बसंत और शरद काल

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पूर्वी झोऊ काल के बसंत और शरद काल की रियासतें
बसंत और शरद काल में बना एक कांसे का बर्तन (हेनान संग्राहलय में)
ची राज्य के नरेश जिंग के मक़बरे में बलि किये गए घोड़ों के अस्ति-पिंजर

बसंत और शरद काल (चीनी:春秋时代, चुन च्यु शी दाई; अंग्रेज़ी: Spring and Autumn Period) प्राचीन चीन के पूर्वी झोऊ राजवंश काल के पहले भाग को कहते हैं, जो ७७१ ईसा पूर्व से ४७६ ईसा पूर्व तक चला, हालाँकि कभी-कभी ४०३ ईसा पूर्व को इस काल का अंत माना जाता है। इस काल से सम्बंधित चीनी सभ्यता का क्षेत्र ह्वांग नदी घाटी के मैदान में, शानदोंग प्रायद्वीप में और इनके कुछ नज़दीकी इलाक़ों में स्थित था। इस काल का 'बसंत और शरद' वाला नाम 'बसंत और शरद के वृतान्त' नामक ऐतिहासिक ग्रन्थ से आता है, जिसमें लू (鲁国, Lu) नाम के राज्य की दास्तान दर्ज है, जो प्रसिद्ध धार्मिक दार्शनिक कन्फ़्यूशियस का घर भी हुआ करता था।[1]

रियासतों की बढ़ती शक्ति[संपादित करें]

इस काल में झोऊ वंश के सम्राटों की शक्ति बस नाम-मात्र की रह गई। उनका केवल अपनी राजधानी, लुओ यी, पर नियंत्रण था। झोऊ काल की शुरुआत में राजघराने के भाई-बंधुओं और सेनापतियों को अलग-अलग राज्य दे दिए गए थे जिनको सम्राट के अधीन रखा गया था। यह इसलिए किया गया था क्योंकि झोऊ अपने से पहले आने वाले शांग राजवंश से जीत तो गए थे लेकिन उन्हें इतने बड़े साम्राज्य पर नियंत्रण रखने में कठिनाई आ रही थी। शुरू में यह रियासतों की व्यवस्था चली लेकिन झोऊ सरकार कमज़ोर पड़ने पर यह सब अपने अलग-अलग राजकुल और देश चलने लगे। इन रियासतों में से १२ सबसे बड़ी रियासतों के सरदार समय-समय पर मिलकर नीतियां तय करने लगे। कभी-कभी किसी एक नेता को सभी रियासतों की मिली-जुली फ़ौज का सेनापति भी घोषित कर दिया जाता था। समय के साथ-साथ इन राज्यों में झड़पें बढ़ीं और ये एक दुसरे की धरती हड़पने लगे। छठी शताब्दी ईसापूर्व तक सबसे छोटे राज्य ग़ायब हो चुके थे और गिनती के कुछ बड़े राज्यों का चीन पर बोलबाला था। कुछ दक्षिणी राज्यों ने (मसलन वू राज्य ने) तो खुल्लम-खुल्ला झोऊ साम्राज्य से अपनी स्वतंत्रता घोषित कर दी, जिस से अन्य राज्यों ने उनमें से कुछ के विरुद्ध अभियान चलाये।

रियासतों में गृह-युद्ध[संपादित करें]

इन राज्यों में आपस में झगड़े तो चल ही रहे थे, लेकिन इनके अन्दर भी सत्ता के लिए खींचातानी जारी थी। 'जिन' (Jìn) नामक राज्य में छह ज़मीनदारी परिवारों में आपसी युद्ध हुए। ची () राज्य में चेन परिवार ने अपने सभी दुश्मनों को मार डाला। जब इन राज्यों में अंदरूनी गृह-युद्ध समाप्त हुए और शासक परिवार अपने शत्रुओं का ख़ात्मा कर के स्पष्ट रूप से उभर आये फिर उनकी शक्तियाँ राज्यों के बीच की लड़ाइयों में लगनी आरम्भ हुई। ४०३ ईसापूर्व में 'जिन' राज्य के तीन सर्वोच्च परिवारों ने उस राज्य का विभाजन किया और यही वर्ष 'बसंत और शरद काल' का अंत और 'झगड़ते राज्यों के काल' का आरम्भ माना जाता है।[2]

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. Treasures from the bronze age of China: an exhibition from the People's Republic of China, Metropolitan Museum of Art (New York, N.Y.), Ballantine Books, 1980, ISBN 978-0-345-29051-9, ... The earlier, traditionally known as the Spring and Autumn period (770- 476 bc), was named after the Spring and Autumn Annals of the State of Lu, the official chronicle of Confucius' home state ...
  2. The Cambridge history of ancient China: from the origins of civilization to 221 B.C. Archived 2013-06-05 at the वेबैक मशीन, Michael Loewe, Edward L. Shaughnessy, Cambridge University Press, 1999, ISBN 978-0-521-47030-8