"फीना": अवतरणों में अंतर

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फीना के कई लोग गैर राजनीतिक समाजसेवा में सक्रिय हैं। सार्वजानिक आर्य इंटर कालेज के प्रबंधक मनोज कुमार राजपूत ने फीना में स्वतंत्रता संग्राम स्मारक तथा सर्वे ऑफ़ इंडिया के कांटीनुअस ऑपरेटिंग रिफरेन्स सिस्टम के निर्माण में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई इन्हें वृक्षारोपण का भी शौक है। इंजीनियर नरेश चौहान ने नूरपुर बस अड्डे पर पेयजल और सार्वजानिक मूत्रालय का निर्माण कराया। चीफ इंजीनियर रहे विरेन्द्र सिंह चौहान तथा धीरेश बहादुर राजपूत ने अंत्येष्टि स्थल का निर्माण कराया। तेजेश्वरी देवी ने प्रवेश द्वार का निर्माण कराया। नरेश वत्स ने मेरा गाँव मेराअभिमान नमक मंच का गठन किया जिसने फीना के नौकरीपेशा लोगों की मदद से गाँव वालों को एक एम्बुलेंस खरीद कर भेंट की। फीना ग्राम कल्याण समिति ने स्वतंत्रता सेनानी कीर्ति स्तंभ निर्माण का ऐतिहासिक कार्य ग्राम प्रधान ममता राजपूत के सहयोग से कराया। कीर्ति स्तंभ निर्माण में हरीश कुमार चौहान, मनोज कुमार राजपूत, डॉ विश्वपाल सिंह, नरेश वत्स, ग्राम प्रधान ममता राजपूत, समर सिंह, इंजीनियर हेमंत कुमार<ref>{{Cite news|url=https://www.thecore.page/2020/01/jilaadhikaaree-dvaara-dee-kor-7R9kNB.html|title=}}</ref>, धीरेश बहादुर राजपूत, समशेर सिंह, ओमपाल सिंह, भूदेव सिंह, यशपाल सिंह ने अग्रणी भूमिका निभाई। इंजिनियर हरीश कुमार चौहान की अगुवाई में फीना ग्राम कल्याण समिति द्वारा गाँव में पहली बार अगस्त क्रांति दिवस का आयोजन और दशहरा मनाने की परंपरा को पुनर्जीवित करने की ऐतिहासिक शुरुआत की गयी। अलोक कुमार ने कोरोना महामारी के दौरान मास्क और अन्य आवश्यक सामान वितरित कराये। इन्होने अपनी माता जी के नाम से हाई स्कूल और इंटर की परीक्षाओं में सबसे अधिक नम्बर लाने वाले फीना मूल के बच्चों को पुरस्कृत करने की शुरुआत की। गाँव के अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं में प्रदीप कुमार, दिनेश कुमार प्रमुख हैं। इंजीनियर आलोक कुमार और इंजीनियर हेमन्त कुमार कई कई बार स्वेच्छिक रक्तदान कर चुके हैं। फीना के कई लोग कर्मचारी संघों के महत्वपूर्ण पदों पर रहे। फीना के जगदीप राजपूत गौतम बुद्ध नगर के हिन्दू युवा वाहिनी के जिला अध्यक्ष हैं।
फीना के कई लोग गैर राजनीतिक समाजसेवा में सक्रिय हैं। सार्वजानिक आर्य इंटर कालेज के प्रबंधक मनोज कुमार राजपूत ने फीना में स्वतंत्रता संग्राम स्मारक तथा सर्वे ऑफ़ इंडिया के कांटीनुअस ऑपरेटिंग रिफरेन्स सिस्टम के निर्माण में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई इन्हें वृक्षारोपण का भी शौक है। इंजीनियर नरेश चौहान ने नूरपुर बस अड्डे पर पेयजल और सार्वजानिक मूत्रालय का निर्माण कराया। चीफ इंजीनियर रहे विरेन्द्र सिंह चौहान तथा धीरेश बहादुर राजपूत ने अंत्येष्टि स्थल का निर्माण कराया। तेजेश्वरी देवी ने प्रवेश द्वार का निर्माण कराया। नरेश वत्स ने मेरा गाँव मेराअभिमान नमक मंच का गठन किया जिसने फीना के नौकरीपेशा लोगों की मदद से गाँव वालों को एक एम्बुलेंस खरीद कर भेंट की। फीना ग्राम कल्याण समिति ने स्वतंत्रता सेनानी कीर्ति स्तंभ निर्माण का ऐतिहासिक कार्य ग्राम प्रधान ममता राजपूत के सहयोग से कराया। कीर्ति स्तंभ निर्माण में हरीश कुमार चौहान, मनोज कुमार राजपूत, डॉ विश्वपाल सिंह, नरेश वत्स, ग्राम प्रधान ममता राजपूत, समर सिंह, इंजीनियर हेमंत कुमार<ref>{{Cite news|url=https://www.thecore.page/2020/01/jilaadhikaaree-dvaara-dee-kor-7R9kNB.html|title=}}</ref>, धीरेश बहादुर राजपूत, समशेर सिंह, ओमपाल सिंह, भूदेव सिंह, यशपाल सिंह ने अग्रणी भूमिका निभाई। इंजिनियर हरीश कुमार चौहान की अगुवाई में फीना ग्राम कल्याण समिति द्वारा गाँव में पहली बार अगस्त क्रांति दिवस का आयोजन और दशहरा मनाने की परंपरा को पुनर्जीवित करने की ऐतिहासिक शुरुआत की गयी। अलोक कुमार ने कोरोना महामारी के दौरान मास्क और अन्य आवश्यक सामान वितरित कराये। इन्होने अपनी माता जी के नाम से हाई स्कूल और इंटर की परीक्षाओं में सबसे अधिक नम्बर लाने वाले फीना मूल के बच्चों को पुरस्कृत करने की शुरुआत की। गाँव के अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं में प्रदीप कुमार, दिनेश कुमार प्रमुख हैं। इंजीनियर आलोक कुमार और इंजीनियर हेमन्त कुमार कई कई बार स्वेच्छिक रक्तदान कर चुके हैं। फीना के कई लोग कर्मचारी संघों के महत्वपूर्ण पदों पर रहे। फीना के जगदीप राजपूत गौतम बुद्ध नगर के हिन्दू युवा वाहिनी के जिला अध्यक्ष हैं।


