"गंजापन": अवतरणों में अंतर

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मिल गया गंजों की खोपड़ी पर नए बाल उगाने का फार्मूला...
अमृतम पत्रिका, ग्वालियर मप्र से साभार...
जाने- गंजों के बाल उगाने का 5000 साल पुराना उपाय....
गंजापन आने के मुख्य कारण...
◆ गीले बालों में तेल लगाने से बालों में रूसी होने लगती है।

◆ रूसी यानी डेंड्रफ का एक कारण पित्त की वृद्धि भी है।

◆ अगर बहुत दिनों तक कब्ज की शिकायत रहे, तो भी रूसी हो सकती है।

◆ लिवर के क्रियाशील न होने से बालों की बीमारियों का भय बना रहता है।
यह सब गंजे होने का श्रीगणेश अथवा कारण है।

आयुर्वेद के प्राचीन ग्रन्थ जैसे-आयुर्वेद सहिंता,

धन्वंतरि चिकित्सा, अगस्त्य आयुर्वेद (तमिल आदि में गंजों के सिर पर बाल उगने के अनेकों अद्भुत उपचारों का वर्णन है। इसमें परिश्रम जरूर है लेकिन परिणाम की 100 फीसदी गारंटी भी है।

यह सब घरेलू इलाज वर्तमान समय की आपाधापी में कहीं लुप्त होते जा रहे हैं। आज के दौर में हर आदमी आधुनिकता और दिखावट के कारण बर्बादी की कगार पर है।

बीते काल में हर जवान व्यक्ति या महिलाएं बालों को घना बनाने के लिए हर महीने उपयोग करती थी।
क्या करें घरेलू इलाज....आपको एक नींबू और एक तांबे का सिक्का लेना है।

तांबे के सिक्के को खुरदरी सतह पर नींबू का रस डाल कर चन्दन घिसने वाले पत्थर पर घिसना है और उससे बनने वाले लेप को अपने गंजेपन वाली जगह पर लगाएं। एक से दो महीने के प्रयास व प्रयोग से निश्चित ही नवीन केश आने लगते हैं।

बाल झड़े-टूटे नहीं... इसलिए पहले से ही सतर्कता बरतें....ये आयुर्वेदिक उपचार अपनाएं…

◆ कुन्तल केयर हर्बल हेयर spa हेम्पयुक्त
सुबह की धूप में बैठकर बालों में लगायें। एक घण्टे सूखने देंवें।

◆ अमृतम भृङ्गराज थेरेपी शेम्पो से बाल धोएं।

◆ पित्तदोष और लिवर की खराबी से मुक्ति हेतु
कीलिव माल्ट लेवें।

◆ कब्ज मिटाने के लिए रात को 1 से 2 गोली सादे जल से सोते समय लेवें।



== गंजेपन के प्रकार ==
== गंजेपन के प्रकार ==

17:17, 21 जून 2021 का अवतरण

पुरुष पैटर्न का गंजापन

गंजापन (Baldness) की स्थिति में सिर के बाल बहुत कम रह जाते हैं। गंजापन की मात्रा कम या अधिक हो सकती है। गंजापन को एलोपेसिया भी कहते हैं। जब असामान्य रूप से बहुत तेजी से बाल झड़ने लगते हैं तो नये बाल उतनी तेजी से नहीं उग पाते या फिर वे पहले के बाल से अधिक पतले या कमजोर उगते हैं। इसके चलते बालों का कम होना या कम घना होना शुरू हो जाता है और ऐसी हालत में सचेत हो जाना चाहिए क्योंकि यह

स्थिति गंजेपन की ओर जाती ह

बालों का रोजमर्रा में झड़ना आम बात है लेकिन अगर गिरते हुए बालों की जगह नए बाल ना आए तो गंजेपन को समस्या होती है । Y


यह समस्या बिगड़ते खानपान प्रदूषण इत्यादि से ज्यादा होती है । इसके इलाज के लिए सबसे बेहतरीन उपायों और सबसे पौराणिक उपायों में से एक है अरंडी के तेल का प्रयोग ।

अगर आप भी गंजेपन के शिकार होते जा रहे हैं तो अरंडी के तेल का इस्तेमाल शुरू करिए आपको दो हफ्तों में फायदे देखने को मिलेंगे ।

https://lallantophealthtips2020.blogspot.com/2020/06/blog-post.html[मृत कड़ियाँ]

