सम्मोह
यह सुझाव दिया जाता है कि इस लेख का मनोग्रसित-बाध्यता विकार में विलय कर दिया जाए। (वार्ता) अगस्त 2018 से प्रस्तावित |
सम्मोह वर्गीकरण व बाहरी संसाधन | |
अन्य नाम | मनोग्रस्ति, ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसॉर्डर या ओसीडी |
---|---|
आईसीडी-१० | F42. |
आईसीडी-९ | 300.3 |
रोग डाटाबेस | 33766 |
एमईएसएच | D009771 |
सम्मोह (या मनोग्रस्ति) (अंग्रेज़ी:ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसॉर्डर या ओसीडी) एक प्रकार का मनोरोग है।
निदान
[संपादित करें]ऑब्सेशन का शिकार होने वाले व्यक्ति से संपर्क में रहना चाहिये।[1] उसे एकांगी और आत्मकेंद्रित होने से बचाइए। उससे बातचीत करते रहिए। बातचीत करते रहने से व्यक्ति को उन लतों के बारे में सोचने का समय नहीं मिलता। ध्यान रखने वाली बात है कि ऐसे मरीज को डांटे नहीं, क्योंकि गुस्से और हताशा में वह गलत कदम भी उठा सकता है।
उसे समझाने की कोशिश कीजिए और उसके सोचने के तरीके में बदलाव करें। परिवार वालों को भी समझदार होना चाहिए। उन्हें ऐसी कोई उम्मीद नहीं लगानी चाहिए जिसे वह व्यक्ति पूरा न कर पाए। किसी के सामने उसकी आदत का मजाक मत बनाइए। न ही उसे उत्तेजित करने की कोशिश कीजिए। उसे बस इतना एहसास दिलाइए कि वह आपका खास है। आजकल बहुत से सामाजिक व्यवहार ऑब्सेशन का रूप ले लेते हैं। चूंकि अब लोगों के पास परिवार के लिए समय नहीं। इसलिए अगर परिवार में किसी को कोई समस्या होती है तो लोग एक दूसरे से बातचीत करके उसे नहीं सुलझा पाते। इसके अलावा पढ़ाई, नौकरी, टूटते संबंध और दूसरी समस्याएं आ खड़ी होती हैं। कई बार ऑब्सेशन इसलिए भी उत्पन्न होता है क्योंकि लोग दूसरों का ध्यान अपनी तरफ बंटाना चाहते हैं। अगर रिश्ते मजबूत हों तो ऐसी समस्याएं नहीं खड़ी होंगी।
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ असाध्य नहीं मनोरोग Archived 2009-10-10 at the वेबैक मशीन। हिन्दुस्तान लाइव।(हिन्दी)।७ अक्टूबर, २००९। डॉ जितेंद्र नागपाल (मनोवैज्ञानिक)