फीना के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न इंजीनियर हेमंत कुमार (Engineer Hemant Kumar Village Pheena Bijnor) शोध, इतिहास,<ref>{{Cite news|url=https://bharatvanisamachar.com/2831/|title=}}</ref><ref>{{Cite news|url=https://www.thecore.page/2019/01/pheena-bijanaur-kee-svatantra-hNS3s5.html|title=}}</ref> <ref>{{Cite news|url=https://www.thecore.page/2019/03/graam-pheena-bijanaur-kee-svat-j6lKYD.html|title=}}</ref><ref>{{Cite news|url=https://www.thecore.page/2019/08/vayovrddh-svatantrata-sangraam-CFudhO.html|title=}}</ref><ref>{{Cite journal|last=ग्राम फीना में स्वतंत्रता आंदोलनों की लहर|title=|url=http://www.gjesr.com/Issues%20PDF/Archive-2019/July-2019/6.pdf|journal=}}</ref><ref>{{Cite web|url=https://www.thecore.page/2019/08/kaimare-kee-najar-mein-bijanau-q5JggW.html|title=}}</ref><ref>{{Cite web|url=https://www.thecore.page/2019/06/dee-kor-mein-apana-vivaran-de-oNLuUG.html|title=}}</ref><ref>{{Cite 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डिजायन की श्रेणी में <ref>{{Cite web|url=http://ipindia.gov.in/writereaddata/Portal/IPOJournal/1_2603_1/Part-3_Designs.pdf|title=}}</ref>एक पेटेंट प्राप्त है। इनके कई आविष्कार पेटेंट के लिए आवेदित हैं।<ref>{{Cite web|url=https://www.quickcompany.in/patents/overflow-free-water-supply-tank|title=}}</ref> <ref>{{Cite web|url=https://ipindia.gov.in/writereaddata/Portal/IPOJournal/1_1544_1/Part-1.pdf|title=}}</ref><ref>{{Cite web|url=https://ipindia.gov.in/writereaddata/Portal/IPOJournal/1_2661_1/Part-1.pdf|title=}}</ref><ref>{{Cite web|url=https://client.nsllegal.com/Public/JPatent/PJ_19May2017.pdf|title=}}</ref><ref>{{Cite web|url=https://www.quickcompany.in/patents/insect-and-overflow-free-domestic-water-storage-tank|title=}}</ref> इंजीनियर हेमंत कुमार को शोधपत्र वचन के लिये विधानसभा अध्यक्ष उत्तर प्रदेश के हाथों प्रमाण पत्र, भवन तकनीक जन जागरण के लिये उत्तर प्रदेश सरकार राज्य मंत्री द्वारा प्रशस्ति पत्र<ref>{{Cite news|url=https://www.thecore.page/2020/03/bilding-kee-plaaning-aur-nirm-MoPD6q.html|title=}}</ref> तथा राजकीय कार्यों में हिंदी को बढ़ावा देने के लिए प्रशस्ति पत्र मिल चुका है। हिंदी लेखन के लिए इनको 'साहित्य श्री'<ref>{{Cite web|url=https://www.thecore.page/2020/01/dee-kor-ke-varishth-sah-sampaa-vFfYgD.html|title=}}</ref> सहित अनेक बार पुरस्कृत किया जा चुका है।<ref>{{Cite news|url=https://www.deshkimayanewspaper.page/2020/01/graam-divas-ke-avasar-par-in-hhy_pN.html|title=}}</ref> ये कई बार स्वेच्छिक रक्तदान कर चुके हैं। आप हरियाली विस्तार<ref>{{Cite news|url=https://www.jagran.com/uttar-pradesh/bijnor-hemant-is-engineering-the-conservation-of-nature-19476038.html|title=}}</ref> के लिये 'पेड़ जियाओ अभियान' व भवन तकनीक विस्तार के लिये 'भवन तकनीक जन जागरण अभियान'<ref>{{Cite news|url=https://www.livehindustan.com/uttar-pradesh/chitrakoot/story-age-of-decreasing-buildings-due-to-lack-of-construction-information-3030158.html|title=}}</ref> और ग्राम फीना तथा जनपद बिजनौर के इतिहास लेखन के लिए 'क्षेत्रीय इतिहास संकलन अभियान जनपद बिजनौर' चलाते हैं। फीना में कीर्ति स्तम्भ निर्माण और अगस्त क्रांति दिवस मानाने का प्रस्ताव सर्वप्रथम इन्होने मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश तथा फीना ग्राम कल्याण समिति के पटल पर पत्र के माध्यम से किया गया था।<ref>{{Cite news|url=http://bharatvanisamachar.com/3444/|title=}}</ref> क्षेत्र के गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों को सामने लाने पर आपने महत्वपूर्ण कार्य किया है तथा अनेक शोधपूर्ण लेख लिखे ।