पॉल डिरॅक

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पॉल डिरॅक
जन्म पॉल एड्रियन मौरिस डिरॅक
8 अगस्त 1902
ब्रिस्टल, इंग्लैंड
मृत्यु 20 अक्टूबर 1984(1984-10-20) (उम्र 82)
टॅलाहासी, फ्लोरिडा, अमेरिका
आवास यूनाइटेड किंगडम
राष्ट्रीयता स्विट्जरलैंड (1902–19)
यूनाईटेड किंगडम (1919–84)
क्षेत्र भौतिकी (सैद्धांतिक)
संस्थान कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय
मियामी विश्वविद्यालय
फ्लोरिडा स्टेट विश्वविद्यालय
शिक्षा ब्रिस्टल विश्वविद्यालय
कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय
डॉक्टरी सलाहकार राल्फ़ फाउलर
डॉक्टरी शिष्य होमी जहांगीर भाभा
हरीशचन्द्र महेता
डैनिस स्कीमा
फ्रेड हॉयल
बेहर्म कुर्सुनोग्लू
जॉन पोल्किंगोर्ण
उल्लेखनीय सम्मान भौतिकी में नोबेल पुरस्कार (1933)
कॉप्ले मैडल (1952)
मैक्स प्लांक मैडल (1952)
रॉयल सोसायटी की फैलोशिप (1930)[1]

पॉल एड्रियन मौरिस डिरॅक (8 अगस्त 1902 – 20 अक्टूबर 1984) अंग्रेज़ सैद्धांतिक भौतिकशास्त्री थे जिन्होंने क्वांटम यांत्रिकी और क्वांटम विद्युत गतिकी दोनों के प्रारंभिक विकास के लिए मौलिक योगदान दिया था। यह कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में गणित के ल्युकेज़ियन प्रोफेसर तथा सैंटर फॉर थियोरेटिकल स्टडीज़, युनिवर्सिटी ऑफ़ मियामी (हिन्दी: सैद्धांतिक अध्ययन के लिए केंद्र, मियामी विश्वविद्यालय) के सदस्य थे, व अपने जीवन का अंतिम दशक इन्होंने फ्लोरिडा स्टेट यूनिवर्सिटी में व्यतीत किया।

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. Nobel Bio
  2. सन्दर्भ त्रुटि: <ref> का गलत प्रयोग; religion नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है।