"२६ नवम्बर २००८ मुंबई में श्रेणीबद्ध गोलीबारी": अवतरणों में अंतर

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२६ नवम्बर २००८ को, मुंबई में आतंकियों के सिलसिलेबार हमलों में [[ताज होटल]] पर (साथ ही साथ ओबेरॉय होटल पर भी) हमले हुए, जिसके दौरान होटल को भौतिक क्षति पहुंची, जिसमें कि होटल की छत का विध्वंस भी शामिल है और वहा एक हॉस्पिटल भी था जहा पर आतंकियों ने दहशत फैलाई थी।[4] हमले के दौरान लगभग ४५० लोग ताज महल पैलेस एंड होटल में ठहरे हुए थे तथा अन्य ३८० लोग होटल ओबेरॉय में ठहरे थे।[5] हमले के तुरंत बाद (३० नवम्बर) में, ताज महल होटल के चेयरमैन रतन टाटा नें सी.एन.एन. के ‘फरीद ज़कारिया’ के साथ हुए एक साक्षात्कार में कहा कि उन्हें हमलों की पूर्व सूचनाएं पहले ही मिल गयी थी, जिससे कुछ सावधानियां सुचारू रूप से बरती जा रहीं थीं।[6]
#पुनर्प्रेषित [[२००८ के मुंबई हमले]]





[[आतंकवाद|आतंक]] का तांडव मुंबई के सबसे व्यस्ततम रेलवे स्टेशन छत्रपति शिवाजी टर्मिनल पर शुरू हुआ था. वहां बड़ी संख्या में यात्री मौजूद थे. दो आतंकियों ने वहां पहुंचकर अंधाधुंध फायरिंग की थी और हैंड ग्रेनेड भी फेंके थे. जिसकी वजह से 58 बेगुनाह यात्री मौत की आगोश में समा गए थे. जबकि कई लोग गोली लगने और भगदड़ में गिर जाने की वजह से घायल हो गए थे.





26 नवंबर की रात में ही आतंकियों ने अपना रुख पूरी तरह से ताज होटल की तरफ कर दिया था. यहां आतंकियों ने कई मेहमानों को बंधक बना लिया था, जिनमें सात विदेशी नागरिक भी शामिल थे. ताज होटल के हेरीटेज विंग में आग लगा दी गई थी. 27 नवंबर की सुबह एनएसजी के कमांडो आतंकवादियों का सामना करने पहुंच चुके थे. आतंकवादियों ने हैंड ग्रेनेड और उनकी लगातार गोलीबारी से होटल को बहुत नुकसान हुआ। सबसे पहले होटल ओबेरॉय में बंधकों को मुक्त कराकर ऑपरेशन 28 नवंबर की दोपहर को खत्म हुआ था, और उसी दिन शाम तक नरीमन हाउस के आतंकवादी भी मारे गए थे. लेकिन होटल ताज के ऑपरेशन को अंजाम तक पहुंचाने में 29 नवंबर की सुबह तक का वक्त लग गया था.


मुंबई के आतंकी हमले को नाकाम करने के अभियान में मुंबई पुलिस, एटीएस और एनएसजी के 11 लोग वीरगति को प्राप्त हो गए थे. इनमें एटीएस के प्रमुख हेमंत करकरे, एसीपी अशोक कामटे, एसीपी सदानंद दाते, एनएसजी के कमांडो मेजर संदीप उन्नीकृष्णन, एनकाउंटर स्पेशलिस्ट एसआई विजय सालस्कर, इंसपेक्टर सुशांत शिंदे, एसआई प्रकाश मोरे, एसआई दुदगुड़े, एएसआई नानासाहब भोंसले, एएसआई तुकाराम ओंबले, कांस्टेबल विजय खांडेकर, जयवंत पाटिल, योगेश पाटिल, अंबादोस पवार और एम.सी. चौधरी शामिल थे. इसके अलावा इस हमले में 137 लोगों की मौत हो गई थी जबकि लगभग 300 लोग घायल हो गए थे। बहुत दुखद बात है की इतने हमलों का शिकार होने के बावजूद हम इनके लिए पुख्ता इंतजाम नहीं कर रहे।


१०(10) आतंकियों ने ही मुंबई के अलग अलग जगह पर हमले किए हुए थे।

<nowiki>*</nowiki>जिंदा पकड़ा गया [[अजमल कसाब|कसाब]]*
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मुंबई के छत्रपति शिवाजी टर्मिनस में खून की होली खेलने वाला आतंकी "अजमल आमिर कसाब" मुठभेड़ के बाद ताड़देव इलाके से जिंदा पकड़ा गया था. वह बुरी तरह घायल था. बाद में उसने पाकिस्तान की आतंकी साजिश की पोल खोलकर रख दी थी. उसी ने मार गए अपने साथियों के नामों का खुलासा किया था. बाद में कसाब पर मुकदमा चला और फिर उसे सजा-ए-मौत दी गई.गौरतलब है की 10 आतंकी साथियों में सिर्फ ये ही जिंदा बचा था।

