सथीशा रै

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सथीशा रै भारतीय भारोत्तोलक और ओलम्पियन हैं। वे मूलतह मंगलूरु, कर्नाटक से हैं। उन्का जन्म २७ अगस्त १९७१ को हुअ थ।

करियर[संपादित करें]

सथीशा रै ने भारत के लिये अनेक पंद्योमे जीत हासिल किया है। १९९८ के कामनवेल्थ गेम्स मे एक स्वर्ण पदक और दो रजत पदक जीते थे। २००२ के कामनवेल्थ गेम्स मे भी वह दो स्वर्ण पदक और एक कांस्य पदक जीते थे। १९९६ के ओलम्पिक खेल में उन्होने भाग लिय था। उन्हे १९९९ में अर्जुन अवार्ड से पुरस्कृत किया गया थ।

बाद का करियर[संपादित करें]

२००२ मे जो पदक सथीशा रै ने कामनवेल्थ गेम्स मे जीता था वह उन से चीन लिय गय था। उन्का प्रतिबंधित पदार्थ का जाँच सकारात्मक निकला। दूसरी बार वह २००७ के गुवाहाटी नाशनल गेम्स मे एक यादृच्छिक परीक्षण मे पकडे गये। रै भारत के पेहले भारोत्तोलक है जो दो बार पकडे जा चुके हैं। साथ - साथ वह भारत के पहले खिलाड़ी हैं जिन्हे अंतरराष्ट्रीय संगठन ने जीवन प्रतिबंध दिया है।

उन्हो ने प्रेस मे यह विवारण भी दिया था कि प्रतिबंधित पदार्थ का परीक्षाण भारत मे भी किया गया था। अगर इस जाँच मे कुछ नही मिला तो मे दोषी नही हो सक था। अंत मे उन्हे २००७ मे जीवन प्रतिबंध दिया गया था।