प्रवेशद्वार:धर्म और आस्था
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धर्म अर्थात पंथ निर्दिष्ट व्यवहारों और प्रथाओं, नैतिकता, विश्व साक्षात्कार, ग्रंथों, पवित्र स्थानों, भविष्यवाणियों, नैतिकता या संगठनों का एक सामाजिक-सांस्कृतिक तंत्र है, जो मानवता को अलौकिक, पारलौकिक और आध्यात्मिक तत्वों से संबंधित करता है। हालाँकि, इस बात पर कोई विद्वता सर्वसम्मति नहीं है कि वास्तव में एक धर्म क्या है विभिन्न धर्मों में दैवीय, पवित्र चीजें, विश्वास, एक अलौकिक प्राणी या अलौकिक प्राणी या "कुछ प्रकार की अल्टिमेसी और पारगमन से लेकर विभिन्न तत्व हो सकते हैं या हो सकते हैं जो जीवन के बाकी हिस्सों के लिए आदर्श और शक्ति प्रदान करेंगे"। धार्मिक प्रथाओं में अनुष्ठान, उपदेश, स्मरण या वंदना (देवताओं और / या संतों का), बलिदान, पर्व, त्यौहार, दीक्षा, अंतिम संस्कार सेवाएं, वैवाहिक सेवा, ध्यान, प्रार्थना, संगीत, कला, नृत्य, सार्वजनिक सेवा, या शामिल हो सकते हैं। मानव संस्कृति के अन्य पहलू। विश्व भर में अनुमानित 10,000 अलग-अलग धर्म हैं। दुनिया की आबादी का लगभग 84% ईसाई धर्म, इस्लाम, हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म या लोक धर्म के किसी न किसी रूप से जुड़ा हुआ है। धार्मिक रूप से अप्रभावित जनसांख्यिकी में वे लोग शामिल हैं जो किसी विशेष धर्म, नास्तिक और अज्ञेयवाद की पहचान नहीं करते हैं। जबकि धार्मिक रूप से असंबद्ध विश्व स्तर पर विकसित हुए हैं, धार्मिक रूप से असंबद्ध कई अब भी विभिन्न धार्मिक विश्वास हैं। | ||
चयनित लेख
भोजेश्वर मन्दिर मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से लगभग 30 किलोमीटर दूर स्थित भोजपुर नामक गांव में बना एक मन्दिर है। यह मन्दिर बेतवा नदी के तट पर विन्ध्य पर्वतमालाओं के मध्य एक पहाड़ी पर स्थित है। मन्दिर का निर्माण एवं इसके शिवलिंग की स्थापना, धार के प्रसिद्ध परमार राजा भोज ने करवायी थी। उनके नाम पर ही इसे भोजपुर मन्दिर या भोजेश्वर मन्दिर भी कहा जाता है, हालाँकि कुछ किंवदंतियों के अनुसार इस स्थल के मूल मन्दिर की स्थापना पाँडवों द्वारा की गई मानी जाती है। इसे उत्तर भारत का सोमनाथ भी कहा जाता है। यहाँ के शिलालेखों से 11वीं शताब्दी के हिन्दू मन्दिर निर्माण की स्थापत्य कला का ज्ञान होता है। इस अपूर्ण मन्दिर की वृहत कार्य योजना को निकटवर्ती पाषाण शिलाओं पर उकेरा गया है। इन मानचित्र आरेखों के अनुसार यहाँ एक वृहत मन्दिर परिसर बनाने की योजना थी, जिसमें ढेरों अन्य मन्दिर भी बनाये जाने थे। इसके सफ़लतापूर्वक सम्पन्न हो जाने पर ये मन्दिर परिसर भारत के सबसे बड़े मन्दिर परिसरों में से एक होता। मन्दिर परिसर को भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा राष्ट्रीय महत्त्व का स्मारक चिह्नित किया गया है व इसका पुनरुद्धार कार्य कर इसे फिर से वही रूप देने का सफ़ल प्रयास किया है। विस्तार से पढ़ें... |
चयनित धर्म ईसाई धर्म (मसीही या क्रिश्चियन) एक इब्राहीमी धर्म है जो प्राचीन यहूदी परंपरा से निकला है। अन्य इब्राहीमी धर्मों के सामान यह भी एक एकेश्वरवादी धर्म है। ईसाई परंपरा के अनुसार इसकी शुरूआत प्रथम सदी ई. में फलिस्तीन में हुई, जिसके अनुयायी 'ईसाई' कहलाते हैं। यह धर्म यीशु मसीह की शिक्षाओं पर आधारित है। ईसाइयों में मुख्ययतः तीन समुदाय हैं, कैथोलिक, प्रोटेस्टेंट और ऑर्थोडॉक्स तथा इनका धर्मग्रंथ बाइबिल है। ईसाइयों के धार्मिक स्थल को चर्च कहते हैं। विश्व में सर्वाधिक लोग ईसाई धर्म को मानते हैं। ईसाई एकेश्वरवादी हैं, लेकिन वे ईश्वर को त्रीएक के रूप में समझते हैं: परमपिता परमेश्वर, उनके पुत्र यीशु मसीह और पवित्र आत्मा। अधिक पढ़ें… | |
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धर्म संबंधित प्रवेशद्वार एवं श्रेणियाँ
प्रवेशद्वार: हिन्दू धर्म - सिख धर्म - बौद्ध धर्म - जैन धर्म अन्य श्रेणियाँ: अधर्म - ग्रन्थ - स्थल - इमारत - गुरु - चिह्न - त्यौहार - नेता - वस्तुएँ - व्यवहार व अनुभव - शब्दावली - धर्म की आलोचना:हिन्दू धर्म - इस्लाम | ||
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