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षड्रिपु
हिन्दू धर्मशास्त्र में, मन के छः शत्रु बताये गए है इन्हें षड्रिपु (संस्कृत-अर्थ:छह शत्रु) कहते है, जो है: काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद और मात्सर्य।
'''षड्रिपु के अर्थ-'''
१। काम का अर्थ है अत्यधिक लालसा। (कामना,वासना)
२। क्रोध का अर्थ है गुस्सा और चिड़चिड़ाहट।
३। लोभ का अर्थ है लालच।
४। मोह का अर्थ है लगाव,आकर्षण,अल्पकालिक का मन के साथ जुड़ाव।
५। मद का अर्थ है अभिमान। (अभिमान, अहंकार)
६। मात्सर्य का अर्थ है ईर्ष्या, घृणा, जलन, दूसरों की समृद्धि और प्रगति सहन न होना।
ये नकारात्मक लक्षण है, जो मनुष्य को मोक्ष या मोक्ष प्राप्त करने से रोकते हैं।
इन भावनाओं के कारण मन अशांत रहता है और एकाग्र नहीं हो पाता।