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मिल गया गंजों की खोपड़ी पर नए बाल उगाने का फार्मूला... अमृतम पत्रिका, ग्वालियर मप्र से साभार... जाने- गंजों के बाल उगाने का 5000 साल पुराना उपाय.... गंजापन आने के मुख्य कारण... ◆ गीले बालों में तेल लगाने से बालों में रूसी होने लगती है।

◆ रूसी यानी डेंड्रफ का एक कारण पित्त की वृद्धि भी है।

◆ अगर बहुत दिनों तक कब्ज की शिकायत रहे, तो भी रूसी हो सकती है।

◆ लिवर के क्रियाशील न होने से बालों की बीमारियों का भय बना रहता है। यह सब गंजे होने का श्रीगणेश अथवा कारण है।

आयुर्वेद के प्राचीन ग्रन्थ जैसे-आयुर्वेद सहिंता,

धन्वंतरि चिकित्सा, अगस्त्य आयुर्वेद (तमिल आदि में गंजों के सिर पर बाल उगने के अनेकों अद्भुत उपचारों का वर्णन है। इसमें परिश्रम जरूर है लेकिन परिणाम की 100 फीसदी गारंटी भी है।

यह सब घरेलू इलाज वर्तमान समय  की आपाधापी में कहीं लुप्त होते जा रहे हैं। आज के दौर में हर आदमी आधुनिकता और दिखावट के कारण बर्बादी की कगार पर है। 

बीते काल में हर जवान व्यक्ति या महिलाएं बालों को घना बनाने के लिए हर महीने उपयोग करती थी। क्या करें घरेलू इलाज....आपको एक नींबू और एक तांबे का सिक्का लेना है।

तांबे के सिक्के को खुरदरी सतह पर नींबू का रस डाल कर चन्दन घिसने वाले पत्थर पर घिसना है और उससे बनने वाले लेप को अपने गंजेपन वाली जगह पर लगाएं। एक से दो महीने के प्रयास व प्रयोग से निश्चित ही नवीन केश आने लगते हैं।

बाल झड़े-टूटे नहीं... इसलिए पहले से ही सतर्कता बरतें....ये आयुर्वेदिक उपचार अपनाएं…

◆ कुन्तल केयर हर्बल हेयर spa हेम्पयुक्त

सुबह की धूप में बैठकर बालों में लगायें। एक घण्टे सूखने देंवें।

◆ अमृतम भृङ्गराज थेरेपी शेम्पो से बाल धोएं।

◆ पित्तदोष और लिवर की खराबी से मुक्ति हेतु कीलिव माल्ट लेवें।

◆ कब्ज मिटाने के लिए रात को 1 से 2 गोली सादे जल से सोते समय लेवें।


गंजेपन के प्रकार

  1. 1. एंड्रोजेनिक एलोपेसिया - यह सर्वाधिक आम है और महिलाओ से ज्यादा पुरुषों को होता है। इसीलिए इसे पुरुषों का गंजापन भी कहा जाता है। यह स्थायी किस्म का गंजापन है और एक खास ढंग से खोपड़ी पर उभरता है। यह कनपटी और सिर के ऊपरी हिस्से से शुरू होकर पीछे की ओर बढ़ता है। यह जवानी के बाद किसी भी उम्र में शरू हो सकता है और व्यक्ति को आंशिक रूप से या पूरी तरह गंजा कर सकता है। इस किस्म के गंजेपन के लिए मुख्यत: टेस्टोस्टेरॉन नामक हारमोन संबंधी बदलाव और आनुवंशिकता जिम्मेदार होती है।

2. एलोपेसिया एरीटा - इसमें सिर के अलग-अलग हिस्सों में जहां-तहां के बाल गिर जाते हैं, जिससे सिर पर गंजेपन का पैच लगा सा दिखता है। इसकी वजह अब तक अनजानी है, पर माना जाता है कि यह शरीर की रोगप्रतिरोधी शक्ति कम होने के कारण होता है।

3. ट्रैक्शन एलोपेसिया - यह लंबे समय तक एक ही ढंग से बाल के खिंचे रहने के कारण होता है। जैसे, कोई खास तरह से हेयरस्टाइल या चोटी रखना। लेकिन हेयरस्टाइल बदल देने यानी बाल के खिंचाव को खत्म कर देने के बाद इसमें बालों का झड़ना रुक जाता है।

