"राम नवमी": अवतरणों में अंतर

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'''रामनवमी''' का त्यौहार [[चैत्र]] मास के शुक्ल पक्ष की [[नवमी]] मनाया JATA जाता है। [[हिन्दू धर्म|हिंदू]] धर्मशास्त्रों के अनुसार इस दिन मर्यादा-पुरूषोत्तम भगवान [[राम|श्री राम]] जी का जन्म हुआ था। <ref>[http://hindi.webdunia.com/religion-sanatandharma-history/%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%AD%E0%A5%81-%E0%A4%B6%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%80%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%AE-%E0%A4%95%E0%A5%80-%E0%A4%85%E0%A4%B8%E0%A4%B2%E0%A5%80-%E0%A4%9C%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%AE-%E0%A4%A6%E0%A4%BF%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%82%E0%A4%95-1140408047_1.htm राम जन्म ] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20140901073257/http://hindi.webdunia.com/religion-sanatandharma-history/%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%AD%E0%A5%81-%E0%A4%B6%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%80%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%AE-%E0%A4%95%E0%A5%80-%E0%A4%85%E0%A4%B8%E0%A4%B2%E0%A5%80-%E0%A4%9C%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%AE-%E0%A4%A6%E0%A4%BF%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%82%E0%A4%95-1140408047_1.htm |date=1 सितंबर 2014 }}, वेबदुनियाँ</ref>
'''रामनवमी''' का त्यौहार [[चैत्र]] मास के शुक्ल पक्ष की [[नवमी]] मनाया जाता जाता है। [[हिन्दू धर्म|हिंदू]] धर्मशास्त्रों के अनुसार इस दिन मर्यादा-पुरूषोत्तम भगवान [[राम|श्री राम]] जी का जन्म हुआ था। <ref>[http://hindi.webdunia.com/religion-sanatandharma-history/%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%AD%E0%A5%81-%E0%A4%B6%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%80%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%AE-%E0%A4%95%E0%A5%80-%E0%A4%85%E0%A4%B8%E0%A4%B2%E0%A5%80-%E0%A4%9C%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%AE-%E0%A4%A6%E0%A4%BF%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%82%E0%A4%95-1140408047_1.htm राम जन्म ] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20140901073257/http://hindi.webdunia.com/religion-sanatandharma-history/%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%AD%E0%A5%81-%E0%A4%B6%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%80%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%AE-%E0%A4%95%E0%A5%80-%E0%A4%85%E0%A4%B8%E0%A4%B2%E0%A5%80-%E0%A4%9C%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%AE-%E0%A4%A6%E0%A4%BF%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%82%E0%A4%95-1140408047_1.htm |date=1 सितंबर 2014 }}, वेबदुनियाँ</ref>


:''चैत्रे नवम्यां प्राक् पक्षे दिवा पुण्ये पुनर्वसौ ।''
:''चैत्रे नवम्यां प्राक् पक्षे दिवा पुण्ये पुनर्वसौ ।''

12:18, 19 अप्रैल 2021 का अवतरण

राम नवमी

भगवान राम, माता सीता, कनक मंदिर, अयोध्या
अनुयायी हिन्दू
प्रकार हिन्दू
उद्देश्य राम का जन्मदिवस
उत्सव चैत्र नवरात्रि का अंतिम दिवस
अनुष्ठान पूजा, व्रत, उपवास, कथा, हवन, दान
तिथि चैत्र शुक्ल नवमी
आवृत्ति वार्षिक

रामनवमी का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी मनाया जाता जाता है। हिंदू धर्मशास्त्रों के अनुसार इस दिन मर्यादा-पुरूषोत्तम भगवान श्री राम जी का जन्म हुआ था। [3]

चैत्रे नवम्यां प्राक् पक्षे दिवा पुण्ये पुनर्वसौ ।
उदये गुरुगौरांश्चोः स्वोच्चस्थे ग्रहपञ्चके ॥
मेषं पूषणि सम्प्राप्ते लग्ने कर्कटकाह्वये ।
आविरसीत्सकलया कौसल्यायां परः पुमान् ॥ (निर्णयसिन्धु)

राम जन्म कथा

हिन्दु धर्म शास्त्रों के अनुसार त्रेतायुग में रावण के अत्याचारों को समाप्त करने तथा धर्म की पुन: स्थापना के लिये भगवान विष्णु ने मृत्यु लोक में श्री राम के रूप में अवतार लिया था। श्रीराम चन्द्र जी का जन्म चैत्र शुक्ल की नवमी [4] के दिन पुनर्वसु नक्षत्र तथा कर्क लग्न में रानी कौशल्या की कोख से, राजा दशरथ के घर में हुआ था।