<ref>{{Cite journal|last=http://www.gjesr.com/Issues%20PDF/Archive-2019/July-2019/6.pdf|title=|journal=}}</ref><ref>{{Cite web|url=https://www.thecore.page/2019/01/raamapaal-sinh-sabdalapuriya-Dy5UXG.html|title=}}</ref><ref>{{Cite web|url=https://www.thecore.page/2019/01/svatantrata-senaaniyon-se-saak-lh9kW2.html|title=}}</ref> फीना में नव निर्मित स्वतंत्रता संग्राम सेनानी कीर्ति स्तम्भ और नौमी मेला स्थल खेड़े पर जाहर देव गोगा जी मंदिर का डिजाईन भी इनके द्वारा किया गया। इंजिनियर हेमंत कुमार द्वारा लिखी गयी पुस्तक 'विविध प्रकार के भवनों का परिचय एवं नक़्शे' को उत्तर प्रदेश सरकार के हिंदी संस्थान ने 2019 के सम्पूर्णानन्द पुरस्कार के लिये चुना है। इस पुरस्कार में 75 हजार की धनराशि भी दी जाती है।
फीना के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न इंजीनियर हेमंत कुमार (Engineer Hemant Kumar Village Pheena Bijnor) शोध, इतिहास,<ref>{{Cite news|url=https://bharatvanisamachar.com/2831/|title=}}</ref><ref>{{Cite news|url=https://www.thecore.page/2019/01/pheena-bijanaur-kee-svatantra-hNS3s5.html|title=}}</ref> <ref>{{Cite news|url=https://www.thecore.page/2019/03/graam-pheena-bijanaur-kee-svat-j6lKYD.html|title=}}</ref><ref>{{Cite news|url=https://www.thecore.page/2019/08/vayovrddh-svatantrata-sangraam-CFudhO.html|title=}}</ref><ref>{{Cite journal|last=ग्राम फीना में स्वतंत्रता आंदोलनों की लहर|title=|url=http://www.gjesr.com/Issues%20PDF/Archive-2019/July-2019/6.pdf|journal=}}</ref><ref>{{Cite web|url=https://www.thecore.page/2019/08/kaimare-kee-najar-mein-bijanau-q5JggW.html|title=}}</ref><ref>{{Cite web|url=https://www.thecore.page/2019/06/dee-kor-mein-apana-vivaran-de-oNLuUG.html|title=}}</ref><ref>{{Cite 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प्राप्त है। इनके कई आविष्कार पेटेंट के लिए आवेदित हैं।<ref>{{Cite web|url=https://www.quickcompany.in/patents/overflow-free-water-supply-tank|title=}}</ref> <ref>{{Cite web|url=https://ipindia.gov.in/writereaddata/Portal/IPOJournal/1_1544_1/Part-1.pdf|title=}}</ref><ref>{{Cite web|url=https://ipindia.gov.in/writereaddata/Portal/IPOJournal/1_2661_1/Part-1.pdf|title=}}</ref><ref>{{Cite web|url=https://client.nsllegal.com/Public/JPatent/PJ_19May2017.pdf|title=}}</ref><ref>{{Cite web|url=https://www.quickcompany.in/patents/insect-and-overflow-free-domestic-water-storage-tank|title=}}</ref> इंजीनियर हेमंत कुमार को शोधपत्र वचन के लिये विधानसभा अध्यक्ष उत्तर प्रदेश के हाथों प्रमाण पत्र, भवन तकनीक जन जागरण के लिये उत्तर प्रदेश सरकार राज्य मंत्री द्वारा प्रशस्ति पत्र<ref>{{Cite news|url=https://www.thecore.page/2020/03/bilding-kee-plaaning-aur-nirm-MoPD6q.html|title=}}</ref> तथा राजकीय कार्यों में हिंदी को बढ़ावा देने के लिए प्रशस्ति पत्र मिल चुका है। हिंदी लेखन के लिए इनको 'साहित्य 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पत्र के माध्यम से किया गया था।<ref>{{Cite news|url=http://bharatvanisamachar.com/3444/|title=}}</ref> क्षेत्र के गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों को सामने लाने पर आपने महत्वपूर्ण कार्य किया है तथा अनेक शोधपूर्ण लेख लिखे ।<ref>{{Cite journal|last=http://www.gjesr.com/Issues%20PDF/Archive-2019/July-2019/6.pdf|title=|journal=}}</ref><ref>{{Cite web|url=https://www.thecore.page/2019/01/raamapaal-sinh-sabdalapuriya-Dy5UXG.html|title=}}</ref><ref>{{Cite web|url=https://www.thecore.page/2019/01/svatantrata-senaaniyon-se-saak-lh9kW2.html|title=}}</ref> फीना में नव निर्मित स्वतंत्रता संग्राम सेनानी कीर्ति स्तम्भ और नौमी मेला स्थल खेड़े पर जाहर देव गोगा जी मंदिर का डिजाईन भी इनके द्वारा किया गया। इंजिनियर हेमंत कुमार द्वारा लिखी गयी पुस्तक 'विविध प्रकार के भवनों का परिचय एवं नक़्शे' को उत्तर प्रदेश सरकार के हिंदी संस्थान ने 2019 के सम्पूर्णानन्द पुरस्कार के लिये चुना है। इस पुरस्कार में 75 हजार की धनराशि भी दी जाती है।


