भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मण्डी

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भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मण्डी
Indian Institute of Technology Mandi
चित्र:भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (भा.प्रौ.सं.) मण्डी Logo.png
ध्येयशिखर की ओर!
प्रकारशासकीय तकनीकी संस्थान
स्थापित२००९ (२००९)
सभापतिप्रेम व्रत[1]
निदेशकअजित कुमार चतुर्वेदी[2]
शैक्षिक कर्मचारी
१५८[3]
स्थानमण्डी, हिमाचल प्रदेश, भारत
31°46′26″N 76°59′42″E / 31.77389°N 76.99500°E / 31.77389; 76.99500निर्देशांक: 31°46′26″N 76°59′42″E / 31.77389°N 76.99500°E / 31.77389; 76.99500
परिसरकमांद, जिला मण्डी, हिमाचल प्रदेश में उहल नदी के तट पर ५२० एकड़ (२.१ वर्ग कि.मी.) में विस्तृत
जालस्थलwww.iitmandi.ac.in

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (भा.प्रौ.सं.) मण्डी भारत सरकार मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा स्थापित संस्थान है। संस्थान हिमाचल प्रदेश के मण्डी जिले में स्थित है। संस्थान का पहला सत्र सन २००९ में शरू हुआ था। इसका स्थायी परिसर मण्डी से लगभग १४ कि.मी. दूरी पर कमान्द में उहल नदी के बायें तट पर और सालगी गाँव में है और अब पूर्णतः कार्यरत है। प्रो. तिमोथी ए. गोन्साल्वेज़ भा.प्रौ.सं. मण्डी के संस्थापक निदेशक (१५ जनवरी २०१० से ३० जून २०२०) तथा प्रो. आर. सी. साहनी प्रथम कुलसचिव के पद पर कार्यरत रहे। भा.प्रौ.सं. रूड़की के निदेशक प्रो. अजित कुमार चतुर्वेदी ने दिनांक १ जुलाई २०२० से कार्यकारी निदेशक का कार्यभार सम्भाला।

इतिहास[संपादित करें]

भा.प्रौ.सं. मण्डी की स्थापना वर्ष २००८ में मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा भा.प्रौ.सं. अधिनियम के अंतर्गत हुई। भा.प्रौ.सं. संशोधित अधिनियम २०११ के तहत बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय का भा.प्रौ.सं. में रूपान्तरण हुआ। वर्ष २०१६ में ६ नये भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों तथा भारतीय खनि विद्यापीठ धनबाद को प्रौद्योगिकी संस्थानों में सम्मिलित किया गया। भा.प्रौ.सं. मण्डी का प्रथम सत्र भा.प्रौ.सं. रूड़की के परामर्श से चला, जिसने भा.प्रौ.सं. मण्डी के छात्रों की मेजबानी की।

इस संस्थान का निर्माण कार्य दिनांक २४ फरवरी २००९ को आरम्भ हुआ। भा.प्रौ.सं. मण्डी को उत्तराखण्ड में दिनांक २० जून २००९ को सामाजिक समिति के रूप में पंजीकृत किया गया। भा.प्रौ.सं. रूड़की (परामर्शदाता) में कक्षाएँ दिनांक २७ जुलाई २००९ से आरम्भ हुईं। हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा दिनांक १६ नवम्बर २००९ को स्नातकोत्तर महाविद्यालय, मण्डी, पारगमन परिसर के रूप मे सौंपा गया। सभी नये भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों में से भा.प्रौ.सं.मण्डी प्रथम संस्थान बन गया, जिसने दिनांक २५ अप्रैल २०१५ को पूर्ण रूप से बी.टैक. छात्रों को अपने स्थायी परिसर कमान्द में स्थानांतरित किया।

परिसर[संपादित करें]

भा.प्रौ.सं. मण्डी ने अपनी यात्रा नई दिल्ली से ४६० किलोमीटर (२९० मील) दूर हिमाचल प्रदेश के कमान्द गाँव में उहल नदी के तट पर ५१० एकड़ (२१० हैक्टेयर) चरागाह से वर्ष २००९ में आरम्भ की तथा हिमालय के रमणीय अंचल में चुनौतीपूर्ण परिसर का उल्लेखनीय एवम् अद्वितीय निर्माण करने में तेजी से प्रगति की। परिसर आंतरिक रूप से दो भागों में विभाजित है, जिनके नाम उत्तरी परिसर और दक्षिणी परिसर हैं। संस्थान द्वारा छात्रों, कर्मचारियों और प्राध्यापकों के लिए आवागमन की समुचित व्यवस्था की गई है।

