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7 मई 2021

5 मई 2021

  • 20:5520:55, 5 मई 2021 अन्तर इतिहास +546 छो रणथम्भोर दुर्ग→‎इतिहास: नाम - रणथम्भौर दुर्ग जिला - सवाईमाधोपुर राज्य - राजस्थान ( भारत ) किस ने बनवाया -  रणथम्मन देव ने कब बना -  994 ई. दुर्ग का आकार - विषम आकार वाली सात पहाड़ियों से घिरा हुआ है ! टैग: Reverted यथादृश्य संपादिका
  • 20:5120:51, 5 मई 2021 अन्तर इतिहास +633 छो चित्तौड़गढ़ दुर्ग→‎ऐतिहासिकता तथा निर्माण: दुर्ग कहां स्थित है -    चित्तौड़गढ़, राजस्थान (भारत) कब हुआ निर्माण -   करीब 7वीं शताब्दी में किसने करवाया निर्माण -  मौर्य शासकों द्धारा टैग: Reverted यथादृश्य संपादिका
  • 20:4520:45, 5 मई 2021 अन्तर इतिहास +1,157 छो मेहरानगढ़→‎सन्दर्भ: मेहरानगढ़ दुर्ग के प्रवेश द्वार जयपोल और फतेहपोल द्वार जयपोल का निर्माण महाराजा मानसिंह ने करवाया था एवं फतेहपोल का निर्माण महाराजा अजीत सिंह द्वारा जोधपुर में मुगल खालसा (अधिपत्य) समाप्त करने के उपलक्ष में करवाया लोहापोल द्वार मेहरानगढ़ दुर्ग का मुख्य द्वार लोहापोल है जिसे राव मालदेव ने बनवाना शुरू किया था तथा महाराजा विजय सिंह जी ने पूर्ण करवाया था ! टैग: Reverted यथादृश्य संपादिका
  • 20:3920:39, 5 मई 2021 अन्तर इतिहास +524 छो परशुराम→‎पौराणिक परिचय: भार्गव परशुराम का परिचय जन्म -त्रेता युग नाम - रामभद्र, भार्गव परशुराम पिता - जमदग्नि माता- रेणुका गुरु - शिक्षा- विश्वामित्र और महर्षि ऋचीक वंश- भृगुवंश टैग: Reverted यथादृश्य संपादिका
  • 20:3120:31, 5 मई 2021 अन्तर इतिहास +429 छो पाबूजी→‎पाबूजी का विवाह -: पाबूजी का विवाह - पाबूजी राठौड़ का विवाह अमरकोट के राजा सूरजमल सोडा की पुत्री सुप्यारदे से हो रहा था ! उसी समय देवल चारणी की गायों का अपहरण करके कोई ले जा रहा था  ! इस कारण पाबूजी राठौड़ विवाह के फेरों के बीच से ही उठकर गायों को रक्षा करने के लिए चले गए और पाबूजी राठौड़ देचू गांव में( 1333 वि. स. )  को युद्ध करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए  इस कारण पाबूजी राठौड़ को गोरक्षा के देवता रूप में पूजा  जाता है ! टैग: Reverted यथादृश्य संपादिका
  • 20:2920:29, 5 मई 2021 अन्तर इतिहास +271 छो पाबूजी→‎बाहरी कड़ियाँ: https://toprajasthani.com/2021/02/14/%E0%A4%AA%E0%A4%BE%E0%A4%AC%E0%A5%82-%E0%A4%9C%E0%A5%80-%E0%A4%AE%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%9C-%E0%A4%95%E0%A5%80-%E0%A4%9C%E0%A5%80%E0%A4%B5%E0%A4%A8%E0%A5%80/ टैग: Reverted यथादृश्य संपादिका
  • 20:2820:28, 5 मई 2021 अन्तर इतिहास +1,217 छो पाबूजीपाबूजी का विवाह - पाबूजी राठौड़ का विवाह अमरकोट के राजा सूरजमल सोडा की पुत्री सुप्यारदे से हो रहा था ! उसी समय देवल चारणी की गायों का अपहरण करके कोई ले जा रहा था ! इस कारण पाबूजी राठौड़ विवाह के फेरों के बीच से ही उठकर गायों को रक्षा करने के लिए चले गए और पाबूजी राठौड़ देचू गांव में( 1333 वि. स. )  को युद्ध करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए  इस कारण पाबूजी राठौड़ को गोरक्षा के देवता रूप में पूजा  जाता है ! टैग: Reverted यथादृश्य संपादिका
  • 20:2120:21, 5 मई 2021 अन्तर इतिहास +603 छो रामदेव पीर→‎पृष्ठभूमि: नाम =रामदेव जी पिता = अजमल जी माता = मैणादे बहन= सुगना बाई जन्म = भाद्रपद शुक्ल द्वितीया वि.स. 1409 जन्म स्थान = रुणिचा समाधी = रामदेवरा जीवन संगी = नैतलदे धर्म = हिन्दू मृत्यु = वि.स. 1442 टैग: यथादृश्य संपादिका
  • 20:1520:15, 5 मई 2021 अन्तर इतिहास +1,310 छो तेजाजी→‎सन्दर्भ: वीर तेजाजी खरनाल मेले का आयोजन - प्रत्येक  वर्ष भाद्रपद  शुक्ल पक्ष की दशवीं  को तेजाजी की याद में  खरनाल गाँव में भारी मेले का आयोजन होता हे जिसमे लाखो लोगो की तादात में लोग गाजे -बाजे के सात आते हे ! सांप के ज़हर के तोड़ के रूप में गौ मूत्र और गोबर की राख के प्रयोग की शुरूआत सबसे पहले तेजाजी ने की थी ! लोक देवता तेजाजी का गौ रक्षा के लिए हुआ मार्मिक बलिदान उनको लोकदेवता की श्रेणी में ले आया । गाँव का चबूतरा ' तेजाजी का थान ' कहलाता है । टैग: यथादृश्य संपादिका

