"जिला परिषद": अवतरणों में अंतर
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राजस्थान में पंचायती राज लोक-प्रशासन व्यवस्था की सर्वोच्च सभा, जिसमें ग्राम पंचायतों और पंचायत समितियों से सदस्यों का चुनाव किया जाता है। |
राजस्थान में पंचायती राज लोक-प्रशासन व्यवस्था की सर्वोच्च सभा, जिसमें ग्राम पंचायतों और पंचायत समितियों से सदस्यों का चुनाव किया जाता है। |
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जिला परिषद पंचायत की संरचना के सबसे उच्चतम पद के रूप में रहता है |
जिला परिषद पंचायत की संरचना के सबसे उच्चतम पद के रूप में रहता है. जिला परिषद के अंतर्गत पंचायत समिति और पंचायत समिति के अंतर्गत ग्राम पंचायत आते हैं जिला परिषद के अध्यक्ष का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से होता है. |
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जिला परिषद के अंतर्गत पंचायत समिति और पंचायत समिति के अंतर्गत ग्राम पंचायत आते हैं जिला परिषद के अध्यक्ष का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से होता है |
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'''जिला परिषद की संरचना''' |
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जिला परिषद का भी ग्राम पंचायत एवं पंचायत समिति की तरह अपना प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र होता है, जिसका गठन लगभग पचास हजार (50000) या उस से अधिक की आबादी पर होता है। प्रत्येक प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र से जिला परिषद सदस्य पद पर एक-एक प्रतिनिधि निर्वाचित होता है। जिला परिषद के प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र से सीधे चुनकर आये सदस्यों के अलावा अन्य सदस्य निम्नवत हैं- |
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# जिले के सभी पंचायत समितियों के निर्वाचित प्रमुख |
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# लोकसभा और विधानसभा के वे सदस्य जिनका पूर्ण या आंशिक निर्वाचन क्षेत्र जिले के अन्तर्गत पड़ता हो |
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# राज्य सभा तथा विधान परिषद के वे सभी सदस्य जिनका नाम जिला की मतदाता सूची में दर्ज हो। |
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ग्राम पंचायत एवं पंचायत समिति की तरह ही जिला परिषद का कार्यकाल भी इसकी पहली बैठक से पांच वर्ष का होता है। |
15:12, 9 नवम्बर 2021 का अवतरण
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राजस्थान में पंचायती राज लोक-प्रशासन व्यवस्था की सर्वोच्च सभा, जिसमें ग्राम पंचायतों और पंचायत समितियों से सदस्यों का चुनाव किया जाता है। जिला परिषद पंचायत की संरचना के सबसे उच्चतम पद के रूप में रहता है. जिला परिषद के अंतर्गत पंचायत समिति और पंचायत समिति के अंतर्गत ग्राम पंचायत आते हैं जिला परिषद के अध्यक्ष का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से होता है.
जिला परिषद की संरचना
जिला परिषद का भी ग्राम पंचायत एवं पंचायत समिति की तरह अपना प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र होता है, जिसका गठन लगभग पचास हजार (50000) या उस से अधिक की आबादी पर होता है। प्रत्येक प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र से जिला परिषद सदस्य पद पर एक-एक प्रतिनिधि निर्वाचित होता है। जिला परिषद के प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र से सीधे चुनकर आये सदस्यों के अलावा अन्य सदस्य निम्नवत हैं-
- जिले के सभी पंचायत समितियों के निर्वाचित प्रमुख
- लोकसभा और विधानसभा के वे सदस्य जिनका पूर्ण या आंशिक निर्वाचन क्षेत्र जिले के अन्तर्गत पड़ता हो
- राज्य सभा तथा विधान परिषद के वे सभी सदस्य जिनका नाम जिला की मतदाता सूची में दर्ज हो।
ग्राम पंचायत एवं पंचायत समिति की तरह ही जिला परिषद का कार्यकाल भी इसकी पहली बैठक से पांच वर्ष का होता है।