फीना में सामाजिक गतिविधियाँ खूब रहती हैं। वर्षाकाल में 20-25 दिनों तक नवमी का मेला लगता है, रामलीला का आयोजन कराया जाता है। श्री कृष्ण जन्माष्टमी गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर झाँकी निकली जाती हैं। 1930 से 1965 तक गाँव में आर्य समाज का बहुत प्रभाव था। चौधरी किढढा सिंह, अरुण जी, महाशय जी, रामकुमार सिंह, लाखन सिंह, प्रताप सैनी, सुरेन्द्र कुमार राजपूत क्षेत्र के जाने माने आर्य समाजी और कार्यकर्त्ता थे। 1990 के दशक से गायत्री परिवार का प्रभाव बढ़ गया, वर्तमान में यहाँ गायत्री शक्तिपीठ की स्थापना की गयी है। 1990 के दशक तक गाँव में आपसी विवाद निपटने के लिए पञ्च परमेश्वर परंपरा भी प्रचलित रही। रामऔतार सिंह, रामकुमार सिंह, हरिपाल सिंह शास्त्री, चौधरी धन सिंह, दुष्यंत सिंह, दलजीत सिंह, महावीर सिंह, शास्त्री जी, अवनीश कुमार आदि के पास लोग अपने विवाद निपटने चले जाते थे। अब यह प्रथा समाप्त सी हो गयी है।
फीना में सामाजिक गतिविधियाँ खूब रहती हैं। वर्षाकाल में 20-25 दिनों तक नवमी का मेला लगता है, रामलीला का आयोजन कराया जाता है। श्री कृष्ण जन्माष्टमी गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर झाँकी निकली जाती हैं। 1930 से 1965 तक गाँव में आर्य समाज का बहुत प्रभाव था। चौधरी किढढा सिंह, अरुण जी, महाशय जी, रामकुमार सिंह, लाखन सिंह, प्रताप सैनी, सुरेन्द्र कुमार राजपूत क्षेत्र के जाने माने आर्य समाजी और कार्यकर्त्ता थे। 1990 के दशक से गायत्री परिवार का प्रभाव बढ़ गया, वर्तमान में यहाँ गायत्री शक्तिपीठ की स्थापना की गयी है। 1990 के दशक तक गाँव में आपसी विवाद निपटने के लिए पञ्च परमेश्वर परंपरा भी प्रचलित रही। रामऔतार सिंह, रामकुमार सिंह, हरिपाल सिंह शास्त्री, चौधरी धन सिंह, दुष्यंत सिंह, दलजीत सिंह, महावीर सिंह, शास्त्री जी, अवनीश कुमार आदि के पास लोग अपने विवाद निपटने चले जाते थे। अब यह प्रथा समाप्त सी हो गयी है।

