72|issue=11|pages=M174-6|pmid=22082979}}</ref> शीघ्र शुरु किया गया दीर्घावधि उपचार सुरक्षित है तथा बेहतर परिणाम देता है।<ref name="pmid21205679">{{cite journal|author=Freedman MS |title=Long-term follow-up of clinical trials of multiple sclerosis therapies|journal=Neurology |volume=76 |issue=1 Suppl 1 |pages=S26–34|year=2011|month=January |pmid=21205679|doi=10.1212/WNL.0b013e318205051d |url=}}</ref><ref name="pmid22284996">{{cite journal|author=Qizilbash N, Mendez I, Sanchez-de la Rosa R |title=Benefit-risk analysis of glatiramer acetate for relapsing-remitting and clinically isolated syndrome multiple sclerosis|journal=Clin Ther|volume=34|issue=1 |pages=159–176.e5 |year=2012 |month=January|pmid=22284996|doi=10.1016/j.clinthera.2011.12.006|url=}}</ref> नेटलाइज़मब पुनरावर्तन की दरों को कम करने में प्रथम पंक्ति एजेंटों से अधिक प्रभावी है; हालांकि दुष्परिणामों के कारण इसे द्वितीय पंक्ति उपचार माना जाता है तथा उनके लिये उपयोग किया जाता है जिनमें कोई अन्य उपचार लाभ न देता हो <ref name=Tsang2011/> या रोग गंभीर हो।<ref name=Hassan2011/> दुष्परिणामों के कारण मिटोक्सेन्ट्रोन, जिसका कि उपयोग सीमित है, उन लोगों के लिये एक तृतीय पंक्ति उपचार माना जाता है जिनमें कोई अन्य उपचार लाभ न देता हो।<ref name=Tsang2011/> [[इंटरफेरॉन]] से चिकित्सीय पृथक सिन्ड्रोम (CIS) का उपचार करने से चिकित्सीय MS की ओर बढ़ने का अवसर कम हो जाता है।<ref name="pmid18970977"/><ref name="pmid21205678">{{cite journal |author=Bates D |title=Treatment effects of immunomodulatory therapies at different stages of multiple sclerosis in short-term trials|journal=Neurology |volume=76 |issue=1 Suppl 1|pages=S14–25 |year=2011 |month=January |pmid=21205678|doi=10.1212/WNL.0b013e3182050388 |url=}}</ref> बच्चों में इंटरफेरॉन तथा ग्लाटिरामेर की प्रभावकारिता को मोटे तौर पर वयस्कों के तुल्य पाया गया है।<ref name="pmid22642799">{{cite journal|author=Johnston J, So TY|title=First-line disease-modifying therapies in paediatric multiple sclerosis: a comprehensive overview|journal=Drugs |volume=72 |issue=9 |pages=1195–211 |year=2012|month=June|pmid=22642799|doi=10.2165/11634010-000000000-00000 |url=}}</ref> फिन्गोलिमोड, टेरिफ्लूनोमाइड तथा डाईमेथिल फ्यूमारेट जैसे नये एजेंटों की भूमिका 2011 तक पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हुई है।<ref>{{cite journal |author=Killestein J, Rudick RA, Polman CH |title=Oral treatment for multiple sclerosis |journal=Lancet Neurol |volume=10 |issue=11 |pages=1026–34 |year=2011 |month=November|pmid=22014437 |doi=10.1016/S1474-4422(11)70228-9 |url=}}</ref>
मल्टिपल स्क्लेरोसिस से प्रभावित किसी व्यक्ति के लिए पूर्वानुमान (भविष्य में बीमारी की संभावित स्थिति) बीमारी के उपस्वरूप; व्यक्ति के लिंग, आयु, और प्रारंभिक लक्षण; और व्यक्ति द्वारा अनुभव की जाने वाली विकलांगता की मात्रा पर निर्भर करता है. यह बीमारी दशकों में विकसित होगा और आगे बढेगा, बीमारी के आरंभ होने के समय से लेकर 30 वर्ष की आयु मृत्यु की माध्य आयु है.
महिला लिंग, बीमारी का पुनरावर्तन-कमी संबंधी उप स्वरूप, नेत्र-तंत्रिकाशोथ या शुरुआत में संवेदी लक्षण, आरंभिक वर्षों में कुछ हमले (दौरे) और विशेष रूप से शुरू में कम उम्र में, एक बेहतर क्रम के साथ जुड़े हुए हैं.


====क्रमिक मल्टिपल स्क्लेरोसिस====
एम्एस से प्रभावित लोगों की आयु-सीमा अप्रभावित लोगों की तुलना में 5 से 10 वर्ष कम है. लगभग 40% मरीज जीवन के सातवें दशक तक पहुंचते हैं. फिर भी, एम्एस से प्रभावित दो तिहाई मृत्युएं प्रत्यक्ष रूप से बीमारी के परिणामों से संबंधित है. एक स्वस्थ जनसंख्या की तुलना में आत्महत्या भी मौत का अधिक महत्वपूर्ण जोखिम है, जबकि संक्रमण और जटिलताएं अधिक विकलांग लोगों के लिए विशेष रूप से खतरनाक हैं.
किसी भी उपचार से प्राथमिक क्रमिक MS के प्रवाह पर कोई परिवर्तन नहीं दिखा है<ref name=Tsang2011/> तथा 2011 तक केवल मिटोक्सेन्ट्रोन को द्वितीयक क्रमिक MS के लिये अनुमोदित किया गया है।<ref>{{cite book |author=Kellerman, Rick D.; Edward N. Hanley Jr MD |title=Conn's Current Therapy 2012: Expert Consult - Online and Print |publisher=Saunders |location=Philadelphia |year=2011 |pages=627|isbn=1-4557-0738-4 |url=http://books.google.ca/books?id=pyKjGU5JdqQC&pg=PT662}}</ref> इस जनसंख्या परख साक्ष्य में मिटोक्सेन्ट्रोन रोग की वृद्धि का कम होना दिखता है तथा दो वर्षों में बार-बार होने की दर कम होती है।<ref name=CochMit2013>{{cite journal|last=Martinelli Boneschi|first=F|coauthors=Vacchi, L; Rovaris, M; Capra, R; Comi, G|title=Mitoxantrone for multiple sclerosis.|journal=Cochrane database of systematic reviews (Online)|date=2013 May 31|volume=5|pages=CD002127|pmid=23728638}}</ref><ref>{{cite journal|last=Marriott|first=JJ|coauthors=Miyasaki, JM; Gronseth, G; O'Connor, PW; Therapeutics and Technology Assessment Subcommittee of the American Academy of, Neurology|title=Evidence Report: The efficacy and safety of mitoxantrone (Novantrone) in the treatment of multiple sclerosis: Report of the Therapeutics and Technology Assessment Subcommittee of the American Academy of Neurology.|journal=Neurology|date=2010 May 4|volume=74|issue=18|pages=1463–70|pmid=20439849}}</ref>
हालांकि अधिकांश मरीज मृत्यु से पहले चलने की क्षमता खो देते हैं, 90% मरीज बीमारी के शुरू होने से 10 वर्ष तक अब भी स्वतंत्र रूप से चलने में सक्षम होते हैं, और 75% मरीज 15 वर्षों तक.


====विपरीत प्रभाव ====
== महामारी विज्ञान ==
[[File:Copaxone Injection Site Reaction.JPG|thumb|ग्लेटिरामेर एसीटेट के इंजेक्शन के बाद उत्तेजना वाला क्षेत्र।]]
महामारी विज्ञान के अध्ययनों में दो प्रमुख उपायों का प्रयोग किया जाता है: आघटन और व्यापकता. आघटन किसी समय प्रति व्यक्ति इकाई-जोखिम में नए मामलों की संख्या (सामान्य रूप से वर्षों के दौरान प्रति हजार व्यक्ति नए मामलों की संख्या) है; जबकि व्यापकता एक दिए हुए समय में आबादी में बीमारी के मामलों की कुल संख्या है.
रोग सुधार उपचार के कई विपरीत प्रभाव हैं। ग्लेटिरामेर एसीटेट तथा इंटरफेरॉन के इंजेक्शन के क्षेत्र में होने वाली उत्तेजना इनमें सबसे आम है (त्वचा के नीचे लगाये जाने वाले इंजेक्शनों में 90 प्रतिशत तक तथा अंतःशिरीय इंजेक्शनों में 33 प्रतिशत तक)।<ref name=Balak2012>{{cite journal|last=Balak|first=DM|coauthors=Hengstman, GJ; Çakmak, A; Thio, HB|title=Cutaneous adverse events associated with disease-modifying treatment in multiple sclerosis: a systematic review.|journal=Multiple sclerosis (Houndmills, Basingstoke, England)|date=2012 Dec|volume=18|issue=12|pages=1705–17|pmid=22371220}}</ref> समय के साथ, इंजेक्शन वाली जगह पर [[लिपोट्रॉफी]] के नाम से जाना जाने वाला, वसा ऊतकों के स्थानीय क्षरण के कारण एक दृष्य उभार विकसित हो सकता है।<ref name=Balak2012/> इंटरफेरॉन के कारण [[फ्लू जैसे लक्षण]] पैदा हो सकते हैं;<ref name="pmid17131933">{{cite journal|author=Sládková T, Kostolanský F |title=The role of cytokines in the immune response to influenza A virus infection |journal=Acta Virol. |volume=50 |issue=3 |pages=151–62 |year=2006 |pmid=17131933}}</ref> ग्लेटिरामेर लेने वाले कुछ लोगों को इंजेक्शन के बाद निस्तब्धता, सीने में जकड़न, सांस लेने में तकलीफ और घबराहट जैसी प्रतिक्रियाएं हो सकती हैं जो 30 से कम मिनट कर बनी रह सकती हैं।<ref name="pmid14974077">{{cite journal |author=Munari L, Lovati R, Boiko A|editor1-last=Munari |editor1-first=Luca M. |title=Therapy with glatiramer acetate for multiple sclerosis |journal=Cochrane database of systematic reviews (Online) |issue=1 |pages=CD004678 |year=2004|pmid=14974077 |doi=10.1002/14651858.CD004678}}</ref> इंटरफेरॉन से सबसे खतरनाक लेकिन बेहद कम होने वाली समस्याओ में [[hepatotoxicity|यकृत क्षति]] तथा<ref name="pmid15592724">{{cite journal|author=Tremlett H, Oger J |title=Hepatic injury, liver monitoring and the beta-interferons for multiple sclerosis |journal=J. Neurol. |volume=251 |issue=11 |pages=1297–303 |year=2004 |month=November|pmid=15592724 |doi=10.1007/s00415-004-0619-5 }}</ref> मिटोक्सेन्ट्रोन के कारण [[सिस्टोलिक शिथिलता]] (12%), [[बांझपन]] तथा [[गंभीर माएलॉएड ल्यूकेमिया]] (0.8%),<ref name=CochMit2013/><ref name="pmid19882365">{{cite journal |author=Comi G |title=Treatment of multiple sclerosis: role of natalizumab |journal=Neurol. Sci. |volume=Suppl 2 |issue= S2|pages=S155–8 |series=30|year=2009|month=October |pmid=19882365 |doi=10.1007/s10072-009-0147-2 }}</ref> तथा नेटलाइज़मब के साथ [[प्रोग्रेसिव मल्टीफोकल ल्यूकोइंसेफलोपैथी]] (उपचार दिये गये 600 लोगों में से 1 में होता है) शामिल है।<ref name=Tsang2011/><ref>{{cite journal|last=Hunt|first=D|coauthors=Giovannoni, G|title=Natalizumab-associated progressive multifocal leucoencephalopathy: a practical approach to risk profiling and monitoring.|journal=Practical neurology|date=2012 Feb|volume=12|issue=1|pages=25–35|pmid=22258169}}</ref>
व्यापकता न केवल आघटन पर, बल्कि प्रभावित लोगों की उत्तरजीविता दर और प्रवासों पर भी निर्भरता के लिए जाना जाता है. एम्एस की व्यापकता जो प्रति 100,000 में 2 से 150 के बीच होती है और देश या विशिष्ट जनसंख्या पर निर्भर करती है.
महामारी विज्ञान के उपायों से संबंधित जनसंख्या और भौगोलिक स्वरूपों के अध्ययन एम्एस में बहुत आम बात रही हैं, और इसने विभिन्न निदान-संबंधी (कारण संबंधी) सिद्धांतों के प्रस्ताव को जन्म दिया है.


फिंगोलिमोड से [[उच्चरक्तचाप]] तथा [[मंदस्पंदन]], [[आँख की मैक्यूला का शोफ]], से उन्नत यकृत एंज़ाइम या [[lymphopenia|लिंफोसाइट स्तरों में कमीं]] हो सकती है। <ref name="pmid22014437">{{cite journal|author=Killestein J, Rudick RA, Polman CH |title=Oral treatment for multiple sclerosis |journal=Lancet Neurol |volume=10 |issue=11 |pages=1026–34 |year=2011 |month=November |pmid=22014437|doi=10.1016/S1474-4422(11)70228-9 |url=}}</ref> अपुष्ट साक्ष्य टेरीफ्लूनोमाइड की लघु अवधि सुरक्षा का समर्थन करते हैं इसके आम विपरीत प्रभावों में सिरदर्द, थकान, मिचली, बालों का झड़ना तथा अंगों में दर्द का होना शामिल हैं।<ref name=He2012/> इसके उपयोग के साथ यकृत विफलता तथा PML की रिपोर्ट भी मिली हैं तथा यह [[Teratology|भ्रूण के विकास के लिये खतरनाक]] है। <ref name="pmid22014437"/> डाईमेथिल फ्यूमरेट के सबसे आम विपरीत प्रभाव निस्तब्धता तथा जठरांत्रीय समस्याएं हैं।<ref name=fumarate/><ref name="pmid22014437"/> जबकि डाईमेथिल फ्यूमरेट के कारण [[neutropenia|श्वेत रक्त कणिकाओं की संख्या में कमीं]] हो सकती है फिर भी परीक्षणों के दौरान अवसरवादी संक्रमणों की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है।<ref name=fumarateNDA>{{cite web |title=NDA 204063 - FDA Approved Labeling Text|url=http://www.accessdata.fda.gov/drugsatfda_docs/label/2013/204063lbl.pdf |date=27 March 2013|accessdate=5 April 2013 |publisher=US Food and Drug Agency }}<br>{{cite web |title=NDA Approval|date=27 March 2013|url=http://www.accessdata.fda.gov/drugsatfda_docs/appletter/2013/204063Orig1s000ltr.pdf |accessdate=5 April 2013 |publisher=US Food and Drug Agency }}</ref><ref name="pmid22224673"/>
[[चित्र:Lapland Mother NGM-v31-p556.jpg|thumb|सैमी जैसे प्रजातीय समूहों में संभवतः आनुवंशिक कारणों की वजह से एम्एस की निम्न घटना होती है.]]
एम्एस आम तौर पर वयस्कों में उनके तीस के दशक में दिखाई देता है लेकिन यह बच्चों में भी दिखाई पद सकता है. प्राथमिक तेजी से फैलाने वाला उप स्वरूप लोगों में उनके पचास के दशक में अधिक आम बात है. जैसा कि कई स्व प्रतिरक्षी विकार के साथ होता है, यह बीमारी महिलाओं में ज्यादा आम है, और यह बढ़ती प्रवृत्ति बढाती जा सकती है. बच्चों में लिंग अनुपात का अंतर उच्च होता है, जबकि पचास से वर्ष कि उम्र के लोगों में, एम्एस पुरुषों और महिलाओं को सामान रूप से प्रभावित करता है.


