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शिक्षक

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शिक्षा देने वाले को शिक्षक ( अध्यापक ) कहते हैं। शिक्षिका ( अध्यापिका ) शब्द 'शिक्षक' ( अध्यापक ) का स्त्रीलिंग रूप है। यह एकवचन अथवा बहुवचन दोनों तरह से प्रयुक्त किया जा सकता है।

शिष्य के मन में सीखने की इच्छा को जो जागृत कर पाते हैं वे ही शिक्षक कहलाते हैं। सुप्रसिद्ध कवि व आलोचक गोलेन्द्र पटेल ने शिक्षक के संदर्भ में कहा है कि "शिक्षक चेतना के चिराग़ हैं।"[1]

शिक्षक के द्वारा व्यक्ति के भविष्य को बनाया जाता है एवं शिक्षक ही वह सुधार लाने वाला व्यक्ति होता है। प्राचीन भारतीय मान्यताओं के अनुसार शिक्षक का स्थान भगवान से भी ऊँचा माना जाता है क्योंकि शिक्षक ही हमें सही या गलत के मार्ग का चयन करना सिखाता है।इस बात को कुछ ऐसे प्रदर्शित किया गया है-गुरु:ब्रह्मा गुरुर् विष्णु: गुरु: देवो महेश्वर: गुरु:साक्षात् परम् ब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नम:। कबीर कहते हैं गुरु गोविंद दोऊ खड़े काके लागू पांय बलिहारि गुरु आपनो गोविंद दियो बताय।शिक्षक आम तौर से समाज को बुराई से बचाता है और लोगों को एक सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति बनाने का प्रयास करता है। इसलिए हम यह कह सकते है कि शिक्षक अपने शिष्य का सच्चा पथ प्रदर्शक है।

विद्यालय का महत्व:[संपादित करें]

विद्यालय का हमारे जीवन में बहुत महत्व है। विद्यालय हमें ज्ञान प्रदान करता है, जो हमारे जीवन में सफलता के लिए आवश्यक है। विद्यालय में हम विभिन्न विषयों का अध्ययन करते हैं, जो हमें विभिन्न क्षेत्रों में ज्ञान प्रदान करते हैं। विद्यालय हमें विभिन्न प्रकार के कौशल भी प्रदान करता है, जो हमें जीवन में विभिन्न चुनौतियों का सामना करने में मदद करते हैं।

शिक्षक एक समाज सुधारक के रूप में-

शिक्षक ने समाज को हमेशा ही सुधार कर एक नई दिशा दी है। शिक्षक ही हमारे अंदर समाज कल्याण की भावना जागृत करते है। एक साधारण मनुष्य को एक महान योद्धा बनाने से लेकर एक साधारण व्यक्ति को ज्ञानवान, आदर्श बनाने में शिक्षक का ही अहम योगदान है। वास्तव मे शिक्षा देना सबसे बड़ा धर्म का काम है क्योंकि शिक्षा के कारण ही कोई समाज विकसित और सम्पन्न हो सकता है। मनुष्य को शिक्षक बनकर Archived 2022-04-07 at the वेबैक मशीन सभी को ज्ञान बाटना चाहिए, जिससे समाज का कल्याण हो।

अच्छे शिक्षक की विशेषता

1- छात्रो एवं शिक्षण मे रुचि

2- प्रजातंत्रात्मक मनोवृति

3- निष्पक्षता एवं स्वस्थ मनोवृति

4- विनोद का भाव

5- अच्छा शिष्टाचार

6- आत्म मूल्यांकन

7- विषयवस्तु की प्रवीणता

8- उत्तम अध्यापन विधि

9- प्रभाव शाली संचार

10- धैर्यवान एवं सहनशीलता

सरकारी शिक्षक बनने के लिए आपके पास स्नातक या उच्च शैक्षणिक योग्यता होनी चाहिए। आपके पास B.Ed या D.El.D (डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन) की डिग्री भी होनी चाहिए।

शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) की परीक्षा देने के लिए आपको सबसे पहले राज्य स्तरीय परीक्षा देनी होगी, जो उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (UPMSP) द्वारा आयोजित की जाती है।

शिक्षा विभाग द्वारा भर्ती होने के लिए आपको ऑनलाइन आवेदन करना होगा।

आवेदन पत्र के साथ दस्तावेज जमा करें - शिक्षा विभाग में आवेदन करते समय आपको अपने शैक्षणिक दस्तावेजों के साथ अन्य आवश्यक दस्तावेज जमा करने होंगे। इसमें आपकी आयु, निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, टीईटी परीक्षा प्रमाण पत्र आदि शामिल हो सकते हैं।

चयन प्रक्रिया लिखित परीक्षा, साक्षात्कार और शिक्षण परीक्षणों पर आधारित है।

अगर आप शिक्षा के क्षेत्र में नौकरी पाना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले शिक्षक पात्रता परीक्षा की तैयारी करनी होगी। इसके लिए आपको किताबें पढ़नी चाहिए और पिछले साल के पेपर्स को पढ़ना चाहिए।

Teacher बनने के बाद बहुत सारे कैरियर ऑप्शन Archived 2023-04-03 at the वेबैक मशीन होते हैं। जिन्हें आप टीचर बनाने के बाद प्रगति कर प्राप्त कर सकते है:

  • प्रधानाध्यापक:
  • विद्यालय के प्रबंधक
  • शैक्षणिक सलाहकार
  • विद्यार्थी सलाहकार
  • विद्यार्थी संचालक
  • लेखक: Teacher अच्छी लेखन क्षमता रखता है, तो वह लेखक के रूप में भी काम कर सकता है
  • सरकारी टीचर बनने के लिए कुछ आवश्यक कोर्स होते हैं। जो निम्नलिखित हैं
    • बीएड (बैचलर ऑफ एजुकेशन)
    • डीएलएड (डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन)
    • बीटीसी (बैचलर ऑफ एडूकेशन)
    • मास्टर ऑफ एजुकेशन (एमएड)
    • पीजीडीए (पोस्ट ग्रेजुएशन डिप्लोमा इन एजुकेशन)
    • नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट (नेट)
    • सेंट्रल Teacher एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीटीईटी) कोर्स कर आप एक सफल टीचर बन सकते हैं.



शिक्षक समाज को एक नयी दिशा देता है।वह चाहे तो हमारे समाज में फैली कई प्रकार की कुरीतियों,बुराइयों को मिटा सकता है।

  1. शब्द शिक्षक, मई 2021 (वर्ष-5, अंक-17), पृष्ठ-80.