"शंकराचार्य": अवतरणों में अंतर

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{{Dablink|यह लेख धर्मगुरु पद शंकराचार्य के बारे में है। दार्शनिक शंकराचार्य के लिये [[आदि शंकराचार्य]] देखें।}}
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'''शंकराचार्य''' [[हिन्दू धर्म]] में सर्वोच्च धर्म गुरु का पद है। इस पद की परम्परा [[आदि शंकराचार्य|आदि गुरु शंकराचार्य]] ने आरम्भ की।
'''शंकराचार्य''' [[हिन्दू धर्म]] में सर्वोच्च धर्म गुरु का पद है। इस पद की परम्परा [[आदि शंकराचार्य|आदि गुरु शंकराचार्य]] ने आरम्भ की। यह उपाधि [[आदि शंकराचार्य]], जो कि एक हिन्दू दार्शनिक एवं धर्मगुरु थे एवं जिन्हें [[हिन्दुत्व]] के सबसे महान प्रतिनिधियों में से एक के तौर पर जाना जाता है, के नाम पर है। यह आम तौर पर [[अद्वैत]] परम्परा के मठों के मुखिया के लिये प्रयोग की जाने वाली उपाधि है। उन्हें ''जगद्गुरु'' के तौर पर सम्मान प्राप्त है एक उपाधि जो कि पहले केवल भगवान [[कृष्ण]] को ही प्राप्त थी। उन्होंने [[सनातन धर्म]] की प्रतिष्ठा हेतु [[भारत]] के चार क्षेत्रों में चार मठ स्थापित किये जो कि निम्नलिखिते हैं:




[[श्रेणी:हिन्दू धर्म]]
[[श्रेणी:हिन्दू धर्म]]

00:00, 15 जनवरी 2010 का अवतरण

शंकराचार्य हिन्दू धर्म में सर्वोच्च धर्म गुरु का पद है। इस पद की परम्परा आदि गुरु शंकराचार्य ने आरम्भ की। यह उपाधि आदि शंकराचार्य, जो कि एक हिन्दू दार्शनिक एवं धर्मगुरु थे एवं जिन्हें हिन्दुत्व के सबसे महान प्रतिनिधियों में से एक के तौर पर जाना जाता है, के नाम पर है। यह आम तौर पर अद्वैत परम्परा के मठों के मुखिया के लिये प्रयोग की जाने वाली उपाधि है। उन्हें जगद्गुरु के तौर पर सम्मान प्राप्त है एक उपाधि जो कि पहले केवल भगवान कृष्ण को ही प्राप्त थी। उन्होंने सनातन धर्म की प्रतिष्ठा हेतु भारत के चार क्षेत्रों में चार मठ स्थापित किये जो कि निम्नलिखिते हैं: