दिल क्या करे

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दिल क्या करे

दिल क्या करे का पोस्टर
निर्देशक प्रकाश झा
लेखक जावेद सिद्दीकी (संवाद)
पटकथा विवेक आप्टे
मंगेश कुलकर्णी
कहानी प्रकाश झा
निर्माता वीणा देवगन[1]
वीरू देवगन
अभिनेता अजय देवगन,
महिमा चौधरी,
काजोल देवगन,
चन्द्रचूढ़ सिंह
संगीतकार जतिन-ललित
देश भारत
भाषा हिन्दी

दिल क्या करे 1999 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। यह प्रकाश झा द्वारा निर्देशित और वीरू देवगन और वीणा देवगन द्वारा निर्मित है। इसमें अजय देवगन, महिमा चौधरी, काजोल देवगन और चन्द्रचूढ़ सिंह हैं।

संक्षेप[संपादित करें]

आनन्द (अजय देवगन) अपनी पत्नी कविता (महिमा चौधरी) और छोटी नेहा के साथ खुशी से रहता है। नेहा को उन्होंने गोद लिया था क्योंकि कविता का गर्भपात हो गया था। कविता सोम दत्त (चन्द्रचूढ़ सिंह) की अच्छी दोस्त है, जिसका उसके प्रति प्यार कॉलेज के दिनों से ही बरकरार है। एक महिला नेहा का पीछा करना शुरू कर देती है और रोजाना उससे स्कूल में मिलती है। कुछ समय बाद, उसकी नेहा से दोस्ती हो जाती है और नेहा उसे "प्यारी आंटी" कहने लगती है। वह उसे अपनी माँ कविता से मिलवाती है, जो उसे घर बुलाती है। यह अजनबी अपना परिचय "नन्दिता" (काजोल देवगन) के रूप में देती है और नेहा के साथ अधिक समय बिताने का अनुरोध करती है। तो कविता उसे कुछ समय के लिए अपने घर में मेहमान बनकर रहने देती है। हालाँकि, जब नन्दिता और आनन्द आमने-सामने आते हैं तो गहरे दबे रहस्य सामने आने का खतरा होता है। क्योंकि यह पता चलता है कि वे नेहा की माँ और आनन्द पिता है।

उनके अल्पकालिक दुखद इतिहास का पता चलता है: आनन्द और नन्दिता ट्रेन से यात्रा कर रहे थे कि तभी ठगों ने हमला कर दिया। उन्होंने नन्दिता के साथ बलात्कार/हत्या करने की कोशिश की। आनन्द ने नन्दिता की जान बचाई और दोनों एक दूसरे के प्रति आकर्षित हो गए और प्यार करने लगे। इस रात के बाद वे दोबारा नहीं मिले। आनन्द अपने जीवन में आगे बढ़ गया जबकि गर्भवती नन्दिता को अपने बच्चे (नेहा) को अनाथ आश्रम में देने के लिए मजबूर होना पड़ा। आनन्द और नन्दिता पहले तो कविता से अपने अतीत को छिपाने की कोशिश करते हैं। हालाँकि आनन्द कई बार नन्दिता से अकेले मिलने और उससे बात करने की कोशिश करता है। वह यह जानने के लिए उत्सुक रहता है कि वह रहस्यमय तरीके से क्यों और कहाँ गायब हो गई थी। हालाँकि, कविता को सच्चाई का पता चल जाता है और उसे आनन्द और नन्दिता से नफरत हो जाती है। कविता आधी रात को सोम के साथ अपना घर छोड़ देती है। ठगा हुआ महसूस कर रही कविता आनन्द को हमेशा के लिए छोड़ने पर विचार कर रही है। इस बीच, आनन्द और नन्दिता नेहा के आग्रह पर उसके साथ एक मजेदार दिन का आनंद लेते हैं। सोम के घर पर झगड़े के बाद, कविता को अंततः अपने पति की असली प्रकृति का एहसास हो जाता है और वह तलाक के लिए वकील के पास चली जाती है।

अदालत में, आनन्द कविता से पुनर्विचार करने के लिए कहता है। नन्दिता एक शर्त पर परिवार को अकेला छोड़ने का वादा करती है - कि वह नेहा को अपने साथ ले जाएगी। कविता उन्मत्त हो जाती है, क्योंकि वह नेहा को छोड़ने से इंकार कर देती है। यह महसूस करने के बाद कि वह नेहा को रखने के लिए कितनी बेताब है, आनन्द अनिच्छा से कविता का समर्थन करता है। अब नन्दिता को पता चलता है कि आनन्द और कविता नेहा से प्यार करते हैं और उसे छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं। तो वह अपनी बेटी को उनकी देखभाल में छोड़कर हमेशा के लिए दूर जाने का फैसला करती है। इस पर आनन्द चौंक जाता है और रेलवे स्टेशन की ओर भागता है। वह चलती ट्रेन में नन्दिता को आंसू भरी आंखों से देखते हुए जाता हुआ देखता है।

मुख्य कलाकार[संपादित करें]

संगीत[संपादित करें]

सभी गीत आनंद बख्शी द्वारा लिखित; सारा संगीत जतिन-ललित द्वारा रचित।

क्र॰शीर्षकगायकअवधि
1."दिल क्या करे"उदित नारायण, अलका यागनिक4:27
2."मैनू लगन लगी"सुखविंदर सिंह, जसपिंदर नरूला5:52
3."दो दिलों की"अनुराधा पौडवाल, उदित नारायण5:37
4."बादल बिजली"अभिजीत4:36
5."रंग लगइयो लो"अभिजीत, अलका यागनिक6:04
6."मंडे भी हो संडे"अभिजीत, कविता कृष्णमूर्ति4:07
7."दिल क्या करे" (दुखी संस्करण)कुमार सानु, अलका यागनिक2:57
8."प्यार के लिये"अलका यागनिक5:05

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "Veena Devgan (Ajay Devgn's Mother) उम्र, पति, परिवार, Biography in Hindi - बायोग्राफी". 30 सितम्बर 2022. अभिगमन तिथि 5 सितम्बर 2023.

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]