"चौसठ योगिनी मंदिर, मुरैना": अवतरणों में अंतर

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[[भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण]] ने इस मंदिर को प्राचीन ऐतिहसिक स्मारक घोषित किया है।
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10:04, 1 जून 2021 का अवतरण

मुरैना का चौसठ योगिनी मांदिर ; यह मंदिर भी अन्य चौसठ योगिनी ममदिरों की भाँति वृत्ताकार आधार पर निर्मित है।

मुरैना का चौसठ योगिनी मंदिर मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में मितावली नामक जगह स्थित एक प्राचीन मंदिर है। यह भारत के उन चौसठ योगिनी मंदिरों में से एक है जो अभी भी अच्छी दशा में बचे हैं। यह मंदिर एक वृत्तीय आधार पर निर्मित है और इसमें ६४ कक्ष हैं। मध्य में एक खुला हुआ मण्डप है। यह मंदिर १३२३ ई में बना था। ऐसा माना जाता है कि भारत का संसद भवन (जो १९२० में बना), इसी शैली पर निर्मित है। बहुरूप, 3.तारा, 3.नर्मदा, 4.यमुना, 5.शांति, 6.वारुणी 7.क्षेमंकरी, 8.ऐन्द्री, 9.वाराही, 10.रणवीरा, 11.वानर-मुखी, 12.वैष्णवी, 13.कालरात्रि, 14.वैद्यरूपा, 15.चर्चिका, 16.बेतली, 17.छिन्नमस्तिका, 18.वृषवाहन, 19.ज्वाला कामिनी, 20.घटवार, 21.कराकाली, 22.सरस्वती, 23.बिरूपा, 24.कौवेरी, 25.भलुका, 26.नारसिंही, 27.बिरजा, 28.विकतांना, 29.महालक्ष्मी, 30.कौमारी, 31.महामाया, 32.रति, 33.करकरी, 34.सर्पश्या, 35.यक्षिणी, 36.विनायकी, 37.विंध्यवासिनी, 38. वीर कुमारी, 39. माहेश्वरी, 40.अम्बिका, 41.कामिनी, 42.घटाबरी, 43.स्तुती, 44.काली, 45.उमा, 46.नारायणी, 47.समुद्र, 48.ब्रह्मिनी, 49.ज्वाला मुखी, 50.आग्नेयी, 51.अदिति, 51.चन्द्रकान्ति, 53.वायुवेगा, 54.चामुण्डा, 55.मूरति, 56.गंगा, 57.धूमावती, 58.गांधार, 59.सर्व मंगला, 60.अजिता, 61.सूर्यपुत्री 62.वायु वीणा, 63.अघोर और 64. भद्रकाली। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने इस मंदिर को प्राचीन ऐतिहसिक स्मारक घोषित किया है।