केंद्रीय आयुर्वेद एवं सिद्ध अनुसंधान परिषद
इस लेख में सन्दर्भ या स्रोत नहीं दिया गया है। कृपया विश्वसनीय सन्दर्भ या स्रोत जोड़कर इस लेख में सुधार करें। स्रोतहीन सामग्री ज्ञानकोश के उपयुक्त नहीं है। इसे हटाया जा सकता है। (सितंबर 2014) स्रोत खोजें: "केंद्रीय आयुर्वेद एवं सिद्ध अनुसंधान परिषद" – समाचार · अखबार पुरालेख · किताबें · विद्वान · जेस्टोर (JSTOR) |
यह लेख एक आधार है। जानकारी जोड़कर इसे बढ़ाने में विकिपीडिया की मदद करें। |
केंद्रीय आयुर्वेद एवं सिद्ध अनुसंधान परिषद (Central Council for Research in Ayurveda and Siddha (CCRAS)) भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं कल्याण मंत्रालय के आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध एवं होम्योपैथी (आयुष) विभाग का स्ववित्तपोषित संस्था है। इसका मुख्यालय दिल्ली में है। इसकी स्थापना सन् १९७८ में हुई।
केंद्रीय आयुर्वेद एवं सिद्ध अनुसंधान परिषद् (सी.सी.आर.ए.एस) का पंजीकरण 30 मार्च 1978 को संस्था पंजीकरण धारा, xxi-1860 के अंतर्गत हुआ। यह परिषद् पूर्व भारतीय चिकित्सा पद्धति एवं होम्योपैथी की केंद्रीय अनुसंधान परिषद् के विभाजन के बाद अस्तित्व में आई। यह परिषद् - आयुष विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा पूर्ण रूप से वित्तपोषित है। यह आयुर्वेद एवं सिद्ध में अनुसंधान को वैज्ञानिक स्तर पर लाने, व्यवस्थित, समन्वय और विकास और प्रोन्नति करने हेतु भारत वर्ष की एक शीर्षस्थ संस्था है।
यह अनुसंधान परिषद् - शासी निकाय द्वारा शासित है जिसके पदेन अध्यक्ष केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री हैं और एक सुप्रसिद्ध आयुर्वेद एवं सिद्ध विद्वान इसके उपाध्यक्ष होते हैं। शासीनिकाय - स्थायीवित्त समिति, वैज्ञानिक परामर्शदात्री समिति, आयुर्वेद एवं सिद्ध, निदान चिकित्सात्मक अनुसंधान उपसमिति तथा औषध अनुसंधान उपसमिति द्वारा सहयोग प्राप्त करती है। परिषद अब अपने उद्देश्यों और कार्यो का क्रियान्वयन अपने 35 अनुसंधान संस्थानों केंद्रों एककों जो अपने नियंत्रण में देश के विभिन्न भागों में स्थित हैं और जिसका मुख्यालय नई दिल्ली में है इनके माध्यम से संचालन करती है।