===संबंधित लक्षण===
उत्तरी गोलार्द्ध में उत्तर से दक्षिण की ओर ढ़ाल होता है और दक्षिणी गोलार्द्ध में दक्षिण से उत्तर कि ओर ढ़ाल होता है, जिसमें विषुवत रेखा के पास रहने वाले लोगों के लिए एम्एस होना थोड़ा बहुत आम बात होता है. जलवायु, धूप और विटामिन डी का बीमारी के संभावित कारणों के रूप में जांच की गयी है जो इस अक्षांश के ढाल को बता सकता है. हालांकि, समय के साथ उत्तर-दक्षिण स्वरूप और प्रचलन की दरों के महत्वपूर्ण अपवाद हैं, सामान्य रूप से, यह प्रवृत्ति गायब हो सकती है. यह इंगित करता है कि एम्एस की उतपत्ति की व्याख्या करने के लिए पर्यावरण या आनुवंशिकी जैसे अन्य कारकों को ध्यान में रखा जाना चाहिए. उत्तरी यूरोप आबादी वाले प्रदेशों में भी एम्एस बहुत आम बात है. लेकिन जिन प्रदेशों में एम्एस आम बात है वहां भी कुछ प्रजातीय समूहों में इस बीमारी के विकसित होने का कम खतरा होता है, जिसमें सिमी, तुर्कमेन, ऐमेरेन्डियन्स, कनाडियाई हट्टेराइट्स, अफ्रीका वासी, और न्यूजीलैंड माओरी शामिल हैं.
दवाओं तथा [[तंत्रिका पुनर्वास]] दोनो के माध्यम से कुछ लक्षणों में सुधार देखा गया है, हालांकि दोनो ही रोग के प्रवाह को परिवर्तित नहीं करते हैं।<ref name="pmid16168933">{{cite journal |author=Kesselring J, Beer S|title=Symptomatic therapy and neurorehabilitation in multiple sclerosis |journal=Lancet Neurol|volume=4 |issue=10 |pages=643–52 |year=2005 |month=October |pmid=16168933|doi=10.1016/S1474-4422(05)70193-9 |url=}}</ref> कुछ लक्षण दवाओं के प्रति कुछ अच्छी प्रतिक्रिया प्रदर्शित करते हैं जैसे कि अस्थिर मूत्राशय या असमर्थता, जबकि कुछ में परिवर्तन बेहद कम होता है।<ref name="pmid18970977"/> तंत्रिका संबंधी समस्याओं के लिये जीवन की गुणवत्ता को बेहतर करने के लिये एक [[बहु-विषयक]] दृष्टिकोण महत्वपूर्ण है; हालांकि किसी ‘मुख्य टीम’ को निर्दिष्ट कर पाना कठिन है क्योंकि विभिन्न समयों पर विभिन्न स्वास्थ्य सेवाओं की आवश्यकता पड़ सकती है। <ref name="pmid18970977"/> बहु-विषयक पुनर्वास कार्यक्रम MS के साथ लोगों की गतिविधि तथा सहभागिता को बढ़ाते हैं लेकिन हानि के स्तर को प्रभावित नहीं करते हैं।<ref name="pmid17443610">{{cite journal |author=Khan F, Turner-Stokes L, Ng L, Kilpatrick T|editor1-last=Khan |editor1-first=Fary |title=Multidisciplinary rehabilitation for adults with multiple sclerosis |journal=Cochrane Database Syst Rev |issue=2 |pages=CD006036 |year=2007 |pmid=17443610|doi=10.1002/14651858.CD006036.pub2 }}</ref> एकल उपचार विषयों की समग्र प्रभावकारिता पर सीमित साक्ष्य उपलब्ध हैं, <ref name="pmid15859525">{{cite journal |author=Steultjens EM, Dekker J, Bouter LM, Leemrijse CJ, van den Ende CH |title=Evidence of the efficacy of occupational therapy in different conditions: an overview of systematic reviews |journal=Clinical rehabilitation|volume=19 |issue=3 |pages=247–54 |year=2005 |pmid=15859525 |doi=10.1191/0269215505cr870oa}}</ref><ref name="pmid15859525"/><ref name="pmid12917976">{{cite journal |author=Steultjens EM, Dekker J, Bouter LM, Cardol M, Van de Nes JC, Van den Ende CH |title=Occupational therapy for multiple sclerosis|journal=Cochrane database of systematic reviews (Online) |volume= |issue=3 |pages=CD003608 |year=2003|pmid=12917976 |doi=10.1002/14651858.CD003608 |editor1-last=Steultjens |editor1-first=Esther EMJ}}</ref> हालांकि इस बात के काफी साक्ष्य हैं कि विशिष्ट दृष्टिकोण जैसे कि व्यायाम, <ref name="pmid17482708">{{cite journal |author=Gallien P, Nicolas B, Robineau S, Pétrilli S, Houedakor J, Durufle A |title=Physical training and multiple sclerosis |journal=Ann Readapt Med Phys |volume=50|issue=6 |pages=373–6, 369–72 |year=2007 |pmid=17482708|doi=10.1016/j.annrmp.2007.04.004}}</ref><ref>{{cite journal |author=Rietberg MB, Brooks D, Uitdehaag BMJ, Kwakkel G |title=Exercise therapy for multiple sclerosis |journal=Cochrane Database of Systematic Reviews |issue=1 |pages=CD003980 |year=2005 |pmid=15674920 |doi=10.1002/14651858.CD003980.pub2|editor1-last=Kwakkel |editor1-first=Gert}}</ref> तथा मनोविज्ञान उपचार, विशेष रूप से [[cognitive behavioral therapy|संज्ञानात्मक व्यवहार संबंधी दृष्टिकोण]] प्रभावी हैं।<ref>{{cite journal |author=Thomas PW, Thomas S, Hillier C, Galvin K, Baker R|title=Psychological interventions for multiple sclerosis|journal=Cochrane Database of Systematic Reviews |issue=1 |pages=CD004431 |year=2006|pmid=16437487|doi=10.1002/14651858.CD004431.pub2 |editor1-last=Thomas |editor1-first=Peter W}}</ref>


===वैकल्पिक उपचार===
बचपन के दौरान पर्यावरण संबंधी कारक उत्तराकालिक जीवन में एम्एस के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं. प्रवासियों के कई अध्ययनों से पता चलता है कि अगर प्रवास 15 साल की उम्र से पहले होता है, प्रवासी को नए प्रदेश के एम्एस की अतिसंवेदानाशिलता प्रभावित कराती है. यदि प्रवास 15 की उम्र के बाद होता है, प्रवासी अपने स्वदेश की अतिसंवेदनशीलता बनाए रखता है| हालांकि, मल्टिपल स्क्लेरोसिस के विकसित होने के जोखिम की उम्र एक बड़े समय-मान में फैल सकती है| जन्म के मौसम और एम्एस के बीच भी एक संबंध पाया गया है जो सूर्य के प्रकाश और विटामिन डी के संबंध का समर्थन करता है| उदाहरण के लिए, एम्एस से प्रभावित बहुत कम लोगों का जन्म मई की तुलना में नवम्बर में हुआ है.
50% से अधिक लोग [[मुफ्त तथा वैकल्पिक दवाएं]] उपयोग कर सकते हैं हालांकि यह प्रतिशत इस बात पर निर्भर करता तथा बदलता है कि वैकल्पिक दवाओं को किस प्रकार परिभाषित किया जा रहा है।<ref name="pmid16420779">{{cite journal|author=Huntley A |title=A review of the evidence for efficacy of complementary and alternative medicines in MS |journal=Int MS J |volume=13 |issue=1 |pages=5–12, 4 |year=2006 |month=January|pmid=16420779 |doi= |url=}}</ref> अधिकतर मामलों में प्रभावशीलता से संबंधित साक्ष्य कमजोर या अनुपस्थित हैं। <ref name="pmid16420779"/><ref name="pmid19222053">{{cite journal |author=Olsen SA|title=A review of complementary and alternative medicine (CAM) by people with multiple sclerosis|journal=Occup Ther Int |volume=16 |issue=1 |pages=57–70 |year=2009 |pmid=19222053 |doi=10.1002/oti.266}}</ref> जबकि इस बात के कुछ साक्ष्य हैं कि विटामिन डी प्रभावकारी हो सकता है, लेकिन निश्चित परिणामों के लिये साक्ष्य अपर्याप्त हैं।<ref>{{cite journal|last=Jagannath|first=VA|coauthors=Fedorowicz, Z; Asokan, GV; Robak, EW; Whamond, L|title=Vitamin D for the management of multiple sclerosis.|journal=Cochrane database of systematic reviews (Online)|date=2010 Dec 8|issue=12|pages=CD008422|pmid=21154396}}</ref> MS से पीड़ित लोगों द्वारा असिद्ध लाभों वाले उपचारों में अनुपूरक आहार तथा पथ्य जैसे कि <ref name="pmid16420779"/><ref name="pmid17253500">{{cite journal |author=Farinotti M, Simi S, Di Pietrantonj C, ''et al.'' |editor1-last=Farinotti |editor1-first=Mariangela |title=Dietary interventions for multiple sclerosis |journal=Cochrane database of systematic reviews (Online) |issue=1|pages=CD004192 |year=2007 |pmid=17253500 |doi=10.1002/14651858.CD004192.pub2}}</ref><ref name="pmid21965673">{{cite journal |author=Grigorian A, Araujo L, Naidu NN, Place DJ, Choudhury B, Demetriou M. |title=N-acetylglucosamine inhibits T-helper 1 (Th1)/T-helper 17 (Th17) cell responses and treats experimental autoimmune encephalomyelitis. |journal=J Biol Chem |year=2011 |month=September|pmid=21965673 |doi=10.1074/jbc.M111.277814. Epub 2011 Sep 29. |url=}}</ref>[[योग]] जैसी [[तनावमुक्ति तकनीकें]], <ref name="pmid16420779"/> [[जड़ी बूटियां]] ([[औषधीय भांग]] भी),<ref name="pmid16420779"/><ref>{{cite journal |author=Chong MS, Wolff K, Wise K, Tanton C, Winstock A, Silber E |title=Cannabis use in patients with multiple sclerosis |journal=Mult. Scler. |volume=12|issue=5 |pages=646–51 |year=2006 |pmid=17086912 |doi=10.1177/1352458506070947}}</ref> [[अति सघन ऑक्सीजन उपचार]],<ref name="pmid14974004">{{cite journal |author=Bennett M, Heard R|editor1-last=Bennett |editor1-first=Michael H |title=Hyperbaric oxygen therapy for multiple sclerosis|journal=Cochrane database of systematic reviews (Online) |issue=1 |pages=CD003057 |year=2004|pmid=14974004 |doi=10.1002/14651858.CD003057.pub2}}</ref> [[helminthic therapy|हुकवर्म द्वारा आत्म-संक्रमण]], [[रिफलैक्सोलॉजी]] तथा [[ऐंक्यूपंचर]] शामिल हैं।<ref name="pmid16420779"/><ref>{{cite news | first=Tim| last=Adams | title=Gut instinct: the miracle of the parasitic hookworm |url=http://www.guardian.co.uk/lifeandstyle/2010/may/23/parasitic-hookworm-jasper-lawrence-tim-adams |newspaper=The Observer | date=23 May 2010 }}</ref> उपयोगकर्ताओं की विशिष्टताओं के संबंध में, इनका उपयोग करने वाली महिलाएं अधिक हैं तथा वे लोग जिनको लंबे समय से MS है, जिनमें अक्षमता अधिक है तथा पारंपरिक स्वास्थ्य सेवाओं से संतुष्टि का स्तर कम है।<ref name="pmid16420779"/>


==रोग का निदान==
== इतिहास ==
[[File:Multiple sclerosis world map - DALY - WHO2004.svg|thumb|2004 में प्रति 1,00,000&nbsp;निवासियों में मल्टीपल स्कलेरोसिस के लिये [[अक्षमता-समायोजित जीवन काल]]
=== चिकित्सकीय संबंधी खोज ===
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[[चित्र:Carswell-Multiple Sclerosis2.jpg|thumb|right|मस्तिष्क स्तंभ (brain stem) और मेरुरज्जु (1838) में एम्एस के घावों का वर्णन करने वाली कार्ल्सवेल की पुस्तक के रेखाचित्र का विवरण.]]
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रोग का संभावित भविष्य प्रवाह रोग के उपप्रकार, पीड़ित के लिंग, उम्र तथा आरंभिक लक्षणों व व्यक्ति की [[अक्षमता]] के स्तर पर निर्भर करता है। <ref name="pmid8017890">{{cite journal|author=Weinshenker BG|title=Natural history of multiple sclerosis|journal=Ann. Neurol.|volume=36|issue=Suppl|pages=S6–11|year=1994|pmid=8017890|doi=10.1002/ana.410360704}}</ref> स्त्रीलिंग, बार-बार होने वाले-मुक्ति उपप्रकार, ऑप्टिक न्यूरिटिस या शुरुआत में तंत्रिका संबंधी लक्षण, आरंभिक वर्षों में कुछ दौरे तथा शुरुआत में विशेष रूप से कम उम्र बेहतर प्रभावों से संबंधित है।<ref name="pmid8017890"/><ref name="pmid3495637">{{cite journal|author=Phadke JG|title=Survival pattern and cause of death in patients with multiple sclerosis: results from an epidemiological survey in north east Scotland |journal=J. Neurol. Neurosurg. Psychiatr. |volume=50 |issue=5 |pages=523–31 |year=1987 |month=May |pmid=3495637 |pmc=1031962|doi=10.1136/jnnp.50.5.523}}</ref>
फ्रांसीसी तन्त्रिका विज्ञानी जीन-मार्टिन चार्कोट (1825-1893) 1868 में मल्टिपल स्क्लेरोसिस की एक विशेष बीमारी के रूप में पहचान करने वाले पहले व्यक्ति थे. पिछली रिपोर्टों का सारांश करते हुये और उसमें अपनी नैदानिक और रोग विषयक अवलोकनों को जोड़ते हुये, चार्कोट ने बीमारी को स्क्लेरोस एन प्लेक्स कहा. एम्एस के तीन संकेत जिसे अब चार्कोट का त्रिक 1 कहा जाता है वे हैं नेत्रकम्प, ऐच्छिक कम्प, और तार द्वारा प्रेषित भाषा, यद्यपि ये सब एम्एस के लिए अनोखे नहीं हैं. अपने मरीजों का वर्णन एक "विशिष्ट स्मृति के क्षीणकरण" वाले मरीज और "धीरे-धीरे उत्पन्न होने वाली अवधारणाओं" के रूप में करते हुए चार्कोट ने ज्ञान संबंधी परिवर्तनों को भी अवलोकित किया.


शुरुआत के बाद औसत जीवन संभाव्यता 30 वर्ष है जो अप्रभावित व्यक्ति से 5 से 10 वर्ष कम है।<ref name="pmid18970977"/> MS से पीड़ित लगभग 40 प्रतिशत लोग अपने जीवन के सातवें दशक तक जीवित रहते हैं।<ref name="pmid3495637"/> बावजूद इसके दो तिहाई मौतें इस रोग के परिणामों से सीधे तौर पर जुड़ी होती हैं।<ref name="pmid18970977"/> [[आत्महत्या]] अधिक आम है जबकि संक्रमण तथा अन्य जटिलताएं अधिक अक्षम लोगों के लिये विशेष रूप से खतरनाक हैं।<ref name="pmid18970977"/> हालांकि अधिकांश लोग मृत्यु से पहले चलने की क्षमता खो देते हैं, 90 प्रतिशत लोग रोग की शुरुआत से 10 वर्षों तक स्वतंत्र रूप से चल सकते हैं और 75 प्रतिशत 15 वर्षों तक।<ref name="pmid3495637"/><ref name="pmid11321195">{{cite journal|author=Myhr KM, Riise T, Vedeler C, ''et al''|title=Disability and prognosis in multiple sclerosis: demographic and clinical variables important for the ability to walk and awarding of disability pension|journal=Mult. Scler.|volume=7|issue=1|pages=59–65|year=2001|month=February|pmid=11321195}}</ref>
चार्कोट के पूर्व, रोग विज्ञान के ब्रिटिश प्राध्यापक रॉबर्ट कार्सवेल (1793-1857), और रोग विषयक शरीर रचना विज्ञान के प्राध्यापक, जीन क्रूवेइलियर (1791-1873) ने बीमारी के कई नैदानिक विवरणों का वर्णन और व्याख्या की थी, लेकिन उन्होंने इसकी पहचान एक अलग बीमारी के रूप में नहीं की. विशेष रूप से, कार्सवेल ने पाए गए चोटों का वर्णन " शोष के साथ मेरु रज्जु के एक विलक्षण घाव" के रूप में किया.


==महामारी - विज्ञान==
चार्कोट के वर्णन के बाद, यूजीन डेविक (1858-1930), जोज्सेफ़ बैलो (1895-1979), पॉल फर्डिनेंड स्किलडर (1886-1940), और ओट्टो मारबर्ग (1874-1948) ने रोग के विशेष मामलों का वर्णन किया. 1955 तक बीमारी को इसका वर्त्तमान नाम नहीं मिला. सम्पूर्ण 20 वीं शताब्दी के दौरान एम्एस के कारण और रोगजनन के सिद्धांतों के संबंध में एक महत्वपूर्ण विकास हुआ, जबकि 1990 में प्रभावोत्पादक इलाज शुरू होने लगे.
2010 में पूरे विश्व में MS से पीड़ित लोगों की संख्या 2-2.5&nbsp;मिलियन (लगभग 1,00,000 में 30 लोग) हैं जिसकी दर विभिन्न क्षेत्रों में भिन्न-भिन्न होती है।<ref name=Atlas2008>{{cite book |author=World Health Organization |title=Atlas: Multiple Sclerosis Resources in the World 2008 |publisher=World Health Organization |location=Geneva |year=2008 |pages=15-16|isbn=92-4-156375-3|url=http://whqlibdoc.who.int/publications/2008/9789241563758_eng.pdf}}</ref><ref name=Milo2010>{{cite journal |author=Milo R, Kahana E |title=Multiple sclerosis: geoepidemiology, genetics and the environment |journal=Autoimmun Rev |volume=9 |issue=5 |pages=A387–94 |year=2010|month=March |pmid=19932200 |doi=10.1016/j.autrev.2009.11.010 |url=}}</ref> अनुमान है कि प्रति वर्ष इस रोग से लगभग 18,000 मौतें होती हैं।<ref name=Loz2012>{{cite journal|last=Lozano|first=R|title=Global and regional mortality from 235 causes of death for 20 age groups in 1990 and 2010: a systematic analysis for the Global Burden of Disease Study 2010.|journal=Lancet|date=2012 Dec 15|volume=380|issue=9859|pages=2095-128|pmid=23245604}}</ref> अफ्रीका में ये दर 0.5 प्रति लाख तथा दक्षिणपूर्व एशिया में यह दर 2.8 प्रति लाख, अमरीका में 8.3 प्रति लाख था यूरोप में 80 प्रति लाख है।<ref name=Atlas2008/> उत्तर यूरोपीय क्षेत्रों में कुछ जनसंख्याओं में यह दर 200 प्रति लाख है।<ref name=Milo2010/> हर साल नये मामलों के विकास की दर 2.5 प्रति लाख है।<ref name=Atlas2008/>


MS की दर बढ़ती हुई दिख रही है, हालांकि इसको सहज रूप से बेहतर निदान का परिणाम समझा जा सकता है।<ref name=Milo2010/> जनसांख्यिकीय तथा भौगोलिक पैटर्न पर अध्ययन समान रहे हैं <ref name="pmid8269393">{{cite journal|author=Kurtzke JF|title=Epidemiologic evidence for multiple sclerosis as an infection|journal=Clin. Microbiol. Rev.|volume=6|issue=4|pages=382–427|year=1993|month=October|pmid=8269393|pmc=358295|url=http://cmr.asm.org/cgi/pmidlookup?view=long&pmid=8269393|doi=10.1128/CMR.6.4.382}}</ref> तथा कारण के बारे में कई सारे सिद्धांतों को जन्म देते हैं। <ref name="pmid17444504">{{cite journal|author=Ascherio A, Munger KL|title=Environmental risk factors for multiple sclerosis. Part&nbsp;I: the role of infection|journal=Ann. Neurol.|volume=61|issue=4|pages=288–99|year=2007|month=April|pmid=17444504|doi=10.1002/ana.21117}}</ref><ref name="pmid15556803">{{cite journal
=== ऐतिहासिक मामले ===
|author=Marrie RA|title=Environmental risk factors in multiple sclerosis aetiology|journal=Lancet Neurol|volume=3|issue=12|pages=709–18|year=2004|month=December|pmid=15556803|doi=10.1016/S1474-4422(04)00933-0}}</ref><ref name="pmid17492755">{{cite journal|author=Ascherio A, Munger KL|title=Environmental risk factors for multiple sclerosis. Part&nbsp;II: Noninfectious factors|journal=Ann. Neurol.|volume=61|issue=6|pages=504–13|year=2007|month=June|pmid=17492755|doi=10.1002/ana.21141}}</ref>
ऐसे कई लोगों के ऐतिहासिक विवरण हैं जो चार्कोट द्वारा बीमारी का वर्णन किये जाने के पूर्वया ठीक बाद जीवित रहे और संभवतः जिन्हें एम्एस था.


