अक्षरपल्ली
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अक्षरपल्ली संख्या-लेखन की एक पद्धति है जो पूर्व-आधुनिक काल तक भारत में पाण्डुलिपियों के पन्नों की पृष्टसंख्या दर्शाने के लिये प्रयुक्त होती थी।
इतिहास[संपादित करें]
इस प्रणाली के उत्पत्ति के विषय में कुछ भी ज्ञात नहीं है। ऐसा अनुमान किया जाता है कि इसकी उत्पत्ति ब्राह्मी की संख्या पद्धति से हुआ होगा। इस पद्धति का उपयोग जैन ग्रन्थों में बहुतायत में हुआ है जो १६वीं शताब्दी तक देखने को मिलती है। नेपाल में भी यह प्रणाली बहुत समय तक प्रचलन में रही। केरल आदि में यह प्रणाली १९वीं शताब्दी तक देखने को मिलती है।
Examples of syllables used to represent numerals[संपादित करें]
उदाहरण निम्नलिखित सारणी में कुछ उदाहरण दिये गये हैं। ध्यान रहे कि संख्याओं के लिये प्रयुक्त सभी शब्द (अक्षरसमूह) नहीं दिये गये हैं।
सन्दर्भ[संपादित करें]इन्हें भी देखें[संपादित करें] |