01:54, 12 अप्रैल 2021 का अवतरण

फीना
Pheona / Phoona
{{{type}}}
फीना is located in उत्तर प्रदेश
फीना
फीना
उत्तर प्रदेश में स्थिति
निर्देशांक: 29°04′N 78°21′E / 29.07°N 78.35°E / 29.07; 78.35निर्देशांक: 29°04′N 78°21′E / 29.07°N 78.35°E / 29.07; 78.35
ज़िलाबिजनौर ज़िला
राज्यउत्तर प्रदेश
देश भारत
जनसंख्या (2011)
 • कुल7,366
भाषाएँ
 • प्रचलितहिन्दी
समय मण्डलभारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30)

फीना (Pheena/Pheona/Feena//Phuna/Funa) भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के बिजनौर ज़िले में स्थित एक बड़ा और महत्वपूर्ण गाँव है। जिला मुख्यालय से फीना की दूरी लगभग 50 किलोमीटर है। इसकी जनसंख्या लगभग 12000 है। फीना चारों तरफ से पक्की सड़क से घिरा है। आदि वैदिककाल के तीन सबसे बड़े मार्गों में से एक उत्तरापथ यहाँ से होकर जाता था। वर्तमान में स्टेट हाई वे 77 फीना से होकर जाता है। गाँव में कई स्कूल, दो बैंक, उप विद्युत केंद्र, पानी की टंकी, तीन गन्ना तोल सेंटर, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, दो सहकारी समीति, प्राथमिक पशु चिकित्सालय, पक्का अंत्येष्ठी स्थल, कई मोबाइल टावर, सिंचाई के लिये चार सरकारी कुए, रोडवेज बस स्टैंड और नहर की सुविधा उपलब्ध है। यहाँ गन्ने से गुड़ बनाने की कई इकाई हैं। 1980 के दशक में यहाँ गन्ने से चीनी बनाने की लगभग 9-10 लघु इकाइयाँ थीं। गाँव में एक बेंकेट हाल भी है। गाँव में चार बड़े तालाब और एक झील है। गाँव में पांच बड़े मंदिर हैं और इनके अलावा लगभग 10 अन्य देव स्थल भी हैं। कम से कम सात आठ रोडवेज बस फीना से प्रतिदिन होकर गुजरती हैं, इनके अलावा आने जाने के अन्य साधन भी हैं। फीना में रविवार और बुद्धवार को बाज़ार लगता है। गाँव में विभिन्न चीजों की लगभग 100 दुकानें हैं। फीना गाँव के पास अलग अलग स्थानों पर दो पुलिस चौकी स्थापित हैं। 1990-2000 के दशक में यहाँ दो छोटे सिनेमा घर भी थे। फीना में सर्वे ऑफ़ इंडिया द्वारा भारत के आरंभिक 10 कांटीनुअस ऑपरेटिंग रिफरेन्स सिस्टम में एक स्थापित कराया गया है।[1]

शिक्षा, सामाजिकता, संस्कृति और कृषि कार्यों में फीना के लोग विकासशील और प्रथम पंक्ति में रहे हैं। आजादी की लड़ाई में फीना के लोगों ने बड़ी संख्या में भाग लिया था।[2] फीना के 16 लोगों का नाम अभिलेखों में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के रूप में दर्ज है जो कि एक रिकार्ड है। इन 16 सेनानियों के नाम इस प्रकार हैं- बसंत सिंह, रणधीर सिंह, होरी सिंह, क्षेत्रपाल सिंह, डॉ भारत सिंह, दिलीप सिंह, रघुवीर सिंह, महाराज सिंह, जयदेव सिंह, दौलत सिंह, शेर सिंह, रघुनाथ सिंह, धर्म सिंह, रामस्वरूप सिंह, रामस्वरूप चौहान, शिवनाथ सिंह। इनके अलावा दो गुमनाम शहीद भी हैं जिनका नाम बलकरन सिंह और परवीन सिंह था।