MS आम तौर पर वयस्कों में उनके दूसरे दशक के अंत या तीसरे दशक के आरंभ में दिखना शुरु होता है, बेहद कम मामलों में यह लेकिन बचपन या 50 के बाद शुरु हो सकता है।<ref name=Atlas2008/><ref name=Milo2010/> जीवन के पांचवें दशक में MS से प्रभावित होने वालों में प्राथमिक क्रमिक उपप्रकार अधिक आम है।<ref name="pmid17884680"/> अनेक स्वप्रतिरक्षी विकारों के समान यह रोग महिलाओं में अधिक आम है तथा इसकी प्रवृत्ति बढ़ रही है।<ref name="pmid18970977"/><ref name="pmid18606967">{{cite journal|author=Alonso A, Hernán MA|title=Temporal trends in the incidence of multiple sclerosis: a systematic review|journal=Neurology|volume=71|issue=2|pages=129–35|year=2008|month=July|pmid=18606967|doi=10.1212/01.wnl.0000316802.35974.34}}</ref> 2008 में, वैश्विक रूप से यह पुरुषों की तुलना में महिलाओं में दोगुना आम है।<ref name=Atlas2008/> बच्चों में भी यह लड़कियों में लड़कों की अपेक्षा दुगना होता है,<ref name="pmid18970977"/> जबकि 50 से ऊपर की उम्र वालों में यह पुरुषों तथा महिलाओं को लगभग समान रूप से प्रभावित करता है।<ref name="pmid17884680"/>
हॉलडोरा नामक एक जवान औरत, जो वर्ष 1200 के आसपास रहती थी, ने अचानक अपनी दृष्टि और गतिशीलता खो दी, लेकिन संतों से प्रार्थना के बाद, सात दिनों बाद उन्हें पुनः चंगा पा लिया. शिडैम की संत लिडविना (1380-1433), एक डच सन्यासिन, एम्एस की स्पष्ट रूप से पहचान की जा सकने वाली मरीजों में से एक थी. 16 वर्ष की उम्र से 53 वर्ष में उनकी मृत्यु तक, वे रुक-रुक कर होने वाले दर्द, पैरों की कमजोरी, और दृष्टि क्षमता की क्षति - एम्एस के विशिष्ट लक्षण से पीड़ित रहीं. दोनों मामलों ने बीमारी के प्रसार के लिए एक 'वाइकिंग जीन' के प्रस्ताव की परिकल्पना उत्पन्न की.


==इतिहास==
ससेक्स के ड्यूक, राजकुमार अगस्तस फ्रेडरिक और लेडी अगस्ता मर्रे के पुत्र और यूनाइटेड किंगडम के जॉर्ज तृतीय का पोता, अगस्तस फ्रेडरिक डी एस्ट (1794-1848), लगभग निश्चित रूप से एम्एस से प्रभावित हुआ. डी एस्ट ने 22 साल की बीमारी के साथ रहने के अपने विस्तृत वर्णन का एक डायरी छोड़ दिया. उसकी डायरी 1822 में शुरू हुई और 1846 में समाप्त हो गयी, हालांकि यह 1948 तक अनजान बना रहा. उसके लक्षण 28 वर्ष की उम्र में एक मित्र के अंतिम संस्कार के बाद अचानक क्षणिक दृश्य नुकसान के साथ शुरू हुए. उनकी बीमारी के दौरान, उनके पैरों की कमजोरी, हाथों के भद्दापन, संवेदनशून्यता, चक्कर आना, मूत्राशय की गड़बड़ी, और स्तंभन दोष (erectile dysfunction) बढ़ने लगे. 1844 में, उन्होंने एक व्हीलचेयर का इस्तेमाल शुरू कर दिया. अपनी बीमारी के बावजूद, उन्होंने जीवन के प्रति एक आशावादी दृष्टिकोण रखा.
===चिकित्सीय खोज===
[[Image:Carswell-Multiple Sclerosis2.jpg|thumb|[[मस्तिष्क स्टेम]] तथा [[मेरू रज्जु]] में MS घावों के कार्सवेल के चित्र का विवरण (1838)]]


फ्रांसीसी [[स्नायु विशेषज्ञ]] [[जॉन मार्टिन चारकॉट]] (1825–1893) वे पहले व्यक्ति थे जिन्होने मल्टीपल स्कलेरोसिस को 1868 एक पृथक रोग के रूप में पहचाना था।<ref name="pmid3066846"/> पिछली रिपोर्टों को आधार बना कर तथा अपने चिकित्सीय व रोगात्मक प्रेक्षणों को उसमें जोड़ कर चारकॉट ने रोग को ''sclerose en plaques'' कहा था। [[चारकॉट ट्राएड 1]] के नाम से जाने वाले MS के तीन लक्षण अब [[निस्टेग्मस]], [[इंटेशन ट्रेमर]] तथा [[टेलेग्राफिक स्पीच]] (स्कैनिंग स्पीच), कहे जाते हैं हालांकि ये कि विशिष्ट नहीं हैं। चारकॉट ने संज्ञानात्मक परिवर्तन भी देखे, जिसकी व्याख्या उन्होने अपने रोगियों में “स्मृति में निश्चित गिरावट” तथा “धीरे-धीरे गठित होने वाली धारणाओं” के रूप में की थी।<ref name="Charcot1">{{cite journal |author=Clanet M|title=Jean-Martin Charcot. 1825 to 1893 |journal=Int MS J |volume=15 |issue=2 |pages=59–61 |year=2008|month=June |pmid=18782501 |url= http://www.msforum.net/Site/ViewPDF/ViewPDF.aspx?ArticleID=E80DC748-5048-4BD2-9393-18BCAE0A1514&doctype=Article |format=PDF}}<br />* {{cite journal|author=Charcot, J. |year=1868 |title=Histologie de la sclerose en plaques |journal=Gazette des hopitaux, Paris |volume=41 |pages=554–5 }}</ref>
एम्एस का एक-दूसरा आरंभिक विवरण ब्रिटिश रोज़नामचा रखनेवाले डब्ल्यू.एन.पी. बारबेल्लियन, ब्रुस फ्रेडरिक कन्निंग्स के नॉम-डी-प्लूम (1889-1919) के द्वारा प्रस्तुत किया गया, जिन्होंने उनके निदान और एम्एस से संघर्ष का एक विस्तृत अभिलेख कायम रखा. उसकी डायरी 1919 में दॅ जर्नल ऑफ ए दिसैप्वाइंटेड मैन (The Journal of a Disappointed Man) के रूप में प्रकाशित हुई.


चारकॉट के पहले, [[Robert Carswell (pathologist)|रॉबर्ट कार्सवेल]] (1793–1857), [[पैथॉलॉजी]] के ब्रिटिश प्रोफेसर तथा रोगात्मक शरीर रचना के एक फ्रांसीसी प्रोफेसर [[जीन क्रूवेलहायर]] (1791–1873), ने रोग के कर् चिकित्सीय विवरणों की व्याख्या तथा चित्रण किया था लेकिन इसकी एक पृथक रोग के रूप में पहचान नहीं की थी।<ref name="pmid3066846">{{cite journal|author=Compston A|title=The 150th anniversary of the first depiction of the lesions of multiple sclerosis|journal=J. Neurol. Neurosurg. Psychiatr.|volume=51|issue=10|pages=1249–52|year=1988|month=October|pmid=3066846|pmc=1032909|doi=10.1136/jnnp.51.10.1249}}</ref> विशिष्ट रूप से कार्सवेल ने देखी गयी चोटों की "अपक्षय के साथ साथ रीढ़ की हड्डी का एक उल्लेखनीय घाव" के रूप में व्याख्या की थी।<ref name="pmid18970977"/> सूक्ष्मदर्शी के नीचे, स्विस रोगविज्ञानी [[जॉर्ज एडवर्ड रिन्डफ्लाएश]] (1836–1908) ने 1863 में देखा कि घाव से जुड़ी सूजन रक्त वाहिकाओं में फैल गयी थी। <ref name="pmid10603616">{{cite journal |author=Lassmann H |title=The pathology of multiple sclerosis and its evolution|journal=Philos. Trans. R. Soc. Lond., B, Biol. Sci. |volume=354 |issue=1390 |pages=1635–40 |year=1999|month=October |pmid=10603616 |pmc=1692680 |doi=10.1098/rstb.1999.0508 |url=}}</ref><ref>{{cite journal|author=Lassmann H |date=July 2005 |title=Multiple sclerosis pathology: evolution of pathogenetic concepts |journal=[[Brain Pathology]] |volume=15 |issue=3 |pages=217–22|doi=10.1111/j.1750-3639.2005.tb00523.x |pmid=16196388 }}</ref> 20 वीं सदी में कारण तथा रोगजनक के सिद्धांतों विकसित हुए तथा प्रभावी उपचार 1990 में दिखने शुरु हुए।<ref name="pmid18970977"/>
== अनुसंधान संबंधी निर्देश ==
{{Main|Therapies under investigation for multiple sclerosis}}


===ऐतिहासिक मामले===
=== चिकित्सा ===
[[File:Animal locomotion. Plate 541 (Boston Public Library).jpg|thumb|left|MS से पीड़ित महिला रोगी में चलने की कठिनाइयों पर लोकोमोशन का फोटोग्राफिक अध्ययन,[[मुएब्रिज]]द्वारा 1887 में निर्मित]]
[[चित्र:Alemtuzumab Fab 1CE1.png|thumb|एलेमटुज़ुमैब की रासायनिक संरचना]]
ऐसे बहुत से लोगों के ऐतिहासिक स्पष्टीकरण उपलब्ध हैं जो चारकॉट द्वारा रोग के वर्णन के आसपास जीवित थे और संभवतः जिनको MS रोग था।
अनेक इलाज जो हमलों (दौरों) को कम कर सकते हैं या क्रियाविधि में सुधार ला सकते हैं वे जांच के अधीन हैं. RRएम्एस के उभरते हुए एजेंट जिन्होंने चरण 2 के परीक्षणों में लक्षण दर्शाए हैं उनमें शामिल हैं एलेमटुज़ुमैब (व्यावसायिक नाम कैंपथ), डैक्लीज़ुमैब (व्यावसायिक नाम ज़ेनापैक्स), रितुक्सीमैब, डाइरूकोटाइड, BHT-3009, क्लैड्रीबाइन, डिमिथाईल फ्युमेरेट, एस्ट्रायोल, फिन्गोलिमोड, लैक्विनिमोड, माइनोसाइक्लिन, स्टैटिन्स, टेमसिरोलिमस और टेरिफ्लुनोमाइड. एलेमटुज़ुमैब ने बढ़े हुए स्व प्रतिरक्षी समस्याओं की लागत पर इंटरफेरॉन बीटा-1 की अपेक्षा एम्एस के पुनरावर्तन-कमी विकलांगता में कमी, असामान्यताओं और बीमारी के पुनरावर्तन संबंधी बारंबारता का चित्र प्राप्त करने में बेहतर काम किया. इनमें थ्रॉम्बोसाइटोपेनिक चित्तिता (thrombocytopenic purpura) के तिन मामले शामिल थे जिसने चिकित्सा का स्थगन किया.


हाल्डोरा नाम की एक युवा महिला जो 1200 के आसपास [[आइसलैंड]] में रहती थी अचानक अपनी दृष्टि और चलने की क्षमता खो बैठी, लेकिन संतों से प्रार्थना करने के बाद एक हफ्ते में उनको वापस पा गयी। [[स्कीडम]] (1380–1433) की [[संत लिड्विना]] जो कि एक [[Netherlands|डच]] [[नन]] थी, संभवतः MS से पीड़ित पहली पहचानी गयी महिला थीं। 16 की उम्र से लेकर 55 वर्ष में अपनी मृत्यु तक उनको रुक-रुक कर दर्द होता था, पैरों में कमजोरी थी और दृष्टि खो गयी थी &mdash;ये सभी MS के ठेठ लक्षण थे।<ref name="pmid390966">{{cite journal|author=Medaer R|title=Does the history of multiple sclerosis go back as far as the 14th century?|journal=Acta Neurol. Scand.|volume=60|issue=3|pages=189–92|year=1979|month=September|pmid=390966|doi=10.1111/j.1600-0447.1979.tb08970.x}}</ref> दोनो मामलों ने रोग के विस्तार के लिये “वाईकिंग जीन” सिद्धांत के प्रस्ताव की पुष्टि की।<ref name="pmid16479124">{{cite journal|author=Holmøy T|title=A Norse contribution to the history of neurological diseases |journal=Eur. Neurol.|volume=55|issue=1|pages=57–8|year=2006|pmid=16479124|doi=10.1159/000091431}}</ref>
कुछ स्व प्रतिरक्षी विकारों के लिए ऑफ -लेबल कम खुराक वाली नैलट्रेक्सॉन का नुस्खा लिखा गया है, जिसमें एम्एस शामिल हैं, और लाभ के कुछ उपाख्यात्मक सबूत हैं, लेकिन केवल दो छोटे नैदानिक परीक्षण ही किये गए हैं (दिसंबर 2008 में), उनमें से एक प्राथमिक तेजी से फैलाने वाले एम्एस के लिए.


[[Augustus d'Este|ऑगस्टस फ्रेड्रिक डस्टर]] (1794–1848), जो कि [[ससेक्स के ड्यूक प्रिंस ऑगस्टस फ्रेड्रिक]] तथा [[लेडी ऑगस्टा मरे]] के पुत्र तथा [[यूनाइटेड किंगडम के जॉर्ज&nbsp;III]] के पौत्र थे को लगभग पक्के तौर पर MS रोग था। डस्टर ने रोग के साथ अपने जीवन का वर्णन करते हुए एक विस्तृत डायरी छोड़ी। उसकी डायरी 1822 में शुरु हो कर 1846 में समाप्त हुई, हालांकि यह 1948 तक अज्ञात रही। उसके लक्षण 28 की उम्र में उसके मित्र के अंतिम संस्कार के बाद, क्षणिक दृष्टि हानि ([[क्षणिक अंधता]])से शुरु हुए। अपने रोग के प्रवाह के दौरान उसमें पैरों की कमजोरी, हाथों का भद्दापन, स्तब्धता, चक्कर आना, मूत्राशय का विकार तथा [[स्तंभन दोष]] विकसित हो गया। 1844 में उसने व्हीलचेयर का उपयोग करना शुरु कर दिया। अपने रोग के बावजूद उसने जीवन के प्रति अपना दृष्टिकोण सकारात्मक रखा।<ref>{{cite book|last= Firth|first=D|title= The Case of August D`Esté |year=1948|publisher=Cambridge University Press|location=Cambridge}}</ref><ref name="pmid16103678">{{cite journal|author=Pearce JM |title=Historical descriptions of multiple sclerosis|journal=Eur. Neurol.|volume=54|issue=1|pages=49–53|year=2005|pmid=16103678|doi=10.1159/000087387}}</ref> MS का एक अन्य पुराना मामला, डायरी लिखने वाले एक ब्रिटिश[[डब्लू.एन.पी.बारबेलियन]], जो कि ब्रूस फ्रेड्रिक कमिंग्स (1889–1919) के [[nom-de-plume]] थे जिन्होने अपने निदान और संघर्ष का विस्तृत वर्णन लिखा था।<ref name="pmid16103678"/> उनकी डायरी 1919 में ''[[द जर्नल ऑफ ए डिसअप्वाइंटेड मैन]]'' के रूप में प्रकाशित हुई।<ref>{{cite book|last= Barbellion|first= Wilhelm Nero Pilate|title= The Journal of a Disappointed Man |year=1919|publisher=George H. Doran|location=New York|isbn= 0-7012-1906-8}}</ref>
=== नैदानिक विधियां ===
नए नैदानिक और विकास मूल्यांकन विधियों की भी जांच की जा रही है. माइलिन प्रोटीन के विरुद्ध प्रतिरक्षियों की माप जैसे कि ओलिगोडेन्ड्रोसाइट ग्लाइकोप्रोटीन और माइलिन मूल प्रोटीन निदान के लिए उपयोगी हो सकते हैं. आँख के रेटिना का दृष्टि की संबद्धता संबंधी टोमोग्राफी का उपयोग औषधि के प्रति मापन प्रक्रिया, अक्ष तंतु के विकार और मस्तिष्क शोष के लिए किया जाता है. एक अधिक सुरक्षित और अधिक आत्मविश्वासपूर्ण निदान के लिए सीरम के स्व प्रतिरक्षियों की जांच करने का प्रस्ताव किया गया है.


