स्प्रैटली द्वीप समूह

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स्प्रैटली द्वीप समूह का नक़्शा (अगर द्वीप पर किसी देश का क़ब्ज़ा है तो उसका ध्वज साथ दिखाया गया है)

स्प्रैटली द्वीप समूह (Spratley Islands) दक्षिणी चीन सागर में स्थित ७५० से अधिक रीफ़ों, समुद्र से बाहर उठने वाली चट्टानों, एटोलों और द्वीपों का एक द्वीप समूह है। इतू अबा (Itu Aba) इसका सबसे बड़ा द्वीप है। यह फ़िलिपीन्ज़ और पूर्वी मलेशिया के तटों से आगे दक्षिणी वियतनाम की तरफ़ जाते हुए एक-तिहाई रस्ते पर मौजूद हैं। इनमें कुल मिलकर चार वर्ग किमी ज़मीन से भी कम क्षेत्रफल है और यह ४,२५,००० वर्ग किमी के समुद्री क्षेत्र पर फैले हुए हैं। वैसे तो इन छोटे-से द्वीपों-रीफ़ों पर कोई मनुष्य नहीं रहता और इनका ज़्यादा आर्थिक मूल्य नहीं है लेकिन यह जिस भी देश के अधीन होंगे उसकी समुद्री सीमा बहुत विस्तृत हो जाएगी और संयुक्त राष्ट्र की समुद्री क़ानून संधि के अंतर्गत उनके नीचे मिलने वाले खनिजों पर और उसमें मौजूद मछलियों पर उस देश के विशेष अधिकार बन जाएंगे। फ़ौजी दृष्टि से भी उस देश की नौसेना अधिक क्षेत्रफल पर सक्रीय हो सकेगी।

स्प्रैटली द्वीप समूह के इर्द-गिर्द के बहुत से देशों ने इन द्वीपों पर स्वामित्व होने का दावा किया है। वियतनाम, जनवादी गणतंत्र चीन, ताइवान, मलेशिया और फ़िलिपीन्ज़ ने लगभग ४५ टापुओं पर अपने फ़ौजी दस्ते भेजे हैं और इनमें आपसी तनाव बना रहता है। इनके नेता भी अख़बारों के ज़रिये इन द्वीपों के बारे में एक-दुसरे से तू-तू मैं-मैं करते रहते हैं। नन्हे ब्रुनेई देश ने यहाँ अपनी सेना तो नहीं भेजी लेकिन समुद्री क़ानून संधि के अंतर्गत यह स्प्रैटली समूह के दक्षिण-पूर्वी भाग को अपना आरक्षित आर्थिक क्षेत्र (ऍक्सक्लूसिव इकॉनॉमिक ज़ोन) बताता है।[1]

स्प्रैटली द्वीपों के कुछ नज़ारे[संपादित करें]

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. Sovereignty over the Paracel and Spratly Islands Archived 2014-07-07 at the वेबैक मशीन, Monique Chemillier-Gendreau, Martinus Nijhoff Publishers, 2000, ISBN 978-90-411-1381-8, ... After World War II, all appetites were sharpened at once. Nationalist China, the Philippines and more recently Brunei and Malaysia all clung to an atoll here, a rock or sandbank there, asserting rights which, by extension, each then claimed were applicable to the entire group. The most serious candidate for title to the islands was indeed Vietnam ...