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नया पृष्ठ विकिलेख, सम्पादन के बाद (new_wikitext) | 'जयति तेऽधिकं जन्मना व्रजः
श्रयत इन्दिरा शश्वदत्र हि ।
दयित दृश्यतां दिक्षु तावका
स्त्वयि धृतासवस्त्वां विचिन्वते ॥1॥
शरदुदाशये साधुजातसत्स-
रसिजोदरश्रीमुषा दृशा ।
सुरतनाथ तेऽशुल्कदासिका
वरद निघ्नतो नेह किं वधः ॥2॥
विषजलाप्ययाद्व्यालराक्षसा-
द्वर्षमारुताद्वैद्युतानलात् ।
वृषमयात्मजाद्विश्वतोभया
दृषभ ते वयं रक्षिता मुहुः ॥3॥
न खलु गोपिकानन्दनो भवा-
नखिलदेहिनामन्तरात्मदृक् ।
विखनसार्थितो विश्वगुप्तये
सख उदेयिवान्सात्वतां कुले ॥4॥
विरचिताभयं वृष्णिधुर्य ते
चरणमीयुषां संसृतेर्भयात् ।
करसरोरुहं कान्त कामदं
शिरसि धेहि नः श्रीकरग्रहम् ॥5॥
व्रजजनार्तिहन्वीर योषितां
निजजनस्मयध्वंसनस्मित ।
भज सखे भवत्किंकरीः स्म नो
जलरुहाननं चारु दर्शय ॥6॥
प्रणतदेहिनांपापकर्शनं
तृणचरानुगं श्रीनिकेतनम् ।
फणिफणार्पितं ते पदांबुजं
कृणु कुचेषु नः कृन्धि हृच्छयम् ॥7॥
मधुरया गिरा वल्गुवाक्यया
बुधमनोज्ञया पुष्करेक्षण ।
विधिकरीरिमा वीर मुह्यती-
रधरसीधुनाऽऽप्याययस्व नः ॥8॥
<big>'''[https://www.bhagwatkathanak.in/2020/05/gopi-geet-lyrics-in-hindi.html read more]'''</big>
== गोपी गीत: भक्ति और प्रेम की अभिव्यक्ति ==
गोपी गीत, श्रीमद्भागवत महापुराण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जो भगवान कृष्ण के प्रति गोपियों की प्रेम, भक्ति और आस्था को दर्शाते हैं।
'''गोपी गीतों की विशेषताएं:'''
* '''भावनाओं की तीव्रता:''' गोपी गीतों में गोपियों की भावनाएं अत्यंत तीव्र और प्रबल होती हैं। वे कृष्ण के प्रति प्रेम, विरह, आक्रोश, ईर्ष्या, और समर्पण जैसी भावनाओं को व्यक्त करती हैं।
* '''संगीतमयता:''' गोपी गीत मधुर धुनों और लयों में गाए जाते हैं, जो उनकी भावनाओं को और भी प्रभावशाली बनाते हैं।
* '''रूपक और प्रतीक:''' गोपी गीतों में प्रकृति, प्रेम, और आध्यात्मिकता से जुड़े अनेक रूपक और प्रतीक का प्रयोग होता है।
* '''आध्यात्मिक आयाम:''' गोपी गीतों का केवल भौतिक प्रेम तक सीमित नहीं है, बल्कि वे भगवान के प्रति समर्पण और आत्म-साक्षात्कार की भावना को भी दर्शाते हैं।
'''गोपी गीतों के प्रकार:'''
* '''अनुराग गीत:''' ये गीत कृष्ण के प्रति गोपियों के प्रेम और आकर्षण को व्यक्त करते हैं।
* '''विरह गीत:''' ये गीत कृष्ण से दूर रहने के दौरान गोपियों की पीड़ा और विरह भावना को व्यक्त करते हैं।
* '''अभिमान गीत:''' ये गीत गोपियों के कृष्ण के प्रति प्रेम और विश्वास को दर्शाते हैं।
* '''उत्सव गीत:''' ये गीत होली, दीपावली, और जन्माष्टमी जैसे त्योहारों के अवसर पर गाए जाते हैं।
'''गोपी गीतों का महत्व:'''
* '''धार्मिक महत्व:''' गोपी गीत हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। इनका पाठ और श्रवण भगवान कृष्ण की भक्ति और आशीर्वाद प्राप्त करने का साधन माना जाता है।
* '''सांस्कृतिक महत्व:''' गोपी गीत भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग हैं। इनका गायन और नृत्य अनेक लोक उत्सवों और धार्मिक अनुष्ठानों का हिस्सा है।
* '''साहित्यिक महत्व:''' गोपी गीत हिंदी साहित्य की समृद्ध परंपरा का हिस्सा हैं। इनकी भाषा, भावनाएं, और imagery अनेक कवियों और लेखकों को प्रेरित करते रहे हैं।' |
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+
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+
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