आदि राम

कबीर साहेब जी आदि राम की परिभाषा बताते है की आदि राम वह अविनाशी परमात्मा है जो सब का सृजनहार व पालनहार है। जिसके एक इशारे पर‌ धरती और आकश काम करते हैं जिसकी स्तुति में तैंतीस करोड़ देवी-देवता नतमस्तक रहते हैं। जो पूर्ण मोक्षदायक व स्वयंभू है।[5]

"एक राम दशरथ का बेटा, एक राम घट घट में बैठा, एक राम का सकल उजियारा, एक राम जगत से न्यारा"।।

रामनवमी पूजन

राम, सीता, लक्ष्मण एवं हनुमान राम नवमी पूजन में एक घर में

रामनवमी के त्यौहार का महत्व हिंदु धर्म सभ्यता में महत्वपूर्ण रहा है। इस पर्व के साथ ही माँ दुर्गा के नवरात्रों का समापन भी होता है। हिन्दू धर्म में रामनवमी के दिन पूजा अर्चना की जाती है। रामनवमी की पूजा में पहले देवताओं पर जल, रोली और लेपन चढ़ाया जाता है, इसके बाद मूर्तियों पर मुट्ठी भरके चावल चढ़ाये जाते हैं। पूजा के बाद आ‍रती की जाती है। कुछ लोग इस दिन व्रत भी रखते है।[6]


रामनवमी का महत्व

यह पर्व भारत में श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है। रामनवमी के दिन ही चैत्र नवरात्र की समाप्ति भी हो जाती है। हिंदु धर्म शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान श्री राम जी का जन्म हुआ था अत: इस शुभ तिथि को भक्त लोग रामनवमी के रूप में मनाते हैं एवं पवित्र नदियों में स्नान करके पुण्य के भागीदार होते है। [7]

रामनवमी का इतिहास

राम नवमी का त्यौहार हर साल मार्च - अप्रैल महीने में मनाया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि राम नवमी का इतिहास क्या है? राम नवमी का त्यौहार पिछले कई हजार सालों से मनाया जा रहा है। राम नवमी का त्यौहार भगवान विष्णु के सातवें अवतार भगवान राम के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है।[8]

महाकाव्य रामायण के अनुसार अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियाँ थीं लेकिन बहुत समय तक कोई भी राजा दशरथ को संतान का सुख नहीं दे पायी थी। जिससे राजा दशरथ बहुत परेशान रहते थे। पुत्र प्राप्ति के लिए राजा दशरथ को ऋषि वशिष्ठ ने पुत्रेष्टि यज्ञ कराने को विचार दिया। इसके पश्चात् राजा दसरथ ने श्रृंगी ऋषि से यज्ञ कराया।[9]

यज्ञ समाप्ति के बाद महर्षि ने दशरथ की तीनों पत्नियों को एक-एक कटोरी खीर खाने को दी। खीर खाने के कुछ महीनों बाद ही तीनों रानियाँ गर्भवती हो गयीं। ठीक 9 महीनों बाद राजा दशरथ की सबसे बड़ी रानी कौशल्या ने राम को जो भगवान विष्णु के सातवें अवतार थे, कैकयी ने भरत को और सुमित्रा ने जुड़वा बच्चों लक्ष्मण और शत्रुघ्न को जन्म दिया। भगवान राम का जन्म धरती पर दुष्ट प्राणियों को खत्म करने के लिए हुआ था।[9]

सन्दर्भ

  1. Holiday Calendar Archived 2017-08-28 at the वेबैक मशीन, High Court of Karnataka, Government of Karnataka
  2. West Bengal Government Holidays Calendar 2017 Archived 2017-03-26 at the वेबैक मशीन, India
  3. राम जन्म Archived 2014-09-01 at the वेबैक मशीन, वेबदुनियाँ
  4. "जन्म समय एवं दिन". मूल से 1 सितंबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 3 अप्रैल 2017.
  5. "आदि राम की जानकारी". SA NEWS Channel. मूल से 29 मार्च 2020 को पुरालेखित.
  6. "रामनवमी पर ऐसे करें भगवान राम का पूजन, पूर्ण होगी हर इच्छा". पत्रिका. मूल से 29 मार्च 2020 को पुरालेखित.
  7. [1] Archived 2017-04-03 at the वेबैक मशीन | देशबंधु वेबसाइट
  8. "जानिए राम नवमी का इतिहास और इसका महत्व, भगवान विष्णु के सातवें आवतार के रूप में जन्में श्री राम". Jansatta. 2017-04-05. अभिगमन तिथि 2020-08-04.
  9. "रामनवमी का इतिहास". पंजाब केसरी. मूल से 29 मार्च 2020 को पुरालेखित.