सेनानियों की स्मृति में गाँव वालों ने मिलकर स्मारक का निर्माण कराया है। चांदपुर फीना अमरोहा मार्ग पर बेल वाला चौक के पास बना यह स्मारक 2020-21 में निर्मित हुआ। फीना के अमर शहीद अशोक कुमार ने कारगिल युद्ध में देश के लिए प्राण न्योछावर किये थे। वह कारगिल में शहीद होने वाले जनपद के प्रथम सैनिक थे। इनका स्मारक भी बेल वाला चौक पर बना है। चांदपुर से फीना मार्ग [3]और प्राइमरी विद्यालय का नाम वर्तमान में इनके नाम पर है। स्वतंत्रता आन्दोलन में फीना के दो सेनानी बलकरन सिंह और परवीन सिंह शहीद हुए थे, पर दुर्भाग्य से गुमनाम रह गए।

गाँव के दक्षिण में स्थित खेड़े पर वर्षाकाल में प्रतिवर्ष जाहर देव गोगा जी को समर्पित नौमी का प्रसिद्ध मेला लगता है। फीना में गन्ने और गुड़ का उत्पादन बड़ी मात्रा में होता है। गेहूं, उड़द, चावल, मूँग,आम जामुन का भी पर्याप्त उत्पादन होता है। फीना में बने मिट्टी के बर्तन काफी प्रसिद्ध हैं।

शुरू से ही फीना के लोग शिक्षा में आगे रहे हैं। इसमें प्राइमरी विद्यालय 1920 से जूनियर स्कूल 1940 से हाई स्कूल 1952 से तथा इंटर कालेज 1962 से संचालित है। कन्याओं की शिक्षा के लिये कन्या पाठशाला और खेम सिंह कन्या इंटर कालेज संचालित हैं। 1970-80 के दशक से सरस्वती शिशु मंदिर भी संचालित है। इस समय इनके अलावा कई स्कूल और हैं। इधर फीना में स्व. हरिपाल शास्त्री महाविद्यालय उच्च स्तर की शिक्षा प्रदान कर रहा है। फीना में एक आईटीआई कालेज भी है। इन विद्यालयों के प्रभाव से फीना के पाँच सौ से भी अधिक लोग सरकारी सेवा में रहे। इस गाँव से अनेक लोग प्रोफेसर, वैज्ञानिक, इंजीनियर, शोधकर्ता, साहित्यकार, कवि, उद्यमी और समाजसेवी हैं। फीना के लगभग 100 लोग अध्यापक, 100 लोग इंजीनियर, 05 लोग एमबीबीएस, 12 लोग आयुर्वेदाचार्य और 25 लोग सेना में हैं। फीना के डॉ राजपाल सिंह, डॉ कुशलपाल सिंह, डॉ योगेन्द्र सिंह, डॉ परवेन्द्र सिंह, डॉ विनोद वत्स सहित कुल छह लोग विभिन्न कालेजों में विभागाध्यक्ष के महत्वपूर्ण पद पर पहुँचे। तीन लोग डॉ विश्वपाल सिंह डॉ सुरेश कुमार सिंह और इंजीनियर देवेन्द्र प्रताप सिंह सरकारी सेवा में अपने अपने विभाग में डायरेक्टर के सर्वोच्च पद पर पहुँचे। विरेन्द्र सिंह चौहान चीफ इंजीनियर बने, संजय कुमार तथा रामावतार सिंह अधिशासी अभियंता बने। फीना मूल के ह्रदेश कुमार आईएएस हैं, वर्तमान में इनका कुटुंब ग्राम उमरी में रहता है। फीना के अखिलेश चौहान वायु सेना में पायलेट बने, मृगेन्द्र सिंह थल सेना में कर्नल बने तथा चैतन्य चौहान लेफ्टिनेंट बने। गाँव के अध्यापक महिपाल सिंह को राज्य शिक्षक पुरस्कार मिला। फीना के लगभग 10 लोग विदेशों में उच्च पदों पर कार्य कर रहे हैं। फीना के इंजीनियर अमित कुमार, इंजीनियर नरेश चौहान, मनोज राजपूत, रमन राजपूत, रवि राजपूत सहित कई लोग सफल उद्यमी हैं।

