"विकिपीडिया:चौपाल": अवतरणों में अंतर

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
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बीस बिसवा क्रिकेट, स्वाइन फ्लू के लिए शूकर इन्फ्लूएंजा ...... वाह! लेकिन "इन्फ्लूएंजा" तो हिन्दी का शब्द नहीं है? फिर इसे क्यों नहीं बदल रहे हैं ? इसकी भी हिन्दी कीजिए।..... और "हिन्दी" शब्द भी हिन्दी का नहीं है....... इसकी भी हिन्दी खोजिए....। --[[विशेष:Contributions/122.162.250.100|122.162.250.100]] १५:२६, २२ अक्तूबर २००९ (UTC)
बीस बिसवा क्रिकेट, स्वाइन फ्लू के लिए शूकर इन्फ्लूएंजा ...... वाह! लेकिन "इन्फ्लूएंजा" तो हिन्दी का शब्द नहीं है? फिर इसे क्यों नहीं बदल रहे हैं ? इसकी भी हिन्दी कीजिए।..... और "हिन्दी" शब्द भी हिन्दी का नहीं है....... इसकी भी हिन्दी खोजिए....। --[[विशेष:Contributions/122.162.250.100|122.162.250.100]] १५:२६, २२ अक्तूबर २००९ (UTC)
:खोज जारी है कृपया धैर्य रखें।--[[सदस्य:Evian|इवियन]] १८:०४, २२ अक्तूबर २००९ (UTC)

18:04, 22 अक्टूबर 2009 का अवतरण

नये आगंतुकों का स्वागत है विकिपीडिया एक ऐसा माध्यम है जो आप के विचारों को समाज तक पहुँचाता है और लोगों को आप के विचारों से अवगत कराता है। विकिपीडिया के द्वारा हम भारतीय संस्कृति तथा विज्ञान कला व दर्शन की जानकारी दुनिया भर में हिन्दी पढ़ने लिखने वालों तक पहुँचा सकते हैं। अतः सही हिन्दी जानने वालों से अनुरोध है कि आप के पास यदि समय हो तो अपनी जानकारी को हिन्दी में विकिपीडिया पर सहेजें। यहाँ पर विकिपीडिया के सदस्य विकिपीडिया से जुड़े प्रश्न पूछ सकते हैं। तकनीकी मामलों पर भी यहाँ प्रश्न पूछे जा सकते है। नया मत लिखने के लिए सम्पादन टैब पर क्लिक करें। परंतु पहले स्क्रॉल कर पढ़ लें:

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आइए दायित्व निभाएँ हम भी।

दृष्टिबाधित व्यक्ति किसी वेव पृष्ठ के खास हिस्से तक पहुँचने के लिए उस पृष्ठ के कुछ टूल्स जैसे लिस्ट, हेडिंग, चेक बॉक्स, रेडियो बटन आदि का सहारा लेते हैं। इसलिए माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, आउरकुट आदि अग्रणी वेवसाइटें अपना स्वरूप तय करने में इसका ध्यान रखती हैं। अंगरेजी विकिया में भी इसका पर्याप्त ध्यान रखा गया है। उसकी अनुगामिनी हिंदी विकिपिडिया में भी वे चीजें अनायास ही चली आई है। किंतु इसके लिए कुछ सचेत रूप से भी करने की जरूरत है। जैसे-

  • मुखपृष्ठ को विभिन्न श्रेणी के शीर्षकों में बाँटना। अंगरेजी की तरह हिंदी में भी समाचार, आज का आलेख आदी हेडिंग बनाए जा सकते हैं।
  • इसी तरह चौपाल की चर्चाएं भी व्यवस्थित की जा सकती है। सबसे नई चर्चा सबसे ऊपर से शुरु करने में हर्ज क्या है?

साथियों हम अपनी जीवन शैली और आदतों में थोड़ा सा परिवर्तन करके जिनसे हमें कोइ फर्क नहीं पड़ता लाखों लोगों के लिए फर्क पैदा कर सकते हैं। आइए दायित्व निभाएं हम भी। अनिरुद्ध ०१:३४, १४ अक्तूबर २००९ (UTC)

शीर्षक संदूक

पिछले पुरालेख में हुए चर्चा अनुसार चौपाल का शीर्षक संदूक बदला गया है।

  • निर्देशों की लंबी संख्या को मितुल जी सहित कई लोगों ने घटाने/छिपाने का सुझाव दिया था, जिसका ध्यान रखा गया है, एवं उनके महत्त्व को देखते हुए यहीं उपस्थित भी रखा गया है।
  • इसके अलावा अंग्रेज़ी के चौपाल के विलेज पंप रूप से लायी गयी असंबद्ध चित्र जिसमें गांव का पम्प दिखाया गया था, हटा दी गयी है, जिसके लिए ग्राम चौपाल के मुक्त चित्र आमंत्रित हैं, जिन्हें यहां स्थान दे सकते हैं।
  • ब्राउज़बार को यथा स्थान रख गया है।

और कोई सुझाव हों तो आमंत्रित हैं।--आशीष भटनागर  वार्ता  ०३:४९, १४ अक्तूबर २००९ (UTC)

उपरोक्त सांचे को उसके घटकों के लेखों में बाहरी सूत्र के नीचे लग्ना है। इसके लिए किसी सदस्य की सहायता वांछित है। यदि कोई सदस्य चाहे तो कृपया सभी घटक लेखों में ये सांचा लगा दें। सधन्यवाद--आशीष भटनागर  वार्ता  ०५:३४, १४ अक्तूबर २००९ (UTC)

क्या सुमित सिन्हा को प्रबन्धक पद से हटाया नहीं जाना चाहिये?