==शोध==
=== उद्विकास संबंधी भविष्यवाणी ===
===दवाएं===
वर्त्तमान में नैदानिक रूप से स्थापित प्रयोगशाला जांच उपलब्ध नहीं है जो रोगनिदान की भविष्यवाणी कर सके. हालांकि, कई होनहार दृष्टिकोणों के प्रस्ताव दिए गए हैं, जैसे कि लम्बी-अवधि के परिणामों के भविष्यवक्ता के रूप में लिपिड-विशेष इम्युनोग्लोबिन M का मापन.
[[Image:Alemtuzumab Fab 1CE1.png|thumb|[[एलेमतुज़ुमाब]] की रासायनिक संरचना]]
बार-बार होने-मुक्त होने वाले MS के लिये अधिक प्रभावी, सुविधाजनक और सहनीय उपचारों की खोज चल रही है; क्रमिक उपप्रकारों के लिये उपचारों, [[तंत्रिका सुरक्षा]] रणनीतियों तथा प्रभावी लक्षणात्मक उपचारों का निर्माण हो रहा है।<ref name="pmid19597083">{{cite journal |author=Cohen JA |title=Emerging therapies for relapsing multiple sclerosis |journal=Arch. Neurol.|volume=66 |issue=7|pages=821–8 |year=2009 |month=July |pmid=19597083 |doi=10.1001/archneurol.2009.104 |url=}}</ref>


2000 तथा 2010 के बीच कई मौखिक दवाओं का अनुमोदन किया गया है जिनके लोकप्रियता हासिल करने तथा उपयोग की आवृत्ति बढ़ने की उम्मीद है।<ref name="pmid21425270">{{cite journal |author=Miller AE|title=Multiple sclerosis: where will we be in 2020? |journal=Mt. Sinai J. Med. |volume=78 |issue=2|pages=268–79 |year=2011 |pmid=21425270 |doi=10.1002/msj.20242 |url=}}</ref> अन्य मौखिक दवाओं के परीक्षण चल रहे हैं इनमें से एक [[लैक्विनिमोड]] है, जिसे अगस्त 2012 में घोषित किया गया था तथा यह अपने परीक्षण के तीसरे चरण में है, जिसके पिछले चरणों में मिश्रित परिणाम रहे हैं।<ref>{{cite news|last=Jeffrey|first=susan|title=CONCERTO: A Third Phase 3 Trial for Laquinimod in MS|url=http://www.medscape.com/viewarticle/768902|accessdate=21 May 2013|newspaper=Medscape Medical News|date=09 Aug 2012}}</ref> इसी प्रकार से पहले से मौजूद उपचारों की प्रभावशीलता को बेहतर करने के लिये अध्ययन चल रहे हैं। इनमें नये मिश्रणों का उपयोग जैसे इंटरफेरॉन-β-1ए के [[PEGylation|PEGylated]] संस्करण शामिल हैं, जिसके माध्यम से यह उम्मीद की जा रही है कि समान प्रभावों के लिये खुराकों की कम संख्या की जरूरत पड़ेगी।<ref name="pmid22201341">{{cite journal |author=Kieseier BC, Calabresi PA|title=PEGylation of interferon-β-1a: a promising strategy in multiple sclerosis |journal=CNS Drugs|volume=26 |issue=3 |pages=205–14 |year=2012 |month=March |pmid=22201341|doi=10.2165/11596970-000000000-00000 |url=}}</ref><ref name=PEG>{{cite press release|url=http://www.biogenidec.com/press_release_details.aspx?ID=5981&ReqId=1777510|title=Biogen Idec Announces Positive Top-Line Results from Phase 3 Study of Peginterferon Beta-1a in Multiple Sclerosis|publisher=Biogen Idec |date=2013-01-24|accessdate=2013-05-21}}</ref> ''पेगिनटरफेरॉन बीटा-1ए'' के अनुरोध के 2013 में अनुमोदित होने की आशा है।<ref name=PEG/>
=== जीर्ण मस्तिष्कमेरु शिरापरक अपर्याप्तता ===
जांचकर्ता पाओलो ज़म्बोनी ने अनुसंधान किया है जिसमें यह सुझाव दिया है कि एम्एस एक स्व प्रतिरक्षी स्थिति नहीं है, बल्कि एक वाहिकीय बीमारी, जीर्ण मस्तिष्कमेरु शिरापरक अपर्याप्तता है, जिसमें मस्तिष्क कि नसें (CCVI) है, जो दिमाग में है नसों constricted हैं. वे यह सिद्धांत देते हैं कि इससे मस्तिष्क में लौह पदार्थ का निर्माण होता है, जो एम्एस के लक्षण उत्पन्न करता है. उनहोंने इस कार्य में सुधार करने के लिए एक शल्य चिकित्सा कि प्रक्रिया पूरी कि है जिसे वे CCVI मानते हैं और दावा करते हैं कि 73% मरीजों में सुधार हुआ है. शल्य चिकित्साएं अनियंत्रित और अनियमित थीं. तंत्रिका विज्ञान संबंधी समुदाय संशयशील रहा है. अमेरिकन न्यूरोलॉजी अकादमी की तरफ से बोलते हुए लिली जंग, ने यह महसूस किया कि रिपोर्ट में कुछ दावे आंकड़ों से मेल नहीं खाते हैं. जंग ने यह भी कहा. "हम इस मामले कि देख-रेख करने के लिए कुछ, अनियमित, नियंत्रित, डबल ब्लाइंडेड अध्ययन का स्वागत करेंगे, लेकिन इसके पहले तब अपने मरीजों को इस प्रक्रिया को करने के लिए दोनों पैरों से कूदने के लिए नहीं कहेंगे, जिसमें अत्यधिक जोखिमें हैं और जिन्हें सुरक्षित सिद्ध नहीं किया गया है.


[[मोनोक्लोनल एंडीबॉडीस]] ने काफी उच्चर स्तर की रुचि पैदा की है। [[ऐलमतुज़िमब]], [[डेक्लिजुमब]] और [[CD20]] मोनोकेलोनल एंटीबाड़ीस जैसे कि [[रितुक्सिमब]], [[ओक्रेलिजुमब]] और [[ओफातुमुमाब]] ने कुछ लाभ दिखाएं हैं तथा संभावित उपचार के लिये इन पर अध्ययन चल रहा है।<ref name="pmid22224673">{{cite journal|author=Saidha S, Eckstein C, Calabresi PA|title=New and emerging disease modifying therapies for multiple sclerosis |journal=Ann. N. Y. Acad. Sci. |volume=1247|issue= |pages=117–37 |year=2012|month=January |pmid=22224673 |doi=10.1111/j.1749-6632.2011.06272.x |url=}}</ref> इनके उपयोग में संभावित खतरनाक विपरीत प्रभाव भी शामिल हैं, जिनमें सबसे अधिक महत्वपूर्ण अवसरवादी संक्रमण है।<ref name="pmid21425270"/> [[जेसी विषाणु]] एंटीबॉडी के लिये परीक्षण का विकास इन परीक्षणों से संबंधित है जो इस बात के निर्धारण में सहायक हो सकता है कि नतालिज़ुमब लेते समय कौन क्रमिक मल्टीफोकल ल्यूकोएन्सेफलोपैथी के विकसित होने का अधिक जोखिम झेल रहा है।<ref name="pmid21425270"/> जबकि मोनोक्लोनल एंटीबॉडीस की भविष्य में रोग के उपचार में कुछ भूमिका होगी, ऐसा माना जाता है कि इनसे जुड़े जोखिमों के कारण यह भूमिका छोटी होगी।<ref name="pmid21425270"/>
== इन्हें भी देखें ==
* [[मल्टिपल स्क्लेरोसिस (बहु उतक दृढ़न) संगठनों की सूची]]


दो या अधिक दवाओं की [[combination therapy|संयुक्त प्रभावकारिता]] का मूल्यांकन करना एक अन्य शोध रणनीति है।<ref name="pmid21111490">{{cite journal |author=Milo R, Panitch H |title=Combination therapy in multiple sclerosis |journal=J. Neuroimmunol. |volume=231 |issue=1-2 |pages=23–31 |year=2011|month=February |pmid=21111490|doi=10.1016/j.jneuroim.2010.10.021 |url=}}</ref> MS में कई सारी दवाओं का उपयोग करने के पीछे औचित्य यह है कि शामिल उपचार भिन्न-भिन्न तंत्रों को लक्षित होते हैं और इसलिये उनके उपयोग विशिष्ट नहीं हो सकते हैं।<ref name="pmid21111490"/> [[Synergy#Drug_synergy|सहक्रियाएं]]भी संभव हैं, जिनमें एक दवा दूसरी दवा के प्रभाव को बेहतर करती है लेकिन एक द्वारा किसी दूसरे के प्रभाव में अनृवरोध पैदा करना तथा विपरीत प्रभावों को और बदतर करना जैसे दोष भी हो सकते हैं।<ref name="pmid21111490"/> संयुक्त उपचार के कई परीक्षण किये गये हैं, लेकिन किसी में भी इतने पर्याप्त सकारात्मक परिणाम नहीं मिले हैं कि उनको MS के लिये उपयोगी उपचार माना जाये। <ref name="pmid21111490"/>
== संदर्भ ==
{{reflist|2}}


तंत्रिका सुरक्षा तथा पुनरुत्पादक उपचारों पर शोध, जैसे कि [[स्टेम सेल उपचार]] उच्च महत्व के अवश्य है लेकिन अभी प्राथमिक अवस्था में हैं।<ref name="pmid23039386">{{cite journal |author=Luessi F, Siffrin V, Zipp F |title=Neurodegeneration in multiple sclerosis: novel treatment strategies|journal=Expert Rev Neurother |volume=12 |issue=9 |pages=1061–76; quiz 1077 |year=2012 |month=September|pmid=23039386|doi=10.1586/ern.12.59|url=http://www.expert-reviews.com/doi/full/10.1586/ern.12.59}}</ref> इसी तरह से इस रोग के क्रमिक भिन्न रूप का कोई प्रभावी उपचार उपलब्ध नहीं है। नई दवाओं तथा विकसित हो रही दवाओं में से अनेक दवाओं का संभवतः PPMS या SPMS के लिये उपचारों के रूप में मूल्यांकन किया जायेगा।<ref name="pmid21425270"/>
== आगे पढ़ें ==
* {{cite journal |author=Langgartner M, Langgartner I, Drlicek M |title=The patient's journey: multiple sclerosis |journal=BMJ |volume=330 |issue=7496 |pages=885–8 |year=2005 |month=April |pmid=15831874 |pmc=556161 |doi=10.1136/bmj.330.7496.885 |url=http://bmj.bmjjournals.com/cgi/content/full/330/7496/885}}


===रोग संबंधी बायोमार्कर ===
== बाहरी लिंक ==
[[File:Journal.pone.0057573.g005 cropped.png|thumb|left|[[Magnetic resonance imaging|MRI]] ''ग्रेडियंट-इको फेस सीक्वेंस'' का उपयोग करते हुए किया गया मस्तिष्क स्कैन जो सफेद घाव में आयरन जमाव को दिखा रहा है (चित्र के बीच में हरे बॉक्स में; ऊपरी बायें किनारे पर लाल तीर से चिह्नित)। <ref name="pmid23516409">{{cite journal |author=Mehta V, Pei W, Yang G, ''et al.'' |title=Iron is a sensitive biomarker for inflammation in multiple sclerosis lesions |journal=PLoS ONE |volume=8 |issue=3|pages=e57573 |year=2013 |pmid=23516409 |pmc=3597727 |doi=10.1371/journal.pone.0057573 |url=}}</ref>]]
* {{dmoz|Health/Conditions_and_Diseases/Neurological_Disorders/Demyelinating_Diseases/Multiple_Sclerosis/}}
* [http://www.atlasofms.org/ विश्लेषण और एम्एस की जानपदिक रोग विज्ञान विश्व स्तर पर आंकड़ों की तुलना के लिए डाटाबेस]
* [http://clinicaltrials.gov/search/term=Multiple+Sclerosis नैदानिक एम्एस से संबंधित परीक्षण के NIH लिस्टिंग]
* [[कोच्राने लाइब्रेरी]] की [http://www.cochrane.org/reviews/en/topics/79.html तत्व सूचकांक]
* [http://www.ncbi.nlm.nih.gov/bookshelf/br.fcgi?book=gene&amp;part=ms जीनरिव्यू/NCBI/NIH/UW मल्टीपल स्केरोसिस अवलोकन पर प्रवेश]


जबकि निकट भविष्य में निदान दृष्टिकोण बदलने वाला नहीं है [[बायोमार्कर्स]] को विकसित करने वाला कार्य चलता रहेगा, जो रोग के निदान तथा रोग की प्रगति की भविष्यवाणी करने में सहायता करेगा।<ref name="pmid21425270"/> नई नैदानिक विधियां, जिनका परीक्षण चल रहा है उनमें माइलिन-रोधी [[antibody|एंटीबॉडी]] तथा सीरम पर अध्ययन और शामिल है लेकिन इनमें से किसी ने भी अभी तक सकारात्मक परिणाम नहीं दर्शाएं हैं।<ref name="pmid19712003">{{cite journal |author=Harris VK, Sadiq SA|title=Disease biomarkers in multiple sclerosis: potential for use in therapeutic decision making|journal=Mol Diagn Ther |volume=13 |issue=4 |pages=225–44 |year=2009 |pmid=19712003|doi=10.2165/11313470-000000000-00000}}</ref>
{{Multiple sclerosis}}


वर्तमान में ऐसे कोई प्रयोगशाला परीक्षण हैं जो रोग-निदान की भविष्यवाणी कर सकते हैं। कई आशाजनक दृष्टिकोण प्रस्तावित किये गये हैं जिनमें [[इंटरल्यूकिन-6]], [[नाइट्रिक ऑक्साइड]] तथा [[नाइट्रिक ऑक्साइड सिंथेस]], [[ऑस्टियोपोंटिन]] तथा [[फेट्युइन]]-ए शामिल हैं। <ref name="pmid19712003"/> चूंकि रोग प्रगति न्यूरॉन्स के अधःपतन का परिणाम है, [[न्यूरोफिलामेंट]], [[Tau protein|टाऊ]] तथा [[एन- एसिटिलएस्पार्टेट]] जैसे तंत्रिका ऊतक का हानि दर्शाने वाले प्रोटीनों की भूमिका के परीक्षण चल रहे हैं।<ref name="pmid19712003"/> अन्य प्रभावों में उन बायोमार्कर्स की खोज शामिल है जो दवाओं के प्रति प्रतिक्रिया दिखाये जाने या नहीं दिखाये जाने के बीच अंतर बताएंगे।<ref name="pmid19712003"/>
{{Diseases of the nervous system}}
{{Autoimmune diseases}}
{{featured article}}


[[न्यूरोइमेजिंग]] तकनीकें जैसे कि [[पॉजिस्ट्रान इमिशन टोमोग्राफी]] (PET) या [[मैग्नेटिक रेसोनेंस इमेजिंग]] (MRI) में सुधार, बेहतर निदान तथा रोग निदान भविष्यवाणी का वादा करती हैं, हालांकि दैनिक चिकित्सा अभ्यासों में ऐसे सुधारों का प्रभाव दिखने में दशकों लग सकते हैं।<ref name="pmid21425270"/> MRI के बारे में, जहां पर ऐसी कई तकनीकें हैं जिन्होने पहले ही कुछ शोध स्थितियों में कुछ उपयोगिता दर्शायी है और जिनको चिकित्सीय अभ्यासों में पेश किया जा सकता है जैसे कि डबल-इन्वर्सन रिकवरी सीक्वेंस, [[मैग्नेटाइज़ेशन ट्रांसफर]], [[Diffusion_MRI#Diffusion_tensor_imaging|डिफ्यूजन टेंसर]]और [[फंक्शनल मैग्नेटिक रेसोनेंस इमेजिंग]]।<ref name="pmid22159052">{{cite journal |author=Filippi M, Rocca MA, De Stefano N, ''et al.''|title=Magnetic resonance techniques in multiple sclerosis: the present and the future |journal=Arch. Neurol. |volume=68 |issue=12 |pages=1514–20 |year=2011 |month=December |pmid=22159052|doi=10.1001/archneurol.2011.914 |url=}}</ref> ये तकनीकें मौजूदा तकनीकों की तुलना में काफी रोग विशिष्ट है लेकिन फिर भी इनमें अधिग्रहण प्रोटोकॉल के मानकीकरण तथा मानक मूल्यों की कमी है।<ref name="pmid22159052"/> ऐसी कई तकनीकें हैं जिनका विकास हो रहा है जिनमें परिधीय [[मैक्रोफेज]], सूजन या तंत्रिकीय शिथिलता के स्तरों का मापन करने वाले विपरीत एजेंट<ref name="pmid22159052"/> तथा उन तकनीकों का विकास शामिल है जो आयरन जमाव का मापन कर सकती हैं जो MS में इस गुण की भूमिका के निर्धारण में सहायक होंगी।<ref name="pmid22159052"/>इसी तरह से, नये PET [[रेडियोट्रेसर]] मस्तिष्क सूजन, कोर्टिकल पैथोलॉजी, [[एपोप्टॉसिस]] या रीमेलिमेशन जैसी परिवर्तित प्रक्रियाओं के चिह्नों के रूप में सहायक हो सकती है।<ref name="pmid20636368">{{cite journal |author=Kiferle L, Politis M, Muraro PA, Piccini P |title=Positron emission tomography imaging in multiple sclerosis-current status and future applications |journal=Eur. J. Neurol. |volume=18|issue=2 |pages=226–31 |year=2011 |month=February |pmid=20636368 |doi=10.1111/j.1468-1331.2010.03154.x|url=}}</ref>
{{DEFAULTSORT:Multiple Sclerosis}}