फीना के कई व्यक्तियों ने जिले की राजनीति में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इनमें स्व. हरिपाल सिंह शास्त्री लोकप्रिय विधायक और जिला पंचायत अध्यक्ष रहे। स्व. हरिपाल सिंह शास्त्री के अलावा फीना के अवनीश कुमार, रामऔतार सिंह, अलोक कुमार, अशोक शास्त्री का जनपद स्तर की राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान रहा हैं।

फीना के अंश प्रताप सिंह अच्छे निशानेबाज़ी हैं, इन्होने बालक वर्ग में कई पदक जीते हैं। ये राज्य स्तर पर भी खेले। [4] 1960-70 के दशक में गाँव की वालीवाल टीम मंडल स्तर तक खेली।

काव्य और कविता के क्षेत्र में गजराज सिंह 'गज' विवेक प्रजापति और मनोज राजपूत फीना में अग्रणी हैं। गजराज सिंह 'गज' ने लगभग 500 कविताएँ लिखी है। विवेक प्रजापति काव्य पाठ के लिये कई जनपदों में बुलाये जा चुके हैं। प्रताप सैनी भी कविता लिखते और गाते थे। अंकिता चौहान अच्छी गायिका हैं। समर सिंह ग़ज़लकार हैं। राहुल राजपूत ने पांचाली प्रतिज्ञा नामक खंडकाव्य लिखा है।

फीना के कई लोग गैर राजनीतिक समाजसेवा में सक्रिय हैं। सार्वजानिक आर्य इंटर कालेज के प्रबंधक मनोज कुमार राजपूत ने फीना में स्वतंत्रता संग्राम स्मारक तथा सर्वे ऑफ़ इंडिया के कांटीनुअस ऑपरेटिंग रिफरेन्स सिस्टम के निर्माण में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई इन्हें वृक्षारोपण का भी शौक है। इंजीनियर नरेश चौहान ने नूरपुर बस अड्डे पर पेयजल और सार्वजानिक मूत्रालय का निर्माण कराया। चीफ इंजीनियर रहे विरेन्द्र सिंह चौहान तथा धीरेश बहादुर राजपूत ने अंत्येष्टि स्थल का निर्माण कराया। तेजेश्वरी देवी ने प्रवेश द्वार का निर्माण कराया। नरेश वत्स ने मेरा गाँव मेराअभिमान नमक मंच का गठन किया जिसने फीना के नौकरीपेशा लोगों की मदद से गाँव वालों को एक एम्बुलेंस खरीद कर भेंट की। फीना ग्राम कल्याण समिति ने स्वतंत्रता सेनानी कीर्ति स्तंभ निर्माण का ऐतिहासिक कार्य ग्राम प्रधान ममता राजपूत के सहयोग से कराया। कीर्ति स्तंभ निर्माण में हरीश कुमार चौहान, मनोज कुमार राजपूत, डॉ विश्वपाल सिंह, नरेश वत्स, ग्राम प्रधान ममता राजपूत, समर सिंह, इंजीनियर हेमंत कुमार[5], धीरेश बहादुर राजपूत, समशेर सिंह, ओमपाल सिंह, भूदेव सिंह, यशपाल सिंह ने अग्रणी भूमिका निभाई। इंजिनियर हरीश कुमार चौहान की अगुवाई में फीना ग्राम कल्याण समिति द्वारा गाँव में पहली बार अगस्त क्रांति दिवस का आयोजन और दशहरा मनाने की परंपरा को पुनर्जीवित करने की ऐतिहासिक शुरुआत की गयी। अलोक कुमार ने कोरोना महामारी के दौरान मास्क और अन्य आवश्यक सामान वितरित कराये। इन्होने अपनी माता जी के नाम से हाई स्कूल और इंटर की परीक्षाओं में सबसे अधिक नम्बर लाने वाले फीना मूल के बच्चों को पुरस्कृत करने की शुरुआत की। गाँव के अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं में प्रदीप कुमार, दिनेश कुमार प्रमुख हैं। इंजीनियर आलोक कुमार और इंजीनियर हेमन्त कुमार कई कई बार स्वेच्छिक रक्तदान कर चुके हैं। फीना के कई लोग कर्मचारी संघों के महत्वपूर्ण पदों पर रहे। फीना के जगदीप राजपूत गौतम बुद्ध नगर के हिन्दू युवा वाहिनी के जिला अध्यक्ष हैं।

