"कार्कल": अवतरणों में अंतर

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
No edit summary
No edit summary
पंक्ति 2: पंक्ति 2:
|name = कार्कल
|name = कार्कल
|other_name = Karkala<br />ಕಾರ್ಕಳ
|other_name = Karkala<br />ಕಾರ್ಕಳ
|image = Karkala chaturmukha basadi.jpg
|image = Gomateshwara Statue, Karkala.jpg
|image_caption = भगवान बाहुबली की मूर्ति गोमतेश्वर नाम से प्रसिद्ध है
|image_caption = नगर दृश्य
|nickname = जैन तीर्थस्थल
|nickname = जैन तीर्थस्थल
|pushpin_label = कार्कल
|pushpin_label = कार्कल
पंक्ति 29: पंक्ति 29:
|website = {{URL|www.karkalatown.gov.in}}
|website = {{URL|www.karkalatown.gov.in}}
}}
}}
[[चित्र:Karkala chaturmukha basadi.jpg|280px|thumb|नगर दृश्य]]
[[चित्र:Gomateshwara Statue, Karkala.jpg|280px|thumb|भगवान बाहुबली की मूर्ति गोमतेश्वर नाम से प्रसिद्ध है]]
'''कार्कल''' (Karkala) [[भारत]] के [[कर्नाटक]] राज्य के [[उडुपी ज़िले]] में स्थित एक नगर है। मंगलौर से 35 किमी दूर स्थित कार्कल शहर भगवान बाहुबली की विशाल मूर्ति के लिए विशेष रूप से लोकप्रिय है।<ref>"[https://books.google.com/books?id=psw6DwAAQBAJ Lonely Planet South India & Kerala]," Isabella Noble et al, Lonely Planet, 2017, ISBN 9781787012394</ref><ref>"[https://books.google.com/books?id=1Hs0DwAAQBAJ The Rough Guide to South India and Kerala]," Rough Guides UK, 2017, ISBN 9780241332894</ref>
'''कार्कल''' (Karkala) [[भारत]] के [[कर्नाटक]] राज्य के [[उडुपी ज़िले]] में स्थित एक नगर है। मंगलौर से 35 किमी दूर स्थित कार्कल शहर भगवान बाहुबली की विशाल मूर्ति के लिए विशेष रूप से लोकप्रिय है।<ref>"[https://books.google.com/books?id=psw6DwAAQBAJ Lonely Planet South India & Kerala]," Isabella Noble et al, Lonely Planet, 2017, ISBN 9781787012394</ref><ref>"[https://books.google.com/books?id=1Hs0DwAAQBAJ The Rough Guide to South India and Kerala]," Rough Guides UK, 2017, ISBN 9780241332894</ref>



14:08, 30 अगस्त 2022 का अवतरण

कार्कल
Karkala
ಕಾರ್ಕಳ
{{{type}}}
भगवान बाहुबली की मूर्ति गोमतेश्वर नाम से प्रसिद्ध है
भगवान बाहुबली की मूर्ति गोमतेश्वर नाम से प्रसिद्ध है
उपनाम: जैन तीर्थस्थल
कार्कल is located in कर्नाटक
कार्कल
कार्कल
कर्नाटक में स्थिति
निर्देशांक: 13°12′43″N 74°59′38″E / 13.212°N 74.994°E / 13.212; 74.994निर्देशांक: 13°12′43″N 74°59′38″E / 13.212°N 74.994°E / 13.212; 74.994
देश भारत
राज्यकर्नाटक
ज़िलाउडुपी ज़िला
स्थापना1912
क्षेत्र23.06 किमी2 (8.90 वर्गमील)
ऊँचाई80 मी (260 फीट)
जनसंख्या (2011)
 • कुल25,800
भाषाएँ
 • प्रचलितकन्नड़
समय मण्डलभामस (यूटीसी+5:30)
पिनकोड574104
दूरभाष कोड+91-8258
वाहन पंजीकरणKA-20
लिंगानुपात1.11 /
वेबसाइटwww.karkalatown.gov.in
नगर दृश्य

कार्कल (Karkala) भारत के कर्नाटक राज्य के उडुपी ज़िले में स्थित एक नगर है। मंगलौर से 35 किमी दूर स्थित कार्कल शहर भगवान बाहुबली की विशाल मूर्ति के लिए विशेष रूप से लोकप्रिय है।[1][2]

मूर्तिकला

कार्कल मूर्ति निर्माण कला में निपुणता के लिए विश्व विख्यात है। यहाँ के उत्साही मूर्तिकार पत्थरों में जान डालने की क्षमता रखते हैं। उनकी कला का प्रत्यक्ष प्रमाण यहां देखा जा सकता है। हाल के वर्षो में प्रसिद्ध मूर्तिकार रंजल गोपाल शर्मा ने मूर्ति निर्माण कला की एक जीवंत पंरपरा यहां विकसित की है। यहां की मूर्तियों की पूरे विश्व में प्रशंसा की जाती है तथा मूर्तियों का निर्यात जापान में किया जाता है।

दर्शनीय स्थल

चर्तुमुखा बस्ती

यह बस्ती बाहुबली मंदिर के दूसरी ओर स्थित है। यह 1586 ई. में बनी थी। बस्ती के चारों दिशाओं में एक समान गेटवे हैं जो ऊंची दीवार के साथ बने हुए हैं। यहां के मंदिर में जैन धर्म के र्तीथकर श्री अरहत, मल्ली और सुवराता की विशाल प्रतिमाएं हैं। साथ ही जैन धर्म के सभी 24 र्तीथकर की छोटी प्रतिमाएं यहां विद्यमान है। इसके अलावा यहां अनंतहशयाना मंदिर, आदी शक्ति वीरभद्र मंदिर और महामाया मुख्य प्राण मंदिर को भी देखा जा सकता है।

