बलदेव रथ

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कविसूर्य
बलदेव रथ
स्थानीय नामକବିସୂର୍ଯ୍ୟ ବଳଦେବ ରଥ
जन्मदिगपहंडी, गंजाम ज़िला, ओड़िशा, भारत
मौतआठगढ़, ओड़िशा, भारत
भाषाओड़िया
राष्ट्रीयताभारतीय
नागरिकता भारत
विधाओड़िसी संगीत
उल्लेखनीय कामsकिशोरचन्द्रानन्द चम्पू, रत्नाकर चम्पू, चन्द्रकला, सर्प जणाण

कविसूर्य बलदेव रथ (1789 – 1845) ओड़िया भाषा के एक महत्वपूर्ण कवि और साहित्यकार थे। उनकी रचनाएँ उड़िया और संस्कृत भाषाओं में हैं, जिनमें पारम्परिक उड़िया शैली में रचित सैंकड़ों गीत भी हैं। वे उड़िया संगीत की ढुम्पा संगीत शैली के आधार माने जाते हैं। उन्हें "कविसूर्य" की उपाधि से विभूषित किया गया है। ओड़िशा के गंजाम ज़िले के कबिसूर्यनगर शहर का नाम उन्हीं की स्मृति में रखा गया है।[1]

रचनावली[संपादित करें]

जणाण और क्षुद्रगीति
  • काहाकु कहिबा
  • गो रसनाटि
  • सर्प जणाण (बाधिला जाणि क्षमा)
  • क्षीरमयसिन्धु जेमा जीबबन्धु
काव्य
  • चन्द्रकला (असम्पूर्ण)
  • जगते केबल
चम्पू
  • रत्नाकर चम्पू
  • किशोरचन्द्रानन्द चम्पू
  • प्रेमोदय चम्पू
गद्य रचना
  • हास्यकल्लोल

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. Garg, Ganga Ram (1992). Encyclopaedia of the Hindu World: A-Aj, Volume 1. New Delhi: Concept Publishers. पृ॰ 78. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788170223740.