===जीर्ण मस्तिष्कमेरु शिरापरक अपर्याप्तता===
[[श्रेणी:स्व प्रतिपक्षी रोग]]
संवहनी सर्जन [[पाउलो ज़ाम्बोनी]] ने 2008 में सुझाव दिया कि MS में मस्तिष्क में प्रवाह प्रदान करने वाली शिराओं की संकीर्णता शामिल होती है जिसे उन्होने [[जीर्ण मस्तिष्कमेरू शिरापरक अपर्याप्तता]] (CCSVI) कहा। उन्होने अपने अध्ययन में सभी रोगियों में CCSVI पाया जिन पर उन्होने शल्यक्रिया की, बाद में माडिया में इसे “मुक्ति प्रक्रिया” कहा और इसमें सुधार किया तथा दावा किया इसमें भाग लेने वालों में 73 प्रतिशत लोगों को इससे लाभ हुआ।<ref name="pmid19060024">{{Cite journal |author=Zamboni P, Galeotti R, Menegatti E, ''et al.''|title=Chronic cerebrospinal venous insufficiency in patients with multiple sclerosis |journal=J. Neurol. Neurosurg. Psychiatr. |volume=80 |issue=4 |pages=392–9 |date=April 2009|pmid=19060024|pmc=2647682 |doi=10.1136/jnnp.2008.157164 |url=http://jnnp.bmj.com/cgi/content/full/80/4/392}}</ref> इस सिद्धांत को मीडिया में तथा MS से पीड़ितों में, विशेष रूप से कनाडा में काफी अधिक ध्यानाकर्षण प्राप्त हुआ।<ref name="pmid23402260">{{cite journal |author=Pullman D, Zarzeczny A, Picard A |title=Media, politics and science policy: MS and evidence from the CCSVI Trenches |journal=BMC Med Ethics |volume=14|issue= |pages=6 |year=2013 |pmid=23402260 |pmc=3575396 |doi=10.1186/1472-6939-14-6 |url=}}</ref> ज़ाम्बोनी के शोध को लेकर चिंताएं जाहिर की गयी हैं क्योंकि न तो यह ब्लाइंड था और न ही नियंत्रित तथा रोग के अंतर्निहित कारण के बारे में इसकी परिकल्पनाएं आंकड़ों से समर्थित नहीं हैं।<ref name="pmid20398855">{{cite journal |author=Qiu J |title=Venous abnormalities and multiple sclerosis: another breakthrough claim? |journal=Lancet Neurol |volume=9 |issue=5 |pages=464–5 |year=2010|month=May |pmid=20398855 |doi=10.1016/S1474-4422(10)70098-3 }}</ref>साथ ही, आगे के अध्ययनों में समान संबंध नहीं मिले या ऐसे मिले जो बेहद कम मजबूत थे, <ref name="pmid21161309">{{cite journal |author=Ghezzi A, Comi G, Federico A |title=Chronic cerebro-spinal venous insufficiency (CCSVI) and multiple sclerosis |journal=Neurol. Sci. |volume=32 |issue=1|pages=17–21 |year=2011 |month=February |pmid=21161309 |doi=10.1007/s10072-010-0458-3 }}</ref>जिससे इस सिद्धांत को लेकर गंभीर आपत्तियां उठी।<ref name="Dorne">{{Cite journal|author=Dorne H, Zaidat OO, Fiorella D, Hirsch J, Prestigiacomo C, Albuquerque F, Tarr RW.|title=Chronic cerebrospinal venous insufficiency and the doubtful promise of an endovascular treatment for multiple sclerosis|journal=J NeuroIntervent Surg |volume=2|issue=4|pages=309–311|date=October 2010|pmid=21990639|doi=10.1136/jnis.2010.003947 }}</ref> यह “मुक्ति प्रक्रिया” असिद्ध लाभों, गंभीर जटिलताओं तथा मौतों के कारण आलोचना का केन्द्र रही है।<ref name="pmid20398855"/> इस प्रकार से 2013 में इसे MS के उपचार के लिये अनुशंसित नहीं किया जाता है।<ref>{{cite journal |author=Baracchini C, Atzori M, Gallo P |title=CCSVI and MS: no meaning, no fact |journal=Neurol. Sci. |volume=34 |issue=3|pages=269–79 |year=2013 |month=March |pmid=22569567 |doi=10.1007/s10072-012-1101-2 |url=}}</ref> अतिरिक्त शोध जो CCSVI के सिद्धांत का परीक्षण कर रहे हैं, अभी किये जा रहे है।<ref name="a1">{{cite journal|last=van Zuuren|first=EJ|coauthors=Fedorowicz, Z; Pucci, E; Jagannath, VA; Robak, EW|title=Percutaneous transluminal angioplasty for treatment of chronic cerebrospinal venous insufficiency (CCSVI) in multiple sclerosis patients.|journal=Cochrane database of systematic reviews (Online)|date=2012 Dec 12|volume=12|pages=CD009903|pmid=23235683}}</ref>
[[श्रेणी:तंत्रिका संबंधी विकार]]
[[श्रेणी:तंत्रिका मस्तिष्क विकार]]
[[श्रेणी:मल्टिपल स्क्लेरोसिस]]


==संदर्भ==
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18:00, 17 फ़रवरी 2014 का अवतरण

Multiple sclerosis
वर्गीकरण एवं बाह्य साधन
Demyelination by MS. The CD68 colored tissue shows several macrophages in the area of the lesion. Original scale 1:100
आईसीडी-१० G35.
आईसीडी- 340
ओएमआईएम 126200
डिज़ीज़-डीबी 8412
मेडलाइन प्लस 000737
ईमेडिसिन neuro/228  oph/179 emerg/321 pmr/82radio/461
एम.ईएसएच D009103

बहुविध ऊतक दृढ़न (मल्टीपल स्कलेरोसिस) (MS), जिसे विकीर्ण स्कलेरोसिस या इंसेफ्लोमाइयेलिटिस डिस्सेमिनाटा, जाना जाता है, जो कि एक सूजन संबंधी रोग है जिसमें मस्तिष्क तथा मेरुरज्जु के रोधक कवर क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। यह क्षति तंत्रिका तंत्र के संचार वाले हिस्से को बाधित करती है, जिससे परिणाम स्वरूप कई प्रकार के चिह्न और लक्षण, प्रकट होते हैं जिनमें[1][2] शारीरिक, मानसिक,[2] और कभी-कभार मनोवैज्ञानिक समस्याएं पैदा होती हैं।[3] MS के कई रूप हो सकते हैं, जिसमें पृथक दौरे (पुनरावर्तन प्रारूप) या समय के साथ निर्मित होने वाले (प्रगामी प्रारूप) होते हैं। [4] दौरों के बीच में लक्षण पूरी तरह से गायब हो सकते हैं; हालांकि, स्थायी स्नायुतंत्रीय समस्याएं अक्सर होती रहती है विशेष रूप से रोग के विकसित होने के साथ।[4]

<!—कारण, पैथोफिज़ियोलॉजी (रोग के कारण पैदा हुए क्रियात्मक परिवर्तन) तथा निदान --> जबकि कारण स्पष्ट नहीं हैं, अंतर्निहित तंत्र को या तो प्रतिरोधक तंत्र द्वारा बरबादी या मायेलिन-पैदा करने वाली कोशिकाओं की विफलता समझा जाता है। [5] इसके प्रस्तावित कारणों में आनुवंशिक तथा पर्यावरणीय कारक जैसे कि संक्रमण शामिल हैं।[2][6] MS आम तौर पर प्रस्तुत होने वाले चिह्नों तथा लक्षणों और समर्थक चिकित्सीय परीक्षणों के परिणामों द्वारा निदानित होता है।

बहुविध ऊतक दृढ़न का कोई ज्ञात उपचार नहीं है। उपचार किसी दौरे के बाद प्रकार्य को बेहतर करने तथा नये दौरे की रोकथाम का प्रयास करते हैं।[2] MS का उपचार करने वाली दवाएं जबकि हल्की प्रभावकारी होती हैं वहीं उनके विपरीत प्रभाव असहनीय हो सकते हैं। बहुत से लोगों वैकल्पिक उपचार करते हैं, जबकि उनके प्रमाण नहीं उपलब्ध हैं। दीर्घअवधि परिणामों की भविष्यवाणी कर पाना कठिन है; जबकि उन महिलाओं में बेहतर परिणाम दिखते हैं जिनमें यह रोग जीवन के शुरुआती वर्षों में विकसित होता है, जिनमें पुनरावर्तन प्रवाह होता है तथा जिनमें आरंभ में कम दौरे होते हैं।[7] अप्रभावित जनसंख्या की तुलना में प्रभावित लोगों में जीवन संभाव्यता 5 से 10 वर्ष तक कम होती है।[1]

2008 में, वैश्विक रूप से 2 से 2.5 मिलियन लोग प्रभावित थे जिनकी दर विश्व के विभिन्न क्षेत्रों और विभिन्न जनसंख्याओं के बीच भिन्न-भिन्न थी।[8] यह रोग आम तौर पर 20 से 50 की उम्र में शुरु होता है और पुरुषों की तुलना में महिलाओं में दुगना आम है।[9] नाम मल्टीपल स्कलेरोसिस चकत्तों से संदर्भित है (स्केलरे—प्लाक तथा लेसियन के नाम से अधिक प्रचिलित) जो कि मस्तिष्क और मेरु रज्जु के सफेद द्रव्य में होता है।[10] MS को सबसे पहले 1868 में जीन-मार्टिन कैरकॉटद्वारा समझाया गया था।[10] कई सारे नये उपचार तथा निदान विधियां विकसित हो रही हैं।

चिह्न तथा लक्षण

मल्टीपल स्कलेरोसिस के मुख्य लक्षण

MS से पीड़ित व्यक्ति में कोई भी स्नायविक लक्षण या चिह्न हो सकता है; जिसमें स्वायत्त, दृष्य, मोटर तथा संवेदी समस्याएं सबसे अधिक आम हैं। [1] विशिष्ट लक्षणों का निर्धारण तंत्रिका तंत्र के भीतर स्थित क्षतियों द्वारा होता है तथा इसमें संवेदनशीलता की हानि या अनुभूति में परिवर्तन जैसे झुनझुनी, पिनों या सुइयों के चुभना या सुन्न होना, मांसपेशियों में कमजोरी, बहुत स्पष्ट प्रतिक्रिया, मांसपेशियों की ऐंठन या हिलने में कठिनाई; समन्वय और संतुलन में कठिनाइयां (एटाक्सिया); बोलने संबंधी समस्याएं या निगलना, दृष्य समस्याएं (अक्षिदोलन, ऑप्टिक न्यूरैटिस या दोहरा दिखना), थका महसूस करना, गंभीर या जीर्ण दर्द और ब्लाडर तथा बाउल कठिनाइयां आदि शामिल हैं।[1] अवसाद या अस्थिर मनस्थिति जैसी सोचने व भावनात्मक समस्याएं भी आम हैं।[1] उहथॉफ तथ्य, सामान्य से अधिक तापमानों पर लक्षणों का और खराब होना है तथा लेरमित्ते चिह्न, एक विद्युतीय सनसनी जो गर्दन को मोड़ते समय पीठ में होती हैं जो MS की विशेष पहचान है।[1] अक्षमता और गंभीरता की मुख्य माप विस्तारित अक्षमता स्थिति स्केल (EDSS), तथा अन्य साधन जैसे कि मल्टिपल स्कलेरोसिस कार्यात्मक समग्र का उपयोग शोध में बढ़ रहा है। [11][12][13]

85% मामलों में कई दिनो तक चिकित्सीय रूप से पृथक संलक्षण जिनमें 45% मे मोटर या संवेदन समस्याए, 20% में अक्षिदोलन तथा 10% में ब्रेनस्टेम विकार जबकि शेष 25% में पहले की कुछ परेशानियों इस से स्थिति की शुरुआत होती है।[14] आरंभ में लक्षणों की शुरुआत दो पैटर्न में होती है; या तो अचानक स्थितियां खराब होने से, जो कि कुछ दिनों से लेकर कुछ महीनों तक चलता है (जिसे पलटना, प्रकोपन, मुकाबले, दौरे या भड़काव कहते हैं) जिसके बाद सुधार (85 प्रतिशत मामले) या फिर लक्षणों की स्थितियों का धीरे-धीरे खराब होना जो कुछ दिनों तक चलता है जिसमें सुधार नहीं होता है (10-15 प्रतिशत मामले)। [9] इन दो पैटर्न के संयोजन भी हो सकते हैं [4] या लोगों में पुनरावर्तन या कमी के सिलसिले शुरु हो जाते हैं जो आगे जा कर बढ़ते जाते हैं।[9] पुनरावर्तन को पहले से जान पाना आम तौर पर संभव नहीं होता है, ये बिना किसी चेतावनी के होता है।[1] प्रकोपन बेहद कम बार होते हैं, लगभग साल में दोबार तक।[1] कुछ पुनरावर्तन, हालांकि आम उत्तेजकों के बाद होते हैं और उनके होने की आवृत्ति वसंत और गर्मियों में अधिक होती है।[15] इसी प्रकार वायरस संक्रमण जैसे कि आम सर्दी, इन्फ्लुएंज़ा या जठरांत्रशोथ जोखिम बढ़ाते हैं। [1] तनाव भी दौरे को शुरु कर सकता है।[16] गर्भवती होने के कारण पुनरावर्तन का जोखिम कम हो जाता है; हालांकि प्रसूति के बाद के शुरुआती महीनों में जोखिम बढ़ जाता है।[1] समग्र रूप से गर्भधारण दीर्घअवधि अक्षमता को प्रभावित करती नहीं दिखती है। [1] कई चीज़ें पुनरावर्तन पर प्रभाव डालती नहीं पायी गयी हैं जैसे कि टीकाकरण, स्तनपान,[1] शारीरिक आघात,[17] तथा उहथाफ तथ्य।[15]

कारण

MS का कारण अज्ञात है, ऐसा माना जाता है कि यह संक्रामक एजेंटों तथा आनुवंशिकी जैसे पर्यावरणीय कारकों के संयोजन से होता है।[1] सिद्धांत आंकड़े को संभावित कारणों के जोड़ते हैं लेकिन किसी को भी निश्चित तौर पर सही नहीं पाया गया है। जबकि कई सारे पर्यावरणीय कारक हैं तथा कुछ आंशिक रूप से संशोधनीय है लेकिन इस मामले पर और शोध की जरूरत है कि क्या इनको हटाने से की MS रोकथाम संभव है।[18]

भूगोल

MS उन लोगों में अधिक आम है जो विषुवत रेखा से दूर रहते हैं, हालांकि अपवाद मौजूद हैं।[1][19] इन अपवादों में वे जातीय समूह शामिल हैं जो विषुवत रेखा से दूर होने का कारण कम जोखिम वाले होते हैं जैसे सामी, अमरीकी इंडियन, कनाडा के हुत्तेराइट, न्यूज़ीलैंड के माओरी,[20] और कनाडा के इन्युइट,[9] साथ ही वे समूह जो विषुवत रेखा के पास होने के कारण अधिक जोखिम वाली श्रेणी में आते हैं जैसे कि सार्डीनियन्स,[9] फिलीस्तीनी और पारसी[20] इस भौगालिक पैटर्न का कारण स्पष्ट नहीं है। [9] जबकि उत्तर-दक्षिण ढ़लान के मामले कम हो रहे हैं, [19] जो कि 2010 तथा वर्तमान की स्थिति है।[9]

MS उत्तर यूरोपीय जनसंख्या में अधिक आम है [1] और भौगोलिक विभिन्नता इस उच्च जोखिम जनसंख्या को सरलता से दर्शाती है।[9] सूरज की रोशनी के कम अनावरण के कारण विटामिन डी का उत्पादन कम होना भी इसके कारणों में शामिल होता प्रतीत होता है। [21][22] जन्म के समय के मौसम तथा MS के बीच के संबंध भी इस विचार को बढ़ावा देते हैं, क्योंकि उत्तरी गोलार्ध में नवम्बर में पैदा हुए लोग, मई में पैदा हुए लोगों की अपेक्षा बड़ी उम्र में कम प्रभावित होते हैं।[23] पर्यावरणीय कारक भी बचपन में एक भूमिका निभाते हो सकते हैं, कई अध्ययन दर्शाते हैं कि 15 बरस की उम्र के पहले जो लोग MS के भिन्न जोखिम के क्षेत्र में चले गये उनमें जोखिम में अंतर हुआ। यदि 15 बरस की उम्र के बाद जाना हुआ तो व्यक्ति में अपने गृह देश के जोखिम बने रहे।[1][18] इस बात के कुछ प्रमाण हैं कि जाने के ये प्रभाव 15 बरस से अधिक की उम्र के लोगों में भी देखे गये हैं। [1]

अनुवांशिकता

क्रोमोसोम 6 का HLA क्षेत्र। इस क्षेत्र में बदलाव MS के होने की संभावना को बढ़ाता है।