संस्थान में खेल, सह-पाठ्यक्रम और पाठ्येतर गतिविधियों का भी बहुत महत्त्व है। यहाँ आंतरिक बैडमिंटन कक्ष, तरण ताल, टेबल टेनिस भवन, फुटबाॅल और क्रिकेट मैदान तथा व्यायामशाला हैं। संस्थान में सर्व-सुविधा सम्पन्न हाॅकी मैदान, टेनिस मैदान, वाॅलीबाॅल और बास्केट बाॅल मैदान निर्माणाधीन हैं। संस्थान के दक्षिणी परिसर में एक चिकित्सा केन्द्र है। उत्तरी परिसर में स्थित बृहत्चिकित्सा केन्द्र में एक नाक-कान-गला विशेषज्ञ तथा एक बालरोग विशेषज्ञ कार्यरत हैं। इस केन्द्र में एक प्राथमिक चिकित्सा कक्ष, एक लघु चिकित्सा कक्ष तथा एक भौतिक चिकित्सा केन्द्र सम्मिलित हैं।

संस्थान ने परिसर निवासियों की सुविधा के लिए अपने परिसर में अनिवार्य सहायक सेवाओं की भी व्यवस्था की है जैसे कि झूला घर, स्थानीय पौधों की विविधता वाली एक वानस्पति वाटिका, बच्चों के लिए उद्यान, लेखा सामग्री की दुकानें, परिसर विद्यालय, बैंक और एटीएम आदि। पुस्तक एवम् उपन्यास प्रेमियों के लिए दोनों उत्तरी और दक्षिणी परिसर में पुस्तकालय और वाचनालय भी हैं। हाल ही में भा.प्रौ.सं. मण्डी में विभिन्न अवसरों और कार्यक्रमों के लिए एक सभागार भी निर्मित किया गया है,जो कि अब पूर्ण रूप से कार्यात्मक है।

कटिण्ढी गाँव के निकट चोटी (ग्रीफॉन शिखर) से देखने पर आईआईटी मण्डी परिसर (जनवरी २०२०) । दक्षिणी परिसर सामने दाएँ तरफ है और उत्तरी परिसर बाएँ-मध्य में।

दक्षिणी परिसर[संपादित करें]

दक्षिणी परिसर का निर्माण कार्य लोक निर्माण विभाग और राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम को सौंपा गया था। दक्षिणी परिसर में प्राध्यापक और कर्मचारी मनोरंजन केन्द्र का उद्घाटन दिनांक 29 अक्तूबर 2016 को किया गया। परिसर के पूर्ण विकास के लिए मुख्य योजना तैयार है तथा 5000 छात्रों, 600 प्राध्यापकों और सहायक कर्मचारियों की सेवा के लिए प्रतिबद्ध है। भविष्य में भा.प्रौ.सं. मण्डी, कमान्द के दक्षिणी परिसर में सभी शोध सुविधाओं का संचालन दीर्घकाल तक करने का अनुमान है। दक्षिणी परिसर के कुछ आकर्षण निम्नलिखित हैं-

आवासीय परिसर[संपादित करें]

पराशर : छात्रावास (पुरूष)

नाको : छात्रावास (पुरूष)

सुवाल्सर : छात्रावास (पुरूष)

चन्द्र ताल : छात्रावास (महिला)

प्राध्यापक/ कर्मचारी आवास

शैक्षणिक भवन[संपादित करें]
सभागार (ऑडिटोरियम) के अन्दर का दृष्य
  • क-1: इसमें रा. ज्ञा. तं. अध्यापन कक्ष, कुछ प्राध्यापक कार्यालय और अन्य छोटे आकार वाले अध्यापन कक्ष है।
  • क-2: भा.प्रौ.सं. मण्डी में यह भवन शोध सुविधाओं के लिए बहु विषयक केन्द्र है,जिसे अन्वेषित पदार्थ अनुसंधान केन्द्र के रूप में जाना जाता है।
  • क-3: इस भवन में कुछ प्राध्यापक कार्यालय और अधिष्ठाता (शैक्षणिक) का कार्यालय है।
  • क-4: इस भवन में कुछ प्राध्यापक कार्यालय और रा.ज्ञा.तं. सम्पर्क वाला मध्यम आकारीय सभागार है।
  • क-5: इस भवन में केन्द्रीय पुस्तकालय, 3 संगणक प्रयोगशालाएँ और कुछ लघु आकारीय अध्यापन कक्ष हैं।
  • क-6: इस भवन में कुछ प्राध्यापक कार्यालयों के अतिरिक्त मुख्यतः बायो एक्स केन्द्र है। 20
  • क-7: इस भवन में निदेशक कार्यालय, कुलसचिव कार्यालय, वित्त एवं लेखा कार्यालय और कुछ प्राध्यापक कार्यालय हैं।
  • क-9: इस भवन में लगभग 200 छात्रों की क्षमता वाला एक बड़ा अध्यापन कक्ष है।
  • रा. ज्ञा. तं. कक्ष: इस भवन में कुछ प्रयोगशालाओं के साथ एक छोटा अध्यापन कक्ष है।