इस गतिमान चर्चा को चौपाल के १५वे पूरालेख से तात्कालिक पृष्ठ पर स्थानान्तरित कर दिया गया है।

मेरे विचार से सुमित सिन्हा अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं और हिन्दी विकि के लिये घातक साबित होंगे। वे अपने को 'सुपरमैनेजर' मान बैठे हैं और मनमानी कर रहे हैं। इसलिये मेरा निवेदन है कि हिन्दी विकि के समर्पित कार्यकर्ता और प्रबन्धक इस पर अपना मत दें कि सुमित को प्रबन्धक के पद से हटा दिया जाय। कुछ अन्य महत्वपूर्ण कारण भी हैं जिनके कारण उन्हे प्रबन्धक के पद से हटाया जाना चाहिये-

  • बहुत दिनों से उनका योगदान लगभग शून्य है।
  • वे जितना हिन्दी विकि में जोड़ते नहीं, उससे अधिक लेख हटाते हैं।
  • बहुत से उपयोगी लेख हटा दिये हैं और उनके हटाने का कारण पूछने के बावजूद डटकर चुप्पी साध लिया है (मेहरगढ़ संस्कृति)
  • ये बात-बात पर समर्पित कार्यकर्ताओं को धौंस देते रहते हैं।
  • कोई नया व्यक्ति हिन्दी विकि पर आता है तो विकि-संस्कृति के बारे में जानकारी के अभाव में कई बार गलत तरीके से लेख लिखता है। सुमित नवागंतुकों की इस पीड़ा को नहीं समझ पाते और उनके प्रयास के एक झटके में हत्या कर देते हैं। यदि इसके विपरीत उन्हें एक छोटी सलाह दे दी जाती तो वे सदा-सदा के लिये हिन्दी के समर्पित सेवक बन जाते और हिन्दी का बड़ा कल्याण होता।
  • मुझे सुमित की भाषा-क्षमता और तर्कक्षमता पर भी सन्देह है।
  • इनका योगदान अत्यन्त निम्नस्तरीय रहा है।

अनुनाद सिंह ०४:३१, १२ अक्तूबर २००९ (UTC)

अनुनाद जी, आप केवल सुमित जी को क्यों कोस रहे हैं, जबकि वे तो कम से कम शब्दों को बदलने और लेखों की संख्या को घटाने का कार्य रहे हैं, अन्यथा प्रबंधक पद पर ऐसे-ऐसे मूर्धन्य महानुभाव विराजमान हैं, जिन्होंने महिनों से क्या सालों से योगदान नहीं दिया है। उनको तो कोई हटा नहीं पा रहा है और आप सक्रिय प्रबंधक को हटाने की बात कह रहे हैं? आश्चर्य, घोर आश्चर्य! --Charu १०:५४, १२ अक्तूबर २००९ (UTC)

अनुनाद जी, आपके उपरोक्त कथन के बिन्दुओं पर मेरे निम्नलिखित उत्तर हैं :

