सउदी अरब का राष्ट्रीय गान

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सऊदी अरब का राष्ट्रगान
النشيد الوطني
English: Hasten
Sārʿī

राष्ट्रीय गान
 सउदी अरब

बोल इब्राहिम अल-खाफाजी, 1984
संगीत अब्दुल रहमान अल-ख़तीब, 1947
मान्यता 1950, 1984
संगीत का नमूना
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सऊदी अरब का राष्ट्रगान (अरबी: النشيد الوطني السعوديअन-नासीद अल-वतनी अस्-सऊदी) १९५० में सबसे पहले बिना गीत के स्वीकार गया था। इसे १९८४ में इब्राहिम अल-खाफाजी द्वारा दिये गये बोल के साथ स्वीकार किया गया था। इसके वास्तविक संगीतकार अब्दुल रहमान अल-ख़तीब थे, जिन्होंने १९४७ में इसकी रचना की थी। बाद में सेराज ओमर द्वारा इसका वाद्य यंत्र संस्करण प्रबन्धित किया गया था।

यह साधारणतया राष्ट्रगान (النشيد الوطني अन-नासीद अल-वतनी) के नाम से जाना जाता है, मगर इसे लोकप्रिय तौर पर इसकी संगीत सर'इ (سارعي, "इच्छा") के नाम से ही जाना जाता है। इसके बोल में देश के लिये महानता की इच्छा जाहिर की गयी है, झण्डा फहराने की बात कही गयी है, भगवान (अल्लाह) का गुणगान किया गया है और उनसे सऊदी अरब के राजा के लिये दीर्घ आयु की मांग की गयी है।

इसके वाद्य यंत्र के संस्करण को शाही सलाम (السلام الملكي अस-सलाम अल-मालकी) के नाम से जाना जाता है और यह वरिष्ठ शाही परिवार के सदस्यों के साथ-साथ कूटनीतिज्ञों को सलामी देने के अवसर पर बजता है।

गीत[संपादित करें]

अरबी अरबी उच्चारण हिन्दी अनुवाद

سارعي للمجد والعلياء
مجدي لخالق السماء
وارفعي الخفاق الأخضر
يحمل النور المسطر
رددي الله أكبر
يا موطني
موطني
عشت فخر المسلمين
عاش الملك
للعلم
والوطن

सारिई़
लि-ल्-मज्दि वल्-अ़ल्याʾ,
मज्जिदी लि-ख़ालिक़ि स्-समाʾ!
व-र्फ़इ़ ल्-ख़फ़्फ़ाक़ ʾअख़्द़र
यह़्मिलु न्-नूर ल्-मुसत़्त़र
रद्दीदी: अल्लाहु ʾअकबर,
या मव्त़िनी!
मव्त़िनी,
इ़श्त फ़ख़्र ल्-मुस्लिमीन
आ़श ल्-मलिक
लि-ल्-अ़लम
व-ल्-वत़न!
इच्छा
प्रभुता और सर्वोच्चता तक पहुँचने की,
स्वर्ग के रचयिता की प्रशंसा!
और हरे झण्डे का फहरना
शहादा को साथ लेते हुए,
दोहराव: अल्लाहु अकबर![1]
हे मेरे देश!
मेरे देश,
मुस्लिमों के गौरव के रूप में जीवित रहो!
राजा आप दीर्घायु हों
झण्डे के लिये
और मातृभूमि के लिये!

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. अरबी में "अल्लाहु अकबर" का अर्थ "ईश्वर महान है" है, परन्तु यह शब्द हर मुस्लिम द्वारा बोला जाता है, भले वह अरबी हो या न हो।

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]