01:54, 12 अप्रैल 2021 का अवतरण

२६ नवम्बर २००८ को, मुंबई में आतंकियों के सिलसिलेबार हमलों में ताज होटल पर (साथ ही साथ ओबेरॉय होटल पर भी) हमले हुए, जिसके दौरान होटल को भौतिक क्षति पहुंची, जिसमें कि होटल की छत का विध्वंस भी शामिल है और वहा एक हॉस्पिटल भी था जहा पर आतंकियों ने दहशत फैलाई थी।[4] हमले के दौरान लगभग ४५० लोग ताज महल पैलेस एंड होटल में ठहरे हुए थे तथा अन्य ३८० लोग होटल ओबेरॉय में ठहरे थे।[5] हमले के तुरंत बाद (३० नवम्बर) में, ताज महल होटल के चेयरमैन रतन टाटा नें सी.एन.एन. के ‘फरीद ज़कारिया’ के साथ हुए एक साक्षात्कार में कहा कि उन्हें हमलों की पूर्व सूचनाएं पहले ही मिल गयी थी, जिससे कुछ सावधानियां सुचारू रूप से बरती जा रहीं थीं।[6]



आतंक का तांडव मुंबई के सबसे व्यस्ततम रेलवे स्टेशन छत्रपति शिवाजी टर्मिनल पर शुरू हुआ था. वहां बड़ी संख्या में यात्री मौजूद थे. दो आतंकियों ने वहां पहुंचकर अंधाधुंध फायरिंग की थी और हैंड ग्रेनेड भी फेंके थे. जिसकी वजह से 58 बेगुनाह यात्री मौत की आगोश में समा गए थे. जबकि कई लोग गोली लगने और भगदड़ में गिर जाने की वजह से घायल हो गए थे.



26 नवंबर की रात में ही आतंकियों ने अपना रुख पूरी तरह से ताज होटल की तरफ कर दिया था. यहां आतंकियों ने कई मेहमानों को बंधक बना लिया था, जिनमें सात विदेशी नागरिक भी शामिल थे. ताज होटल के हेरीटेज विंग में आग लगा दी गई थी. 27 नवंबर की सुबह एनएसजी के कमांडो आतंकवादियों का सामना करने पहुंच चुके थे. आतंकवादियों ने हैंड ग्रेनेड और उनकी लगातार गोलीबारी से होटल को बहुत नुकसान हुआ। सबसे पहले होटल ओबेरॉय में बंधकों को मुक्त कराकर ऑपरेशन 28 नवंबर की दोपहर को खत्म हुआ था, और उसी दिन शाम तक नरीमन हाउस के आतंकवादी भी मारे गए थे. लेकिन होटल ताज के ऑपरेशन को अंजाम तक पहुंचाने में 29 नवंबर की सुबह तक का वक्त लग गया था.


मुंबई के आतंकी हमले को नाकाम करने के अभियान में मुंबई पुलिस, एटीएस और एनएसजी के 11 लोग वीरगति को प्राप्त हो गए थे. इनमें एटीएस के प्रमुख हेमंत करकरे, एसीपी अशोक कामटे, एसीपी सदानंद दाते, एनएसजी के कमांडो मेजर संदीप उन्नीकृष्णन, एनकाउंटर स्पेशलिस्ट एसआई विजय सालस्कर, इंसपेक्टर सुशांत शिंदे, एसआई प्रकाश मोरे, एसआई दुदगुड़े, एएसआई नानासाहब भोंसले, एएसआई तुकाराम ओंबले, कांस्टेबल विजय खांडेकर, जयवंत पाटिल, योगेश पाटिल, अंबादोस पवार और एम.सी. चौधरी शामिल थे. इसके अलावा इस हमले में 137 लोगों की मौत हो गई थी जबकि लगभग 300 लोग घायल हो गए थे। बहुत दुखद बात है की इतने हमलों का शिकार होने के बावजूद हम इनके लिए पुख्ता इंतजाम नहीं कर रहे।


१०(10) आतंकियों ने ही मुंबई के अलग अलग जगह पर हमले किए हुए थे।

*जिंदा पकड़ा गया कसाब*

मुंबई के छत्रपति शिवाजी टर्मिनस में खून की होली खेलने वाला आतंकी "अजमल आमिर कसाब" मुठभेड़ के बाद ताड़देव इलाके से जिंदा पकड़ा गया था. वह बुरी तरह घायल था. बाद में उसने पाकिस्तान की आतंकी साजिश की पोल खोलकर रख दी थी. उसी ने मार गए अपने साथियों के नामों का खुलासा किया था. बाद में कसाब पर मुकदमा चला और फिर उसे सजा-ए-मौत दी गई.गौरतलब है की 10 आतंकी साथियों में सिर्फ ये ही जिंदा बचा था।