  • शायद आपने मेरी हटाने की सूचि देख ली है, देखिए मैं वह लेख हटा देता हूं जिनमे {{delete}} का अनुरोध हो या वे [[श्रेणी:शीघ्र हटाने योग्य पृष्ठ]] में लिखे हों , लेखों को हटाने से पहले मैं उनकी सामग्री जांच लेता हूं , कि क्या हटाने का अनुरोध सही है या नही , "Speedy deletion requests" को देख्नना प्रबन्धक के कार्य के तहत आता है ।
क्या लेख हटाने के लिये यही पर्याप्त है कि वहाँ "डीलीट" का बटन लगा हो? क्या यह देखना जरूरी नहीं है कि वह विषय कितना महत्व रखता है? "मेहरगढ़ संस्कृति" को हटाने के बजाय थोड़ी और मेहनत उसके बारे में दो वाक्य लिखा जा सकता था। किसी लेख को मिटा देने के बाद फिर कहना कि " आपको इस पर लेख पुन: लिखना है तो निश्चिन्त होकर लिखें" का क्या मतलब रह जाता है? क्या किसी ने किसी पृष्ट को हटाने का अनुरोध किया था इसलिये आप आँख मूंदकर उसे हटा देंगे? आपने जिन पृष्ठों का हिन्दी विकि में योगदान किया है वे विकिपिडिया पर रहने की कितनी योग्यता रखते हैं? अनुनाद सिंह ०४:२३, १६ अक्तूबर २००९ (UTC)
  • मेहरगढ़ संस्कृति को हटाने का कारण था उसमें लिखा पाठ जो था :" काला {{delete}}" , बस यही लिखा था उस लेख में । डिलीट करने का अनुरोध सदस्य: Martin-vogel के द्वारा लगाया गया था । व उसे हटाने का कारण पूछने वाले को तुरन्त ही बता दिया गया था देखें सदस्य_वार्ता:67.80.215.165
  • मुझे आपके चौथे व पांववे आरोपों का कारण नहीं समझ नही आ रहा कृपया कोई उदाहरण (रिफरेन्स) प्रस्तुत करें व अगर आप मेरे योगदान व वार्ता पृष्ठ को देखें तो आप पाएंहे कि मैने हर सदस्य कि यथासम्भव सहायता की है।
किसी चर्चा के अपने पूरे वेग से चलते समय ही मनमानी करके "अपनी वाली" करने का क्या अर्थ निकाला जाना चाहिये? अनुनाद सिंह ०४:२३, १६ अक्तूबर २००९ (UTC)
आपने महावीर सरन जैन के बहुत से लेख हटाये। मैं भी मानता हूँ कि वे विकिपिडिया की नीति और संस्कृति के हिसाब से ठीक नहीं थे। किन्तु उनमें काफी उपयोगी 'मसाला' भी था जिससे हिन्दी विकी को लाभ होता। "भाषा एवं लिपि का अन्तर" पर लेख क्यों नहीं होना चाहिये? क्या 'हटाने' के बेहतर विकल्प नहीं हैं? - कुछ अंश काट देना, नाम बदल देना, लेख में दो-चार वाक्य जोड़ देना, कुछ बाहरी कड़ियाँ जोड़ देना, अंग्रेजी एवं अन्य विकि के संगत लेखों से जो।द देना आदि अधिक लाभकर होंगे। आपने महावीर सरन जी के इतने सारे लेख हटाये। कितनी बार उनको कुछ समझाया? क्या आपने उनको हतोत्साहित नहीं किया? अनुनाद सिंह ०४:४५, १६ अक्तूबर २००९ (UTC)
  • मेरे योगदान को निम्नस्तरीय कहने का तो आपका कोई हक नही बनता , व यह कह कर आप विकि के एक और नियम (en:Wikipedia:No personal attacks) को तोड़ रहे हैं ।
कोई किसी के लेख को चर्चा के चलते समय ही हटाने का 'फरमान' जारी करके क्या संदेश देता है? "हटाने लायक" और "निम्नस्तरीय" में कौन अधिक अच्छा है? अनुनाद सिंह ०४:२३, १६ अक्तूबर २००९ (UTC)
जब आप "हास्यास्पद" और "बचकाना' शब्दों का उल्लेख करते हैं वह व्यक्तिगत हमले की श्रेणी में नहीं आता? "कायदे से" तो आपको ज्यादा सचेत रहना चाहिये क्योंकि आप 'महाप्रबन्धक' हैं। अनुनाद सिंह ०४:२३, १६ अक्तूबर २००९ (UTC)

अनुनाद जी , कृपया आगे से झूठे आरोप (मेहरगढ़ संस्कृति) लगाने से बचिए --सुमित सिन्हावार्ता ०५:४२, १४ अक्तूबर २००९ (UTC)

सुमित जी, हटाने से अधिक महत्वपूर्ण है नये और महत्व के विषयों पर कुछ लिखना। वह कीजिये, इसी में हिन्दी विकि का उत्थान निहित है। लेख को तो एक बच्चा भी हटा सकता है, उसके लिये पीएचडी होना जरूरी नहीं है। किसी लेख को हटाने का काम दस-बीस दिन या महीनों टाल भी दिया जाय तो कोई आसमान नहीं टूट जायेगा। विशेषकर उन लेखों का, जिनके लेखक वार्ता कर रहे हैं; विनती कर रहे हैं ("हिन्दी निमोनिक्स" को याद कीजिये) अनुनाद सिंह ०४:२३, १६ अक्तूबर २००९ (UTC)
मुझे लगता है कि आपको विकिपीडिया के काम करने कि प्रणाली समझ मे ही नही आ पा रही --सुमित सिन्हावार्ता ०८:४५, २० अक्तूबर २००९ (UTC)
शायद ऐसा नहीं है। मुझे आपकी तानाशाही और उसके साथ हड़बड़ी वाला दर्शन नहीं समझ में आ पा रहा है। कृपया इस पर कुछ प्रकाश डाले। मुझे लगता है कि 'सुपरऐडमिनिस्ट्रेटरशिप' के चक्कर में हिन्दी विकि की क्षति हो रही है। अगर आप के 'दनादन हटाने' वाले दर्शन पर अंकुश नहीं लगाया गया तो आप अकेले ही हिन्दी विकि को शून्य के भी नीचे ले जाने की क्षमता रखते हैं। अनुनाद सिंह ०९:३१, २० अक्तूबर २००९ (UTC)