फीना के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न इंजीनियर हेमंत कुमार (Engineer Hemant Kumar Village Pheena Bijnor) शोध, इतिहास,[6][7] [8][9][10][11][12][13][14]हिंदी विज्ञान लेखन[15], संपादन[16], स्तंभ लेखक, पर्यावरण तथा नवाचार में क्रियाशील हैं और इन क्षेत्रों में काफी कार्य कर चुके हैं। इनकी तीन पुस्तक[17][18] और चार शोधपत्र [19][20][21], प्रकाशित हो चुके हैं। इनको डिजायन की श्रेणी में [22]एक पेटेंट प्राप्त है। इनके कई आविष्कार पेटेंट के लिए आवेदित हैं।[23] [24][25][26][27] इंजीनियर हेमंत कुमार को शोधपत्र वचन के लिये विधानसभा अध्यक्ष उत्तर प्रदेश के हाथों प्रमाण पत्र, भवन तकनीक जन जागरण के लिये उत्तर प्रदेश सरकार राज्य मंत्री द्वारा प्रशस्ति पत्र[28] तथा राजकीय कार्यों में हिंदी को बढ़ावा देने के लिए प्रशस्ति पत्र मिल चुका है। हिंदी लेखन के लिए इनको 'साहित्य श्री'[29] सहित अनेक बार पुरस्कृत किया जा चुका है।[30] ये कई बार स्वेच्छिक रक्तदान कर चुके हैं। आप हरियाली विस्तार[31] के लिये 'पेड़ जियाओ अभियान' व भवन तकनीक विस्तार के लिये 'भवन तकनीक जन जागरण अभियान'[32] और ग्राम फीना तथा जनपद बिजनौर के इतिहास लेखन के लिए 'क्षेत्रीय इतिहास संकलन अभियान जनपद बिजनौर' चलाते हैं। फीना में कीर्ति स्तम्भ निर्माण और अगस्त क्रांति दिवस मानाने का प्रस्ताव सर्वप्रथम इन्होने मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश तथा फीना ग्राम कल्याण समिति के पटल पर पत्र के माध्यम से किया गया था।[33] क्षेत्र के गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों को सामने लाने पर आपने महत्वपूर्ण कार्य किया है तथा अनेक शोधपूर्ण लेख लिखे ।[34][35][36] फीना में नव निर्मित स्वतंत्रता संग्राम सेनानी कीर्ति स्तम्भ और नौमी मेला स्थल खेड़े पर जाहर देव गोगा जी मंदिर का डिजाईन भी इनके द्वारा किया गया। इंजिनियर हेमंत कुमार द्वारा लिखी गयी पुस्तक 'विविध प्रकार के भवनों का परिचय एवं नक़्शे' को उत्तर प्रदेश सरकार के हिंदी संस्थान ने 2019 के सम्पूर्णानन्द पुरस्कार के लिये चुना है। इस पुरस्कार में 75 हजार की धनराशि भी दी जाती है।

फीना में सामाजिक गतिविधियाँ खूब रहती हैं। वर्षाकाल में 20-25 दिनों तक नवमी का मेला लगता है, रामलीला का आयोजन कराया जाता है। श्री कृष्ण जन्माष्टमी गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर झाँकी निकली जाती हैं। 1930 से 1965 तक गाँव में आर्य समाज का बहुत प्रभाव था। चौधरी किढढा सिंह, अरुण जी, महाशय जी, रामकुमार सिंह, लाखन सिंह, प्रताप सैनी, सुरेन्द्र कुमार राजपूत क्षेत्र के जाने माने आर्य समाजी और कार्यकर्त्ता थे। 1990 के दशक से गायत्री परिवार का प्रभाव बढ़ गया, वर्तमान में यहाँ गायत्री शक्तिपीठ की स्थापना की गयी है। 1990 के दशक तक गाँव में आपसी विवाद निपटने के लिए पञ्च परमेश्वर परंपरा भी प्रचलित रही। रामऔतार सिंह, रामकुमार सिंह, हरिपाल सिंह शास्त्री, चौधरी धन सिंह, दुष्यंत सिंह, दलजीत सिंह, महावीर सिंह, शास्त्री जी, अवनीश कुमार आदि के पास लोग अपने विवाद निपटने चले जाते थे। अब यह प्रथा समाप्त सी हो गयी है।

सार्वजनिक आरी इंटर कॉलेज के प्रवक्ता डॉ संजय कुमार साहनी को 2018 में चित्रकला हेतु प्रदेश स्तर का पुरस्कार मिला।[37]

फीना की जानकारी के लिये अन्य लिंक -।[38][39]

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

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  3. https://www.amarujala.com/uttar-pradesh/bijnor/now-the-chandpur-fina-road-is-improving-bijnor-news-mrt497643435. गायब अथवा खाली |title= (मदद)
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