"भारतीय पुलिस सेवा": अवतरणों में अंतर

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* [https://web.archive.org/web/20071214093120/http://www.india.gov.in/citizen/police_st_ut.php भारतीय राज्यों के पुलिस सेवाओं के जालस्थल]
* [https://web.archive.org/web/20071214093120/http://www.india.gov.in/citizen/police_st_ut.php भारतीय राज्यों के पुलिस सेवाओं के जालस्थल]
* [https://web.archive.org/web/20080107063345/http://www.svpnpa.gov.in/ SVP भारतीय पुलिस अकादमी]
* [https://web.archive.org/web/20080107063345/http://www.svpnpa.gov.in/ SVP भारतीय पुलिस अकादमी]
*[https://hindiable.com/acp-kaise-bane-in-hindi/ ACP कैसे बने?]
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12:00, 22 अप्रैल 2021 का अवतरण

भारतीय पुलिस सेवा, जिसे आम बोलचाल में भारतीय पुलिस या आईपीएस, के नाम से भी जाना जाता है, भारत सरकार के अखिल भारतीय सेवा के एक अंग के रूप में कार्य करता है, जिसके अन्य दो अंग भारतीय प्रशासनिक सेवा या आईएएस और भारतीय वन सेवा या आईएफ़एस हैं जो ब्रिटिश प्रशासन के अन्तर्गत इंपीरियल पुलिस के नाम से जाना जाता था।

भारतीय पुलिस सेवा परीक्षा

भारतीय पुलिस सेवा की परीक्षा संघ लोक सेवा आयोग, दिल्ली (UPSC) द्वारा प्रत्येक वर्ष मई से आरम्भ होकर जनवरी तक आयोजित की जाती है। जिसका उद्देश्य विभिन्न प्रकार के भारतीय पुलिस पदो को भरना है। और जिसमें प्रत्येक वर्ष हजारों की संख्या मैं युवा परीक्षा देते हैं जिसमे से की श्रेष्ठ युवा को इस पद के लिए चुना जाता हैं।

भारतीय पुलिस सेवा (आई.पी.एस. IPS) में चयन सिविल सेवा परीक्षा (प्रत्येक वर्ष संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित) के द्वारा होता है। इस पद की समाज में प्रतिष्ठा को देखते हुए देश के लाखों युवाओं के बीच इसके प्रति जबरदस्त आकर्षण है। जिसके वजह से देश के लाखों युवा इस परीक्षा में शामिल होते हैं लेकिन अन्तिम चयन में कुछ मेहनती और प्रतिभाशाली छात्र ही स्थान बना पाते हैं। भारतीय पुलिस सेवा में अभ्यर्थी का चुनाव परीक्षा में उसके अंक और उसके द्वारा दी गयी पदो की वरीयता के हिसाब से होता है। इस सेवा के साथ चुनौतियाँ और उत्तरदायित्व जुड़े हुए हैं, इसलिए संघ लोक सेवा आयोग ऐसे अभ्यर्थी का चुनाव करता है जो इस सेवा के अनुकूल हो। आई.पी.एस में चुने हुए अभ्यर्थी का प्रशिक्षण सरदार बल्लभभाई पटेल नेशनल पुलिस एकेडमी, हैदराबाद में होती है। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद अभ्यर्थी को जो राज्य कैडर दिया जाता है, उस राज्य के किसी जिले के पुलिस अधीक्षक के कार्यालय में एक साल की कार्य प्रशिक्षण लेनी होती है। इसके बाद सहायक पुलिस अधीक्षक के रूप में दो वर्ष तक कार्य करने होते है। सहायक पुलिस अधीक्षक के रूप में कार्य करते हुए, अधिकारी के उत्तरदायित्व पुलिस उपाधीक्षक के समकक्ष होती है। अपराध को रोकना और उसका पता लगाना प्रमुख कार्य है। सहायक पुलिस अधीक्षक के रूप में कार्य करते हुए अपने वरीय अधिकारी पुलिस अधीक्षक, वरीय पुलिस अधीक्षक, उप पुलिस महानिरीक्षक के प्रति जवाबदेही होती है। पदोन्नति के द्वारा आई.पी.एस अधिकारी सहायक पुलिस अधीक्षक से पुलिस महानिदेशक पद तक पहुँच सकता है। पुलिस महानिदेशक राज्य पुलिस बल का मुखिया होता है। साथ ही आई.पी.एस अधिकारी प्रतिनियुक्ति पर भारत सरकार के खुफिया विभाग इंटेलिजेन्स ब्यूरो (आई.बी) और सी.बी.आई में जाते है। दिल्ली, मुम्बई और कोलकता जैसे शहरों में, कानून और व्यवस्था को बनाये रखना पुलिस बल की विशेष जिम्मेदारी है। इन शहरों में पुलिस अधिकारी को सहायक पुलिस आयुक्त, अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त, पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) संयुक्त पुलिस आयुक्त और पुलिस आयुक्त (सीपी) कहा जाता है। पुलिस आयुक्त इन शहरों के पुलिस बल का प्रमुख होता है।

आधुनिक पुलिस पद एवं बैज

महानिदेशक

इतिहास

वर्तमान मुद्दे

1996-2006 में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पुलिस सुधार के आदेश

इन्हें भी देखें

बाहरी कड़ियाँ