कोटिलास्थान
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कोटिलास्थान पंचकोशी तीर्थस्थान के पांच स्थानों में एक स्थान है। इसे कोटिला भी कहते हें। इस स्थान पर कोटेश्वर महादेव का प्राचीन मन्दिर है। यह स्थान नेपाल के पश्चिमी जिला दैलेख के जिला मुख्यालय से 1 घंटे की पैदल दूरी में अवस्थित है। कहा जाता है कि इस स्थान में महादेव की पत्नी सती देवी का कोख पतन होने के कारण इसका नाम कोटिलास्थान हुआ है। सुमेरु पर्वत के रुप में चारों ओर नदी से घिरा हुआ इस टापुनुमा पर्वत पर पौराणिक काल में दधीचि मुनि ने तपस्या किया था। दधिचि मुनि ने तपस्या किए हुए बरगद और पीपल के पेड अभी तक एक साथ मौजूद हें। इस स्थान में रात-दिन पूजा होती है। यहां साधु सन्त व माईयों के रहने हेतु आश्रम भी निर्माण किया हुआ है। [1]
सन्दर्भ[संपादित करें]
- ↑ "पर्यटक गन्तव्य : पंञ्चकोशी क्षेत्र" (नेपाली में). कारोबार. मूल से 21 मार्च 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 अप्रैल 2019.
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