यांत्रिक कार्यशालाः दक्षिण परिसर में विभिन्न विनिर्माण क्षमताओं एवं संयंत्रों से लैस एक वृहत यांत्रिक कार्यशाला है।

छात्र भोजनागार[संपादित करें]

सीडार मेसः यह परिसर के केन्द्र में स्थित है। मेपल मेसः यह परिसर के दक्षिणी भाग में स्थित है और छात्रावास के समीप सुविधा प्रदान करती है।

जलपान गृह[संपादित करें]

सी.वी. रमन कैंटीन : यह दक्षिणी परिसर में बस अड्डे के समीप प्रायः सुबह 9:00 बजे से सायं 11:30 बजे तक खुली रहती है। डेली डोज कैफे : यहाँ नयी मेपल मेस के भूतल में स्थित है, जिसमें विविध व्यंजन (पीत्ज़ा, पास्ता, वॉफल और डोरा केक) उपलब्ध है।

अन्य कार्यालय/ सुविधाएँ[संपादित करें]

अधिष्ठाता (छात्र) सचिवालय क्रिकेट मैदान फुटबाॅल मैदान खेल परिसर

उत्तरी परिसर[संपादित करें]

भविष्य में सभी अध्यापन गतिविधियाँ उत्तरी परिसर में संचालित की जाएँगी। दक्षिणी परिसर में शोधार्थियों हेतु आवासीय तथा शोध आवश्यकताओं की आपूर्ति की जाएगी। इस समय उत्तरी परिसर में कुछ स्नातकोत्तर छात्रों के साथ सभी अवर स्नातक छात्र निवास करते हैं।

उत्तरी परिसर में निम्नलिखित स्थान हैं-

आवासीय परिसर[संपादित करें]

1. ब्यास कुण्ड : छात्रावास (पुरूष)

2. दशिर : छात्रावास (पुरूष)

3. गौरीकुण्ड : छात्रावास (महिला)

4. प्राध्यापक/ कर्मचारी आवास

शैक्षणिक भवन[संपादित करें]

1. क-9: इन्नोवेशन हबः इस पाँच मंजिला भवन के भूमि तल और प्रथम मंजिल में रचना एवं अन्वेषण प्रयोगशाला तथा प्रदर्शनी क्षेत्र है। इससे ऊपर कुलसचिव और अन्य प्रशासनिक कार्यालय हैं। इसके आगे उप-पुस्तकालय और शोध प्रयोगशालाएँ हैं। सबसे ऊपरी मंजिल में निदेशक कार्यालय, मंडल सभा कक्ष और अनुसंधान प्रयोगशालाएँ हैं।

2. क-10: इस 4 मंजिला भवन में मध्यम और विशाल आकार के अनेक अध्यापन कक्ष और कुछ प्राध्यापक कार्यालय हैं ।

3. क-13: इस भवन में छोटे और मध्यम आकार के अध्यापन कक्ष और 300 लोगों के बैठने की क्षमता वाला अध्यापन कक्ष है।

4. क-16: इस भवन में संस्थान का केन्द्रीय पुस्तकालय है।

छात्र भोजनागार[संपादित करें]

1. पाइन मेसः क-10 खण्ड के समीप स्थित।

2. ओक मेसः उत्तरी परिसर के पश्चिमी भाग में ओक मेस स्थित है और यहाँ पर दशिर छात्रावास खण्ड के निवासियों के लिए खानपान की सुविधा।

जलपान गृह[संपादित करें]

1. सनराइज जलपान गृह

2. जासी जलपान गृह

3. अमूल पार्लर

4. वन बाइट कैफे

ग्राम वर्ग[संपादित करें]