3 मई 2021

  • 17:1917:19, 3 मई 2021 अन्तर इतिहास +1,496 छो हल्दीघाटी का युद्ध→‎पृष्ठभूमि: महाराणा प्रताप का जीवन परिचय पुरा नाम – महाराणा प्रताप सिंह बचपन का नाम – कीका महाराणा प्रताप का जन्म कब हुआ  – ज्येष्ठ सुदी तृतीया वि.स. 1597 (9 मई, 1540 ई.) पिता का नाम  – महाराणा उदय सिंह माता – जयन्ती बाई पत्नी का नाम – अजब दे पंवार घोङे का नाम – चेतक वीर प्रताप के शस्त्र – भाला राज्यभिषेक – 28 फरवरी 1572 ई. गोगुन्दा में हुआ था टैग: Reverted यथादृश्य संपादिका

30 अप्रैल 2021

  • 06:3906:39, 30 अप्रैल 2021 अन्तर इतिहास +2,360 मालकोट किलामालकोट किले का निर्माण - रावमालदेव जी निर्माण कब हुआ - लगभग 1518 ई. मेड़ता का प्राचीन ( पुराना नाम )  नाम - मेदिनीपुर तहसील - मेड़ता सिटी ( जिला नागौर ) परिचय - मालकोट किला जिसको मीरां नगरी मेड़ता के नाम से जाना जाता है इस किले का निर्माण रावमालदेव जी ने लगभग 1518 में ई. में करवाया था !  वर्तमान में यह क़स्बा अजमेर, नागौर, जोधपुर और पाली के बीच में स्थित है ! मालकोट 15वीं सदी में राठौड़ वंश के शासक राव वरसिंह और राव दूदा ने इसे वापस बसाया था ! और मध्यकाल में यह शहर गुजरात, मध्यप्रदेश, दिल्... टैग: यथादृश्य संपादिका
  • 06:1806:18, 30 अप्रैल 2021 अन्तर इतिहास +850 छो त्रिनेत्र गणेश, रणथम्भौरनिर्माण - महाराजा हमीरदेव चौहान पुजा का दिन - बुधवार स्थित - त्रिनेत्र गणेशजी का मंदिर प्रसिद्ध रणथंभौर टाइगर रिजर्व एरिया में गणेशजी को आमंत्रण का पता - त्रिनेत्र गणेशजी का मंदिर रणथंम्भौर किला सवाईमाधोपुर   पिन कोड - 322001) टैग: Reverted यथादृश्य संपादिका

27 अप्रैल 2021