"अमलतास": अवतरणों में अंतर

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'''अमलतास''' पीले फूलो वाला एक शोभाकर वृक्ष है।
'''अमलतास''' पीले फूलो वाला एक शोभाकर वृक्ष है।
अमलतास को [[संस्कृत]] में व्याधिघात, नृप्रद्रुम इत्यादि, गुजराती में गरमाष्ठो, बँगला में सोनालू तथा लैटिन में कैसिया फ़िस्चुला कहते हैं। शब्दसागर के अनुसार हिंदी शब्द अमलतास संस्कृत अम्ल (खट्टा) से निकला है।
अमलतास को [[संस्कृत]] में व्याधिघात, नृप्रद्रुम इत्यादि, गुजराती में गरमाष्ठो, बँगला में सोनालू तथा लैटिन में कैसिया फ़िस्चुला कहते हैं। शब्दसागर के अनुसार हिंदी शब्द अमलतास संस्कृत अम्ल (खट्टा) से निकला है।

18:25, 23 जनवरी 2011 का अवतरण

अमलतास
Golden Shower Tree in bloom
Not evaluated (IUCN 3.1)
वैज्ञानिक वर्गीकरण
जगत: Plantae
विभाग: Magnoliophyta
वर्ग: Magnoliopsida
उपवर्ग: Rosidae
अश्रेणीत: Eurosids I
गण: Fabales
कुल: Fabaceae
उपकुल: Caesalpinioideae
वंश समूह: Cassieae
उपगणजाति: Cassiinae
वंश: Cassia
जाति: C. fistula
द्विपद नाम
Cassia fistula
L.
पर्यायवाची

Many, see text

फल

अमलतास पीले फूलो वाला एक शोभाकर वृक्ष है। अमलतास को संस्कृत में व्याधिघात, नृप्रद्रुम इत्यादि, गुजराती में गरमाष्ठो, बँगला में सोनालू तथा लैटिन में कैसिया फ़िस्चुला कहते हैं। शब्दसागर के अनुसार हिंदी शब्द अमलतास संस्कृत अम्ल (खट्टा) से निकला है।

भारत में इसके वृक्ष प्राय: सब प्रदेशों में मिलते हैं। तने की परिधि तीन से पाँच फुट तक होती है, किंतु वृक्ष बहुत उँचे नहीं होते । शीतकाल में इसमें लगनेवाली, हाथ सवा हाथ लंबी, बेलनाकार काले रंग की फलियाँ पकती हैं। इन फलियों के अंदर कई कक्ष होते हैं जिनमें काला, लसदार, पदार्थ भरा रहता है। वृक्ष की शाखाओें को छीलने से उनमें से भी लाल रस निकलता है जो जमकर गोंद के समान हो जाता है। फलियों से मधुर, गंधयुक्त, पीले कलझवें रंग का उड़नशील तेल मिलता है।

गुण

आयुर्वेद में इस वृक्ष के सब भाग औषधि के काम में आते हैं। कहा गया है, इसके पत्ते मल को ढीला और कफ को दूर करते हैं। फूल कफ और पित्त को नष्ट करते हैं। फली और उसमें का गूदा पित्तनिवारक, कफनाशक, विरेचक तथा वातनाशक हैं फली के गूदे का आमाशय के ऊपर मृदु प्रभाव ही होता है, इसलिए दुर्बल मनुष्यों तथा गर्भवती स्त्रियों को भी विरेचक औषधि के रूप में यह दिया जा सकता है।

ल॓ख्क-हरश्