इसमें चार मुख्य परिसर गोलाकार में व्यवस्थित हैं और देखने में उद्यान जैसी संरचना है।

1. सभागार परिसरः परिसर में 800 लोगों के बैठने की क्षमता वाले सभागार के अतिरिक्त 3 छोटे व्याख्यान कक्ष (प्रत्येक 40 - 50 छात्रों की क्षमता वाले) हैं।

2. खेल परिसरः यहाँ पर तरण ताल और व्यायामशाला के साथ बैडमिंटन, टेबल टेनिस और स्कवैश मैदान हैं।

3. अतिथि गृह

4. स्वास्थ्य केन्द्र

5. शैक्षणिक कार्यालय

6. जिमखानाः यहाँ सभी तकनीकी और सांस्कृतिक क्लबों के लिए विभिन्न कमरे हैं।

अन्य सुविधाएँ[संपादित करें]

1. हाॅकी मैदान

2. तरण ताल

3. मेगास्टार मिनी मार्ट

शैक्षणिक गतिविधियाँ[संपादित करें]

भा.प्रौ.सं. मण्डी अन्य सभी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों की तरह विभिन्न पाठ्यक्रम संचालित करता है जिसमें तकनीकी में स्नातक की उपाधि (बी.टैक.) शामिल है। यह मास्टर ऑफ साईंस और मास्टर ऑफ साईंस (शोध) जैसे स्नातकोत्तर स्तर के कार्यक्रम प्रस्तावित करता है। इसके साथ यह मौलिक विज्ञान जैसे रसायन, भौतिकी तथा अभियांत्रिकी विषयों में आधुनिक शोध के लिए विद्या विशारद (पी.एच.डी.) की उपाधि भी प्रदान करवाता है। एक शैक्षणिक वर्ष में दो सेमेस्टर आयोजित किए जाते हैं। भा.प्रौ.सं. मण्डी गहन परीक्षा प्रक्रिया के अन्तर्गत दो मध्य सेमेस्टर परीक्षाएँ आयोजित करता है, जिसमें 10-अंक आधारित श्रेणीकरण अपनाता है। इसके अतिरिक्त पाठ्यक्रम में छोटी परियोजनाएँ, आवधिक पत्र,स्वाध्याय और नियमित रोमांचक प्रश्नोत्तरी हैं।

अवर स्नातक कार्यक्रम[संपादित करें]

वर्तमान में भा.प्रौ.सं. मण्डी में निम्नलिखित छः शाखाओं में स्नातक-प्रौद्योगिकी (बी.टैक.) की उपाधि दी जाती हैः

§ जनपदीय अभियांत्रिकी

§ संगणक विज्ञान व अभियांत्रिकी

§ आँकड़ा विज्ञान व अभियांत्रिकी

§ विद्युत अभियांत्रिकी

§ अभियांत्रिकी-भौतिकी

§ यांत्रिकी अभियांत्रिकी

संस्थान निम्नलिखित विषय में दोहरी उपाधि पाठ्यक्रम (बी.टैक.-एम.टैक.) भी प्रदान करता हैः

§ जैव अभियांत्रिकी

अन्य सभी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों के समान इन कार्यक्रमों में प्रवेश अखिल भारतीय अभियांत्रिकी प्रवेश परीक्षा (जेईईई-एडवांस्ड), संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) के दूसरे चरण में योग्यता क्रम सूची के आधार पर किया जाता है। संस्थान आगंतुक छात्रों के लिये पाँच-साप्ताहिक परिचय कार्यक्रम आयोजित करता है,जो उन्हें शैक्षणिक कार्यक्रम की भावी चुनौतियों का सामना करने में सक्षम बनाता है।

छात्राओं का नामांकन[संपादित करें]

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मण्डी ने शैक्षणिक वर्ष 2019-20के लिए बी.टैक. पाठ्यक्रम में 20.22 प्रतिशत छात्राओं को प्रवेशित कर अवर स्नातक कार्यक्रमों में छात्रा प्रवेश नामांकन का लक्ष्य सफलतापूर्वक प्राप्त किया है। यह वर्ष 2019-20 के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) एपेक्स बोर्ड कमेटी द्वारा 17प्रतिशत के लक्ष्य के अनुकूल है। इस वर्ष बी.टैक. में पिछले वर्ष की 38छात्राओं और 158 छात्रों की तुलना में कुल 262 छात्रों ने प्रवेश लिया था, जिनमें से 53 छात्राएँ और 209 छात्र हैं। इस वर्ष एम.एस.सी. पाठ्यक्रमों में कुल 103 छात्र प्रवेशित किए गए हैं, जिनमें से 36छात्राएँ और 67 छात्र हैं।