MS को एक वंशानुगत रोग नहीं माना जाता है; हालांकि कई सारी आनुवंशिक विविधताएं जोखिम को बढ़ाती प्रतीत होती हैं।[24] प्रभावित व्यक्ति के संबंधियों में इसके होने की संभाव्यता अधिक है और नज़दीकी रिश्तेदारों में यह संभाव्यता और अधिक बढ़ जाती है।[2] जुड़वां लोगों में यह लगभग 30% लोगों को असमान जुड़वों में 5% लोगों को तथा सहोदरों में 2.5% और आधे सहोदरों में काफी कम प्रतिशत लोगों में इसका प्रभाव दिखाई देता है।[1][2][25] यदि माता-पिता दोनो इससे प्रभावित हैं तो सामान्य जनसंख्या की तुलना में उनके बच्चों में इसके होने का जोखिम 10 गुना अधिक होता है।[9] MS कुछ जातीय समूहों में दूसरों से अधिक आम होता है।[26]

विशिष्ट जीन जिनको MS से जोड़ा गया है उनमें मानव ल्यूकोसाइट एंटीजन (HLA) प्रणाली में भिन्नताएं शामिल हैं—प्रमुख ऊतक अनुरूपता समष्टि (MHC) के रूप में काम करने वाले क्रोमोसोम 6 का समूह।[1] जो HLA क्षेत्र में बदलता है, इन बदलावों को लगभग तीस सालों से संवेदनशीलता से जोड़ा जाता रहा है[27] साथ ही इसी क्षेत्र को अन्य स्वप्रतिरक्षी रोगों जैसे मधुमेह टाइप I and [[प्रणालीगत ल्यूसप त्वग्यक्ष्मा] के विकास में शामिल किया गया है।[27] मल्टीपल स्कलेरोसिस तथा MHC के एलील के बीच संबंध की सबसे अधिक संगत खोज को DR15 तथा DQ6 के रूप में निर्धारित किया गया है। [1] अन्य लोकि(loci) सुरक्षात्मक प्रभाव दिखाते हैं जैसे कि HLA-C554 तथा HLA-DRB1*11।[1] समग्र रूप से यह अनुमानित है कि HLA परिवर्तन आनुवंशिक गड़बड़ियों के 20 से 60% तक के लिये जिम्मेदार होता है। [27] आधुनिक आनुवंशिक विधियों (जीनोम व्यापक सहयोगी अध्ययन) ने HLA लोकस के बाहर कम से कम 12 अन्य जीनों की खोज की है जो MS की संभाव्यता थोड़ा सा बढ़ाती हैं।[27]

संक्रामक एजेंट

बहुत से जीवाणु को MS का प्रेरक देखा गया है, लेकिन किसी की भी पुष्टि नहीं हुई है।[2] शुरुआती उम्र में किसी व्यक्ति को दुनिया के एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने से MS का अनुवर्ती जोखिम बदलता है।[6] इसका एक स्पष्टीकरण यह हो सकता है कि विस्तृत रूप से फैले जीवाणुओं द्वारा किसी तरह का संक्रमण पैदा हुआ न कि किसी दुर्लभ जीवाणु द्वारा और वह इस रोग से जुड़ा है।[6] प्रस्तावित प्रक्रियाओं में स्वच्छता परिकल्पना और प्रचिलित परिकल्पना शामिल है। स्वच्छता परिकल्पना प्रस्तावित करती है कि कुछ संक्रामक एजेंटों से शुरुआती जीवन में अनावरण अग्रसक्रिय है और रोग ऐसे एजेंटों से बाद में होने वाले सामने की प्रतिक्रिया है।[1] प्रचिलित परिकल्पना प्रस्तावित करती है कि रोग, एक ऐसे संक्रामक एजेंट के कारण होता है जो उन स्तानों पर होता है जहां पर MS आम है और जहां पर अधिकतर लोगों में यह एक नियमित संक्रमण पैदा करता है जो लक्षण विहीन होता है। केवल कुछ मामलों में काफी सालों के बाद डीमरैलिनेशन पैदा करता है।[6][28] स्वच्छता परिकल्पना को प्रचिलित परिकल्पना से अधिक समर्थन प्राप्त हुआ है।[6]

विषाणु के कारण होने के साक्ष्यों में निम्नलिखित शामिल है: MS से पीड़ित अधिकांश लोगों के मस्तिष्क तथा मस्तिष्कमेरु - द्रव्य में ओलिग्लोकोनल बैंड, मानव डीमरैलिनेशन इन्सेफोमाइयेलिटिस के साथ विभिन्न विषाणुओं का संबंध तथा कुछ विषाणु संक्रमणों के कारण जानवरों में डीमरैलिनेशन का होना।[29] मानव हरपीस वायरस, वायरस के उम्मीदवार समूह हैं। वे लोग जो कभी भी एप्सटाइन-बार से ग्रसित नहीं हुए हैं उनमें MS होने का जोखिम कम होता है जबकि युवा वयस्क के रूप में संक्रमित हुए लोगों में जोखिम, कम उम्र में इससे पीड़ित हुए लोगों से अधिक होता है।[1][6] हालांकि कुछ लोग यह मानते हैं कि यह स्वच्छता परिकल्पना के विरुद्ध जाता है, क्योंकि गैर संक्रमित लोगों की परवरिश अधिक स्वच्छता के साथ हुई होगी, [6] जबकि अन्य यह विश्वास करते हैं कि कोई भी अंतर्विरोध नहीं है क्योंकि कारक विषाणु के साथ यह सामना पहली बार तुलनात्मक रूप से बड़ी उम्र होता है जो रोग को पैदा करता है।[1] अन्य रोग जो संबंधित हो सकते हैं उनमे खसरा, गलसुआ और रूबेला शामिल हैं।[1]

अन्य

धूम्रपान को MS के लिये स्वतंत्र जोखिम कारक देखा गया है।[21] तनाव एक जोखिम कारक हो सकता है लेकिन इससे संबंधित साक्ष्य कमजोर हैं।[18] पेशेवर अनावरण तथा टॉक्सिन—मुख्य रूप से सॉल्वेंट का मूल्यांकन किया गया है लेकिन कोई स्पष्ट निष्कर्ष नहीं निकला है।[18] टीकाकरणों का कारण कारकों के रूप में अध्ययन किया गया है; हालांकि अधिकांश अध्ययनों में कोई संबंध नहीं मिल है।[18] अन्य कई जोखिम कारक जैसे आहार और हार्मोन अंतर्ग्रहण पर भी ध्यान दिया गया है; हालांकि रोग से इसका संबंध “विरल और गैर प्रेरक” पाया गया है।[21] MS से प्रभावित लोगों में वात उम्मीद से कम होता है तथा यूरिक एसिड के स्तर निम्न पाये गये हैं। इसके कारण यह सिद्धांत बना है कि यूरिक एसिड अग्रसक्रिय होता है, हालांकि इसका निश्चित महत्व अज्ञात ही है।[30]

पैथोफिज़ियोलॉजी (रोग के कारण पैदा हुए क्रियात्मक परिवर्तन)

MS के तीन मुख्य गुण केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र में हानि (जिनको प्लाक भी कहा जाता है), सूजन तथा न्यूरॉन्स के माइलिन आवरण का क्षरण हैं। ये गुण आपस में जटिल तथा अभी तक अज्ञात तरीके से आपस में संबंध बनाते हैं जिससे कि तंत्रिका ऊतकों में क्षरण होता है जिससे कि रोग के लक्षण पैदा होते हैं।[1] साथ ही MS को प्रतिरक्षा-मध्यस्थता विकार माना जाता है जो किसी व्यक्ति की आनुवंशिकता और अज्ञात पर्यावरणीय कारणों के आपसी संबंधों से विकसित होता है।[2] यह माना जाता है कि व्यक्ति की अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा तंत्रिका तंत्र पर आक्रमण द्वारा कम से कम हिस्सों में आक्रमण करने से क्षति होती है।[1]

घाव

MS में डीमैलिनेशन। क्लूवर बैरेरा माइलिन अभिरंजन होने पर, घाव के क्षेत्र में रंग बिगड़ना संभव हो सकता है (मूल पैमाना 1:100)।

मल्टीपल स्कलेरोसिस नाम उन घावों (स्कलेर – जिनको प्लाक या घाव के रूप में बेहतर रूप से जाना जाता है) को बताता है जो तंत्रिका प्रणाली में निर्मित होते हैं। ये घाव सबसे आम रूप में नेत्र तंत्रिका, मस्तिष्क स्टेम, बेसल गैन्गुइया और मेरु रज्जु में स्थित सफेद द्रव्य को या पार्श्विक निलयों प्रभावित करते हैं। [1] सफेद द्रव्य कोशिकाओं का कार्य ग्रे द्रव्य क्षेत्रों के बीच संकेतों का आदान प्रदान करना है, जहां पर इनका संसाधन होता है तथा ये शेष शरीर में भी यह संकेतों को ले जाते हैं। परिधीय तंत्रिका तंत्र इसमें बेहद कम बार शामिल होता है। [2]

अधिक विशिष्ट रूप से, MS में ओलिगोडेन्ड्रोसाइट की हानि होती है, वो कोशिका जो माइलिन आवरण के नाम से जानी जाने वाली एक वसा परत के निर्माण व रखरखाव के लिये उत्तरदायी होती है जो कि न्यूरॉन्स को विद्युतीय संकेतों को ले जाने में सहायता करती हैं।[1] जिसके परिणाम स्वरूप माइलिन पतली हो जाता है या इसका संपूर्ण ह्रास हो जाता है, जैसे-जैसे रोग बढ़ता है न्यूरॉन्स के एक्सॉन का ब्रेकडाउन हो जाता है। जब मेलाइन समाप्त हो जाती है तो न्यूरॉन्स विद्युतीय संकेतों का प्रभावी संवहन नहीं कर पाते हैं। [2] एक मरम्मत प्रक्रिया, जिसे रीमाइलिनेशन कहा जाता है, रोग की आरंभिक अवस्था में होती है, लेकिन ओलिगोडेन्ड्रोसाइट कोशिका के माइलिन आवरण को फिर से पूरी तरह से बना पाने में असमर्थ होता है।[31] माइलिन बार-बार दौरे पड़ने से रीमाइलिनेशन कम प्रभावी होता जाता है, जब तक कि क्षतिग्रस्त एक्स़न के चारो ओर एक खरोच जैसा प्लाक नहीं बन जाता है।[31] ये खरोचें ही किसी दौरे के दौरान लक्षणों की जनक होती हैं चुंबकीय अनुनाद इमेजिंग (MRI) अक्सर दस नये प्लाक दिखाती है।[1] यह इस बात को भी दर्शा सकता है कि घावों की एक ऐसी संख्या होती है जिनसे कम पर, मस्तिष्क बिना किन्ही महत्वपूर्ण परिणामों को पैदा किये मरम्मत कर सकता है।[1] घावों के निर्माण में शामिल एक और प्रक्रिया असमान्य रूप से एस्ट्रोकाइट्स की संख्या में वृद्धि है जिसका कारण नज़दीकी न्यूरॉन्स का क्षय है।[1] कई सारे घाव पैटर्न की व्याख्या की गयी है।[32]

सूजन

डीमैलिनेशन के अतिरिक्त रोग का अन्य चिह्न सूजन है। प्रतिरक्षा विज्ञान की व्याख्या के अनुसार, सूजन एक ऐसी प्रक्रिया है जो टी कोशिका के कारण होती है, जो कि एक प्रकार का लिंफोसाइट है, जो शरीर की प्रतिरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।[2] टी कोशिकाएं रक्त-मस्तिष्क बैरियर में अवरोधों के माध्यम से मस्तिष्क में प्रवेश हासिल करती हैं। टी कोशिकाएं माइलिन को बाहरी समझ कर उन पर आक्रमण कर देती हैं जो यह स्पष्ट करता है कि क्यों इन कोशिकाओं को “स्वचालित रूप से प्रतिक्रिया करने वाली लिंफोसाइट” कहा जाता है।[1]

माइलिन का आक्रमण सूजन प्रक्रिया को शुरु कर देता है जो अन्य प्रतिरक्षी कोशिकाओं को उत्तेजित कर देता है और विलेय कारकों जैसे साइटोकाइन और एंटीबॉडी को जन्म देता है। रक्त-मस्तिष्क बैरियर में अवरोध कई अन्य क्षतिकारक प्रभाव पैदा करता है जैसे सूजन, मैक्रोफेग्स का सक्रियण और साइटोकाइन व अन्य विनाशकारी प्रोटीनों का सक्रियण।[2] सूजन संभावित रूप से न्यूरॉन्स के बीच जानकारी के प्रसारण को कम से कम तीन तरह से घटा सकती है।[1] मुक्त किये गये विलेय कारक, बरकरार न्यूरॉन्स द्वारा न्यूरो प्रसारण रोक सकते हैं। ये कारक माइलिन की हानि को शुरु कर सकते या बढ़ा सकते हैं या एक्सॉन को पूरी तरह से तोड़ सकते हैं।[1]

रक्त-मस्तिष्क बाधा, कैपिलरी प्रणाली का एक हिस्सा है जो टी कोशिकाओं को केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र में दाखिल होने से रोकते हैं। यह इस प्रकार की कोशिकाओं से पारगम्य हो सकते हैं जो विषाणु या बैक्टीरिया द्वारा संक्रमण से द्वितीयक हो सकते हैं। आम तौर पर संक्रमण के समाप्त होने के बाद जब यह अपनी मरम्मत कर लेते हैं तो टी कोशिकाएं मस्तिष्क के भीतर फंसी रह सकती हैं।[2]

निदान

साल भर तक चली मासिक एमआरआई द्वारा प्रदर्शित समय व स्थान में मस्तिष्क के घावों के प्रसार को दर्शाता एनीमेशन

मल्टीपल स्कलेरोसिस का निदान आम तौर पर प्रस्तुत चिह्नों तथा लक्षणों के साथ समर्थक चिकित्सीय इमेजिंग और प्रयोगशाला परीक्षण के संयोजन से किया जाता है। [14] विशेष रूप से शुरुआत में, यह निश्चित कर पाना कठिन हो सकता है क्योंकि इसके चिह्न व लक्षण दूसरी चिकित्सीय समस्याओं के समान हो सकती हैं।[1][33] मैक्डॉनल्ड मापदंड, जो घावों को चिकित्सीय, प्रयोगशाला तथा रेडियोलॉजी संबंधी साक्ष्यों पर विभिन्न समयों पर विभिन्न क्षेत्रों में ध्यान केन्द्रित करता है, निदान का सबसे आम तरीका है, [8] जबकि शूमाकर तथा पोसर मापदंड सबसे अधिक ऐतिहासिक महत्व के हैं।[34] जबकि उपरोक्त मापदंड एक गैर-आक्रामक निदान संभव करते हैं, कुछ का मानना है कि एकमात्र निश्चित साक्ष्य एक ऑटोप्सी या बायोप्सी ही है जहां पर MS के विशिष्ट घावों की पहचान होती है।[1][35][36]

यदि किसी व्यक्ति में रोग के तंत्रिका संबंधी लक्षणों के गुण के पृथक प्रकरण हों तो MS के निदान के लिये चिकित्सीय आंकड़े ही पर्याप्त हैं।[35] वे लोग जिनको एक ही दौरे के बाद चिकित्सीय सहायता की जरूरत हो उनमें निदान के लिये अन्य परीक्षणों की जरूरत होती है। सबसे अधिक उपयोग किये जाने वाले निदान साधनों में न्यूरोइमेजिंग, प्रमस्तिष्कमेरु तरल का विश्लेषण तथा उत्पन्न होने की संभावना शामिल हैं। मस्तिष्क तथा मेरु की चुंबकीय अनुनाद इमेजिंग डीमैलिनेशन (प्लाक के घावों) के क्षेत्रों को दर्शा सकती है। गैडोलिनियम को अंतःशिरीय रूप से एक विपरीत एजेंट के रूप में सक्रिय प्लाक को उजागर करने के लिये तथा निरसन द्वारा यह प्रदर्शित करने के लिये कि मूल्यांकन के समय ऐतिहासिक घाव लक्षणों से संबंधित नहीं है, दिया जा सकता है।[35][37] एक लंबर पंचर द्वारा प्राप्त प्रमस्तिष्कमेरु तरल का परीक्षण केंद्रीय तंत्रिका तंत्र में रुग्ण सूजन दर्शा सकता है। प्रमस्तिष्कमेरु तरल का परीक्षण वैद्युतकणसंचलन पर IgG के ओलिगोक्लोनल बैंड के लिये किया जाता है, जो सूजन की निशानदेही करते हैं और जिसे से पीड़ित लोगो में से 75–85% में पाया जाता है।[35][38] ऐसे मार्गो में डीमैलिनेशन के कारण MS में तंत्रिका तंत्र, नेत्र तंत्रिका तथा संवेदी तंत्रिकाओं की उत्तेजनाओं के प्रति कम सक्रिय रूप से प्रतिक्रिया दे सकता है। इन मस्तिष्क संबंधी प्रतिक्रियाओं को दृष्य तथा संवेदी उत्पन्न होने की संभावनाओंका उपयोग करके जांचा जा सकता है। [39]

चिकित्सीय प्रवाह

MS उपप्रकारों का आरोहण

कई उपप्रकारों या आरोहण के पैटर्न को बताया गया है। उपप्रकार, रोग के पिछले पिछले प्रवाह का उपयोग करके भविष्य के प्रवाह की भविष्यवाणी करने का प्रयास करते हैं। वे न केवल रोग के निदान के लिये वरन् उपचार संबंधी निर्णयों के लिये भी आवश्यक हैं। 1996 में अमरीकी राष्ट्रीय मल्टीपल स्कलेरोसिस सोसाइटी में चार चिकित्सीय प्रवाहों की व्याख्या की है:[4]

  1. relapsing remitting,
  2. secondary progressive,
  3. primary progressive, and
  4. progressive relapsing.

