लक्ष्मीसागर वार्ष्णेय (जन्म: अगस्त 1915 ई॰ – मृत्यु:) हिंदीआलोचक, इतिहासकार, अनुवादक, सम्पादक और कोशकार थे। हिंदी साहित्य का इतिहास इनके अध्ययन का प्रमुख क्षेत्र रहा है। इन्होंने गार्सां द तासी द्वारा फ़्रांसीसी भाषा में लिखे गए हिंदी साहित्य के प्रथम इतिहास "इस्तवार द ल लितरेत्यूर ऐंदूई ऐ ऐँदूस्तानी" (प्रथम संस्करण दो भागों में 1839 और 1847 ई॰) का हिंदी भाषा में अनुवाद "हिंदुई साहित्य का इतिहास" (1953 ई॰) नाम से किया।[1][2] खड़ी बोली हिंदी तथा ईस्ट इंडिया कंपनी की भाषा संबंधी नीति का विशद अध्ययन "फ़ोर्ट विलियम कॉलेज" (1947 ई॰) में प्रस्तुत किया गया।[3][4]