छात्रा नामांकन सम्बन्धी आँकड़े[संपादित करें]

§ 2015: 8

§ 2016: 6

§ 2017: 22

§ 2018: 38

§ 2019: 53

§ 2020: 68

स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम[संपादित करें]

भा.प्रौ.सं. मण्डी विभिन्न विभागों के अंतर्गत एम.एस. (अनुसंधान द्वारा),एम.एस.सी. और एम.टैक. प्रदान करता है। वर्तमान में भा.प्रौ.सं. मण्डी मौलिक विज्ञान और अभियांत्रिकी के क्षेत्रों में एम.एस. पाठ्यक्रम, रसायन विज्ञान में एम.एस.सी. पाठ्यक्रम तथा पदार्थ व ऊर्जा अभियांत्रिकी में एम.टैक. की उपाधि प्रदान की जाती है। किसी भी छात्र/ छात्रा को प्रवेश पाने के लिए अभियांत्रिकी/ प्रौद्योगिकी में स्नातक की उपाधि या उपयुक्त विषय में जीएटीई या समकक्ष राष्टंीय स्तर की परीक्षा या जीआरई उत्तीर्ण होनी चाहिए। लघुसूचित उम्मीदवारों को उनके प्रस्तावित प्रवेश के आधार पर साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है।भा.प्रौ.सं. मण्डी में अभियांत्रिकी और मौलिक विज्ञान के क्षेत्र में विद्या विशारद 1⁄4पीएच.डी.1⁄2की उपाधि भी प्रदान की जाती है। उम्मीदवार को प्रवेश पाने के लिए उच्च शैक्षणिक योग्यता के साथ विज्ञान में स्नातकोत्तर उपाधि और मान्य जीएटीई प्राप्तांक अथवा यूजीसी/ सीएसआईआर एनईटी/ उच्च शैक्षणिक योग्यता के साथ अभियांत्रिकी/ प्रौद्योगिकी में स्नातकोत्तर उपाधि/ किसी भी भा.प्रौ.सं. से बी.टैक. उपाधि और मान्य गेट प्राप्तांक अथवा भारत के किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से मान्य गेट अंक के साथ बी.टैक./ बी.ई. उपाधि अथवा समकक्ष होना अनिवार्य है।

अंतर्राष्ट्रीय समन्वय कार्यक्रम[संपादित करें]

भा.प्रौ.सं. मण्डी का अनेक विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ समन्वय कार्यक्रम है। भा.प्रौ.सं. मण्डी के छात्रों के साथ बहुविषयक सामाजिक तकनीकी व्यवहार्य (आईएसटीपी) पर कार्य करने के लिए डब्ल्यूपीआई, अमेरिका से विद्यार्थी आते हैं। वे आईएसटीपी के माध्यम से भारतीय छात्रों के साथ समाज के विभिन्न मुद्दों/ समस्याओं का अवलोकन करते हैं, उनके लिए तकनीकी उपाय प्रस्तावित करते हैं तथा प्रस्तावित उपायों का सामाजिक, तकनीकी, आर्थिक, पर्यावरणात्मक और अन्य पहलुओं से मूल्यांकन करते हैं। इसके अतिरिक्त जर्मनी के टी.यू.९ विश्वविद्यालयों (९ अग्रणी तकनीकी संस्थानों का समूह) के साथ विभिन्न समन्वय एवं छात्र विनिमय कार्यक्रम संचालित हैं। हाल ही में जापान के क्योटो विश्वविद्यालय के साथ समन्वय कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया है।

अनुक्रम[संपादित करें]

वर्ष 2019 के दौरान भारत के सभी अभियांत्रिकी महाविद्यालयों में भा.प्रौ.सं. मण्डी का एनआईआरएफ अनुक्रम में 56 अंकों के साथ 20वाँ स्थान था। भा.प्रौ.सं. मण्डी वर्ष 2020 में एनआईआरएफ अनुक्रम में 31वें स्थान पर और नवीन उपलब्धियों पर संस्थानों के अटल अनुक्रम में 7वें स्थान पर रहा,जो कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों की द्वितीय श्रृंखला में सर्वोच्च क्रम है।

भा.प्रौ.सं. मण्डी में शोध एवं अनुसंधान[संपादित करें]