बार-बार होने तथा मुक्त होने वाले उपप्रकार को अनपेक्षित बार-बार होने से चिह्नित किया जाता है जिनके बाद में कुछ महीनों या सालों की कुछ शांत (मुक्ति) अवधियां होती है जिनमें रोग की गतिविधि के लक्षण नहीं होते हैं। दौरों के दौरान कमी या तो समस्याओं को विघटित कर देती है या समाप्त कर देती है, दौरों के लगभग 40 प्रतिशत मामलो में बाद वाली स्थिति होती है और उतनी अधिक आम होती है जितना कि व्यक्ति का रोग पुराना होता है।[1][14] यह MS से पीड़ित 80 प्रतिशत लोगों के आरंभिक प्रवाह को समझाता है।[1] जब कमियां हमेशा दौरों के बीच विघटित कर देती हैं तो कभी कभार इसे सौम्य MS कहा जाता है,[40] हालांकि फिर भी लंबी अवधि में लोगों में कुछ असमर्थता पैदा हो जाती है। [1] दूसरी ओर पद घातक मल्टीपल स्कलेरोसिस का उपयोग से पीड़ित उन लोगों के लिये किया जाता है जिनमें छोटी सी अवधि में असमर्थता एक महत्वपूर्ण स्तर तक पहुंच गयी हो। [41] बार-बार होने तथा मुक्त होने वाला उपप्रकार आमतौर पर एक चिकित्सीय पृथक सिन्ड्रोम (CIS) से शुरु होता है। CIS में व्यक्ति को पड़ने वाला दौरा डिमरैलीनेशन का सुझाव देता है लेकिन मल्टीपल स्कलेरोसिस के मापदंड को पूरा नहीं करता है।[1][42]30 से 70% वे लोग जिनको कि CIS का अनुभव होता है बाद में MS से पीड़ित हो जाते हैं।[42]

माइलिन आवरण वाले तंत्रिका अक्षतंतु

द्वितीयक क्रमिक MS उन लोगो में से 65 प्रतिशत लोगों को होता है जिनमें आरंभिक बार-बार मुक्त होने वाला MS होता है, जिनको अंततः मुक्ति की निश्चित अवधियों के बिना गंभीर दौरों के बीच क्रमिक तंत्रिका संबंधी गिरावट हो जाती है।[1][4] समसामयिक पुनरावर्तन या हल्का पुनरावर्तन हो सकता है।[4] रोग की शुरुआत तथा बार-बार होने तथा मुक्त होने से द्वितीयक क्रमिक MS के बीच की सबसे आम समयावधि 19  वर्ष है। [43] प्राथमिक क्रमिक उपप्रकार लगभग 10 से 20 प्रतिशत लोगों में होता है जिसमें आरंभिक लक्षणों के बाद कोई मुक्ति नहीं होती है।[44][14] इसे शुरुआत से असमर्थता के आरोहण से पहचाना जाता है जिसमें केवल समसामयिक तथा हल्की या शून्य मुक्ति तथा सुधार होता है।[4] प्राथमिक क्रमिक उपप्रकार के लिये शरुआत की सामान्य उम्र बार-बार होने तथा मुक्त होने वाले उपप्रकार के बाद होती है। यह उस उम्र के समान होती है जिसमें बार-बार होने तथा मुक्त होने वाले की शुरुआत में द्वितीयक आरोहण होता है जो कि लगभग 40 वर्ष की उम्र होती है।[1]

क्रमिक बार-बार होने वाला MS उन लोगों को होता है जिनमे शुरुआत से एक स्थिर तंत्रिका संबंधी गिरावट होती है लेकिन साथ ही स्पष्ट एक के बाद एक दौरे होते हैं। यह सभी उपप्रकारों में सबसे कम आम है।[4]

MS के असमान्य प्रकारों की व्याख्या की गयी है। इनमें डेविक का रोग, बालो संकेन्द्रित स्कलेरोसिस, शिल्डर्स विस्तृत स्कलेरोसिस तथा मारबर्ग मल्टीपल स्कलेरोसिस शामिल हैं। यह बहस का विषय है कि ये के भिन्न-रूप हैं या भिन्न रोग। [45] मल्टीपल स्कलेरोसिस बच्चों में भिन्न रूप में व्यवहार करता है, इसको इनमें क्रमिक चरण में पहुंचने पर अधिक समय लगता है।[1] फिर भी आम तौर पर ये वयस्कों से कम औसत उम्र पर इस अवस्था में पहुंच जाता है।[1]

प्रबंधन

हालांकि मल्टीपल स्कलेरोसिस के लिये कोई ज्ञात उपचार नहीं है , फिर भी कई तरह के उपचार सहायक सिद्ध हुए हैं। उपचार के प्राथमिक लक्ष्य, दौरे के बाद सामान्य प्रकार्य हासिल करना, नये दौरे से बचाव तथा अक्षमता से बचाव करना है। किसी भी अन्य चिकित्सीय उपचार की तरह के प्रबंधन में उपयोग की गयी दवाओं के बहुत सारे विपरीत प्रभाव होते हैं। समर्थक साक्ष्यों के अभाव के बावजूद, कुछ लोग वैकल्पिक उपचार करते हैं।

गंभीर दौरे

लाक्षणिक दौरों के दौरान, मेथिलप्रीनिसोलोन जैसे अंतःशिरीयकार्टिकॉस्टरॉएड की बड़ी खुराकें एक सामान्य उपचार है,[1]जिसमें से मौखिक कार्टिकॉस्टरॉएड की समान प्रभावकारिता और सुरक्षा प्रोफाइल दिखती है।[46] हालांकि लक्षणों को आराम देने के लिये ये सामान्यतया प्रभावी रहती है लेकिन कार्टिकॉस्टरॉएड उपचार का दीर्घ अवधि में सुधार पर कोई महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं दिखता है।[47] कार्टिकॉस्टरॉएड से उपचार के बावजूद होने वाले बहुत सारे दौरों के परिणामों का उपचार प्लास्माफेरेसिस से किया जा सकता है।[1]

रोग-सुधार उपचार

बार-बार होने तथा मुक्त होने वाला मल्टीपल स्कलेरोसिस

बार-बार होने तथा मुक्त होने वाले मल्टीपल स्कलेरोसिस के लिये विनियामक एजेंसियों द्वारा आठ रोग-सुधार उपचारों का अनुमोदन किया गया है जिनमें इंटरफेरॉन बीटा -1ए, इंटरफेरॉन बीटा -1बी, ग्लेटिरामेर एसीटेट, मिटोक्सेन्ट्रोन, नेटलाइज़मब, फिंगोलिमोड, [48] टेरिफ्लूनोमाइड[49] तथा डाईमेथिल फ्यूमरेट शामिल हैं। [50] 2012 तक इनकी लागत प्रभावकारिता अस्पष्ट है।[51]

RRMS में ये दौरों की संख्या घटाने में औसत रूप से प्रभावी है।[48] इंटरफेरॉन तथा ग्लाटिरामेर प्रथम पंक्ति उपचार हैं [14] और मोटे तौर पर बराबर ही हैं, इनसे पुनरावर्तन में लगभग 30 प्रतिशत तक कमी देखी गयी है।[52] शीघ्र शुरु किया गया दीर्घावधि उपचार सुरक्षित है तथा बेहतर परिणाम देता है।[53][54] नेटलाइज़मब पुनरावर्तन की दरों को कम करने में प्रथम पंक्ति एजेंटों से अधिक प्रभावी है; हालांकि दुष्परिणामों के कारण इसे द्वितीय पंक्ति उपचार माना जाता है तथा उनके लिये उपयोग किया जाता है जिनमें कोई अन्य उपचार लाभ न देता हो [14] या रोग गंभीर हो।[52] दुष्परिणामों के कारण मिटोक्सेन्ट्रोन, जिसका कि उपयोग सीमित है, उन लोगों के लिये एक तृतीय पंक्ति उपचार माना जाता है जिनमें कोई अन्य उपचार लाभ न देता हो।[14] इंटरफेरॉन से चिकित्सीय पृथक सिन्ड्रोम (CIS) का उपचार करने से चिकित्सीय MS की ओर बढ़ने का अवसर कम हो जाता है।[1][55] बच्चों में इंटरफेरॉन तथा ग्लाटिरामेर की प्रभावकारिता को मोटे तौर पर वयस्कों के तुल्य पाया गया है।[56] फिन्गोलिमोड, टेरिफ्लूनोमाइड तथा डाईमेथिल फ्यूमारेट जैसे नये एजेंटों की भूमिका 2011 तक पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हुई है।[57]

क्रमिक मल्टिपल स्क्लेरोसिस

किसी भी उपचार से प्राथमिक क्रमिक MS के प्रवाह पर कोई परिवर्तन नहीं दिखा है[14] तथा 2011 तक केवल मिटोक्सेन्ट्रोन को द्वितीयक क्रमिक MS के लिये अनुमोदित किया गया है।[58] इस जनसंख्या परख साक्ष्य में मिटोक्सेन्ट्रोन रोग की वृद्धि का कम होना दिखता है तथा दो वर्षों में बार-बार होने की दर कम होती है।[59][60]

विपरीत प्रभाव

ग्लेटिरामेर एसीटेट के इंजेक्शन के बाद उत्तेजना वाला क्षेत्र।

रोग सुधार उपचार के कई विपरीत प्रभाव हैं। ग्लेटिरामेर एसीटेट तथा इंटरफेरॉन के इंजेक्शन के क्षेत्र में होने वाली उत्तेजना इनमें सबसे आम है (त्वचा के नीचे लगाये जाने वाले इंजेक्शनों में 90 प्रतिशत तक तथा अंतःशिरीय इंजेक्शनों में 33 प्रतिशत तक)।[61] समय के साथ, इंजेक्शन वाली जगह पर लिपोट्रॉफी के नाम से जाना जाने वाला, वसा ऊतकों के स्थानीय क्षरण के कारण एक दृष्य उभार विकसित हो सकता है।[61] इंटरफेरॉन के कारण फ्लू जैसे लक्षण पैदा हो सकते हैं;[62] ग्लेटिरामेर लेने वाले कुछ लोगों को इंजेक्शन के बाद निस्तब्धता, सीने में जकड़न, सांस लेने में तकलीफ और घबराहट जैसी प्रतिक्रियाएं हो सकती हैं जो 30 से कम मिनट कर बनी रह सकती हैं।[63] इंटरफेरॉन से सबसे खतरनाक लेकिन बेहद कम होने वाली समस्याओ में यकृत क्षति तथा[64] मिटोक्सेन्ट्रोन के कारण सिस्टोलिक शिथिलता (12%), बांझपन तथा गंभीर माएलॉएड ल्यूकेमिया (0.8%),[59][65] तथा नेटलाइज़मब के साथ प्रोग्रेसिव मल्टीफोकल ल्यूकोइंसेफलोपैथी (उपचार दिये गये 600 लोगों में से 1 में होता है) शामिल है।[14][66]

फिंगोलिमोड से उच्चरक्तचाप तथा मंदस्पंदन, आँख की मैक्यूला का शोफ, से उन्नत यकृत एंज़ाइम या लिंफोसाइट स्तरों में कमीं हो सकती है। [67] अपुष्ट साक्ष्य टेरीफ्लूनोमाइड की लघु अवधि सुरक्षा का समर्थन करते हैं इसके आम विपरीत प्रभावों में सिरदर्द, थकान, मिचली, बालों का झड़ना तथा अंगों में दर्द का होना शामिल हैं।[48] इसके उपयोग के साथ यकृत विफलता तथा PML की रिपोर्ट भी मिली हैं तथा यह भ्रूण के विकास के लिये खतरनाक है। [67] डाईमेथिल फ्यूमरेट के सबसे आम विपरीत प्रभाव निस्तब्धता तथा जठरांत्रीय समस्याएं हैं।[50][67] जबकि डाईमेथिल फ्यूमरेट के कारण श्वेत रक्त कणिकाओं की संख्या में कमीं हो सकती है फिर भी परीक्षणों के दौरान अवसरवादी संक्रमणों की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है।[68][69]

संबंधित लक्षण

दवाओं तथा तंत्रिका पुनर्वास दोनो के माध्यम से कुछ लक्षणों में सुधार देखा गया है, हालांकि दोनो ही रोग के प्रवाह को परिवर्तित नहीं करते हैं।[70] कुछ लक्षण दवाओं के प्रति कुछ अच्छी प्रतिक्रिया प्रदर्शित करते हैं जैसे कि अस्थिर मूत्राशय या असमर्थता, जबकि कुछ में परिवर्तन बेहद कम होता है।[1] तंत्रिका संबंधी समस्याओं के लिये जीवन की गुणवत्ता को बेहतर करने के लिये एक बहु-विषयक दृष्टिकोण महत्वपूर्ण है; हालांकि किसी ‘मुख्य टीम’ को निर्दिष्ट कर पाना कठिन है क्योंकि विभिन्न समयों पर विभिन्न स्वास्थ्य सेवाओं की आवश्यकता पड़ सकती है। [1] बहु-विषयक पुनर्वास कार्यक्रम MS के साथ लोगों की गतिविधि तथा सहभागिता को बढ़ाते हैं लेकिन हानि के स्तर को प्रभावित नहीं करते हैं।[71] एकल उपचार विषयों की समग्र प्रभावकारिता पर सीमित साक्ष्य उपलब्ध हैं, [72][72][73] हालांकि इस बात के काफी साक्ष्य हैं कि विशिष्ट दृष्टिकोण जैसे कि व्यायाम, [74][75] तथा मनोविज्ञान उपचार, विशेष रूप से संज्ञानात्मक व्यवहार संबंधी दृष्टिकोण प्रभावी हैं।[76]

वैकल्पिक उपचार

50% से अधिक लोग मुफ्त तथा वैकल्पिक दवाएं उपयोग कर सकते हैं हालांकि यह प्रतिशत इस बात पर निर्भर करता तथा बदलता है कि वैकल्पिक दवाओं को किस प्रकार परिभाषित किया जा रहा है।[77] अधिकतर मामलों में प्रभावशीलता से संबंधित साक्ष्य कमजोर या अनुपस्थित हैं। [77][78] जबकि इस बात के कुछ साक्ष्य हैं कि विटामिन डी प्रभावकारी हो सकता है, लेकिन निश्चित परिणामों के लिये साक्ष्य अपर्याप्त हैं।[79] MS से पीड़ित लोगों द्वारा असिद्ध लाभों वाले उपचारों में अनुपूरक आहार तथा पथ्य जैसे कि [77][80][81]योग जैसी तनावमुक्ति तकनीकें, [77] जड़ी बूटियां (औषधीय भांग भी),[77][82] अति सघन ऑक्सीजन उपचार,[83] हुकवर्म द्वारा आत्म-संक्रमण, रिफलैक्सोलॉजी तथा ऐंक्यूपंचर शामिल हैं।[77][84] उपयोगकर्ताओं की विशिष्टताओं के संबंध में, इनका उपयोग करने वाली महिलाएं अधिक हैं तथा वे लोग जिनको लंबे समय से MS है, जिनमें अक्षमता अधिक है तथा पारंपरिक स्वास्थ्य सेवाओं से संतुष्टि का स्तर कम है।[77]

रोग का निदान

2004 में प्रति 1,00,000 निवासियों में मल्टीपल स्कलेरोसिस के लिये अक्षमता-समायोजित जीवन काल
██ no data ██ <13 ██ 13–16 ██ 16–19 ██ 19–22 ██ 22–25 ██ 25–28
██ 28–31 ██ 31–34 ██ 34–37 ██ 37–40 ██ 40–43 ██ >43

रोग का संभावित भविष्य प्रवाह रोग के उपप्रकार, पीड़ित के लिंग, उम्र तथा आरंभिक लक्षणों व व्यक्ति की अक्षमता के स्तर पर निर्भर करता है। [7] स्त्रीलिंग, बार-बार होने वाले-मुक्ति उपप्रकार, ऑप्टिक न्यूरिटिस या शुरुआत में तंत्रिका संबंधी लक्षण, आरंभिक वर्षों में कुछ दौरे तथा शुरुआत में विशेष रूप से कम उम्र बेहतर प्रभावों से संबंधित है।[7][85]

शुरुआत के बाद औसत जीवन संभाव्यता 30 वर्ष है जो अप्रभावित व्यक्ति से 5 से 10 वर्ष कम है।[1] MS से पीड़ित लगभग 40 प्रतिशत लोग अपने जीवन के सातवें दशक तक जीवित रहते हैं।[85] बावजूद इसके दो तिहाई मौतें इस रोग के परिणामों से सीधे तौर पर जुड़ी होती हैं।[1] आत्महत्या अधिक आम है जबकि संक्रमण तथा अन्य जटिलताएं अधिक अक्षम लोगों के लिये विशेष रूप से खतरनाक हैं।[1] हालांकि अधिकांश लोग मृत्यु से पहले चलने की क्षमता खो देते हैं, 90 प्रतिशत लोग रोग की शुरुआत से 10 वर्षों तक स्वतंत्र रूप से चल सकते हैं और 75 प्रतिशत 15 वर्षों तक।[85][86]

