"डिम्पल कपाड़िया": अवतरणों में अंतर

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== फिल्मी सफर ==
== फिल्मी सफर ==
उन्हें राज कपूर ने 1973 के रूमानी फिल्म ''बॉबी'' से फिल्मों में उताराअ था। जबकि इस फिल्म में राज कपूर के बेटे [[ऋषि कपूर]] की पहली प्रमुख भूमिका थी, डिम्पल को गोआ की मध्यमवर्गीय ईसाई लड़की बॉबी ब्रागांज़ा की शीर्षक भूमिका दी गई थी। ''बॉबी'' प्रमुख व्यावसायिक और आलोचनात्मक सफलता थी और डिम्पल कपाड़िया को उनके प्रदर्शन के लिए सराहना मिली। इससे उन्होंने सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार जीता (''[[अभिमान (1973 फ़िल्म)|अभिमान]]'' के लिए [[जया बच्चन|जया भादुड़ी]] के साथ वह बराबरी पर रही थी)।<ref name="Asiaweek">{{cite book|title=Asiaweek|url=https://books.google.com/books?id=HqwMAQAAMAAJ|accessdate=27 October 2012|date=January 1987|publisher=Asiaweek Limited|page=68|url-status=live|archiveurl=https://web.archive.org/web/20130614214624/http://books.google.com/books?id=HqwMAQAAMAAJ|archivedate=14 June 2013|df=dmy-all}}</ref> इसके बाद उन्होंने अपने बच्चों को पालने के लिए फिल्म उद्योग छोड़ दिया।
उन्हें [[राज कपूर]] ने 1973 के रूमानी फिल्म ''[[बॉबी]]'' से फिल्मों में उताराअ था। जबकि इस फिल्म में राज कपूर के बेटे [[ऋषि कपूर]] की पहली प्रमुख भूमिका थी, डिम्पल को गोआ की मध्यमवर्गीय ईसाई लड़की बॉबी ब्रागांज़ा की शीर्षक भूमिका दी गई थी। ''[[बॉबी]]'' प्रमुख व्यावसायिक और आलोचनात्मक सफलता थी और डिम्पल कपाड़िया को उनके प्रदर्शन के लिए सराहना मिली। इससे उन्होंने सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए [[फिल्मफेयर]] पुरस्कार जीता (''[[अभिमान (1973 फ़िल्म)|अभिमान]]'' के लिए [[जया बच्चन|जया भादुड़ी]] के साथ वह बराबरी पर रही थी)।<ref name="Asiaweek">{{cite book|title=Asiaweek|url=https://books.google.com/books?id=HqwMAQAAMAAJ|accessdate=27 October 2012|date=January 1987|publisher=Asiaweek Limited|page=68|url-status=live|archiveurl=https://web.archive.org/web/20130614214624/http://books.google.com/books?id=HqwMAQAAMAAJ|archivedate=14 June 2013|df=dmy-all}}</ref> इसके बाद उन्होंने अपने बच्चों को पालने के लिए फिल्म उद्योग छोड़ दिया।


1982 में राजेश खन्ना से अलग होने के बाद, वह अभिनय में वापसी करने की इच्छुक थीं और उन्होंने अंततः 1984 में ऐसा किया। अगले दशक तक, वह [[श्रीदेवी]], [[माधुरी दीक्षित]], [[मीनाक्षी शेषाद्रि|मीनाक्षी शेषाद्री]] और [[जयाप्रदा|जया प्रदा]] के साथ बॉलीवुड की शीर्ष पाँच व्यावसायिक सफल अभिनेत्रियों में से एक बन गईं। उनकी सबसे पहली फिल्म ''ज़ख्मी शेर'' (1984) रही। इसके बाद ''सागर'' (1985) आलोचनात्मक सफलता रही थी और अंततः उसे उस वर्ष के लिये [[ऑस्कर के लिए भारत की आधिकारिक प्रविष्टियों की सूची|ऑस्कर में भारत की आधिकारिक प्रविष्टि]] के रूप में चुना गया था।<ref>{{cite news|first1=Radha|last1=Rajadhyaksha|first2=Shabnam|last2=Minwalla|title=Why Indian films reel at the Oscars|url=http://articles.timesofindia.indiatimes.com/2002-02-18/news-interviews/27122395_1_foreign-film-category-film-federation-oscars|accessdate=3 December 2012|newspaper=The Times of India|date=18 February 2002|archive-url=https://web.archive.org/web/20130928090054/http://articles.timesofindia.indiatimes.com/2002-02-18/news-interviews/27122395_1_foreign-film-category-film-federation-oscars|archive-date=28 सितंबर 2013|url-status=live}}</ref>
1982 में राजेश खन्ना से अलग होने के बाद, वह अभिनय में वापसी करने की इच्छुक थीं और उन्होंने अंततः 1984 में ऐसा किया। अगले दशक तक, वह [[श्रीदेवी]], [[माधुरी दीक्षित]], [[मीनाक्षी शेषाद्रि|मीनाक्षी शेषाद्री]] और [[जयाप्रदा|जया प्रदा]] के साथ बॉलीवुड की शीर्ष पाँच व्यावसायिक सफल अभिनेत्रियों में से एक बन गईं। उनकी सबसे पहली फिल्म ''ज़ख्मी शेर'' (1984) रही। इसके बाद ''सागर'' (1985) आलोचनात्मक सफलता रही थी और अंततः उसे उस वर्ष के लिये [[ऑस्कर के लिए भारत की आधिकारिक प्रविष्टियों की सूची|ऑस्कर में भारत की आधिकारिक प्रविष्टि]] के रूप में चुना गया था।<ref>{{cite news|first1=Radha|last1=Rajadhyaksha|first2=Shabnam|last2=Minwalla|title=Why Indian films reel at the Oscars|url=http://articles.timesofindia.indiatimes.com/2002-02-18/news-interviews/27122395_1_foreign-film-category-film-federation-oscars|accessdate=3 December 2012|newspaper=The Times of India|date=18 February 2002|archive-url=https://web.archive.org/web/20130928090054/http://articles.timesofindia.indiatimes.com/2002-02-18/news-interviews/27122395_1_foreign-film-category-film-federation-oscars|archive-date=28 सितंबर 2013|url-status=live}}</ref>