अक्टूबर की समस्या

अनिरुद्ध जी अक्तूबर सही है या कि अक्टूबर या कि दोनो सही है? आपका क्या विचार है कृपया अवगत कराएँ।--Munita Prasadवार्ता १७:१३, १४ अक्तूबर २००९ (UTC)

सवाल सही या गलत होने का उतना नहीं है जितना कि उसके प्रयोग का। एक पर अंगरेजी का प्रभाव है दूसरे पर फ्रेंच का। एक हद तक मुखसुख वाला सिद्धांत भी प्रभावी है। किंतु हिंदी भाषा में प्रायः अक्टूबर का ही प्रयोग होता है। चुँकि विकिपिडिया पर रिडायरेक्ट करना संभव है इसलिए साँचा में अक्टूबर कर देना चाहिए। जिससे कि सामने तो अक्टूबर रहे किंतु अक्तूबर का लिंक से भी वही पृष्ठ खुल सके। इस विकिपिडिया पर भी विभिन्न लेखों में अक्टूबर का ही प्रयोग मिलता है अक्तूबर का नहीं। इस कारण जयप्रकाश नारायण, रजिया सुल्तान आदि लेखों में बने हुए लिंक वांछित पृष्ठ तक नहीं पहुँचाते हैं। अनिरुद्ध १७:३२, १४ अक्तूबर २००९ (UTC)


अक्टूबर की समस्या अभी भी शेष है। खोज बक्से में अक्टूबर माह की किसी भी तिथि को जैसे कि १० अक्टूबर, १४ अक्टूबर आदि, टाइप करने से अभी भी वांछित पृष्ठ का पता नहीं चलता है। विभिन्न पृष्ठों जैसे कि जयप्रकाश नारायण, रजिया सुल्तान आदि, पर अक्टूबर के लिए बने लिंक भी नया पृष्ठ बनाने का आग्रह वाला पन्ना खोल देते हैं। अनिरुद्ध १८:०१, १४ अक्तूबर २००९ (UTC)

धन्यवाद जी बहुत अच्छी बात बताई आपने पर फिर भी मुझे एक संदेह है कि यदि अक्तूबर फ्रेंच का प्रभाव है तो फिर ब्रिटेन के बीबीसी पर अक्टूबर नहीं लिखकर वे सदा अक्तूबर ही क्यों लिखते हैं जबकि वे तो फ्रांसीसी नहीं अंग्रेज हैं। एक अनुरोध भी है आपने कई जगहों पर अक्टूबर बदल कर अक्तूबर किए हैं तो यदि लेखों का नाम बदलते समय हम इसी प्रकार की वार्ता कर लें या फिर लेखों के संवाद पृष्ठ पर चर्चा कर लें तो कैसा रहेगा। चर्चा के बाद जो निष्कर्ष निकले वही नाम रख लें एवं दूसरे को रिडाटरेक्ट कर लें।--Munita Prasadवार्ता ००:२८, १५ अक्तूबर २००९ (UTC)


मुनिता जी! नाम बदलने की कोशिश केवल रिडायरेक्ट बनाने के उद्देश्य से की गई थी। मुझे अक्टूबर अपेक्षाकृत प्रयोग की अधिकता और (october) से उच्चारण की निकटता के कारण अधिक उपयुक्त लगता है। गुगल पर सर्च कर देखिए। अक्तूबर के लिए 5 लाख से अधिक और अक्टूबर के लिए 10 लाख से अधिक परिणाम मिलते हैं। इससे भी दिलचस्प बात यह है कि नवभारत टाइम्स , दैनिक जागरण आदि अखबारों में दोनों प्रयोग मिल जाएँगें। फिर वही बात सवाल शुद्धता का नहीं प्रयोग का है। और इस न्याय से अक्तूबर को अशुद्ध मानकर उसे रिडायरेक्ट के रूप में रखना उपयुक्त नहीं होगा। वैसे मेरी इच्छा तो केवल यह थी कि 10 अक्तूबर की खोज करने पर भी वह पन्ना खुलना चाहिए जो 10 अक्तूबर के नाम से निर्मित है। अनिरुद्ध ०१:४५, १५ अक्तूबर २००९ (UTC)

मुनिता जी! बीबीसी पर अक्तुबर का प्रयोग हो रहा है यह सही है किंतु उसी पर अक्तूबर का भी तो प्रयोग हो रहा है। गुगल सर्च में मैने बीबीसी अक्तुबर और बीबीसी अक्टूबर सर्च कर देखा है। हाँ बीबीसी पर अक्तूबर का प्रयोग थोड़ा कम है। दरअसल इस तरह की समस्या दूसरी भाषा के शब्दों को अपनाने में आती ही है। सिर्फ हिंदी में ही नहीं दूसरी भाषाओं में भी। अंगरेजी में आर्य आर्यन, राम रामा, बुद्ध बुद्धा हो जाता है। इस तरह की समस्या के पीछे कई कारक उत्तरदायी होते हैं किंतु उन सब विमर्शों को जाने दिजिए। अक्तूबर या अक्तूबर में से किसी को सामने रखिए और किसी को रिडाइरेक्ट बनाइए मगर 10 अक्तूबर से सर्च करने पर भी वह पृष्ठ खुलना चाहिए जो 10 अक्तूबर के नाम पर खुलता है। अन्यथा विकिपिडिया पर अक्टूबर नाम से बने सारे लिंक को सुधारना पड़ेगा। अनिरुद्ध ०२:०९, १५ अक्तूबर २००९ (UTC)

