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अनुस्वार

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अनुस्वार एक उच्चारण की मात्रा है जो अधिकांश भारतीय लिपियों में प्रयुक्त होती है। इससे अक्सर ं जैसी ध्वनि नाक के द्वारा निकाली जाती है, अतः इसे नसिक या अनुनासिक कहते हैं। इसको कभी-कभी (और अन्य) अक्षरों द्वारा भी लिखते हैं। जैसे: कंबल ~ कम्बल; इंफाल ~ इम्फाल इत्यादि। देवनागरी में इसे, उदाहरण-स्वरूप, पर लगाने से कं लिखा जाता है।

विभिन्न लिपियों में अनुस्वार तथा उसका यूनिकोड[संपादित करें]

दक्षिण एशियाई लिपियाँ
लिपि Sign उदाहरण यूनिकोड
देवनागरी कं U+0902 (2306)
बंगाली কং U+0982 (2434)
गुजराती કં U+0A82 (2690)
Gurmukhi ਕਂ U+0A02 (2562)
Kannada ಕಂ U+0C82 (3202)
Malayalam കം U+0D02 (3330)
Oriya କଂ U+0B02 (2818)
Sinhala කං U+0D82 (3458)
Telugu కం U+0C15 (3093)
दक्षिणपूर्व एशियाई लिपियाँ
लिपि चिह्न उदाहरण यूनिकोड
Balinese ᬓᬂ U+1B02
Burmese ကံ U+1036
Javanese साँचा:Jav साँचा:Jav U+A981
Khmer កំ U+17C6
Lao ກໍ U+0ECD
Sundanese साँचा:Sund साँचा:Sund U+1B80
Thai กํ U+0E4D

अन्य भारतीय भाषा[संपादित करें]

दक्षिण भारत की सभी लिपियों (तमिल को छोड़कर) इसको एक शून्य जैसे अक्षर से लिखा जाता है - o। यही अक्षर सिंहला भाषा में भी प्रयुक्त होता है। बाँग्ला और असमी में इसे लिखा जाता है जो वैदिक साहित्य में भी प्रयुक्त होता है। वेदों में इसके अलावे भी कुछ चिह्न अनुनासिक ध्वनियों के लिए प्रयोग किये जाते हैं।

इन्हें भी देखें[संपादित करें]