"वसीम रिजवी": अवतरणों में अंतर

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
[अनिरीक्षित अवतरण][अनिरीक्षित अवतरण]
No edit summary
टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
No edit summary
टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
पंक्ति 43: पंक्ति 43:


==राजनीतिक कैरियर==
==राजनीतिक कैरियर==
रिज़वी के पिता एक रेलवे कर्मचारी थे। रिजवी 2000 में लखनऊ में ओल्ड सिटी के कश्मीरी मोहल्ला वार्ड से समाजवादी पार्टी (सपा) के नगरसेवक चुने गए और 2008 में शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के सदस्य बने। 2012 में, रिजवी को छह साल के लिए सपा से निष्कासित कर दिया गया था, जिसने उन पर धन के दुरुपयोग का आरोप लगाया था।<ref>{{cite web|url=https://indianexpress.com/article/explained/who-is-wasim-rizvi-7231868/|title=Who is Wasim Rizvi}}</ref> रिजवी को बाद में अदालत से राहत मिली।
त्यागी के पिता एक रेलवे कर्मचारी थे। रिजवी 2000 में लखनऊ में ओल्ड सिटी के कश्मीरी मोहल्ला वार्ड से समाजवादी पार्टी (सपा) के नगरसेवक चुने गए और 2008 में शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के सदस्य बने। 2012 में, त्यागी को छह साल के लिए सपा से निष्कासित कर दिया गया था, जिसने उन पर धन के दुरुपयोग का आरोप लगाया था।<ref>{{cite web|url=https://indianexpress.com/article/explained/who-is-wasim-rizvi-7231868/|title=Who is Wasim Rizvi}}</ref> रिजवी को बाद में अदालत से राहत मिली।


== विवादों में ==
== विवादों में ==

21:39, 13 दिसम्बर 2021 का अवतरण

जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी

सेंट्रल शिया वक्फ बोर्ड, उत्तर प्रदेश
पद बहाल
1995–2020

जन्म लखनऊ, उत्तर प्रदेश
व्यवसाय अधिवक्ता

फिल्म निर्माता [1]

जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी, जिसे पहले वसीम रिज़वी के नाम से जाना जाता था उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष हैं ।[2] वे फिल्म निर्माता भी हैं।

जीवनी

जितेंद्र नारायण त्यागी एक सामान्य परिवार से संबंध रखते हैं। उनके पिता रेलवे के सामान्य कर्मचारी थे लेकिन जब रिजवी कक्षा 6 की पढ़ाई कर रहे थे तो उनके पिता का देहांत हो गया। इसके बाद त्यागी और उनके भाई-बहनों की जिम्मेदारी उनकी माँ पर आ गई। त्यागी अपने भाई-बहनों में सबसे बड़े थे। उन्होंने 12वीं तक की शिक्षा हासिल की और आगे की पढ़ाई के लिए नैनीताल के एक कॉलेज में प्रवेश लिया।

इसके बाद वे सऊदी अरब चले गए और एक शौचालय में सफाई का काम करने लगे। बाद में उन्हें जापान जाने का मौका मिला और वहां उन्होंने एक कारखाने में काम किया। इसके बाद उनको अमेरिका में काम करने का मौका मिला जहां उन्होंने एक स्टोर में काम किया।

जब उनके सामाजिक संबंध अच्छे होने लगे तो उन्होंने नगर निगम का चुनाव लड़ने का फैसला किया। यहीं से उनके राजनीतिक करियर की शुरूआत हुई। इसके बाद वो वक्फ बोर्ड के सदस्य बने और उसके बाद चेयरमैन के पद तक पहुंचे। वो लगभग दस सालों तक बोर्ड में रहे।[3]

राजनीतिक कैरियर

त्यागी के पिता एक रेलवे कर्मचारी थे। रिजवी 2000 में लखनऊ में ओल्ड सिटी के कश्मीरी मोहल्ला वार्ड से समाजवादी पार्टी (सपा) के नगरसेवक चुने गए और 2008 में शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के सदस्य बने। 2012 में, त्यागी को छह साल के लिए सपा से निष्कासित कर दिया गया था, जिसने उन पर धन के दुरुपयोग का आरोप लगाया था।[4] रिजवी को बाद में अदालत से राहत मिली।

विवादों में

अपने बयानों के चलते त्यागी कई बार विवादों में घिरे हैं और उन पर इस्लाम-विरोधी होने का आरोप भी लगा है। इस्लामी इमामों के द्वारा उन्हें इस्लाम से खारिज़ भी कर दीया गया है।[5] उन्होंने 6 दिसंबर 2021 को डासना मंदिर के मुख्य पुजारी, यति नरसिंहानंद गिरि महाराज की उपस्थिति में हिंदू धर्म में धर्मांतरण कराया।