अक्टूबर और अक्तूबर की समस्या कोई खास समस्या नहीं है। इस बारे में अक्तूबर ही बेहतर विकल्प लगता है। हां गूगल पर सर्च करने पर भले ही अक्टूबर के अधिक परिणाम मिलें, किंतु ये कोई मानक नहीं होता। हां अनिरुद्ध जी की एक चर्चित इच्छा अक्टूबर को अक्तूबर पर पुनर्निर्देशित करने से पूरी हो सकती है। और संभव हो तो सभी ०० अक्टूबर वाले पृष्ठ ०० अक्तूबर को पुनर्निर्देशित किये जाने चाहियें।--आशीष भटनागर  वार्ता  १५:३१, १५ अक्तूबर २००९ (UTC)

सचमुच यह कोइ खास समस्या नहीं है। किंतु इस तरह की समस्या आने पर उसके समाधान के लिए कोइ ठोस आधार तो होना ही चाहिए। विकिपिडिया पर ही बिस-बिसवाँ क्रिकेट के अप्रचलित होने की दुहाइ देने और प्रमाण में गूगल सर्च के आँकड़े देने की घटना अभी हाल की ही है। गुगल के आँकड़े इस तथ्य की ओर तो संकेत करते ही हैं की सामान्यतया लोग अक्टूबर का प्रयोग करते हैं। अक्तूबर के प्रयोग में वृद्धि का एक कारण रोमण लिपि में हिंदी लिखना और उसका यूनिकोड रूप प्रस्तुत करना भी है क्योंकि इस तरह अक्टूबर लिखना असंभव है। माइक्रोसॉफ्ट की प्रणाली में भी ट की अपेक्षा त टाइप करना आसान है। अर्थात् मुखसुख का सिद्धांत, और तकनिकि सरलता के कारण भी अक्तुबर का प्रचलन बढ़ा है लेकिन अक्तूबर के प्रयोग के पिछे की लोकशक्ति का क्या करें। कभी कभी लगता है कि इस तरह तो लाखों लोगों पर अक्तूबर थोपा जा रहा है। अनिरुद्ध ०१:४३, १६ अक्तूबर २००९ (UTC)

अन्यथा न लें तो॥।

अन्यथा न लें तो एक निवेदन है। इस पृष्ठ पर लिखी गई विकिपीडिया किसी को नौकरी पर नहीं रखती; न ही विकिपीडिया पैसों की अपेक्षा करती है। परंतु, आपके दान का स्वागत करते हैं। में स्वागत करते हैं को करती है कर दें। अनिरुद्ध १८:२१, १४ अक्तूबर २००९ (UTC)

इसमें अन्यथा की कोई बात नहीं है। सुधार किया गया है। अनिरुद्ध जी उसे फिर एक बार देख सकते हैं। और आगे भी ऐसे सुधार और सुझावों का हार्दिक स्वागत है।--आशीष भटनागर  वार्ता  १५:३५, १५ अक्तूबर २००९ (UTC)

हाँ अब ठीक है। अनिरुद्ध ००:५७, १६ अक्तूबर २००९ (UTC)

आवश्यक लेख

विकिपीडिया:समाज मुखपृष्ठ, यह पृष्ठ मुखपृष्ठ से जुड़ा है एवं लगभग पूरा ही अंग्रेजी में है इसका अनुवाद कोई सज्जन कर सकें तो बहुत अच्छा होगा।--Munita Prasadवार्ता ११:३४, १५ अक्तूबर २००९ (UTC)

दीप पर्व

हिंदी विकिपिडिया परिवार को दिवाली और छठ की भी शुभकामनाएं।। सात दिनों की छुट्टी पर मैं अपने गाँव जा रहा हूँ जहाँ इंटरनेट क्या अभी बिजली भी नहीं पहुँची है। तबतक चर्चा और योगदान के सुख से वंचित ही रहूँगा। अनिरुद्ध

सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं. --Charu १४:३९, १६ अक्तूबर २००९ (UTC)

सभी को दीप पर्व के पावन अवसर पर हार्दिक मंगल कामनाएँ !!-- डॉ. जगदीश व्योम १३:०१, १६ अक्तूबर २००९ (UTC)

धन्यवाद आपको भी दीपावली की ढेरों मंगलकामनाएँ!!--Munita Prasadवार्ता १९:२७, १६ अक्तूबर २००९ (UTC)

