"कार्य (भौतिकी)": अवतरणों में अंतर

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* [https://web.archive.org/web/20101214165142/http://lightandmatter.com/html_books/2cl/ch03/ch03.html Work] – a chapter from an online textbook
* [https://web.archive.org/web/20101214165142/http://lightandmatter.com/html_books/2cl/ch03/ch03.html Work] – a chapter from an online textbook
* [https://web.archive.org/web/20120530075449/http://faculty.wwu.edu/vawter/PhysicsNet/Topics/Work/WorkEngergyTheorem.html Work-energy principle]
* [https://web.archive.org/web/20120530075449/http://faculty.wwu.edu/vawter/PhysicsNet/Topics/Work/WorkEngergyTheorem.html Work-energy principle]
*[https://jyan.in/%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%AF-%E0%A4%8A%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%9C%E0%A4%BE-%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%AF/ कार्य ऊर्जा प्रमेय]


[[श्रेणी:आरम्भिक भौतिकी]]
[[श्रेणी:आरम्भिक भौतिकी]]

10:13, 7 जुलाई 2021 का अवतरण

एनसीईआरटी किसी वस्तु को जल में निमग्न करने पर उपर की दिशा में लगने वाला बल विस्थापित बल कहलाता ह।

भौतिकी में कार्य (work) होना तब माना जाता है जब किसी वस्तु पर कोई बल लगाने से वह वस्तु बल की दिशा में कुछ विस्थापित हो। दूसरे शब्दों में, कोई बल लगाने से बल की दिशा में वस्तु का विस्थापन हो तो कहते हैं कि बल ने कार्य किया। कार्य, भौतिकी की सबसे महत्वपूर्ण राशियों में से एक है। कार्य करने की दर को शक्ति कहते हैं। कार्य करने या कराने से वस्तुओं की ऊर्जा में परिवर्तन होता है।

किसी वस्तु पर F बल लगाने पर वह वस्तु बल की दिशा में d दूरी विस्थापित हो जाय तो किया गया कार्य

या
W=fs
जहा f = बल
S= विस्थापन है

होगा।

उदाहरण:
10 न्यूटन (F = 10 N) का बल किसी वस्तु पर दक्षिण दिशा में लगता है और वह वस्तु दक्षिण दिशा में 2 मीटर (d = 2 m) विस्थापित हो जाती है तो बल द्वारा किया गया कार्य W = (10 N)(2 m) = 20 N m = 20 J हुआ। किसी वस्तु पर 5 न्यूटन का बल लगाकर उसे 4 मीटर विस्थापित करने पर भी 20 J ही कार्य होगा (5 N x 4 m = 20 J) .

कार्य का मात्रक 'जूल' है। इसे संक्षेप में J से निरूपित किया जाता है। १ जूल = १ न्यूटन-मीटर। कार्य एक अदिश राशि है।

कार्य की मात्रा की गणना (जब बल और विस्थापन की दिशा अलग-अलग हों)

यदि किसी वस्तु पर एक नियत बल लगाया जाय और वह सीधी रेखा में (बल की दिशा में या बल की दिशा से अलग दिशा में) गति करे तो किया गया कार्य निम्नलिखित सूत्र से निकाला जा सकता है-

जहाँ:

– बल
विस्थापन


किन्तु यदि बल का मान नियत न हो (अर्थात् परिवर्तनशील हो) और विस्थापन भी एक दिशा में न होकर अलग-अलग दिशाओं में हो तो इस स्थिति में कार्य की मात्रा निकालने के लिये बल और विस्थापन के सदिश गुणनफल का समाकलन करना पड़ता है। अर्थात्

जहाँ:

W – कार्य
L – विस्थापन-मार्ग को सूचित करता है। उपरोक्त समाकलन की गणना विस्थापन-मार्ग के सन्दर्भ में की जायेगी।
– बल
– विस्थापन (सदिश)
α – किसी स्थान पर बल तथा विस्थापन के बीच का कोण

बलयुग्म द्वारा किया गया कार्य

यह समाकलन (integral) दृढ़ पिण्ड के गतिपथ (trajectory) के अनुदिश निकाला जाएगा। यहाँ कोणीय वेग ω समय के साथ परिवर्ती है, इसलिए यह 'पथ पर निर्भर' है।

किसी गैस द्वारा किया गया कार्य

भाप का इंजन : भाप द्वारा पिस्टन पर बल लगाकर कार्य किया जाता है।

जहाँ P दाब है, V आयतन है, तथा a और b आरम्भिक और अन्तिम आयतन हैं।

किसी ऊष्मागतिक चक्र के p-v आरेख से कार्य की गणना

इन्हें भी देखें

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