भा.प्रौ.सं. मण्डी ऐसा बहुविषयक शोध परिवेश प्रदान करता है,जो शोधकत्र्ताओं को व्यापक उपयोग के लिये नवीन तकनीकें विकसित करने में सक्षम बनाता है।भा.प्रौ.सं. मण्डी में अनुसंधान केन्द्र अन्वेषित पदार्थ अनुसंधान केन्द्र (एएमआरसी) पदार्थ परीक्षण तथा पर्यावरण सम्बन्धी शोध पर केन्द्रित है।

संस्थान की एक अन्य परियोजना का उद्देश्य उन पारम्परिक किसानों का सहयोग करना है जो फलों, सब्जियों, केसर तथा औषधीय पौधों की खेती करते हैं। माइक्रो एवं नैनो इलैक्टंोनिक उपकरण प्रारूप एवं

विनिर्माण के बहुविषयक शोध के लिए संस्थान की एक अद्वितीय सुविधा इलेक्ट्रॉनिक उपकरण प्रारूप एवं निर्माण केन्द्र (सी4डीएफईडी) है। केन्द्र में स्वच्छ प्रयोगशालाएँ श्रेणी 100, श्रेणी1000 और श्रेणी 10000हैं, जिनमें स्थापित अत्याधुनिक परिष्कृत उपकरणों की कीमत 50करोड़ है।

विभाग[संपादित करें]

संस्थान मुख्यतः प्राध्यापकों , परियोजना सहायकों और छात्रों सहित कई विभागों में विभक्त है। आजकल भा. प्रौ.सं. मण्डी में निम्नलिखित चार विभाग संचालित हैं-

  • संगणक एवं विद्युत अभियांत्रिकी
  • मौलिक विज्ञान
  • अभियांत्रिकी
  • मानविकी एवं समाज शास्त्र

व्यवसाय संवर्धक और उद्यमिता[संपादित करें]

भा.प्रौ.सं. मण्डी ने अपने समाज सेवा करने के ध्येय को मद्देनज़र रखते हुए दो व्यवसाय संवर्धक शुरू किए हैं, जो कि छात्रों द्वारा ई-प्रकोष्ठ में संचालित हैं।

भा.प्रौ.सं. मण्डी उत्प्रेरक (कैटालिस्ट)[संपादित करें]

हिमाचल प्रदेश में भा.प्रौ.सं. मण्डी कैटालिस्ट प्रथम तकनीकी व्यवसाय संवर्धक है। इसका उद्घाटन प्रो. अशोक झुनझुनवाला ने दिनांक 15 मई, 2016 को किया। भा.प्रौ.सं. मण्डी उत्प्रेरक व्यवसाय के आरम्भिक चरण के लिए सस्ते,अत्याधुनिक, शान्त व मनोरम गंतव्य प्रदान करता है।

कमान्द महिला सशक्तीकरण (ईवाॅक)[संपादित करें]

भा.प्रौ.सं. मण्डी ने मई 2016 में कमान्द महिला सशक्तीकरण नामक एक नया कार्यक्रम शुरू किया था। यह ग्रामीण महिलाओं को व्यवसाय आरम्भ करने में सक्षम बनाने हेतु उन्हें कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने पर केन्द्रित है। मण्डी ज़िला की चार पंचायतों (कमान्द, कटौला, कटिण्डी और नवलाय) के साथ ईवाॅक की भागीदारी है।

उद्यमिता प्रकोष्ठ (ई-सेल)[संपादित करें]

ई-प्रकोष्ठ छात्रों द्वारा संचालित संगठन है, जो कि भा.प्रौ.सं. मण्डी के छात्रों को उद्यमिता प्रदान करता है।

तकनीकी रूप से वर्धित सेवा[संपादित करें]

संस्थान के निर्माण कार्य की उन्नति का निरीक्षण करने के लिए भा.प्रौ.सं. मण्डी का भवन निर्माण एवं प्रबन्धन अनुभाग छात्रों द्वारा संस्थान में निर्मित वेब आधारित परियोजना प्रबन्धन उपकरण का प्रयोग करता है। यह रखरखाव सेवा की व्यवस्था करने के लिए एक ऑनलाइन टिकट प्रणाली का भी उपयोग करता है। संस्थान ने एक महत्त्वपूर्ण प्रकाशिकी आधारित 1जीबीपीएस क्षमता वाले उच्च-गति सम्पर्क सहित उन्नत आईटी अवसंरचना और 200से अधिक वाई-फाई बिन्दुओं की स्थापना की है।