त्यागी के कुछ प्रसिद्ध वक्तव्य

१. देश की नौ विवादित मस्जिदों को हिन्दुओं को सौंप दें मुसलमान।[6]

२. हिन्दुस्तान की धरती पर कलंक की तरह है बाबरी ढांचा।[7]

३. त्यागी ने कहा कि चांद तारे वाला हरा झंडा इस्लाम का धार्मिक झंडा नहीं है। ये पाकिस्तान की राजनैतिक पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग से मिलता जुलता है। इस झंडे को फहराने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। त्यागी ने यहां तक कह दिया कि पैगम्बर मोहम्मद साहब अपने कारवां में सफेद या काले रंग का झंडा प्रयोग करते थे।[8]

४. इस्लामी मदरसों को बंद कर देना चाहिए क्योंकि ये आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं। ये भारतीय मुसलमानों के लिए अच्छे नहीं हैं। ये मुसलमान नौजवानों के दिमाग में ज़हर घोलते हैं। बहुत मदरसों में आतंकी ट्रेनिंग दी जाती है। यहां आधुनिक शिक्षा नहीं दी जाती। मजहबी कट्टरता सिखाई जाती है।[9]

५. जानवरों की तरह बच्चे पैदा करने से देश को नुकसान - जनवरी २०२० में जनसंख्या नियंत्रण पर संभावित कानून का समर्थन करते हुए त्यागी ने कहा, कुछ लोग मानते हैं कि बच्चों का जन्म प्राकृतिक है और इससे कोई छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए। लेकिन कई-कई बच्चों को जन्म देना समाज और देश के लिए काफी हानिकारक है। अगर देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून लाया जाता है तो यह बेतहाशा बढ़ती आबादी पर काबू पाने के लिए बेहतर होगा।[10]

६. कुरान की 26 आयतों को हटाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में जनहित याचिका दी - मार्च २०२१ में त्यागी ने कुरान की 26 आयतों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की है। अपनी याचिका में त्यागी ने कहा है कि कुरान की इन आयतों से आतंकवाद को बढ़ावा मिलता है। त्यागी का कहना है कि मदरसों में बच्चों को कुरान की इन आयतों को पढ़ाया जा रहा है, जिससे उनका ज़हन कट्टरपंथ की ओर बढ़ रहा है। [11][12]

सन्दर्भ

  1. "UP Shia Board chief Waseem Rizvi scripts, produces film on Ram temple". Hindustan Times (अंग्रेज़ी में). 2018-11-20. अभिगमन तिथि 2019-12-26.
  2. "Waseem Rizvi: Meet the most 'anti-Muslim' Muslim man in India".
  3. "कौन हैं वसीम रिजवी, जिन्होंने बार-बार की अयोध्या में राम मंदिर बनाने की वकालत". अमर उजाला. मूल से 10 जनवरी 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 जनवरी 2019.
  4. "Who is Wasim Rizvi".
  5. "इस्लाम से खारिज किए गए शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी". News18. मूल से 10 जनवरी 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 जनवरी 2019.
  6. "वसीम रिजवी ने 9 विवादित मस्जिदों को हिंदुओं को सौंपने की मांग की". Aajtak.intoday.in. मूल से 10 जनवरी 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 जनवरी 2019.
  7. "वसीम रिजवी बोले, हिंदुस्तान की जमीन पर कलंक की तरह है बाबरी ढांचा". aajtak.intoday.in. मूल से 10 जनवरी 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 जनवरी 2019.
  8. "इस्लामिक झंडे पर किया था कमेंट, वसीम रिजवी को मिली जान से मारने की धमकी". जनसत्ता. मूल से 10 जनवरी 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 जनवरी 2019.
  9. https://www.thelallantop.com/bherant/wasim-rizvi-chairman-of-shia-waqf-board-has-written-a-letter-to-prime-minister-narendra-modi-that-madarsas-in-uttar-pradesh-are-producing-terrorists-so-need-to-eradicate-madarsas/amp/%7Cpublisher=कौन हैं शिया वक्फ़ बोर्ड के चेयरमैन, जिन्हें दाऊद ने बम से उड़ाने की धमकी दी है|publisher=thelallantop}}
  10. वसीम रिजवी बोले- जानवरों की तरह बच्चे पैदा करना देश के लिए हानिकारक
  11. वसीम रिजवी ने कुरान की 26 आयतों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की जनहित याचिका
  12. कुरान की आयातों के हटाने के समर्थन में उतरी हिन्दू महासभा