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6
सदस्यखाते का नाम (user_name)
'आचार्य शिवम् मिश्र जी'
Type of the user account ($1) (user_type)
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सदस्य खाते की आयु (user_age)
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पृष्ठ शीर्षक (बिना नामस्थान) (page_title)
'Gopi geet lyrics'
पूर्ण पृष्ठ शीर्षक (page_prefixedtitle)
'Gopi geet lyrics'
पृष्ठ पर योगदान देने वाले अंतिम दस सदस्य (page_recent_contributors)
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कार्य (action)
'edit'
सम्पादन सारांश/कारण (summary)
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'wikitext'
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'जयति तेऽधिकं जन्मना व्रजः श्रयत इन्दिरा शश्वदत्र हि । दयित दृश्यतां दिक्षु तावका स्त्वयि धृतासवस्त्वां विचिन्वते ॥1॥ शरदुदाशये साधुजातसत्स- रसिजोदरश्रीमुषा दृशा । सुरतनाथ तेऽशुल्कदासिका वरद निघ्नतो नेह किं वधः ॥2॥ विषजलाप्ययाद्व्यालराक्षसा- द्वर्षमारुताद्वैद्युतानलात् । वृषमयात्मजाद्विश्वतोभया दृषभ ते वयं रक्षिता मुहुः ॥3॥ न खलु गोपिकानन्दनो भवा- नखिलदेहिनामन्तरात्मदृक् । विखनसार्थितो विश्वगुप्तये सख उदेयिवान्सात्वतां कुले ॥4॥ विरचिताभयं वृष्णिधुर्य ते चरणमीयुषां संसृतेर्भयात् । करसरोरुहं कान्त कामदं शिरसि धेहि नः श्रीकरग्रहम् ॥5॥ व्रजजनार्तिहन्वीर योषितां निजजनस्मयध्वंसनस्मित । भज सखे भवत्किंकरीः स्म नो जलरुहाननं चारु दर्शय ॥6॥ प्रणतदेहिनांपापकर्शनं तृणचरानुगं श्रीनिकेतनम् । फणिफणार्पितं ते पदांबुजं कृणु कुचेषु नः कृन्धि हृच्छयम् ॥7॥ मधुरया गिरा वल्गुवाक्यया बुधमनोज्ञया पुष्करेक्षण । विधिकरीरिमा वीर मुह्यती- रधरसीधुनाऽऽप्याययस्व नः ॥8॥ <big>'''[https://www.bhagwatkathanak.in/2020/05/gopi-geet-lyrics-in-hindi.html read more]'''</big> == गोपी गीत: भक्ति और प्रेम की अभिव्यक्ति == गोपी गीत, श्रीमद्भागवत महापुराण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जो भगवान कृष्ण के प्रति गोपियों की प्रेम, भक्ति और आस्था को दर्शाते हैं। '''गोपी गीतों की विशेषताएं:''' * '''भावनाओं की तीव्रता:''' गोपी गीतों में गोपियों की भावनाएं अत्यंत तीव्र और प्रबल होती हैं। वे कृष्ण के प्रति प्रेम, विरह, आक्रोश, ईर्ष्या, और समर्पण जैसी भावनाओं को व्यक्त करती हैं। * '''संगीतमयता:''' गोपी गीत मधुर धुनों और लयों में गाए जाते हैं, जो उनकी भावनाओं को और भी प्रभावशाली बनाते हैं। * '''रूपक और प्रतीक:''' गोपी गीतों में प्रकृति, प्रेम, और आध्यात्मिकता से जुड़े अनेक रूपक और प्रतीक का प्रयोग होता है। * '''आध्यात्मिक आयाम:''' गोपी गीतों का केवल भौतिक प्रेम तक सीमित नहीं है, बल्कि वे भगवान के प्रति समर्पण और आत्म-साक्षात्कार की भावना को भी दर्शाते हैं। '''गोपी गीतों के प्रकार:''' * '''अनुराग गीत:''' ये गीत कृष्ण के प्रति गोपियों के प्रेम और आकर्षण को व्यक्त करते हैं। * '''विरह गीत:''' ये गीत कृष्ण से दूर रहने के दौरान गोपियों की पीड़ा और विरह भावना को व्यक्त करते हैं। * '''अभिमान गीत:''' ये गीत गोपियों के कृष्ण के प्रति प्रेम और विश्वास को दर्शाते हैं। * '''उत्सव गीत:''' ये गीत होली, दीपावली, और जन्माष्टमी जैसे त्योहारों के अवसर पर गाए जाते हैं। '''गोपी गीतों का महत्व:''' * '''धार्मिक महत्व:''' गोपी गीत हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। इनका पाठ और श्रवण भगवान कृष्ण की भक्ति और आशीर्वाद प्राप्त करने का साधन माना जाता है। * '''सांस्कृतिक महत्व:''' गोपी गीत भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग हैं। इनका गायन और नृत्य अनेक लोक उत्सवों और धार्मिक अनुष्ठानों का हिस्सा है। * '''साहित्यिक महत्व:''' गोपी गीत हिंदी साहित्य की समृद्ध परंपरा का हिस्सा हैं। इनकी भाषा, भावनाएं, और imagery अनेक कवियों और लेखकों को प्रेरित करते रहे हैं।'
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