संस्थान में 160 नोड वाला एक उच्च निष्पादन संगणक समूह भी स्थापित किया है, जो निरंतर विकासशील है। भविष्य की योजनाओं में एडुरोमसेवा (वैश्विक सेवा जो छात्रों, शोधार्थियों और कर्मचारियों को परिसर में इंटरनेट सम्पर्क करने में सक्षम बनाती है, जब वे अन्य संस्थानों में प्रत्यार्थी होते हैं), आपदा बहाली स्थल निर्माण के अतिरिक्त समेकित चुनौती प्रबन्धन अवसंरचना एवम् मुख्य अवसंरचना का विस्तार 10 जीबीपीएस तक करना शामिल है। भा.प्रौ.सं. मण्डी ने राष्ट्रीय ज्ञान तंत्र (एन.के.एन.) सुविधा का विकास किया है, जिसमें 100 से अधिक क्षमता वाले आभासी अध्यापन कक्ष और सभी शैक्षणिक खण्डों में सभागार हैं। शैक्षणिक खण्डों में 30से 300 तक की क्षमता वाले आलीशान अध्यापन कक्ष हैं

संस्थान में छात्रों, प्राध्यापकों और कर्मचारियों के लिए मुख्य पुस्तकालय है,जिसमें 18,948 पुस्तकों का संग्रह है। इसके अतिरिक्त 20,000 ऑनलाइन संसाधनों वाला पूर्णतः स्वचालित रेडियो आवर्ती पहचान सक्षम उप-पुस्तकालय है। भविष्य की योजनाओं में तीन सभागारों के अतिरिक्त 250 की क्षमता वाला आभासी अध्यापन कक्ष और व्यावसायिक अभिलेखन स्थल का निर्माण शामिल हैं।

हरित प्रयास[संपादित करें]

परिसर में कुशल अपशिष्ट प्रबन्धन कार्यों को उच्च प्राथमिकता दी जाती है। निवासियों की सक्रिय प्रतिभागिता से प्रत्येक स्रोत पर जनित कचरा पृथक किया जाता है। जैविक कचरे के निष्पादन के लिए 150 कि.ग्रा. क्षमता वाला जैव-गैस संयंत्र स्थापित किया गया है। परिसर में जनित सारे दूषित जल का उपयुक्त पुनरुपयोग सुनिश्चित करने के लिए दूषित जल निष्पादन संयंत्र स्थापित है। स्थानीय वनस्पतियों की पहचान के लिए विशेष प्रयास किए गए हैं और यह सुनिश्चित किया गया कि वनस्पतियों का विकास परिसर की प्रगति के साथ-साथ चलता रहे। भावी योजनाओं में दूषित जल का पुनरुपयोग, पौधशाला का विकास, बेहतर कचरा पृथक्करण और संस्थान में खाद-निर्माण शामिल हैं।

छात्र जीवन[संपादित करें]

भा.प्रौ.सं. मण्डी की छात्र गतिविधियाँ शैक्षणिक, सांस्कृतिक,साहित्यिक, अनुसंधान, खेल और तकनीकी नामक छः विभिन्न समितियों में वर्गीकृत हैं। तकनीकी समिति में ऊर्जा क्लब, इलेक्ट्रॉनिक्स क्लब, कमान्द प्रोम्पट (प्रोग्रामिंग क्लब), एसटीएसी (खगोल विज्ञान क्लब), रोबोटॉनिक्स (रोबोटॉनिक्स व इलेक्ट्रॉनिक्स क्लब), निर्माण क्लब और मोबाइल व एप्लीकेशन विकास (एमएडी) क्लब शामिल है । सांस्कृतिक समिति में आर्ट गीक्स, म्युजिक क्लब, यूडीसी (डांस क्लब), डंामेटिक्स क्लब, शटरबग्ज (फोटोग्राफी क्लब) और परसेप्शन (वीडियोग्राफी क्लब) शामिल है । साहित्यिक समिति में वाद-विवाद,प्रश्नोत्तरी और लेखन सम्मिलित है। साहित्यिक समिति ”विवान“ नामक छात्रों की वार्षिक पत्रिका भी प्रकाशित करती है।

खेल समिति की एक खेल परिषद् है, जो मण्डी और कमान्द दोनों परिसरों में निम्नलिखित खेल गतिविधियों का समन्वय करती है: फुटबाॅल, क्रिकेट,बैडमिंटन, लाॅन टेनिस, टेबल टेनिस, वाॅलीबाॅल,बास्केटबाॅल, हाॅकी, एथेलेटिक्स और शतरंज।

