सुधासागर
मुनि श्री सुधासागर जी महाराज | |
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धर्म | जैन धर्म |
उपसंप्रदाय | दिगम्बर |
व्यक्तिगत विशिष्ठियाँ | |
जन्म |
जय कुमार जैन 21 अगस्त १९५८ इशूरवारा सागर मध्यप्रदेश |
पिता | रूपचन्द |
माता | शांति देवी |
जैन धर्म |
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प्रार्थना |
मुख्य व्यक्तित्व |
जैन धर्म प्रवेशद्वार |
सुधासागर आचार्य विद्यासागर से दीक्षित एक दिगंबर साधु है।
जीवन[संपादित करें]
मुनि सुधासागर जी ने बजरंग़गढ़, मध्य प्रदेश में स्थित तीर्थंकर शांतिनाथ को समर्पित प्राचीन जैन मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए पहल की।[1][2][3]
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
सन्दर्भ[संपादित करें]
- ↑ "सपनों को साकार करने के लिए कल्पना बहुत जरूरी : मुनि सुधा सागर" Archived 2016-08-16 at the वेबैक मशीन, दैनिक भास्कर, 27 जून, 2016
- ↑ "बुरे भावों को ग्रहण मत करो : मुनि सुधा सागर" Archived 2016-08-16 at the वेबैक मशीन, दैनिक भास्कर, 24 जून 2016
- ↑ "जीवन को खुशहाल बनाने को प्रत्यक्ष निमित्त की जरूरत नहीं होती : सुधा सागर" Archived 2016-08-16 at the वेबैक मशीन, दैनिक भास्कर, 17 जून, 2016