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2011 में डिम्पल कपाड़िया

डिम्पल कपाड़िया[1] (जन्म: 8 जून, 1957) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री है जिनके पति राजेश खन्ना थे। इनकी बेटी भी एक अभिनेत्री है। जिनका नाम ट्विंकल खन्ना है और दामाद अक्षय कुमार है। उन्हें राज कपूर द्वारा 16 साल की उम्र में फिल्मों में लिया गया था। उन्होंने उनकी रूमानी फ़िल्म बॉबी (1973) में शीर्षक भूमिका निभाई थी। उसी वर्ष उन्होंने भारतीय अभिनेता राजेश खन्ना से शादी की और अभिनय से संन्यास ले लिया। राजेश से अलग होने के बाद, डिम्पल ने 1984 में फिल्म उद्योग में लौट आईं। उस दौर की उनकी एक फ़िल्म सागर (1985) थी। बॉबी और सागर दोनों ने सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्मफेयर पुरस्कार उन्हें जिताया।[2] वह 1980 के दशक में खुद को हिन्दी सिनेमा की अग्रणी अभिनेत्रियों में से एक के रूप में स्थापित करने लगीं।

व्यक्तिगत जीवन

डिम्पल कपाड़िया गुजराती उद्यमी चुन्नीभाई कपाड़िया और बैटी के चार बच्चों में सबसे बड़ी हैं। परिवार मुम्बई के सांता क्रूज़ में रहता था। उन्होंने 1973 में अपनी पहली फिल्म बॉबी की रिलीज से छह महीने पहले अभिनेता राजेश खन्ना से शादी की। उन्होंने अपनी दो बेटियों ट्विंकल (जन्म: 1974) और रिंकी (जन्म: 1977) की परवरिश करने के लिए बारह साल के लिए अभिनय से संन्यास ले लिया।[3]

फिल्मी सफर

उन्हें राज कपूर ने 1973 के रूमानी फिल्म बॉबी से फिल्मों में उताराअ था। जबकि इस फिल्म में राज कपूर के बेटे ऋषि कपूर की पहली प्रमुख भूमिका थी, डिम्पल को गोआ की मध्यमवर्गीय ईसाई लड़की बॉबी ब्रागांज़ा की शीर्षक भूमिका दी गई थी। बॉबी प्रमुख व्यावसायिक और आलोचनात्मक सफलता थी और डिम्पल कपाड़िया को उनके प्रदर्शन के लिए सराहना मिली। इससे उन्होंने सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार जीता (अभिमान के लिए जया भादुड़ी के साथ वह बराबरी पर रही थी)।[4] इसके बाद उन्होंने अपने बच्चों को पालने के लिए फिल्म उद्योग छोड़ दिया।

1982 में राजेश खन्ना से अलग होने के बाद, वह अभिनय में वापसी करने की इच्छुक थीं और उन्होंने अंततः 1984 में ऐसा किया। अगले दशक तक, वह श्रीदेवी, माधुरी दीक्षित, मीनाक्षी शेषाद्री और जया प्रदा के साथ बॉलीवुड की शीर्ष पाँच व्यावसायिक सफल अभिनेत्रियों में से एक बन गईं। उनकी सबसे पहली फिल्म ज़ख्मी शेर (1984) रही। इसके बाद सागर (1985) आलोचनात्मक सफलता रही थी और अंततः उसे उस वर्ष के लिये ऑस्कर में भारत की आधिकारिक प्रविष्टि के रूप में चुना गया था।[5]

प्रमुख फिल्में

वर्ष फ़िल्म चरित्र टिप्पणी
2001 दिल चाहता है तारा जायसवाल
1994 क्रान्तिवीर कलम वाली बाई
1993 रुदाली शनिचरी
1992 दिल आशना है
1991 प्रहार किरण
1991 नरसिम्हा अनीता रस्तोगी
1989 राम लखन
1985 सागर मोना डी सिल्वा
1973 बॉबी बॉबी

पुरस्कार

फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार

राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार

सन्दर्भ

  1. "डिंपल कपाड़िया के बारे में". मूल से 27 सितंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 3 जून 2017.
  2. "The best of Dimple Kapadia". Rediff.com. 8 जून 2010. मूल से 7 दिसंबर 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 3 जनवरी 2011.
  3. Raheja, Dinesh (8 सितम्बर 2004). "Dimple: A Most Unusual Woman". Rediff.com. मूल से 7 नवम्बर 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 19 सितम्बर 2011.
  4. Asiaweek. Asiaweek Limited. जनवरी 1987. पृ॰ 68. मूल से 14 जून 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 अक्टूबर 2012.
  5. Rajadhyaksha, Radha; Minwalla, Shabnam (18 February 2002). "Why Indian films reel at the Oscars". The Times of India. मूल से 28 सितंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 3 December 2012.