कारण

2m

2m कारणों या उम्र बढ़ने से

हारमोन में परिवर्तन से

गंभीर रूप से बीमार पड़ने या बुखार होने से

किसी खास चिकित्सीय कारण, जैसे कैंसर केमोथेरेपी या अत्यधिक विटामिन ए की वजह से

भावनात्मक या शारीरिक तनाव की वजह से

एक खास ढंग से बाल को लंबे समय तक खींचे रखने से भी बाल कम होते हैं।

उपचार

1. केश प्रत्यारोपण (हेयर ट्रांसप्लांटेशन)

इसके तहत सिर के उन हिस्सों, जहां बाल अब भी सामान्य रूप से उग रहे होते है, से केश-ग्रंथियां लेकर उन्हें गंजेपन से प्रभावित हिस्सों में ट्रांसप्लांट किया जाता है। इसमें त्वचा संबंधी संक्रमण का खतरा बहुत कम होता है और उन हिस्सों में कोई नुकसान होने की संभावना कम होती है जहां से केश-ग्रंथियां ली जाती है।

2. दवाओं के इस्तेमाल से

माइनोक्सिडिल नामक दवा का इस्तेमाल कम बाल वाले हिस्सों पर रोज करने से बाल गिरना रुक जाता है तथा नये बाल उगने लगते हैं। यह दवा रक्त वाहिनियों को सशक्त बनाती है जिससे प्रभावित हिस्सों में रक्तसंचार और हारमोन की आपूर्ति बढ़ जाती है और बाल गिरना बंद हो जाता है। एक और फाइनस्टराइड नामक दवा की एक टेबलेट रोज लेने से बालों का गिरना रुक जाता है तथा कई मामलों में नये बाल भी उगने लगते हैं।

ये दवाएं बालों का गिरना कम तो कर सकती हैं पर अधिकांश मामलों में देखा गया है कि दवाएं लेना बंद कर देने से नये उगे बाल पुन: झड़ जाते हैं। इनसे खोपड़ी खुजलाने जैसे कुछ साइड इफेक्ट होना भी आम बात है।

इनके अलावा, कोर्टिकोस्टराइड नामक एक इंजेक्शन भी है जो एलोपेसिया एरीटा के मामले में खोपड़ी की त्वचा में दी जाती है। यह उपचार आम तौर पर हर महीने दोहराया जाता है। कई बार डॉक्टर एलोपेसिया एरीटा के चलते अत्यधिक बाल गिरने पर कोर्टिकोस्टराइड टेबलेट खाने की सलाह भी देते हैं।

3. कॉस्मेटिक उपचार

सिंथेटिक केश - गंजेपन से प्रभावित हिस्से को ढंकने के लिए विशेष रूप से निर्मित बालों का प्रयोग किया जा सकता है। यहां ध्यान देने की बात यह है कि इन बालों के नीचे की खोपड़ी को नियमित रूप से धोते रहना जरूरी है, इसमें किसी किस्म की कोताही नहींे बरती जानी चाहिए। एक और तरीका है कृत्रिम बालों की बुनाई कराना, जिसके तहत मौजूदा बालों के साथ कृत्रिम केशों की बुनाई की जाती है।

बचाव

पुरुषों में गंजापन से बचाव का कोई तरीका नहीं है। एक थ्योरी यह है कि किसी भी प्रकार का शारीरिक तनाव या आघात शरीर में हार्मोन के स्तर को बिगाड़ सकता है, जिससे बाल झड़ सकते हैं। तनाव और बालों का झड़ना स्थायी नहीं होता है। यदि तनाव को नियंत्रण में रखा जाये, तो बाल वापस उग सकते हैं। यदि शरीर को शांत रखने वाली गतिविधियाँ की जाये, जैसे पैदल चलना, शांत संगीत सुनना, और शांत समय का आनंद लेकर तनाव कम कर सकते हैं। गंजेपन से बचाव, कुछ इस प्रकार है

  • गीले बालों पर कंघी न करें
  • नारियल या बादाम तेल से सिर की त्वचा और बालों की मालिश करें
  • प्रोटीन से भरपूर भोजन का सेवन करें
  • नियमित रूप से अपने बालों को अच्छे शैम्पू से धोएं
  • विटामिन A, E और B से भरपूर भोजन का सेवन करे
  • पर्याप्त पानी पीयें
  • गीले बालों को सुखाने के लिए तौलिये से न रगड़े

इन्हें भी देखें

बाहरी कड़ियाँ