हिरियनगड़ी

यह स्थान कार्कल से 1 किमी की दूरी पर है। यहां की नेमिनाथ बस्ती परिसर दर्शनीय स्थल है। यहां का 60 फीट ऊंचा मानास्तम्भ काफी लोकप्रिय है। इस परिसर में भगवान महावीर, चन्द्रनाथ स्वामी, आदिनाथ स्वामी, अनन्तनाथ, गुरू और पद्मावति बस्ती भी हैं। साथ ही भुजबाली ब्रह्मचर्य आश्रम भी है।

अट्टूर

कार्कल से 8किमी दूर यह नगर सेन्ट लॉरेन्स चर्च के लिए के लिए लोकप्रिय है। यह चर्च 1845 ई.में बना था। इस पवित्र स्थान पुरे विश्व से श्रद्धालु आते हैं। इस नगर में महालिंगेश्वर का सुन्दर मंदिर है। इसका गर्भगृह तांबा का बना है।

मूदाबिदरी

कार्कल से 16 किमी की दूरी पर मूड़ाबिदरी बसा हुआ है। यह कार्कल में स्थित एक और जैन धर्म का पवित्र स्थान है। इस स्थान का नाम पूर्वी हिस्से में फैले बांस के झुरमुटों के कारण पड़ा। कहा जाता है कि जब एक जैन संन्यासी यहां से गुजर रहे तो उन्होंने यहां गाय और शेर को एक साथ तालाब मे पानी पीते हुए देखा। यह देखकर वह इस पवित्र भूमि से बहुत प्रभावित हुए। उन्होंने इस जगह को साफ सुथरा करके र्तीथकर पार्श्‍वनाथ की प्रतिमा यहां स्‍थापित की। आगे चलकर यहां चारों ओर मंदिर की स्‍थापना की गई और इस जगह को गुरू की बस्ती के नाम से जाना जाने लगा है। दिगम्बर दर्शन ताडपत्र हस्तलिपि गुरू की बस्ती में रखी हुई हैं। मूड़ाबिदरी में हजार स्तम्भों वाली त्रिभुवन तिलक चूड़ामनी बस्ती भी है जो 1429 से 1430 के मध्य बनी थी। जैन व्यापारियों ने यह बस्ती विजयनगर के गर्वनर देवराय वोदेयर के निर्देशन में बनवाई थी।

गोमतेश्वर

भगवान बाहुबली (जिन्हें गोमतेश्वर भी कहा जाता है) की विशाल मूर्ति 45 फीट ऊंची है। इसका वजन 80 टन है। यह मूर्ति विजयनगर के शासको के भैरासा सामंतो द्वारा 1432 ई. में स्थापित की गई थी। प्रत्‍येक बारह वर्ष पर महामस्तकाभिषेक का अनुष्ठान किया जाता है। इस अवसर पर मूर्ति को लेप लगाकर पवित्र किया जाता है। शुद्धता के लिए 1008 कलशों का जल प्रयोग किया जाता है। इस मौके पर बिगुल और ड्रम की धुन बजाई जाती है। इसके बाद मूर्ति को दूध से नहलाया जाता है। उसके बाद नारियल पानी, गन्ने का जूस, तरल हल्दी को चन्दन के साथ मिलाकर एक लेप तैयार कर मूर्ति पर लगाया जाता है। इस शुभ अवसर पर हजारों जैन भिक्षु एकत्रित होते हैं। मूर्ति की सफाई के बाद चारों ओर तेल के दीप जलाए जाते हैं। यह दृश्य हरिद्वार के गंगा तट के किनारे हर की पौड़ी धाट पर शाम में होने वाली आरती की याद ताजा कर देता है।

वेनूर

दक्षिण कन्नड के मूड़ाबिदरी-बेलथंगड़ी रोड़ पर स्थित यह नगर 38 फीट ऊंची बाहुबली की प्रतिमा के लिए जाना जाता है। गुरपुर नदी के दक्षिणी किनारे पर बने एक ऊंचे चबूतर पर इसे स्थापित किया गया है। इस मूर्ति को जनकाचार्य ने बनाया था। इस नगर में भी आठ बस्ती और महादेव मंदिर है।

आवागमन

वायु मार्ग

कार्कल से 38 किमी की दूरी पर मंगलौर के उत्तर में बाजपे नजदीकी एयरपोर्ट है। यहां से बस या टैक्सी के माध्यम से कार्कल पहुंचा जा सकता है।

रेल मार्ग

मंगलौर रेलवे स्टेशन कार्कल का नजदीकी रेलवे स्‍टेशन है। यहां से बस या टैक्सी के द्वारा कार्कल पहुंचा जा सकता है।

सड़क मार्ग

राष्ट्रीय राजमार्ग 48 से हसन और मनी के रास्ते बंटवाल पहुंचा जा सकता है। राष्ट्रीय राजमार्ग 13 से मूड़ाबिदरी और अट्टूर होते हुए कार्कल पहुंचा जा सकता है। कर्नाटक के प्रमुख शहरों से राज्य परिवहन की बस भी कार्कल के लिए नियमित रूप से चलती है।

इन्हें भी देखें

बाहरी कड़ियाँ

सन्दर्भ

  1. "Lonely Planet South India & Kerala," Isabella Noble et al, Lonely Planet, 2017, ISBN 9781787012394
  2. "The Rough Guide to South India and Kerala," Rough Guides UK, 2017, ISBN 9780241332894