स्तानिस्लाव लॅम

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1966 में खींची गई स्तानिस्लाव लॅम की तस्वीर

स्तानिस्लाव लॅम (पोलिश भाषा: Stanisław Herman Lem, जन्म: 12 सितम्बर 1921, मृत्यु: 27 मार्च 2006) पोलैंड के एक प्रसिद्ध लेखक थे, जिन्होनें विज्ञान कथा साहित्य, दर्शनशास्त्र और तन्ज़ के क्षेत्रों में कई रचनाएँ प्रकाशित कीं। उनकी किताबों को 14 भाषाओँ में अनुवादित किया गया है और उनकी कुल मिलकर 2.7 करोड़ प्रतियाँ बिक चुकी हैं।[1] उनका सब से मशहूर उपन्यास सन् 1961 में प्रकाशित होने वाले सोलारिस था, जिसपर आधारित तीन फ़िल्में बन चुकी हैं।

जीवनी[संपादित करें]

स्तानिस्लाव लॅम का जन्म 1921 में पोलैंड के ल्विव (Lviv) शहर में हुआ था। वे सबरीना वोलर और सैमुएल लॅम के पुत्र थे। सैमुएल लॅम स्वरग्रंथि के विशेषज्ञ और ऑस्ट्रो-हंगेरियाई सेना में चिकित्सक थे। उनकी परवरिश एक इसाई रोमन कैथोलिक की तरह की गई, लेकिन आगे चलकर उन्होंने अपने आप को एक भगवान में न मानने वाला नास्तिक घोषित कर दिया। उन्होने कहा के "इस दुनिया में इतना दुख-दर्द है कि मैं नहीं मानना चाहता कि किसी ने जान-बूझकर इसे बनाया होगा।"[2] द्वितीय विश्वयुद्ध में पोलैंड पर जर्मन क़ब्ज़ा हो गया। लॅम का परिवार यहूदी जड़े रखता था और जर्मनी की नाट्ज़ी सरकार उस ज़माने में यहूदियों को मार रही थी। लॅम ने नकली काग़ज़ात के ज़रिये ज़िन्दगी बसर की।[3] उन्होने एक कार-मिस्त्री का काम किया और जर्मनी के विरुद्ध अंदरूनी झड़पों में भी योगदान दिया। युद्ध के अंत में लॅम परिवार क्राकोव (Kraków) शहर जा बसा और वहाँ अपने पिता के ज़ोर देने पर लॅम ने यागिएलोनी विश्वविद्यालय (Uniwersytet Jagielloński) में डाक्टरी पढ़ी। वे सेना में चिकित्सक नहीं बनाना चाहते थे, इसलिए उन्होने अपने कुछ इम्तिहान जान-बूझकर फ़ेल कर दिए। उन्होंने एक वैज्ञानिक संस्थान में अनुसन्धान सहायक के रूप में काम करना शुरू कर दिया और अपने फ़ुर्सत के समय में कहानियाँ भी लिखे लगे।

उन दिनों में सोवियत संघ में जोसेफ़ स्टालिन का राज था और पोलैंड सोवियत संघ के गुट में था। स्टालिन की नीतियाँ सख़्त थीं और हर किताब के छपने से पहले सरकार की मंज़ूरी लेना आवश्यक था। सन् 1956 के बाद स्टालिनवाद की सख़्ती समाप्त हुई। 1956 से लेकर 1968 तक स्तानिस्लाव लॅम ने 17 किताबें पूरी करीं, जिनसे इन्हें देश-विदेश में ख्याति मिली। इनकी सब से प्रसिद्ध पुस्तकें "सोलारिस" (Solaris, 1961), "मालिक की आवाज़" (His Master's Voice, 1968) और "फ़ीयासको" (Fiasco, 1987) हैं।

लॅम की मृत्यु 84 वर्षों की आयु पर क्राकोव में 27 मार्च 2006 को हृदय रोग से हुई।

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. Stanislaw Lem 1921 - 2006 Archived 2011-08-07 at the वेबैक मशीन. Obituary at Lem's official site
  2. "An Interview with Stanislaw Lem". मूल से 27 सितंबर 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 सितंबर 2007.
  3. Stanislaw Lem: Chance and Order Archived 2007-05-15 at the वेबैक मशीन, autobiographical essay, The New Yorker 59 (30 जनवरी 1984) 88-98]