"गन्ने का रस": अवतरणों में अंतर
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गन्ने का रस निकालने के लिये गन्ने को (छिलका निकालकर या बिना छिलका निकाले) एक कोल्हू (मिल) में पेरा (क्रश किया) जाता है। फिर इसे छान कर उसमें बर्फ डालकर व नमक मसाला डालकर पिया जाता है। यह पीलिया पेशंट को फायदा करता है। |
गन्ने का रस निकालने के लिये गन्ने को (छिलका निकालकर या बिना छिलका निकाले) एक कोल्हू (मिल) में पेरा (क्रश किया) जाता है। फिर इसे छान कर उसमें बर्फ डालकर व नमक मसाला डालकर पिया जाता है। यह पीलिया पेशंट को फायदा करता है। |
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यह स्वाद में मीठा होता है। |
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[[श्रेणी:भारतीय पेय]] |
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16:16, 14 मार्च 2021 का अवतरण
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गन्ने को पेरने (दबाने से) गन्ने का रस निकलता है। दक्षिण एशिया, दक्षिण-प्प्र्व एशिया, मिस्र, लैटिन अमेरिका और ब्राजील आदि में यह पेय के रूप में प्रयुक्त होता है। गन्ने के रस से गुड़ और चीनी भी बनती है।
गन्ने का रस निकालने के लिये गन्ने को (छिलका निकालकर या बिना छिलका निकाले) एक कोल्हू (मिल) में पेरा (क्रश किया) जाता है। फिर इसे छान कर उसमें बर्फ डालकर व नमक मसाला डालकर पिया जाता है। यह पीलिया पेशंट को फायदा करता है। यह स्वाद में मीठा होता है।