"राइट बंधु": अवतरणों में अंतर

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
छो robot Adding: pap:Orville y Wilbur Wright
छो robot Adding: mn:Ах дүү Райт
पंक्ति 83: पंक्ति 83:
[[mk:Браќа Рајт]]
[[mk:Браќа Рајт]]
[[ml:റൈറ്റ് സഹോദരന്മാർ]]
[[ml:റൈറ്റ് സഹോദരന്മാർ]]
[[mn:Ах дүү Райт]]
[[mr:राइट बंधू]]
[[mr:राइट बंधू]]
[[ms:Wright bersaudara]]
[[ms:Wright bersaudara]]

22:53, 25 जुलाई 2010 का अवतरण

ऑरविल राइट

१९०३ में लिया गया चित्र
जन्म 19 अगस्त 1871
डेटन, ओहायो
मौत जनवरी 30, 1948(1948-01-30) (उम्र 76)
डेटन, ओहायो
पेशा प्रकाशक, बाइसिकल विक्रेता/निर्माता, हवाईजहाज आविष्कारक/निर्माता, पायलट प्रशिक्षक
जीवनसाथी कोई नहीं
उल्लेखनीय कार्य {{{notable_works}}}
हस्ताक्षर
विलबर राइट

१९०३ में लिया गया चित्र
जन्म 16 अप्रैल 1867
मिलविल, इंडियाना
मौत मई 30, 1912(1912-05-30) (उम्र 45)
डेटन, ओहायो
पेशा प्रकाशक, बाइसिकल विक्रेता/निर्माता, हवाईजहाज आविष्कारक/निर्माता, पायलट प्रशिक्षक
जीवनसाथी कोई नहीं
उल्लेखनीय कार्य {{{notable_works}}}
हस्ताक्षर

राइट बंधु (अंग्रेजी: Wright brothers), ऑरविल (अंग्रेजी: Orville, १९ अगस्त, १८७१ – ३० जनवरी, १९४८) और विलबर (अंग्रेजी: Wilbur, १६ अप्रैल, १८६७३० मई, १९१२), दो अमरीकन बंधु थे जिन्हें हवाई जहाज का आविष्कारक माना जाता है।[1][2][3] इन्होंने १७ दिसंबर १९०३ को संसार की सबसे पहली सफल मानवीय हवाई उड़ान भरी जिसमें हवा से भारी विमान को नियंत्रित रूप से निर्धारित समय तक संचालित किया गया। इसके बाद के दो वर्षों में अनेक प्रयोगों के बाद इन्होंने विश्व का प्रथम उपयोगी दृढ़-पक्षी विमान तैयार किया। ये प्रायोगिक विमान बनाने और उड़ाने वाले पहले आविष्कारक तो नहीं थे, लेकिन इन्होंने हवाई जहाज को नियंत्रित करने की जो विधियाँ खोजीं, उनके बिना आज का वायुयान संभव नहीं था।

इस आविष्कार के लिए आवश्यक यांत्रिक कौशल इन्हें कई वर्षों तक प्रिंटिंग प्रेस, बाइसिकल, मोटर और अन्य कई मशीनों के साथ काम करते करते मिला। बाइसिकल के साथ काम करते करते इन्हें विश्वास हो गया कि वायुयान जैसे असंतुलित वाहन को भी अभ्यास के साथ संतुलित और नियंत्रित किया जा सकता है।[4] १९०० से १९०३ तक इन्होंने ग्लाइडरों पर बहुत प्रयोग किये जिससे इनका पायलट कौशल विकसित हुआ। इनके बाइसिकल की दुकान के कर्मचारी चार्ली टेलर ने भी इनके साथ बहुत काम किया और इनके पहले यान का इंजन बनाया। जहाँ अन्य आविष्कारक इंजन की शक्ति बढ़ाने पर लगे रहे, वहीं राइट बंधुओं ने आरंभ से ही नियंत्रण का सूत्र खोजने पर अपना ध्यान लगाया। इन्होंने वायु-सुरंग में बहुत से प्रयोग किए और सावधानी से जानकारी एकत्रित की, जिसका प्रयोग कर इन्होंने पहले से कहीं अधिक प्रभावशाली पंख और प्रोपेलर खोजे।[5][6] इनके पेटेंट (अमरीकन पेटेंट सं. ८२१, ३९३) में दावा किया गया है कि इन्होंने वायुगतिकीय नियंत्रण की नई प्रणाली विकसित की है जो विमान की सतहों में बदलाव करती है।[7]

ऑरविल (बायें) एवं विलबर (दायें), १८७६ में ऑरविल (बायें) एवं विलबर (दायें), १८७६ में
ऑरविल (बायें) एवं विलबर (दायें), १८७६ में

अनेक अन्य आविष्कारकों ने भी हवाई जहाज के आविष्कार का दावा किया है, लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं कि राइट बंधुओं की सबसे बड़ी उपलब्धि थी तीन-ध्रुवीय नियंत्रण का आविष्कार, जिसकी सहायता से ही पायलट विमान को संतुलित रख सकता है और दिशा-परिवर्तन कर सकता है।[8] नियंत्रण का यह तरीका सभी विमानों के लिये मानक बन गया और आज भी सब तरह के दृढ़-पक्षी विमानों के लिए यही तरीका उपयुक्त होता है।[9][10]

संदर्भ

  1. स्मिथसोनियन संस्थान, "द राइट ब्रदर्स & द इन्वेन्शन ऑफ द एरियल एज"
  2. मेरी एन जॉनसन। ऑन द एविएशन ट्रेल इन द राइट ब्रदर्स; वेस्ट साइड नेबरहुड इन डेयटन, ओहियो राइट स्टेट युनिवर्सिटी, २००१
  3. "फ्लाइंग थ्रु द एजेज़" बीबीसी न्यूज़, मार्च १९, १९९९। अभिगमन तिथि: १७ जुलाई, २००९
  4. क्राउश २००३, पृ. १६९
  5. जैकब १९९७, पृ. १५६
  6. क्राउश २००३, पृ.२२८
  7. उड़न यंत्र का पेटेंट
  8. Padfield, Gareth D., Professor of Aerospace Engineering, and Lawrence, Ben, researcher. "The Birth of Flight Control: An Engineering Analysis of the Wright Brothers’ 1902 Glider." (PDF format) The Aeronautical Journal, Department of Engineering, The University of Liverpool, UK, December 2003, p. 697. Retrieved: 23 January 2008.
  9. Howard 1988, p. 89.
  10. Jakab 1997, p. 183.

बाहरी कड़ियाँ