शैक्षणिक समिति छात्रों को सहभागिता के लिए प्रेरित करके छात्रों और प्राध्यापकों के मध्य सेतु के रूप में कार्य करती है तथा शैक्षणिक गतिविधियों के सुचारू संचालन में सहायता करती है। यह विभिन्न छात्र विनिमय कार्यक्रमों और अनिवार्य प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए छात्रों की सहायता भी करती है। अनुसंधान समिति के अन्तर्गत भा.प्रौ.सं. मण्डी अनुसंधान क्लब (आईआईटीएमआरसी) भी है।

उत्सव[संपादित करें]

एक्सोडिया

एक्सोडिया भा.प्रौ.सं. मण्डी का वार्षिक तकनीकी एवं सांस्कृतिक उत्सव है। यह तीन दिवसीय कार्यक्रम मार्च के आरम्भ में होता है। यह हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े कार्यक्रमों में से एक है, जिसमें उत्तरी भारत के विद्यालयों और महाविद्यालयों के छात्र एकत्रित होते हैं। यह भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों के कुछ उत्साही लोगों द्वारा साल 2012 में शुरू किया गया। यह छात्रों द्वारा संचालित अलाभकारी संगठन है जो मुख्यतः युवाओं की आवश्यकताओं को पूरा करता है। भा.प्रौ.सं. मण्डी के पारगमन परिसर में एक्सोडिया-12 और एक्सोडिया-13 मनाया गया। स्थायी परिसर में एक्सोडिया-14 और एक्सोडिया-15 मनाया गया।

रण-नीति

भा.प्रौ.सं. मण्डी के छात्र जिमखाना द्वारा आयोजित रण-नीति वार्षिक अन्तः महाविद्यालयी क्रीड़ा उत्सव है। यह प्रतिवर्ष सितम्बर माह में मनाये जाने वाला तीन दिवसीय कार्यक्रम है, जिसमें देश भर के राज्यों के महाविद्यालय भाग लेते हैं।

एस्ट्रेक्स

भा.प्रौ.सं. मण्डी के अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी एवम् खगोल विज्ञान प्रकोष्ठ द्वारा एस्ट्रेक्स नामक वार्षिक अन्तः महाविद्यालय खगोल विज्ञान बैठक का आयोजन किया जाता है। इसमें विशेष अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय खगोल भौतिकविद् और खगोल वैज्ञानिक मुख्य वार्ता करते हैं, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी पर कार्यशालाएँ तथा अनेक रोचक कार्यक्रम होते है । इस तकनीकी उत्सव में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों,भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थानों, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थानों और पूरे भारत के बहुत से अन्य महाविद्यालय भाग लेते हैं।

रूवान

रूवान भा.प्रौ.सं. मण्डी का वार्षिक अन्तः महाविद्यालय साहित्यिक उत्सव है। यह लेखन, नाटक, वाद-विवाद और प्रश्नोत्तरी संभागों (साहित्यिक समुदाय) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जाता है। तीन दिवसीय रूवान उत्सव का प्रथम आयोजन दिनांक 28 फरवरी, 2020 से दिनांक 1 मार्च, 2020 तक किया गया। तीन दिवसीय रोचक कार्यक्रम न केवल वाद-विवाद तक सीमित था,बल्कि उसमें कविता पाठ, नाट्य, प्रश्नोत्तरी, चलचित्र और कवि सम्मेलन भी था। इस साहित्यिक उत्सव में पूरे देश के महाविद्यालयों के छात्रों ने भाग लिया।

फ्रोस्टहैक

फ्रोस्टहैक एक खुला हैकथोन है, जिसका आयोजन भा.प्रौ.सं. मण्डी के छात्र समुदाय ने सामाजिक समस्याओं के समाधान को लक्ष्य में रखकर तकनीकों का उपयोग करते हुए अपने सामूहिक समन्वय से किया। पहले हैकथाॅन का आरम्भ भारतीय मानक समय के अनुसार दिनांक 28 मार्च, 2020 को पूर्वाह्न 9:00 बजे किया गया।

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "BoG". www.iitmandi.ac.in. मूल से 18 अगस्त 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 18 सितंबर 2020.
  2. "Meet Ajit K Chaturvedi, new director of IIT-Mandi". The Indian Express (अंग्रेज़ी में). 30 June 2020.
  3. "Faculty".