जगन्नाथ: अवतरण इतिहास

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25 मई 2023

24 मई 2023

4 जनवरी 2023

13 नवम्बर 2021

24 अगस्त 2020

23 जुलाई 2020

26 जून 2020

24 जून 2020

23 जून 2020

14 जून 2020

6 मार्च 2020

18 जून 2019

14 जुलाई 2018

9 जुलाई 2018

  • सद्यपिछला 14:2514:25, 9 जुलाई 2018आर्यावर्त वार्ता योगदान 9,278 बाइट्स −2,633 Reverted to revision 3466904 by 110.3.195.236 (talk). (ट्विंकल) पूर्ववत करें टैग: किए हुए कार्य को पूर्ववत करना
  • सद्यपिछला 14:2114:21, 9 जुलाई 2018आर्यावर्त वार्ता योगदानछो 11,911 बाइट्स −5,583 Jogidangadhavi (Talk) के संपादनों को हटाकर Vivekgupta0019 के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया पूर्ववत करें टैग: वापस लिया
  • सद्यपिछला 14:2014:20, 9 जुलाई 2018Jogidangadhavi वार्ता योगदान 17,494 बाइट्स +3,214  .             *|| रथयात्रा नुं रहस्य ||* .                   *छंद : सारसी* .       *रचना : जोगीदान चडीया* उजवे असाडी बीज ऐनी रीज छे रुदीये भरी. पण परण छे के मरण ऐनीं परख केताने परी. आवी अखाडा खेल खेले भीड भुलवे भांनजी. चडीया जुवो चारण तमे आ जगत जोगी दांनजी. ||01|| गाता घणां तो भजन गीतो रुडा रमता राहडा. फरता फुदरडी फेर फेरे तरजनी पर ताहडा. शीद ने मळ्या ता ऐ सुंणो हुं कहुं आजे कानजी. चडीया जुवो चारण तमे आ जगत जोगी दांनजी. ||02|| वाग्युं हतुं वाली समु ज्यां भील केरुंय भालकुं. पांणी न मां... पूर्ववत करें टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
  • सद्यपिछला 14:1414:14, 9 जुलाई 2018Jogidangadhavi वार्ता योगदान 14,280 बाइट्स +2,369 भगवान जगन्नाथ के बारे मे एक और कथा भी है.. भगवान कृष्ण ने जब भालका तिर्थ पर प्राण त्याग कीये तो बादमे शुभद्रा और भाई बलराम ने भी देह छोड दीया.. तिनो को वहां समुद्र किनारे अग्नी संस्कार कीया जा रहा था तब भरती आई और पानी की लहरे आधे जले तीनो शब और आधी जली लकडीयां बहा के ले गयी जो उडीसा मे पुरी के पास निकलने से पेहले वहां के राजा ईन्दद्युमन को स्वप्न मे कृष्ण ने जाकर कहा की हम तिनो के शब निकलेंगे तुम्हारे कीनारे..अब फिरसे जलाना मत...स्थापीत करदेना... तब ईन्द्रद्युमन जो की भगवान कृष्ण का मित्र ... पूर्ववत करें टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन

28 जून 2018

6 मार्च 2018

2 मई 2017

27 जनवरी 2017

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