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सामान्य जीवन मे जब हम किसी कार्य विशेष को करने का निर्णय करते है तो उस कार्य को करने से पूर्व उसकी रूपरेखा सुनिश्चित की जाती है। कार्य से संबंधित समस्त आवश्यक शर्तो का अनुपालन उचित प्रकार हो एवं कार्य मे आने वाली बाधाओ पर विचार कर उनको दूर करने की प्रक्रिया भी रूपरेखा तैयार करते समय महत्वपूर्ण विचारणीय विषय होते है। कार्य के प्रारम्भ होने से कार्य के सम्पन्न होने तक के एक एक चरण पर पुनर्विचार करके रूपरेखा को अंतिम रूप देकर उस कार्य विशेष को सम्पन्न किया जाता है। |
सामान्य जीवन मे जब हम किसी कार्य विशेष को करने का निर्णय करते है तो उस कार्य को करने से पूर्व उसकी रूपरेखा सुनिश्चित की जाती है। कार्य से संबंधित समस्त आवश्यक शर्तो का अनुपालन उचित प्रकार हो एवं कार्य मे आने वाली बाधाओ पर विचार कर उनको दूर करने की प्रक्रिया भी रूपरेखा तैयार करते समय महत्वपूर्ण विचारणीय विषय होते है। कार्य के प्रारम्भ होने से कार्य के सम्पन्न होने तक के एक एक चरण पर पुनर्विचार करके रूपरेखा को अंतिम रूप देकर उस कार्य विशेष को सम्पन्न किया जाता है। |
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इसी प्रकार कम्प्यूटर द्वारा, उसकी क्षमता के अनुसार, वाँछित कार्य कराये जा सकते है। इसके लिये आवश्यकता है [[कम्प्यूटर]] को एक निश्चित तकनीक व क्रम मे निर्देश दिये जाने की, ताकि कम्प्यूटर द्वारा इन निर्देशों का अनुपालन कराकर वांछित कार्य को समपन्न किया जा सके। सामान्य बोलचाल की भाषा मे इसे '''प्रोग्रामिंग''' या '''प्रोग्रामन''' कहते |
इसी प्रकार कम्प्यूटर द्वारा, उसकी क्षमता के अनुसार, वाँछित कार्य कराये जा सकते है। इसके लिये आवश्यकता है [[कम्प्यूटर]] को एक निश्चित तकनीक व क्रम मे निर्देश दिये जाने की, ताकि कम्प्यूटर द्वारा इन निर्देशों का अनुपालन कराकर वांछित कार्य को समपन्न किया जा सके। सामान्य बोलचाल की भाषा मे इसे '''प्रोग्रामिंग''' या '''प्रोग्रामन''' कहते है। सभी निर्देशों के समूह (सम्पूर्ण निर्देशावली) को [[प्रोग्राम]] कहा जाता है। |
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== इन्हें भी देखें == |
== इन्हें भी देखें == |
08:29, 15 जनवरी 2011 का अवतरण
सामान्य जीवन मे जब हम किसी कार्य विशेष को करने का निर्णय करते है तो उस कार्य को करने से पूर्व उसकी रूपरेखा सुनिश्चित की जाती है। कार्य से संबंधित समस्त आवश्यक शर्तो का अनुपालन उचित प्रकार हो एवं कार्य मे आने वाली बाधाओ पर विचार कर उनको दूर करने की प्रक्रिया भी रूपरेखा तैयार करते समय महत्वपूर्ण विचारणीय विषय होते है। कार्य के प्रारम्भ होने से कार्य के सम्पन्न होने तक के एक एक चरण पर पुनर्विचार करके रूपरेखा को अंतिम रूप देकर उस कार्य विशेष को सम्पन्न किया जाता है।
इसी प्रकार कम्प्यूटर द्वारा, उसकी क्षमता के अनुसार, वाँछित कार्य कराये जा सकते है। इसके लिये आवश्यकता है कम्प्यूटर को एक निश्चित तकनीक व क्रम मे निर्देश दिये जाने की, ताकि कम्प्यूटर द्वारा इन निर्देशों का अनुपालन कराकर वांछित कार्य को समपन्न किया जा सके। सामान्य बोलचाल की भाषा मे इसे प्रोग्रामिंग या प्रोग्रामन कहते है। सभी निर्देशों के समूह (सम्पूर्ण निर्देशावली) को प्रोग्राम कहा जाता है।
इन्हें भी देखें
प्रोग्रामिंग स्पर्धाएं
- गूगल कोड जैम (Google Code Jam) - गूगल द्वारा
- सूचनाविज्ञान का अन्तरराष्ट्रीय ओलम्पियाड (International Informatics Olympiad) - स्कूली बच्चों के लिये
- अन्तरराष्ट्रीय महाविद्यालयी प्रोग्रामिंग स्पर्धा (International Collegiate Programming Contest) - आईबीएम द्वारा
- मैटलैब प्रोग्रामिंग कंटेस्ट (MATLAB Programming Contest)
वाह्य सूत्र
- कम्प्यूटर प्रोग्रामन के प्रमुख अवयवों का सचित्र वर्णन
- प्रोग्रामर कैसे बनें? (अंग्रेजी में) - विकी-हाउ पर भिन्न-भिन्न प्रकार के प्रोग्रामरों के बारे में जानकारी
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