सभी विकिपीडियाकार साथियों को दीपोत्सव की बहुत बहुत मंगलकामनाएं ! -Hemant wikikosh ०३:५७, १७ अक्तूबर २००९ (UTC)

मेरी ओर से भी सभी को दीपावली की मंगल कामनाएँ।--सुरुचि १३:००, १७ अक्तूबर २००९ (UTC)

दक्षिण अमेरिका

मैं अगले तीन दिनों तक दक्षिण अमेरिका पर काम करूंगीँ। यह एक आज का आलेख है एवं इसे एक बड़ा एवं अच्छा लेख बनाने की आकांक्षा रखती हूँ। सभी का सहयोग अपेक्षित है। धन्यवाद।--Munita Prasadवार्ता १९:२५, १६ अक्तूबर २००९ (UTC)

बधाई

सौरभ भारती को हिन्दी विकिपीडिया पर प्रबंधक बनाया गया है, एतदर्थ सौरभ को हार्दिक बधाई। -- डॉ. जगदीश व्योम ०४:१९, १९ अक्तूबर २००९ (UTC)

मेरी तरफ से भी सौरभ जी को बहुत-बहुत बधाई। इनका तकनीकी ज्ञान हम सभी सक्रिय सदस्यों से उन्नत स्तर का है। ये वह पहले व्यक्ति हैं जिन्होंने हिन्दी विकिपीडिया को इसका पहला बॉट प्रदान किया। इनके प्रबंधक बनने से हमारी उम्मीदें बढ़ गई हैं कि शायद हमें भी अंग्रेजी विकिपीडिया की ही तरह नए नए उपयोगी उपकरण उपलब्ध होंगे।--Munita Prasadवार्ता ०४:५०, १९ अक्तूबर २००९ (UTC)
सौरभ को नये प्रबन्धक के रूप में मेरी तरफ से भी बहुत-बहुत बधाई! हिन्दी विकिपीडिया पर आपके लिये बहुत से चुनौतीपूर्ण काम हैं। इनमें से सबसे महत्वपूर्ण है कि हिन्दी विकि पर स्थापित ट्रान्सलिटरेशन टूल फायरफाक्स ३ पर दिखता ही नहीं है। इसे ठीक करने की महती आवश्यकता है। यह औजार मराठी विकि, नेपाली विकि और संस्कृत विकि - सब जगह काम कर रहा है। यहाँ तक कि हिन्दी विकिकोश पर भी काम कर रहा है किन्तु हिन्दी विकि पर पता नहीं क्यों गायब है (फायरफाक्स ३ के लिये) अनुनाद सिंह ०५:०३, १९ अक्तूबर २००९ (UTC)
मेरी ओर से भी बधाईयाँ। रोहित रावत ०५:२९, १९ अक्तूबर २००९ (UTC)
बहुत बहुत धन्यवाद। समय मिलते ही मैं पुनः कार्य में जुटता हूँ। -- सौरभ भारती (वार्ता) ०९:३५, १९ अक्तूबर २००९ (UTC)

अरे वाह! ये हुइ न कुछ बात। अनिरुद्ध २०:५४, २० अक्तूबर २००९ (UTC)

कार्यक्रम

    • हिन्दी विकिपीडिया पर जो लोग कार्य कर रहे हैं, वे सब एक जगह मिलकर कुछ विचार विमर्श कर सकें, इस आशय से दिल्ली में एक कार्यक्रम की योजना है। कृपया वे लोग जो दिल्ली या दिल्ली के आस-पास रह रहे हैं और कार्यक्रम में आ सकें वे अपना ईमेल पता दें ताकि कार्यक्रम सुनिश्चित किया जा सके। कार्यक्रम दिसम्बर में किसी तिथि को रहेगा। कार्यक्रम में कुछ हिन्दी विद्वानों व हिन्दी प्रेमियों को भी आमंत्रित किया जाएगा। jagdishvyom@gmail.com

-- डॉ. जगदीश व्योम ०६:३७, १९ अक्तूबर २००९ (UTC)

मै तैय्यार हूँ । आदेश करें --राजीवमास ०६:२९, २० अक्तूबर २००९ (UTC)