महामारी - विज्ञान

2010 में पूरे विश्व में MS से पीड़ित लोगों की संख्या 2-2.5 मिलियन (लगभग 1,00,000 में 30 लोग) हैं जिसकी दर विभिन्न क्षेत्रों में भिन्न-भिन्न होती है।[8][9] अनुमान है कि प्रति वर्ष इस रोग से लगभग 18,000 मौतें होती हैं।[87] अफ्रीका में ये दर 0.5 प्रति लाख तथा दक्षिणपूर्व एशिया में यह दर 2.8 प्रति लाख, अमरीका में 8.3 प्रति लाख था यूरोप में 80 प्रति लाख है।[8] उत्तर यूरोपीय क्षेत्रों में कुछ जनसंख्याओं में यह दर 200 प्रति लाख है।[9] हर साल नये मामलों के विकास की दर 2.5 प्रति लाख है।[8]

MS की दर बढ़ती हुई दिख रही है, हालांकि इसको सहज रूप से बेहतर निदान का परिणाम समझा जा सकता है।[9] जनसांख्यिकीय तथा भौगोलिक पैटर्न पर अध्ययन समान रहे हैं [28] तथा कारण के बारे में कई सारे सिद्धांतों को जन्म देते हैं। [6][18][21]

MS आम तौर पर वयस्कों में उनके दूसरे दशक के अंत या तीसरे दशक के आरंभ में दिखना शुरु होता है, बेहद कम मामलों में यह लेकिन बचपन या 50 के बाद शुरु हो सकता है।[8][9] जीवन के पांचवें दशक में MS से प्रभावित होने वालों में प्राथमिक क्रमिक उपप्रकार अधिक आम है।[44] अनेक स्वप्रतिरक्षी विकारों के समान यह रोग महिलाओं में अधिक आम है तथा इसकी प्रवृत्ति बढ़ रही है।[1][19] 2008 में, वैश्विक रूप से यह पुरुषों की तुलना में महिलाओं में दोगुना आम है।[8] बच्चों में भी यह लड़कियों में लड़कों की अपेक्षा दुगना होता है,[1] जबकि 50 से ऊपर की उम्र वालों में यह पुरुषों तथा महिलाओं को लगभग समान रूप से प्रभावित करता है।[44]

इतिहास

चिकित्सीय खोज

मस्तिष्क स्टेम तथा मेरू रज्जु में MS घावों के कार्सवेल के चित्र का विवरण (1838)

फ्रांसीसी स्नायु विशेषज्ञ जॉन मार्टिन चारकॉट (1825–1893) वे पहले व्यक्ति थे जिन्होने मल्टीपल स्कलेरोसिस को 1868 एक पृथक रोग के रूप में पहचाना था।[88] पिछली रिपोर्टों को आधार बना कर तथा अपने चिकित्सीय व रोगात्मक प्रेक्षणों को उसमें जोड़ कर चारकॉट ने रोग को sclerose en plaques कहा था। चारकॉट ट्राएड 1 के नाम से जाने वाले MS के तीन लक्षण अब निस्टेग्मस, इंटेशन ट्रेमर तथा टेलेग्राफिक स्पीच (स्कैनिंग स्पीच), कहे जाते हैं हालांकि ये कि विशिष्ट नहीं हैं। चारकॉट ने संज्ञानात्मक परिवर्तन भी देखे, जिसकी व्याख्या उन्होने अपने रोगियों में “स्मृति में निश्चित गिरावट” तथा “धीरे-धीरे गठित होने वाली धारणाओं” के रूप में की थी।[10]

चारकॉट के पहले, रॉबर्ट कार्सवेल (1793–1857), पैथॉलॉजी के ब्रिटिश प्रोफेसर तथा रोगात्मक शरीर रचना के एक फ्रांसीसी प्रोफेसर जीन क्रूवेलहायर (1791–1873), ने रोग के कर् चिकित्सीय विवरणों की व्याख्या तथा चित्रण किया था लेकिन इसकी एक पृथक रोग के रूप में पहचान नहीं की थी।[88] विशिष्ट रूप से कार्सवेल ने देखी गयी चोटों की "अपक्षय के साथ साथ रीढ़ की हड्डी का एक उल्लेखनीय घाव" के रूप में व्याख्या की थी।[1] सूक्ष्मदर्शी के नीचे, स्विस रोगविज्ञानी जॉर्ज एडवर्ड रिन्डफ्लाएश (1836–1908) ने 1863 में देखा कि घाव से जुड़ी सूजन रक्त वाहिकाओं में फैल गयी थी। [89][90] 20 वीं सदी में कारण तथा रोगजनक के सिद्धांतों विकसित हुए तथा प्रभावी उपचार 1990 में दिखने शुरु हुए।[1]

ऐतिहासिक मामले

MS से पीड़ित महिला रोगी में चलने की कठिनाइयों पर लोकोमोशन का फोटोग्राफिक अध्ययन,मुएब्रिजद्वारा 1887 में निर्मित

ऐसे बहुत से लोगों के ऐतिहासिक स्पष्टीकरण उपलब्ध हैं जो चारकॉट द्वारा रोग के वर्णन के आसपास जीवित थे और संभवतः जिनको MS रोग था।

हाल्डोरा नाम की एक युवा महिला जो 1200 के आसपास आइसलैंड में रहती थी अचानक अपनी दृष्टि और चलने की क्षमता खो बैठी, लेकिन संतों से प्रार्थना करने के बाद एक हफ्ते में उनको वापस पा गयी। स्कीडम (1380–1433) की संत लिड्विना जो कि एक डच नन थी, संभवतः MS से पीड़ित पहली पहचानी गयी महिला थीं। 16 की उम्र से लेकर 55 वर्ष में अपनी मृत्यु तक उनको रुक-रुक कर दर्द होता था, पैरों में कमजोरी थी और दृष्टि खो गयी थी —ये सभी MS के ठेठ लक्षण थे।[91] दोनो मामलों ने रोग के विस्तार के लिये “वाईकिंग जीन” सिद्धांत के प्रस्ताव की पुष्टि की।[92]

ऑगस्टस फ्रेड्रिक डस्टर (1794–1848), जो कि ससेक्स के ड्यूक प्रिंस ऑगस्टस फ्रेड्रिक तथा लेडी ऑगस्टा मरे के पुत्र तथा यूनाइटेड किंगडम के जॉर्ज III के पौत्र थे को लगभग पक्के तौर पर MS रोग था। डस्टर ने रोग के साथ अपने जीवन का वर्णन करते हुए एक विस्तृत डायरी छोड़ी। उसकी डायरी 1822 में शुरु हो कर 1846 में समाप्त हुई, हालांकि यह 1948 तक अज्ञात रही। उसके लक्षण 28 की उम्र में उसके मित्र के अंतिम संस्कार के बाद, क्षणिक दृष्टि हानि (क्षणिक अंधता)से शुरु हुए। अपने रोग के प्रवाह के दौरान उसमें पैरों की कमजोरी, हाथों का भद्दापन, स्तब्धता, चक्कर आना, मूत्राशय का विकार तथा स्तंभन दोष विकसित हो गया। 1844 में उसने व्हीलचेयर का उपयोग करना शुरु कर दिया। अपने रोग के बावजूद उसने जीवन के प्रति अपना दृष्टिकोण सकारात्मक रखा।[93][94] MS का एक अन्य पुराना मामला, डायरी लिखने वाले एक ब्रिटिशडब्लू.एन.पी.बारबेलियन, जो कि ब्रूस फ्रेड्रिक कमिंग्स (1889–1919) के nom-de-plume थे जिन्होने अपने निदान और संघर्ष का विस्तृत वर्णन लिखा था।[94] उनकी डायरी 1919 में द जर्नल ऑफ ए डिसअप्वाइंटेड मैन के रूप में प्रकाशित हुई।[95]

शोध

दवाएं

एलेमतुज़ुमाब की रासायनिक संरचना

बार-बार होने-मुक्त होने वाले MS के लिये अधिक प्रभावी, सुविधाजनक और सहनीय उपचारों की खोज चल रही है; क्रमिक उपप्रकारों के लिये उपचारों, तंत्रिका सुरक्षा रणनीतियों तथा प्रभावी लक्षणात्मक उपचारों का निर्माण हो रहा है।[96]

2000 तथा 2010 के बीच कई मौखिक दवाओं का अनुमोदन किया गया है जिनके लोकप्रियता हासिल करने तथा उपयोग की आवृत्ति बढ़ने की उम्मीद है।[97] अन्य मौखिक दवाओं के परीक्षण चल रहे हैं इनमें से एक लैक्विनिमोड है, जिसे अगस्त 2012 में घोषित किया गया था तथा यह अपने परीक्षण के तीसरे चरण में है, जिसके पिछले चरणों में मिश्रित परिणाम रहे हैं।[98] इसी प्रकार से पहले से मौजूद उपचारों की प्रभावशीलता को बेहतर करने के लिये अध्ययन चल रहे हैं। इनमें नये मिश्रणों का उपयोग जैसे इंटरफेरॉन-β-1ए के PEGylated संस्करण शामिल हैं, जिसके माध्यम से यह उम्मीद की जा रही है कि समान प्रभावों के लिये खुराकों की कम संख्या की जरूरत पड़ेगी।[99][100] पेगिनटरफेरॉन बीटा-1ए के अनुरोध के 2013 में अनुमोदित होने की आशा है।[100]

मोनोक्लोनल एंडीबॉडीस ने काफी उच्चर स्तर की रुचि पैदा की है। ऐलमतुज़िमब, डेक्लिजुमब और CD20 मोनोकेलोनल एंटीबाड़ीस जैसे कि रितुक्सिमब, ओक्रेलिजुमब और ओफातुमुमाब ने कुछ लाभ दिखाएं हैं तथा संभावित उपचार के लिये इन पर अध्ययन चल रहा है।[69] इनके उपयोग में संभावित खतरनाक विपरीत प्रभाव भी शामिल हैं, जिनमें सबसे अधिक महत्वपूर्ण अवसरवादी संक्रमण है।[97] जेसी विषाणु एंटीबॉडी के लिये परीक्षण का विकास इन परीक्षणों से संबंधित है जो इस बात के निर्धारण में सहायक हो सकता है कि नतालिज़ुमब लेते समय कौन क्रमिक मल्टीफोकल ल्यूकोएन्सेफलोपैथी के विकसित होने का अधिक जोखिम झेल रहा है।[97] जबकि मोनोक्लोनल एंटीबॉडीस की भविष्य में रोग के उपचार में कुछ भूमिका होगी, ऐसा माना जाता है कि इनसे जुड़े जोखिमों के कारण यह भूमिका छोटी होगी।[97]

दो या अधिक दवाओं की संयुक्त प्रभावकारिता का मूल्यांकन करना एक अन्य शोध रणनीति है।[101] MS में कई सारी दवाओं का उपयोग करने के पीछे औचित्य यह है कि शामिल उपचार भिन्न-भिन्न तंत्रों को लक्षित होते हैं और इसलिये उनके उपयोग विशिष्ट नहीं हो सकते हैं।[101] सहक्रियाएंभी संभव हैं, जिनमें एक दवा दूसरी दवा के प्रभाव को बेहतर करती है लेकिन एक द्वारा किसी दूसरे के प्रभाव में अनृवरोध पैदा करना तथा विपरीत प्रभावों को और बदतर करना जैसे दोष भी हो सकते हैं।[101] संयुक्त उपचार के कई परीक्षण किये गये हैं, लेकिन किसी में भी इतने पर्याप्त सकारात्मक परिणाम नहीं मिले हैं कि उनको MS के लिये उपयोगी उपचार माना जाये। [101]

तंत्रिका सुरक्षा तथा पुनरुत्पादक उपचारों पर शोध, जैसे कि स्टेम सेल उपचार उच्च महत्व के अवश्य है लेकिन अभी प्राथमिक अवस्था में हैं।[102] इसी तरह से इस रोग के क्रमिक भिन्न रूप का कोई प्रभावी उपचार उपलब्ध नहीं है। नई दवाओं तथा विकसित हो रही दवाओं में से अनेक दवाओं का संभवतः PPMS या SPMS के लिये उपचारों के रूप में मूल्यांकन किया जायेगा।[97]

रोग संबंधी बायोमार्कर

MRI ग्रेडियंट-इको फेस सीक्वेंस का उपयोग करते हुए किया गया मस्तिष्क स्कैन जो सफेद घाव में आयरन जमाव को दिखा रहा है (चित्र के बीच में हरे बॉक्स में; ऊपरी बायें किनारे पर लाल तीर से चिह्नित)। [103]

जबकि निकट भविष्य में निदान दृष्टिकोण बदलने वाला नहीं है बायोमार्कर्स को विकसित करने वाला कार्य चलता रहेगा, जो रोग के निदान तथा रोग की प्रगति की भविष्यवाणी करने में सहायता करेगा।[97] नई नैदानिक विधियां, जिनका परीक्षण चल रहा है उनमें माइलिन-रोधी एंटीबॉडी तथा सीरम पर अध्ययन और शामिल है लेकिन इनमें से किसी ने भी अभी तक सकारात्मक परिणाम नहीं दर्शाएं हैं।[104]

वर्तमान में ऐसे कोई प्रयोगशाला परीक्षण हैं जो रोग-निदान की भविष्यवाणी कर सकते हैं। कई आशाजनक दृष्टिकोण प्रस्तावित किये गये हैं जिनमें इंटरल्यूकिन-6, नाइट्रिक ऑक्साइड तथा नाइट्रिक ऑक्साइड सिंथेस, ऑस्टियोपोंटिन तथा फेट्युइन-ए शामिल हैं। [104] चूंकि रोग प्रगति न्यूरॉन्स के अधःपतन का परिणाम है, न्यूरोफिलामेंट, टाऊ तथा एन- एसिटिलएस्पार्टेट जैसे तंत्रिका ऊतक का हानि दर्शाने वाले प्रोटीनों की भूमिका के परीक्षण चल रहे हैं।[104] अन्य प्रभावों में उन बायोमार्कर्स की खोज शामिल है जो दवाओं के प्रति प्रतिक्रिया दिखाये जाने या नहीं दिखाये जाने के बीच अंतर बताएंगे।[104]

न्यूरोइमेजिंग तकनीकें जैसे कि पॉजिस्ट्रान इमिशन टोमोग्राफी (PET) या मैग्नेटिक रेसोनेंस इमेजिंग (MRI) में सुधार, बेहतर निदान तथा रोग निदान भविष्यवाणी का वादा करती हैं, हालांकि दैनिक चिकित्सा अभ्यासों में ऐसे सुधारों का प्रभाव दिखने में दशकों लग सकते हैं।[97] MRI के बारे में, जहां पर ऐसी कई तकनीकें हैं जिन्होने पहले ही कुछ शोध स्थितियों में कुछ उपयोगिता दर्शायी है और जिनको चिकित्सीय अभ्यासों में पेश किया जा सकता है जैसे कि डबल-इन्वर्सन रिकवरी सीक्वेंस, मैग्नेटाइज़ेशन ट्रांसफर, डिफ्यूजन टेंसरऔर फंक्शनल मैग्नेटिक रेसोनेंस इमेजिंग[105] ये तकनीकें मौजूदा तकनीकों की तुलना में काफी रोग विशिष्ट है लेकिन फिर भी इनमें अधिग्रहण प्रोटोकॉल के मानकीकरण तथा मानक मूल्यों की कमी है।[105] ऐसी कई तकनीकें हैं जिनका विकास हो रहा है जिनमें परिधीय मैक्रोफेज, सूजन या तंत्रिकीय शिथिलता के स्तरों का मापन करने वाले विपरीत एजेंट[105] तथा उन तकनीकों का विकास शामिल है जो आयरन जमाव का मापन कर सकती हैं जो MS में इस गुण की भूमिका के निर्धारण में सहायक होंगी।[105]इसी तरह से, नये PET रेडियोट्रेसर मस्तिष्क सूजन, कोर्टिकल पैथोलॉजी, एपोप्टॉसिस या रीमेलिमेशन जैसी परिवर्तित प्रक्रियाओं के चिह्नों के रूप में सहायक हो सकती है।[106]

जीर्ण मस्तिष्कमेरु शिरापरक अपर्याप्तता

संवहनी सर्जन पाउलो ज़ाम्बोनी ने 2008 में सुझाव दिया कि MS में मस्तिष्क में प्रवाह प्रदान करने वाली शिराओं की संकीर्णता शामिल होती है जिसे उन्होने जीर्ण मस्तिष्कमेरू शिरापरक अपर्याप्तता (CCSVI) कहा। उन्होने अपने अध्ययन में सभी रोगियों में CCSVI पाया जिन पर उन्होने शल्यक्रिया की, बाद में माडिया में इसे “मुक्ति प्रक्रिया” कहा और इसमें सुधार किया तथा दावा किया इसमें भाग लेने वालों में 73 प्रतिशत लोगों को इससे लाभ हुआ।[107] इस सिद्धांत को मीडिया में तथा MS से पीड़ितों में, विशेष रूप से कनाडा में काफी अधिक ध्यानाकर्षण प्राप्त हुआ।[108] ज़ाम्बोनी के शोध को लेकर चिंताएं जाहिर की गयी हैं क्योंकि न तो यह ब्लाइंड था और न ही नियंत्रित तथा रोग के अंतर्निहित कारण के बारे में इसकी परिकल्पनाएं आंकड़ों से समर्थित नहीं हैं।[109]साथ ही, आगे के अध्ययनों में समान संबंध नहीं मिले या ऐसे मिले जो बेहद कम मजबूत थे, [110]जिससे इस सिद्धांत को लेकर गंभीर आपत्तियां उठी।[111] यह “मुक्ति प्रक्रिया” असिद्ध लाभों, गंभीर जटिलताओं तथा मौतों के कारण आलोचना का केन्द्र रही है।[109] इस प्रकार से 2013 में इसे MS के उपचार के लिये अनुशंसित नहीं किया जाता है।[112] अतिरिक्त शोध जो CCSVI के सिद्धांत का परीक्षण कर रहे हैं, अभी किये जा रहे है।[113]

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