अर्थव्यवस्था

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अर्थव्यवस्था (Economy) उत्पादन, वितरण एवम खपत की एक सामाजिक व्यवस्था है। यह किसी देश या क्षेत्र विशेष में अर्थशास्त्र का गतित चित्र है। यह चित्र किसी विशेष अवधि का होता है। उदाहरण के लिए अगर हम कहते हैं ' समसामयिक भारतीय अर्थव्यवस्था ' तो इसका तात्पर्य होता है। वर्तमान समय में भारत की सभी आर्थिक गतिविधियों का वर्णन।

इतिहास[संपादित करें]

अर्थशास्‍त्र से व्‍यक्ति वस्‍तु का विनिमिय तरीके से उपयोग करता है सन्धि विच्छेद करने पर यह दो शब्दो से मिलने पर बनता है: अर्थ एवम व्यवस्था। अर्थ का तात्पर्य है मुद्रा अर्थात् धन और व्यवस्था का मतलब है एक स्थापित कार्यप्रणाली। इस शब्द का सबसे प्राचीन उल्लेख कौटिल्य द्वारा लिखित ग्रन्थ अर्थशास्त्र में मिलता है।

अर्थव्यवस्था का प्राचीन इतिहास सुमेर राजवन्श के समय से ज्ञात है जब वस्तु आधारित विनिमय प्रणाली का प्रयोग करते थे। मध्ययुगीन काल में अधिकान्श व्यापार सामाजिक समूह के अन्तर्गत ही होता थ। आधुनिक युग में अधिकान्श व्यापार युरोप के देशों द्वारा भिन्न देशों को गुलाम बना कर किया जाता रहा। तत्काल में अर्थव्यवस्था के अन्तर्गत साम्यवाद और पूंजीवाद नाम कि दो विचारधाराओ का उद्भव हुआ है।

सन्दर्भ[संपादित करें]

धन का सही रूप में निवेश करना या धन की व्यवस्था करना ही अर्थशास्त्र है अर्थशास्त्र की दो शाखाएं हैं वयष्टि अर्थशास्त्र औरसमष्टि अर्थशास्त्र है, व्यष्टि अर्थशास्त्र का अर्थ व्यष्टि अर्थशास्त्र अंग्रेजी भाषा के शब्द माइक्रो गिरी भाषा के शब्द माइक्रोस्केल हिंदी रूपांतरण है व्यष्टि से अभिप्राय है अत्यंत छोटी इकाई अर्थात् व्यष्टि अर्थशास्त्र का संबंध अध्ययन की सबसे छोटी इकाई से है इस प्रकार व्यष्टि अर्थशास्त्र के अंतर्गत व्यक्तिक इकाइयों जैसे व्यक्ति परिवार उत्पादक फर्म उद्योग आदि का अध्ययन किया जाता है समष्टि अर्थशास्त्र का अर्थ-समष्टि अर्थशास्त्र आर्थिक ज्ञान की वह शाखा है जो संपूर्ण अर्थव्यवस्था एवं अर्थव्यवस्था से संबंधित बड़े योगों व औसतो का ,उनके व्यवहार एवं पारस्परिक संबंधों का अध्ययन करती है