सदस्य:Debashish

मैं आप पर या बंगाली समुदाय पर कोई व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं कर रहा हूँ, लेकिन मैंने यह अक्सर देखा है की बंगाली लोग हिन्दू धर्म के विरोध में अधिक होते है और उसका एक उदाहरण है आपके द्वारा बनाया गया लेख हिंदू धर्म की आलोचना जिसके पक्ष में आपने एकमात्र तर्क यह दिया है "I am adding this page as a response to the page इस्लाम_की_आलोचना." मैं हिन्दू धर्म की आलोचना में लिखे गए लेख के विरोध में कुछ नहीं कह रहा हूँ लेकिन केवल मुस्लिम तुष्टीकरण करने के लिए हमारे देश में न जाने क्या लत लग गई है कि यदि इस्लाम की सही आलोचना भी की जाएगी तब भी हिन्दू धर्म की आलोचना करना ज़रूरी है और यह मानसिकता विशेषरूप से बंगालियों में अधिक पाई जाती है (ऐसा मेरा निजी अनुभव है मैं गलत भी हो सकता हूँ)। मैंने और भी कई इन्टरनेट फ़ोरमों पर देखा है जैसे की ऑर्कुट पर भी कुछ समुदायों का मैं सदस्य हूँ और उन समुदायों पर बंगाली ही हिन्दू धर्म और हिन्दी भाषा के विरोध में (तमिलो के बाद) सबसे अधिक लिखते है। यदि आपने केवल तुष्टीकरण ना करके और बिना हिन्दू धर्म के विरोध में जाकर लेख लिखा होता तो लेख का होना वाकई सार्थक होता, इसलिए मेरा आपसे अनुरोध है की तुष्टीकरण को केवल राजनैतिक दलो के लिए रहने दें। और आपके द्वारा किया गया काम तुष्टीकरण है इसका एक प्रमाण यह भी है की आपने हिन्दू धर्म की आलोचना वाले लेख को तो बड़े जोर शोर और गर्व से बना दिया लेकिन आपने इस्लाम की आलोचना वाले लेख पर एक पंक्ति तक नहीं लिखी है। यदि आपने दोनों ही लेखों पर कुछ न कुछ लिखा होता तो अवश्य यह लगता की आपने तुष्टीकरण नहीं किया है लेकिन अफ़सोस। रोहित रावत १३:५७, १९ अक्तूबर २००९ (UTC)

रोहित जी, यदी हिंदू धर्म की आलोचना को विकि पर लिखा गया है तो इतना उबाल क्यों , कृपया व्यक्तिगत टिप्पणी करने से बचिए , यदी आपको लगता है कि यह लेख गलत जानकारी दे रहा है तो कृपया आप तत्थ प्रस्तुत करिए , विकि किसी भी व्यक्ति को कोई भी लेख बनाने कि अनुमति देता है , व वह सभी को उस लेख के तत्थों पर प्रश्न उठाने कि अनुमति भी देता है । यह किसी की भी इच्छा पर निर्भर करता है कि वह किस लेख में योगदान करना चाहता है, मेरा कहने का मतलब है कि बंगालियों के बारे में कहना छोड़ कर कृपया लेख के तत्त्थों के बारे में कहिए। यदी आप देबाशीश जी कि वार्ता को पढें तो पाएंगे कि उनका कहना है कि हिंदू धर्म हि नहीं इस्लाम कि आलोचना का लेख भी हिन्दी विकि में नही होना चाहिए --सुमित सिन्हावार्ता ०९:०७, २० अक्तूबर २००९ (UTC)
सुमित जी, व्यक्तिगत बात तब होती है जब किसी पर व्यक्तिगत आक्षेप हो लेकिन यहाँ देबाशीष के कार्य की आलोचना हो रही है। उनकी टिप्पणी ही नकारात्मक है। यानी लेख किसी विकास के लिए नहीं विरोध के लिए लिखा जा रहा है। दूसरे जिन कमियों का उल्लेख उन्होंने किया है वे महापुरुषों निरंतर श्रम से सुधारी जा चुकी हैं। अगर आप देबाशीष के सारे संदेश पढ़ें तो उसमें उनके नकारात्मक उद्देश्यों का विस्तार पा सकते हैं। वे स्वयं व्यक्तिगत आक्षेप करते रहे हैं, उन्होंने हिंदी विकि के विकास में बाधाएँ खड़ी की हैं, प्रबंधकों के आदेशों का उल्लंघन किया है, अपने लिखे हुए लेखों से अपनी पत्रिका के लिए बाह्यसूत्र लगाए हैं उनके हटाए जाने पर उन्हें फिर से लगाया है और आक्रामक टिप्पणियाँ की हैं। उन्होंने मेरे परिचय में तीन गलतियाँ बताते हुए उसमें त्रुटिपूर्ण बनाकर विध्वंसात्मक कार्यवाही की है जिसे मैंने पुनः ठीक किया है। मेरे विचार से उनका विकि में संचरण रचनात्मक नहीं विध्वंसात्मक है। उन्हें बलॉक किया जाना चाहिए क्यों कि वे दिखावा करते हैं हिंदी प्रेम का लेकिन काम उनके कुछ और ही है। आप उनकी समस्त वार्ता टिप्पणियाँ पढ़ें आप स्वयं समझ जाएँगे।--सुरुचि १२:५३, २१ अक्तूबर २००९ (UTC)

रोहितजी आपने बिल्कुल ठीक पहचाना यह तुष्टीकरण ही है। हिन्दू धर्म की आलोचना का जो लेख देबाशीष जी ला पाये हैं, वस्तुतः उसका नाम "मध्यकालीन हिन्दू धर्म की आलोचना" होना चाहिये, और यह इसलिए नहीं कि आज हिन्दू धर्म में कोई बुराई नहीं है, बल्कि इसलिए कि यह लेख स्वयं इसी बात को "कवर" कर रहा है। उनका लगभग हर पैरा कह रहा है कि मूल रूप से हिन्दू धर्म में यह बुराई नहीं थी, बाद में आ गयी और फिर हिन्दू धर्म के ही सुधारकों ने (जिनका आज हिन्दू सन्तों में नाम लिया जाता है), इन्हें दूर कर दिया। और फिर यह सत्य भी है। आप जानते ही हैं, कि हिन्दुओं ने किस तरह अपनी धर्मपुस्तकों (स्मृतियों इत्यादि) से भी ऊपर अपने देश के संविधान को स्थान देकर अपनी बुराइयों को खुद दूर किया, और बची हुई बुराइयों को आज भी दूर रहे हैं। हालाँकि आश्वस्त रहिये कि मैकाले की शिक्षा में से अभिभूत उनका वर्ग इस बात भी जवाब कहीं की ईंट कहीं का रोड़ा लेकर गढ़ ही देगा। और वास्तव में यहाँ बात धर्म के आलोच्य या अनालोच्य होने की नहीं हो रही नीयत की हो रही है, और यह नीयत ही है जिसके आधार पर न्यायालयों में भी निर्णय लिया जाता है। यदि हिन्दू धर्म की आलोचना लेख बना भी रहता है, तो कोई पहाड़ नहीं टूटेगा। परन्तु पारिस्थितिक तथा प्रत्यक्ष साक्ष्यों से स्पष्ट है कि देबाशीष जैसे लोगों को रचनात्मक से ज्यादा विध्वंसात्मक कार्यों में रुचि है (वर्ना हमने विकिपीडिया पर इतने महीनों से इतने स्वस्थ वाद-विवाद देखे हैं, वादविवाद को तो हम भी स्वस्थ परंपरा मानते हैं)।

मैं रोहितजी सहित अपने मित्रों से केवल यह कहना चाहता हूँ कि यहाँ बंगाली होने न होने से कोई फ़र्क नहीं पड़ता, क्योंकि वास्तव में मैकाले और उनके भारतीय अनुयायियों का एक वर्ग भारत में बहुत पहले से विकसित हो गया था, और ये उसी के शिकार हैं। उन्हें सहानुभूति की ज़्यादा आवश्यकता है। हमें अपना कार्य अविचल भाव से करते रहना चाहिये। यह खुशी की बात है रोहित जी, कि व्यक्तिविशेष के प्रति अपना विरोध भी आपने भारतीय परंपरा के अनुरूप काफ़ी विनम्रता से रखा है। और अच्छी खबर यह भी है कि धीरे-धीरे भारत में मैकाले-रोग से ग्रस्त लोगों की तुलना में स्वविवेक का प्रयोग करने वालों की संख्या बढ़ रही है। ईश्वर करे यह और बढ़े। --Hemant wikikosh ०६:२९, २२ अक्तूबर २००९ (UTC)

मेरा सभी सदस्यों से निवेदन है की यदि वे किसी भी देश या उसकी राजधानी के नाम को लेकर भ्रमित हो रहें हो तो कृपया यहाँ से उस देश या उसकी राजधानी का नाम देख ले। इस सूची में मैंने विश्व के सभी देशों (सम्प्रभु और अधिनस्थ दोनों) और उनकी राजधानियों के नाम लिखे हैं। इस प्रकार सभी देशों के नामों में एकरूपता रहेगी वरना अभी तो कोई कुछ लिखता है तो कोई कुछ। यदि आपको लगे की सूची में कुछ सुधार करने की आवश्यकता है तो कृपया निसंकोच कर दीजिए। धन्यवाद। रोहित रावत १५:१०, २० अक्तूबर २००९ (UTC)

आज का आलेख

मुझे लगता है की आज का (२०-१०-२००९) आलेख वृहत मीटरवेव रेडियो टेलिस्कोप पहले भी आज का आलेख रह चुका है। रोहित रावत १५:३१, २० अक्तूबर २००९ (UTC)

हाँ सही है। पुराने "आज का आलेख" भी मुखपृष्ठ पर प्रकाशित होते हैं नए के साथ-साथ। ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है। वैसे ख्याल रखने के लिए धन्यवाद रोहित जी! --Munita Prasadवार्ता २१:५१, २० अक्तूबर २००९ (UTC)

हिन्दी शब्द

बीस बिसवा क्रिकेट, स्वाइन फ्लू के लिए शूकर इन्फ्लूएंजा ...... वाह! लेकिन "इन्फ्लूएंजा" तो हिन्दी का शब्द नहीं है? फिर इसे क्यों नहीं बदल रहे हैं ? इसकी भी हिन्दी कीजिए।..... और "हिन्दी" शब्द भी हिन्दी का नहीं है....... इसकी भी हिन्दी खोजिए....। --122.162.250.100 १५:२६, २२ अक्तूबर २००९ (UTC)

खोज जारी है कृपया धैर्य रखें।--इवियन १८:०४, २२ अक्तूबर २००९ (UTC)